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मंगलवार, 24 फ़रवरी 2015

देश के विकास में महत्त्वपूर्ण सहयोगी साबित होगी आरोग्य भारत : रुडी / AROGYA BHARAT HAS MAIN ROLE TO DEVELOPMENT OF INDIA




-अब देशभर के अस्पताल व चिकित्सक होंगे एक वेब पोर्टल पर ऑनलाईन
-आरोग्य भारत का वेबशिलान्यास

नयी दिल्ली। डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करानेवाली कम्पनी आरोग्य भारत के प्रतीक चिह्न (लोगो) का महाशिवरात्रि के दिन लोकार्पण के पश्चात् मंगलवार 24 फरवरी 2015 को इसके एक वेबपोर्टल का वेबशिलान्यास किया गया। इस दौरान अपने शुभकामना संदेश में केन्द्रीय कौशल उन्नयन व उद्यमिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)-सह-संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव प्रताप रुडी ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति में किसी-न-किसी तरह का कौशल छिपा है, जरुरत है अपनी क्षमता को पहचानकर अपने कौशल से देश का विकास करने की। उन्होंने आरोग्य भारत के निदेशक मण्डल को धन्यवाद देते हुए संदेश में बताया- प्रथम मुलाकात में ही मैं जान गया था कि ये युवा अपने कौशल से देश के विकास में सहयोगी बन सकते हैं, अतः मैंने इन्हें कुछ नया करने को प्रेरित किया। मुझे आज अत्यन्त खुशी हो रही है कि ये आरोग्य भारत कम्पनी के तहत माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी द्वारा घोषित ‘डिजिटल इण्डिया’ और ‘कुशल भारत’ की संकल्पना को अमलीजामा पहना रहे हैं। श्री रुडी ने देशभर के युवाओं का आह्वान किया कि वे अपने कौशल को कुण्ठित न करें; बल्कि अपने कौशल को मुखरित करें और जहाँ कहीं दिक्कत हो तो निकट के कौशल उन्नयन केन्द्र से उचित सलाह लें। केन्द्रीय मंत्री श्री रुडी ने आगे कहा कि देश के प्रमुख नगरों में कौशल उन्नयन प्रशिक्षण व रोजगार केन्द्रों की स्थापना प्रस्तावित है जो युवाओं का मार्गदर्शन करेंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आरोग्य भारत देश के विकास में महत्त्वपूर्ण सहयोगी साबित होगी।
-आरोग्य भारत की सेवा निःशुल्क 
आरोग्य भारत के जनसम्पर्क निदेशक विनोद त्रिपाठी ने वेबशिलान्यास करते हुए कहा कि आरोग्य भारत देश के विकास के लिए व आमजन के हित में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करा रही है। आमजन के लिए आरोग्य भारत की यह सेवा शत-प्रतिशत निःशुल्क है। श्री त्रिपाठी ने आगे कहा कि उनकी कम्पनी स्वास्थ्य, शिक्षा व उद्योग के क्षेत्र में फिलहाल डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करा रही है। प्रथम चरण में देशभर की स्वास्थ्य सुविधाओं को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘इण्डियन-हॉस्पिटल्स डॉट इन’ पर लांच किया जायेगा। ‘इण्डियन-हॉस्पिटल्स डॉट इन’ पर क्लिक करके भारत के सभी राज्यों के समस्त जिलों में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं से रू-ब-रू हुआ जा सकता है। इस वेब पोर्टल पर देश के समस्त अस्पताल, नर्सिंग होम, सभी पैथी और सभी रोगों के चिकित्सक, ब्लड बैंक, जाँच केन्द्र, एम्बुलेंस सेवा, दवा दुकानें, ब्यूटी केयर सेंटर्स, हेल्थ क्लब, योग केन्द्र, स्वास्थ्य समाचार, नवीनतम स्वास्थ्य अनुसन्धान आदि की जानकारियाँ उपलब्ध करायी जायेंगी। साथ ही सभी राज्य सरकारों व केन्द्र सरकार द्वारा घोषित व लागू किये गये स्वास्थ्य अधिनियमों की भी अद्यतन जानकारी दी गयी है।
-640 जिलों में डिजिटल इण्डिया का मिशन
कार्यक्रम में ऑनलाईन शिरकत करते हुए आरोग्य भारत के विपणन निदेशक प्रभात कुमार ने कहा कि आरोग्य भारत एक मिशन की तरह कार्य रही है; ताकि डिजिटल इण्डिया का मिशन पूरा हो सके। श्री कुमार ने कहा कि फिलहाल देश के 640 जिलों में कम्पनी के प्रतिनिधि डिजिटल इण्डिया के मिशन को पूरा करने में जुटे हैं। प्रभात कुमार ने बताया कि कम्पनी प्रथम चरण में 900 युवाओं को प्रशिक्षित कर उनके कौशल का उपयोग देश के विकास में करेगी और उन्हें पूर्णकालिक रोजगार देगी।
-शिक्षा व उद्योग का डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर 
इस दौरान केन्द्रीय कौशल उन्नयन व उद्यमिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)-सह-संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव प्रताप रुडी के मार्गदर्शन व प्रोत्साहन के प्रति आभार प्रकट करते हुए आरोग्य भारत के प्रबन्ध निदेशक शीतांशु कुमार सहाय ने कहा कि कम्पनी के दूसरे और तीसरे चरण का कार्य भी आरम्भ हो चुका है। इसके तहत देशभर की शिक्षा-व्यवस्था व उद्योगों पर आधारित डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। इनका लोकार्पण अप्रील के प्रथम सप्ताह में किया जायेगा। इस दौरान कम्पनी के कर्मी, प्रतिनिधि व कई चिकित्सक भी ऑनलाईन जुड़े हुए थे।

