रविवार, 30 नवंबर 2014

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्मार्ट पुलिस / SMART POLICE CONCEPT BY PRIME MINISTER NARENDRA MODI

सभा को सम्बोधित करते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

शीतांशु कुमार सहाय।

SMART POLICE (स्मार्ट पुलिस)---

S- Strict और Sensitive--- कठोर लेकिन संवेदनशील
M- Moral और Mobility--- आधुनिक एवं सचल 
A- Alert और Accountable--- सतर्क और जवाबदेह
R- Reliable और Responsible--- विश्वसनीय एवं प्रतिक्रियावादी 
T- Tech savvy और Trained--- प्रौद्योगिकी का जानकार और दक्ष 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुवाहाटी में सुरक्षा पर अहम बैठक में पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) और खुफिया विभागों के प्रमुखों को संबोधित करते हुए कहा कि स्मार्ट पुलिस बेड़े का कॉन्सेप्ट मेरे दिमाग में है। प्रधानमंत्री ने कहा कि SMART पुलिस के लिए हमें पांच बिंदुओं पर आगे बढ़ना चाहिए। प्रधानमंत्री ने स्मार्ट (SMART एसएमएआरटी)  पुलिस की व्याख्या करते हुए कहा कि S का मतलब है Strict और Sensitive, M- Moral और Mobility भी हो, A-Alert हो, Accountable भी हो, R- Reliable हो, Responsible भी हो, T- Tech savvy हो और Trained भी हो। उन्होंने कहा कि पुलिस बल को बेहतर पुलिसिंग सुनिश्चित करने के लिए इन मूल्यों को समाहित करना चाहिए, जिससे उसे अपनी छवि और कार्य संस्कति में सुधार लाने में मदद मिलेगी। इस बार दिल्ली से इतर गुवाहाटी में इस बैठक का आयोजन इसलिए किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम चाहेंगे कि दिल्ली के बाहर ऐसे कार्यक्रम आयोजित हों। यह एक बदलाव है।
-शस्त्र भी हो, शस्त्रधारी भी हो
प्रधानमंत्री ने कहा कि शस्त्र भी हो, शस्त्रधारी भी हो लेकिन राष्ट्र की रक्षा के लिए उत्तम गुप्तचर व्यवस्था जरूरी है। चाणक्य के समय से पढ़ते आए हैं कि शस्त्र से ज्यादा शस्त्रधारी की सामर्थ्य पर निर्भर करता है। राष्ट्र रक्षा गुप्तचर व्यवस्था से भी चलती है। सर्वाधिक अहम इकाई ही रक्षा तंत्र है। व्यवस्था में प्राण होना जरूरी है।
-शहीद पुलिसकर्मी पर हो ई-बुक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब तक 33 हजार पुलिसकर्मी शहीद हो चुके हैं, उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। समाज में उन बलिदानों के प्रति सम्मान बढ़ना चाहिए लेकिन उसके प्रति उदासीनता है। हम चाहते हैं कि ये बलिदान हमारी प्रेरणा की वजह बनें। शहीद के अंतिम संस्कार तक का अंक प्रोटोकॉल बनना चाहिए। हर पुलिस ट्रेनिंग में एक किताब उस राज्य के शहीदों पर हो सकता है क्या, जिससे पीढ़ी दर पीढ़ी जुड़ता जाएगा। क्या हम ये तय कर सकते हैं कि इन तमाम बलिदानों पर एक ई-बुक हो। प्रकरण छोटा होगा, लेकिन प्रेरणा अपरंपार होगी। मोदी ने कहा, ‘‘इसके अलावा, प्रत्येक राज्य में एक पुलिस अकादमी हो जहां नए रंगरूटों को प्रशिक्षण दिया जाए और उनके पाठ्यक्रम में, दायित्व निर्वाह के दौरान मारे गए पुलिस कर्मियों का जीवनवृतांत शामिल किया जाना अनिवार्य होना चाहिए।’’
उत्कृष्ट कार्य करनेवाले आरक्षी अधिकारी को पुरस्कृत करते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, साथ में हैं गृह मंत्री राजनाथ सिंह

-पुलिस कल्याण
प्रधानमंत्री ने कहा कि पुलिस कल्याण एक और मुद्दा है जिसे महत्व दिए जाने की जरूरत है। पुलिस कल्याण के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पुलिस बेड़े की जिंदगी सबसे ज्यादा तनाव भरी है, वे अपनी जिंदगी दांव पर लगाते हैं, उनके परिवार में सुख-शांति जरूरी है, वरना परिवार की बेचैनी उन्हें परेशान करेगी। सरकार का दायित्व है पुलिस वेलफेयर का। हम उसे वैज्ञानिक तरीके से विकसित करना चाहते हैं।
-फिल्मों में पुलिस की छवि ठीक नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र ने कहा कि अधिकांश फिल्मों में पुलिस की छवि ठीक नहीं दिखाई जाती है, यह अच्छी बात नहीं है। हमें इसे बदलना चाहिए। फिल्मकारों को समझाना चाहिए। लोगों की सोच बदली जा सकती है। पुलिस से जुड़ी नेगेटिव खबरें तो रहती हैं, लेकिन अच्छी चीजों का जिक्र नहीं होता।
-हर थाने की वेबसाइट हो
हर थाने की अपनी वेबसाइट होनी चाहिए, जिसमें उस इलाके में अपने द्वारा किए गए अच्छे कामों का जिक्र हो।

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