रविवार, 10 नवंबर 2013

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गांव आज पाकिस्‍तान में है, यह भूगोल किसने बदला : नरेंद्र मोदी

प्रस्तुति- शीतांशु कुमार सहाय
10 नवम्बर 2013 को गुजरात के खेड़ा जिले में मुस्लिम ट्रस्‍ट के अस्‍पताल 'रिलायबल मल्‍टी स्‍पेशिलिटी हॉस्पिटल' के उद्धाटन के मौके पर मोदी ने मनमोहन सिंह के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि एक परिवार की भक्ति में लीन कांग्रेस ने भारत के इतिहास को खोखला कर दिया है। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्‍मीदवार नरेंद्र मोदी ने 10 नवम्बर 2013 (रविवार) को गुजरात के खेड़ा जिले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। मोदी ने कहा- प्रधानमंत्रीजी ! जिस गांव में आपका जन्‍म हुआ था, कभी वह हिंदुस्‍तान था, लेकिन आज वह हिंदुस्‍तान में नहीं है। यह भूगोल किसने बदला, देश का बंटवारा किसने कराया ? चीन सैकड़ों किलोमीटर तक हमारी सीमा में घुस आया है और आप चुप हैं, यह भूगोल किसने बदला ? प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 9 नवम्बर 2013 को को भाजपा पर इतिहास के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया था।
कांग्रेस इतिहास के साथ खिलवाड़ कर रही है---
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्‍मीदवार ने कहा कि कांग्रेस देश का भूगोल बदल रही है और इतिहास के साथ खिलवाड़ कर रही है।
दूसरों की सेवा करना गुजरात के डीएनए में---
अस्‍पताल के उद्धाटन के मौके पर मोदी ने कहा कि आज गुजरात को बदनाम करने की साजिश हो रही है, लेकिन गुजरात दान के क्षेत्र में सबसे आगे है। फिर चाहे वह रक्‍तदान की बात हो या अंग दान, इन सभी सेवा के कार्यों में गुजरात देश में सबसे आगे है। दूसरों की सेवा करना गुजरात के डीएनए में है। उन्‍होंने कहा कि आज दुनियाभर में हेल्‍थ इंश्‍योरेंस की बात हो रही है, लेकिन हम हेल्‍थ एश्‍योरेंस की बात करते हैं। मोदी ने कहा कि हमने गुजरात में स्‍वच्‍छ पानी, स्‍वच्‍छ हवा और आधुनिक मेडिकल सुविधाएं उपलब्‍ध कराई हैं। देश में सबके लिए सस्‍ता इलाज होना चाहिए। मोदी ने कहा कि गुजरात में लंबे समय से कोई महामारी नहीं हुई है।
नेहरू-इंदिरा को जीवित रहते और पटेल को मृत्‍यु के 45 बाद भारत रत्‍न--- 
सरदार पटेल को उनकी मृत्‍यु के 45 बाद भारत रत्‍न दिया गया। डॉक्‍टर बाबा साहेब अंबेडकर को उनके निधन के 35 साल बाद भारत रत्‍न दिया गया जबकि जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी को उनके जीवित रहते ही भारत रत्‍न दिया गया। राजीव गांधी को उनकी मौत के तुंरत बाद भारत रत्‍न दिया गया और डॉक्‍टर अबुल कलाम आजाद को याद तक नहीं किया जाता।  मोदी ने कांग्रेस से पूछा कि 1857 की क्रांति को आज भी किताबों में बगावत क्‍यों कहा जाता है।
महात्मा गांधी के दांडी मार्च का मार्ग बदलवाने का आरोप---
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्‍मीदवार मोदी ने केंद्र सरकार पर महात्मा गांधी के दांडी मार्च का मार्ग बदलवाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा,'महात्मा गांधी ने 1930 में साबरमती आश्रम से दांडी तक की यात्रा की थी। पीएम ने साबरमती से दांडी के मार्ग को हेरिटेज रोड बनाने की घोषणा की थी। पैसा देने का ऐलान किया था, लेकिन पैसा नहीं मिला। छह महीने पहले केंद्र सरकार ने चिट्ठी भेजी कि गांधी जिस रास्ते से चले थे, उसे हेरिटेज बनाने के बजाय रास्ते को 30 किलोमीटर थोड़ा दूसरे तरफ ले जाएं तो सुविधा रहेगी। महात्मा गांधी की दांडी यात्रा का भूगोल कौन बदल रहा है? आपने गांधी को छोड़ दिया और अब गांधी के मार्ग को भी बदल रहे हो। भूगोल आप बदल रहे हैं और छत्तीसगढ़ में जाकर भूगोल और इतिहास का पाठ पढ़ा रहे हैं।'