शुक्रवार, 20 फ़रवरी 2015

सुखोई के साथ रुडी ने आसमान में भरी हौसलों की उड़ान / Rudy Morale Flying in the Sky Filled With Sukhoi

-सुखोई उड़ानेवाले पहले केन्द्रीय मंत्री बने रुडी
-बेंगलूरू में एयरो इण्डिया 2015 के एयर शो में उड़ाया सुखोई

उड़ान में उनका साथ तेजपुर में तैनात विंग कमाण्डर एएन कारूलकर ने दिया।

-शीतांशु कुमार सहाय
अगर देखनी हो देश के हौसलों की ऊँचाई, तो आसमान से कहो थोड़ा और ऊँचा हो जाये.....। कुछ इसी जज्बे के साथ कौशल विकास एवं उद्यमिता-सह-संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव प्रताप रुडी ने देश की शान सुखोई लड़ाकू विमान के साथ आकाश में कलाबाजियाँ दिखायीं। श्री रुडी बेंगलूरू में आयोजित एयरो इंडिया 2015 के एयर शो में 22 हजार फीट की ऊँचाई पर करीब 38 मिनट तक सुखोई विमान के साथ आसमान में अठखेलियाँ खेलते रहे। बिहार के सारण लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री रुडी भारतीय वायुसेना के अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई को उड़ानेवाले देश के पहले केन्द्रीय मंत्री हैं।

एयर शो का उद्घाटन 18 फरवरी 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। बड़ी संख्या में लोगों ने सुखोई के साथ आसमान में श्री रुडी द्वारा किये गये हैरतअंगेज करतब को अपनी आँखो से देखा। मालूम हो कि सारण के सांसद राजीव प्रताप रुडी एक लाईसेंसशुदा व्यावसायिक पायलट हैं और वे वाजपेयी सरकार में देश के नागरिक उड्डयन मंत्री भी रह चुके हैं। सुखाई विमान भारतीय वायुसेना की आन-बान और शान है। यह वायुसेना के लड़ाकू विमान में अग्रणी स्थान रखता है। उड़ान भरने के बाद श्री रुडी ने बताया कि सुखोई को उड़ाने का उनका अनुभव काफी रोमांचक रहा। बतौर पायलट व्यावसायिक उड़ानों की उन्हें आदत है लेकिन सुखोई विमान को उड़ाने की चुनौती उनके रफ्तार, ताकत और धैर्य की आजमाइश थी जिसका उन्होंने पूरा आनन्द उठाया। उड़ान में उनका साथ तेजपुर में तैनात विंग कमाण्डर एएन कारूलकर ने दिया। को-पायलट के रूप में उन्होंने गुरुत्वाकर्षण बल के विरुद्ध जाते हुए विमान की कलाबाजियाँ करने में सहयोग किया। सुखोई विमान के बारे में बताते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि यह भारतीय वायुसेना का एक बेहतरीन जहाज है। वर्ष 2002 से इसे भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया है। यह विमान 2600 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम है। साथ ही इस विमान में अलग-अलग तरह के बम के साथ प्रक्षेपास्त्र ले जाने के बारह स्थान हैं। श्री रुडी ने भारतीय वायुसेना के प्रशिक्षित पायलटों की तारीफ करते हुए कहा कि उनके रहते हमारा देश सुरक्षित हाथों में है। यह जानकारी श्री रुडी के प्रवक्ता धनंजय तिवारी ने दी।

रविवार, 8 फ़रवरी 2015

युवाओं के कौशल उन्नयन में रेलवे भी करेगा सहयोग / In upgrading the skills of youth, Railways will also collaborate


-शीतांशु कुमार सहाय

-कौशल विकास एवं उद्यमिता (स्वतंत्र प्रभार)-सह-संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव प्रताप रुडी का रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु के बीच विशेष मंत्रणा
-युवाओं को दक्ष करने के लिए ‘स्किल एक्सप्रेस और स्किल स्ट्डीज’ जैसे कार्यक्रम
देश की मूल संरचनात्मक आवश्यकताओं को पूरा करनेवाला और एशिया का सबसे बड़ा व विश्व का दूसरा बड़ा भारतीय रेल नेटवर्क अपने 42,000 किलोमीटर की ऑप्टिकल फाईबर केबल नेटवर्क (ओएफसी) और रेलवे स्टेशनों की बुनियादी संरचनाओं-सुविधाओं के साथ कौशल उन्नयन के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भागीदार होगा। देश के अनेक क्षेत्रों में त्वरित प्रगति में सहायक तथा विभिन्न नीतियों के निर्माण और रेल प्रणाली के कार्य-प्रचालन की देख-रेख करने में रत भारतीय रेल अब देश के युवाओं को दक्ष करने के लक्ष्य को आत्मसात् कर कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के साथ कदमताल करेगा। उक्त बातें कौशल विकास एवं उद्यमिता (स्वतंत्र प्रभार)-सह-संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव प्रताप रुडी ने शनिवार को रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु के साथ कौशल उन्नयन के क्षेत्र मंे भागीदारी से संबंधित सकारात्मक बैठक के उपरान्त कही।

-रेलवे के 3 महत्त्पूवर्ण संसाधन
कौशल विकास की योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए 150 वर्ष पुरानी भारतीय रेल के पास उपलब्ध तीन महत्त्पूवर्ण संसाधन बिजली, भवन और इण्टरनेट के संदर्भ में बात करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इन उपलब्ध संसाधनों के माध्यम सेे युवाओं को दक्ष करने के प्रयास को ‘स्किल एक्सप्रेस और स्किल स्ट्डीज’ जैसे कार्यक्रमों द्वारा गति प्रदान की जा सकती है। इन संसाधनों के उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए लिए कौशल उन्नयन मंत्रालय द्वारा विभागीय अधिकारियों, रेलवे अधिकारियों और प्रशिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन शीघ्र ही किया जायेगा जिसमें प्राथमिकता सूची तैयार कर कार्य-योजनाओं को कौशल विकास मंत्रालय के अन्तर्गत एकीकृत किया जायेगा।

-ऑप्टिकल फाईबर से सम्बद्ध कौशल उन्नयन
भारतीय रेल में ऑप्टिकल फाईबर केबल का कौशल उन्नयन क्षेत्र में महत्त्व पर चर्चा करते हुए केन्द्रीय मंत्री श्री रुडी ने बताया कि वर्तमान में देश के प्रखण्ड स्तर तक अपनी पहुँच बना चुके ओएफसी नेटवर्क का विस्तार रेलवे द्वारा ग्राम पंचायतों तक किया जा रहा है। इसका उपयोग शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ व्यापार, स्वास्थ्य, मनोरंजन और ई-गवर्नेन्स जैसी सेवाओं के लिए किया जायेगा। मंत्रालय ने इसकी महत्ता को समझते हुए रेल मंत्रालय को इसके माध्यम से व्यापक स्तर पर विडियो कॉन्ंफ्रेसिंग और ऑनलाईन प्रदर्शनों के माध्यम से कौशल उन्नयन के कार्यक्रमों के संचालन का प्रस्ताव दिया है।
-रेलवे स्टेशनों पर बनेंगे कौशल विकास केन्द्र
श्री रुडी ने कहा कि वर्तमान में पारंपरिक और आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण लगभग आठ हजार रेलवे स्टेशनों द्वारा भारतीय रेलवे का संचालन होता है। इन्हीं रेलवे स्टेशनों में से कुछ को चिह्नित कर इनकी संरचना का उपयोग कौशल विकास केन्द्र स्थापित कर युवाओं को दक्ष करने का प्रस्ताव है। इसके लिए मंत्रालय द्वारा शीघ्र ही राष्ट्रीय कौशल विकास निगम और रेल मंत्रालय के साथ एक कार्यकारी समूह (वर्किंग ग्रुप) का गठन किया जायेगा जो रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध संसाधनों के आधार पर कौशल विकास केन्द्र हेतु चयन करेंगे। इन स्टेशनों पर भारतीय रेलवे के उपलब्ध भवनों का उपयोग कौशल विकास केन्द्र स्थापित करने में किया जायेगा।