1857 का स्वतंत्रता संग्राम को बगावत कहा जा रहा है---
मोदी ने सरकार पर गांधी परिवार के लिए देश के इतिहास को बदलने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, '1857 का स्वतंत्रता संग्राम हिंदू-मुस्लिमों ने साथ मिलकर लड़ा था। यह आपकी सरकार है कि आप उसे स्वतंत्रता संग्राम कहने को तैयार नहीं है। पाठ्य पुस्तकों में उसे बगावत कहा जा रहा है। यह इतिहास के साथ खिलवाड़ है।'
अंडमान-निकोबार के शहीदों की उपेक्षा---
नरेंद्र मोदी ने सरकार पर अंडमान-निकोबार में जेल काटने वाले देशभक्तों की उपेक्षा का आरोप भी लगाया। मोदी ने कहा,'अंडमान-निकोबार में जेल काटने वाले देशभक्तों को एक आदमी की वजह से नई पीढ़ी तक नहीं पहुंचने दिया जा रहा है। आपकी सरकार के मंत्री अंडमान-निकोबार गए और वहां शहीदों के नाम का बोर्ड उखाड़ कर फेंक दिया। देश के लिए मरने वालों के साथ यह आपकी सरकार का व्यवहार है।'
बड़ी-बड़ी बातों को कोई स्वीकार नहीं करता---
नरेंद्र मोदी ने मनमोहन के भाषण में 'ऊंचे-ऊंचे मंचों से ऊंची-ऊंची बातें करने से सफलता नहीं मिलती' वाली बात पर भी निशाना साधा। मोदी ने कहा 'प्रधानमंत्री जी मैं आपकी इस बात से 100 पर्सेंट सहमत हूं। ऊंचे-ऊंचे मंच से बातें करने पर सफलता नहीं मिलती। इसका सबूत है 2012 का गुजरात का चुनाव। बड़ी-बड़ी बातें करने वालों को जनता ने घर भेज दिया और जो जमीन से जुड़ी बातें करने वाले थे, उन्हें तीसरी बार सत्ता पर बिठा दिया। बड़ी-बड़ी बातों को कोई स्वीकार नहीं करता है।'
श्यामा प्रसाद मुखर्जी, लाल-बाल-पाल, अबुल की उपेक्षा---
नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस सरकारों पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की उपेक्षा का आरोप लगाया। मोदी ने कहा कि मुखर्जी की अस्थियां 1930 में उनके निधन के बाद 73 साल तक जीनिवा में पड़ी रहीं। 2003 में मैं जीनिवा गया और मुखर्जी की अस्थियों को लेकर आया और कच्छ के उनके गांव ले गया।' मोदी ने कांग्रेस पर लाल-बाल-पाल, अबुल कलाम आजाद को भी भुलाने का आरोप लगाया।

मोदी ने गुजरात के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और जन संघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बीच अंतर नहीं समझ पाए। गुजरात के खेड़ा जिले में एक कार्यक्रम के दौरान मोदी ने कहा, 'श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक क्रांतिकारी थे। लंदन में 1930 में उनका निधन हो गया। लेकिन कांग्रेस ने कभी उनकी अस्थियां भारत लाने की कोशिश नहीं की।' हालांकि, अपने भाषण के अंत में मोदी ने याद दिलाए जाने के बाद अपनी बात में सुधार कर लिया कि वे श्यामजी कृष्ण वर्मा के बारे में सोच रहे थे न कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बारे में। इससे बीजेपी की चिंता बढ़ गई है कि अगर मोदी ने अपनी शैली में सुधार नहीं किया तो उनकी गंभीरता सवालों के घेरे में आ सकती है। मोदी की ताज़ा गलती पर बीजेपी की प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कहा, 'श्यामा प्रसाद मुखर्जी और श्यामजी वर्मा के मामले में जुबान फिसल गई, जिसे सुधार लिया गया गया। लेकिन सुधार की बात मीडिया ने नजरअंदाज कर दी।'




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