-बिजली का अभाव है बाधक
कौशल विकास मंत्री ने कहा कि बिजली कौशल विकास केन्द्र के लिए एक अति आवश्यक संसाधन है जिसका अभी भी देश के दूर-दराज क्षेत्रों में अभाव युवाओं को दक्ष करने में बाधक बनी हुई है, इसके समाधान में भारतीय रेल का अहम योगदान हो सकता है जिसका प्रस्ताव कौशल विकास मंत्रालय द्वारा रेल विभाग को दिया गया है। विदित हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी पूर्व में अपने संबोधनों में इस तरह का विचार व्यक्त कर चुके हैं। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि स्टेशनांे पर रेलवे के भवनों के साथ-साथ बिजली का भी कौशल उन्नयन के क्षेत्र में समुचित उपयोग किया जायेगा।

बुधवार, 4 फ़रवरी 2015

विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी पर विशेष : झारखंड में बढ़ रहे हैं कैंसर के मरीज / World Cancer Day on February 4 Exclusive : Jharkhand are growing in cancer patients


-रिम्स में हर ओपीडी में आते हैं 30-35 मरीज
-महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर ज्यादा

-शीतांशु कुमार सहाय / Sheetanshu Kumar Sahay
झारखंड में कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। केवल रिम्स की ओपीडी में ही हर दिन 30-35 मरीज कैंसर के उपचार के लिए आ रहे हैं। वहीं रिम्स में लीनियर एक्सीलरेटर मशीन के चालू होने के बाद से यहाँ अब तक 60-70 मरीजों की रेडियोथेरेपी की जा चुकी है। गौरतलब है कि रिम्स में सप्ताह में दो दिन कैंसर ओपीडी संचालित की जाती है। रिम्स के कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ अनुप कुमार ने बताया कि रिम्स में आए मरीजों की संख्या को देखें तो कैंसर बढ़ रहा है। हालांकि राज्य में कैंसर के मरीजों की संख्या का सेंट्रलाइज्ड डाटा बेस न होने के कारण उनकी सही संख्या बता पाना मुश्किल है। डॉ अनुप ने बताया कि कैंसर की रोकथाम का सबसे अच्छा उपाय तो यह है कि कैंसर होने ही न दिया जाए। कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ भोला प्रसाद ने बताया कि राष्ट्रीय औसत के अनुसार हर लाख की आबादी में 50-70 मरीज कैंसर के होते हैं।
-हर साल 10 लाख नये मरीज
एक अनुमान के अनुसार भारत में हर साल कैंसर के 10 लाख नये मरीज डिटेक्ट होते हैं। 2025 में इनकी संख्या बढ़कर पाँचगुनी हो जायेगी। टाटा मेमोरियल अस्पताल की एक रिपोर्ट के अनुसार, हर साल पाँच लाख लोग भारत में कैंसर की वजह से काल के गाल में समा जाते हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने वर्ष 1981 में ही कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम की शुरुआत की थी लेकिन बिहार और झारखंड में अब भी कैंसर के मरीजों का एकीकृत आँकड़ा रजिस्टर्ड नहीं होता। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कैंसर के खतरे को देखते हुए अगले 10 साल में विश्वभर में कैंसर के मरीजों की संख्या दो करोड़ होने का अनुमान लगाया है, जिसके अकेले दो प्रतिशत मरीज भारत में ही होंगे।
-स्मोकिंग और टोबैको अवाइड करें
रिम्स के आंकोलॉजी डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अनूप कुमार कहते हैं कि कैंसर से बचने के लिए स्मोकिंग और तम्बाकू का उपयोग नहीं करना चाहिए। अगर कैंसर हो भी जाता है तो इसे छिपाने की बजाय तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए; क्योंकि कैंसर का उपचार जितनी जल्दी शुरू हो, रिजल्ट उतना बेहतर होता है। उन्होंने बताया कि रिम्स में महिलाओं में सबसे अधिक गर्भाशय का कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर के मरीज आ रहे हैं, वहीं पुरुषों में सबसे अधिक ओरल कैंसर होता है।
-बचाव ही इलाज
कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ. भोला प्रसाद ने बताया कि कैंसर से बचाव ही उसका सबसे अच्छा इलाज है। कैंसर के ट्रीटमेंट का खर्च बहुत ज्यादा है, इसलिए सरकारी स्तर पर उसके इलाज की व्यवस्था होनी चाहिए। कैंसर के बढ़ने की यह स्थिति एकदम नहीं आयी है। विशेषज्ञों की मानें तो अनियमित दिनचर्या की क्रॉनिक आदत शरीर के किसी भी अंग में कैंसरयुक्त सेल्स को अनियंत्रित गति से बढ़ा देती है। सौ प्रमुख तरह के कैंसर में अभी केवल 30 कैंसरकारक सेल्स की पहचान हो पायी है।
-जानें कैंसर को
शरीर के रोजाना क्षतिग्रस्त होनेवाली कोशिकाएँ (सेल्स) जब अनियंत्रित गति से बढ़ने लगती हैं तो कोशिकाओं का यह समूह ट्य़ूमर का रूप ले लेता है, जिसे कैंसर कहा जाता है। दरअसल, स्वस्थ कोशिकाओं की कमी के कारण ही खंडित होनेवाली कोशिकाओं का पुनर्निर्माण नहीं हो पाता और वह संगठित रूप ले लेते हैं। यह समूह लिंफ और गाँठ भी हो सकता है।
-गंभीर कैंसर
कैंसर उस स्थिति में गंभीर हो जाता है जबकि प्रभावित जगह से कैंसरयुक्त कोशिकाएँं शरीर के अन्य भाग, फेफड़े, आमाशय, प्रोस्टेट या फिर मस्तिष्क में पहुँचती हैं। एक बार संगठित होने के बाद ये कोशिकाएँं अपने तरह की हजारों कोशिकाओं का निर्माण कर लेती हैं। इस स्थिति को ‘एंजियोजेनिस’ कहते हैं। ज्यामितीय क्रम में बढ़नेवाली कैंसर की संक्रमित कोशिकाओं को खत्म करने के लिए उनके ओरिजन यानी उत्पन्न होनेवाली जगह की पहचान जरूरी कही गयी है जो निरंतर संक्रमित कोशिकाएँ बनाती रहती हैं।
-जीन भी हैं कारगर
किसी भी व्यक्ति के जीन को सेल्स के खंडित होने के लिए कारगर माना गया है जो शरीर की जरूरी प्रक्रिया है। चार प्रमुख तरह के जीन को सेल्स के विभाजन के लिए जिम्मेदार माना गया है। कारसिनो और ऑनको जीन को सेल्स के विभाजन के लिए प्रमुख कारण बताया गया है। तम्बाकू का सेवन, रेडिएशन का अधिक संपर्क, एचआइवी, हेपेटाइटिस तथा अन्य बीमारियों का संक्रमण स्वास्थ्य सेल्स के रक्षा कवच को कमजोर करता है और आसानी से कारसिनो और ऑनको का प्रभाव बढ़ने लगते हैं। इन सबके बीच ब्लड सेल्स को प्रभावित करनेवाले मैलिग्नेंसी कैंसर को भी गंभीर माना गया है।
-ऐसे पहचानें कैंसर को
शरीर के किसी भी हिस्से या लिम्फ में दर्दयुक्त या दर्दरहित गाँठ का अनुभव होने पर एमआरआई, सीटी स्कैन, पैट (पोजिशिनिंग इमेजिन टोमोग्राफी) की मदद से बीमारी की पहचान की जाती है। इससे पहले गाँठ की एफएनएसी (फाइन नीडल एस्पिरेशन सायटोलॉजी) के जरिये साधारण सेल्स से कैंसरयुक्त सेल्स को पहचाना जाता है।
-आधुनिक इलाज से बँधी उम्मीदें
कैंसर के बढ़ते आँकड़े को देखते हुए इलाज की आधुनिक विधि की भूमिका अहम हो गयी है। रेडियोथेरेपी व कीमोथेरेपी के अलावा मॉलिक्यूलर, स्टेम सेल्स, नैनोटैक्नोलॉजी व टारगेटेट दवाओं के जरिये कैंसर सेल्स को बढ़ने से पहले खत्म किया जा सकता है, जिसमें स्टेम सेल्स थेरेपी को सबसे अधिक रामबाण माना गया है। सेल्यूलर विधि से मरीज के शरीर के ही रक्त को लेकर उसकी डेंडटराइन सेल्स की मदद से मरीज में स्वस्थ सेल्स पहुँचाये जाते हैं।

-कैंसर के ये हैं लक्षण
- किसी भी तरह की गाँठ का अनियंत्रित बढ़ना।
- शरीर में तिल या फिर दाग का गहरा होना।
- एक घाव का लम्बे समय तक ठीक न होना।
- खाने-पीने में दिक्कत लिम्फ नोड्स को बढ़ाती है।
- भूख कम लगना, वजन कम होना।
- थकान बने रहना या फिर जल्दी आलस्य आना।

-स्वस्थ आहार है बेहतर उपाय
- ब्रोकली व काले अंगूर में कैंसररोधी तत्त्व सबसे अधिक हैं, इनका सेवन जरूर करें।
- हरे सेब, टमाटर, सलाद व फाइबरयुक्त खाना बचाव का बेहतर उपाय है।
- गरम मसाले की निर्धारित मात्रा सेल्स के पुनर्निर्माण के लिए जरूरी है, इसलिए खाने में बताये गये अनुपात के अनुसार मसालों का प्रयोग जरूरी है।
- ओमेगा थ्री से युक्त तेल को सेल्स को मजबूत कराने के लिए बेहतर बताया गया है।

स्तन कैंसर और उसके बचाव


20 वर्ष की उम्र के बाद हर महिला को हर महीने पीरियड (मासिक स्राव) शुरू होने के 5-7 दिन के बीच किसी दिन (बुजुर्ग महिलाएँ कोई एक तारीख तय कर लें) खुद स्तन की जाँच करनी चाहिए। ब्रेस्ट और निपल को आइने में देखिये। नीचे ब्रा-लाइन से ऊपर कॉलर बोन यानी गले के निचले सिरे तक और बगलों में भी अपनी तीन अँगुलियाँ मिलाकर थोड़ा दबाकर देखें। अँगुलियों का चलना नियमित स्पीड और दिशाओं में हो। यह जाँच लेटकर भी कर सकती हैं। देखें कि ये बदलाव तो नहीं हैं--
- ब्रेस्ट या निपल के आकार में कोई असामान्य बदलाव।
- कहीं कोई गाँठ जिसमें अक्सर दर्द न रहता हो।
- कहीं भी स्किन में सूजन, लाली, खिंचाव या गड्ढे पड़ना, संतरे के छिलके की तरह छोटे-छोटे छेद या दाने बनना।
- एक ब्रेस्ट पर खून की नलियाँ ज्यादा साफ दीखना।
- निप्पल भीतर की ओर खिंचना या उसमें से दूध के अलावा कोई भी तरल निकलना।
- ब्रेस्ट में कहीं भी लगातार दर्द।

रोकथाम के उपाय-
- हर युवा चाहे वह पुरुष हो या महिला, सही उम्र में शादी करनी चाहिए और 25 साल से पहले ही पहले बच्चों का जन्म देना चाहिए।
- महिलाओं को यह ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों को 5 महीने से लेकर 12 महीने तक स्तनपान कराना कैंसर की रोकथाम में एक सुरक्षात्मक प्रभाव डालता है।
- फास्ट फूड का सेवन नहीं करना चाहिए या न्यूनतम करना चाहिए।
- हर महिला को 40 साल की उम्र के बाद अपनी मैमोग्राफी करानी चाहिए।
- गर्भनिरोधक दवाइयों का लंबी अवधि तक सेवन नहीं करना चाहिए।
- आहार में सीमित मात्रा में वसा को शामिल करें।
- एण्टीबायोटिक दवाओं के अनावश्यक सेवन से बचें।

मंगलवार, 3 फ़रवरी 2015

दक्षिण आस्ट्रेलिया के साथ भारत में कौशल उन्नयन के कार्यक्रमों में सहयोग का बड़ा समझौता / Skill development programs in India with South Australia's major cooperation agreement

कौशल विकास एवं उद्यमिता (स्वतंत्र प्रभार)-सह-संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव प्रताप रुडी


-शीतांशु कुमार सहाय / Sheetanshu Kumar Sahay
देश में संचालित राष्ट्रीय उद्यमिता संवर्द्धन कार्ययोजना (नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क) को आस्ट्रेलियाई सरकार की सहायता से अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप वैश्विक स्तरीय बनाया जा रहा है। इसके लिए पूर्व में ‘कल्याणी’ और ‘सिसको’ जैसे कौशल विकास के संस्थानांे के साथ समझौता करनेवाली दक्षिण आस्ट्रेलियाई उच्च शिक्षा एवं कौशल मंत्री के साथ पहली बार भारत सरकार के साथ एक महत्त्वपूर्ण समझौता हुआ है। उक्त बातंे कौशल विकास एवं उद्यमिता (स्वतंत्र प्रभार)-सह-संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव प्रताप रुडी ने नयी दिल्ली के शिवाजी स्टेडियम, एनेक्सी स्थित मंत्रालय के कार्यालय में आपसी समझौते के आयोजित कार्यक्रम में कही।
-आबादी 16 लाख, 1300 रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम
श्री रुडी ने दक्षिण आस्ट्रेलियाई कौशल मंत्री सुश्री गेल गागो के साथ दक्षिण आस्टेªलिया राज्य विकास विभाग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ॰ डॉन रस्सेल, कौशल मंत्री दक्षिण आस्ट्रेलिया के सलाहकार श्री डेल फुडी, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के प्रबंध निदेशक दिलीप चिनॉय और मंत्रालय के निदेशक सुधंाशु की मौजुदगी में कहा कि मात्र 16 लाख की आबादी वाले दक्षिणी आस्ट्रेलिया राज्य (आस्ट्रेलिया का एक राज्य) में लगभग 1300 रोजगार उन्मुख पाठ्यक्रमों के माध्यम से प्रत्येक वर्ष 80 हजार युवाओं को अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप दक्ष किया जाता है। भारत में भी इन मानकों के अनुरूप ही कौशल उन्नयन के कार्यक्रम चलाने में यह समझौता सहायक होगा।
-भारत में मात्र 15000 ही कौशल विकास करनेवाली संस्थाएँ
यह सर्वविदित है कि कौशल विकास करनेवाली संस्थाओं का आज भी हमारे देश मंे व्यापक पैमाने पर कमी है। इस क्षेत्र मंे दक्षिण कोरिया, जापान, जर्मनी, यूके, चीन और आस्ट्रेलिया हमसे मीलों आगे हैं। आज जहाँ चीन में पाँच लाख, जर्मनी और आस्ट्रेलिया मंे एक-एक लाख तो वहीें सवा अरब की आबादी लिए बेरोजगारी की समस्या से ग्रस्त हमारे देश भारत में मात्र 15 हजार ही कौशल विकास करनेवाली संस्थाएँ हैं। केन्द्रीय मंत्री श्री रुडी के कार्यालय प्रवक्ता धनंजय तिवारी के हस्ताक्षर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि मंगलवार 3 फरवरी 2015 को मंत्रालय के कार्यालय में सुबह 10.30 बजे भारत व दक्षिण आस्ट्रेलिया के कौशल विकास मंत्रियों के बीच महत्त्वपूर्ण बैठक हुई। विदित हो कि पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 16 से 18 नवम्बर के बीच आस्टेªलिया दौरा एवं आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री टोनी एबॉट के भारत दौरे के दौरान संसाधन, शिक्षा, कौशल विकास और आधारभूत ढाँचे में सहयोगात्मक निवेश हेतु महत्त्वपूर्ण बात हुई थी जिसका नतीजा है कि 3 फरवरी को दोनों मंत्रियों की बैठक हुई। बैठक में कौशल विकास के क्षेत्र मंे दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग और देश में कौशल उन्नयन हेतु कौशल विकास संस्थाओं को स्थापित करने पर विचार हुआ।