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बुधवार, 30 सितंबर 2015

भारत में चिकित्सा स्वास्थ्य पर्यटन प्रोत्साहन बोर्ड का गठन / Health Tourism Promotion Board in India


-शीतांशु कुमार सहाय / Sheetanshu Kumar Sahay
केन्द्र सरकार ने देश मंे चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विश्व पर्यटन दिवस पर 27 सितम्बर को चिकित्सा तथा स्वास्थ्य पर्यटन प्रोत्साहन बोर्ड का गठन कर दिया। केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री महेश शर्मा ने नयी दिल्ली में पर्यटन दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम मंे यह जानकारी दी। उन्हांेने कहा कि चिकित्सा पर्यटन देश की आर्थिक तरक्की का अहम हिस्सा बन सकता है और इसी संभावना का पूरा इस्तेमाल करने के लिए इस बोर्ड का गठन किया गया है। डॉ. शर्मा ने कहा कि सस्ती चिकित्सा सुविध्ाा हमारे यहाँ पर्यटन को बढ़ावा देने का बेहतर आध्ाार बन सकता है और हमंे इसका पूरा फायदा उठाना चाहिए। उन्हांेने कहा कि भारत मंे दुनिया के अन्य क्षेत्रांे की तुलना मंे छः गुना कम खर्चीली चिकित्सा सुविध्ाा है। उन्हांेने कहा कि बोर्ड की शुरुआत 2 करोड़ रुपये की निध्ाि से की गयी है। इसके साथ ही चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आयुष चिकित्सा को भी प्रोत्साहित किया जायेगा।

खादी और ग्रामोद्योग के उत्पादों के दिन जल्द ही बहुरेंगे / Khadi and Village Industries


-शीतांशु कुमार सहाय / Sheetanshu Kumar Sahay
केन्द्र सरकार ने खादी और ग्रामोद्योग के शहद, सोया दूध, हर्बल मेहंदी, चाय तथा सौंदर्य प्रसाधन सहित अनेक उत्पादों की गुणवत्ता सुधारने के लिए इनकी उत्पादन तकनीक के आधुनिकीकरण की एक नयी योजना बनायी है जिससे अंततः लाखांे लोग को रोजगार मिल सकेगा। केन्द्र सरकार ने ग्रामोद्योग से जुड़े ऐसे उद्योगों का चयन किया है जिनके उत्पादों की बाजार में माँग है और ये श्रम आधारित है। आँकड़ांे के अनुसार खादी और ग्रामोद्योग से संबंधित उद्योगों में देशभर में 10 लाख से अधिक बुनकर और कताई करने वाले लोग जुड़े हुए हैं।
-परंपरागत तरीके और तकनीक से उत्पादन
         सिक्किम, मिजोरम, गोवा, लक्षद्वीप, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह और पुड्डुचेरी में खादी की बुनाई और कताई की इकाइयाँ नहीं हैं। ये लोग परंपरागत तरीकांे और तकनीक से उत्पादन करते हैं जिससे उत्पादों में एकरूपता का अभाव होता है और कई बार गुणवत्ता के साथ समझौता करना पड़ता है। सरकार ने इसके मानक तय करने के लिए संबंधित इकाइयांे और कारीगरांे के उत्पादों में एकरूपता लाने की एक विस्तृत योजना तैयार की है। इसके तहत कई संस्थानांे के साथ गठबंधन किया गया है जिसमें गुणवत्ता निर्धारण एवं जाँच, प्रशिक्षण और उत्पादन प्रक्रिया में एकरुपता लाना शामिल है।
-37 उद्योगों के आधुनिकीकरण की योजना
          आयोग ने अभी तक 37 उद्योगों के आधुनिकीकरण की योजना को अंतिम रूप दे दिया है। इनमें सौर ऊर्जा आधारित उपकरणांे और मशीनांे के निर्माण करने से संबंधित उद्योग, कम लागत की पैकेजिंग मशीन, बायोगैस बिजली संयंत्र, एलईडी लाईटिंग उद्योग, धूप बत्ती बनाने वाली मशीन, कम लागत के शौचालय का निर्माण, हरी मिर्च का पाउडर बनाने की मशीन, सोया दूध, इमली, आँवला और शहद आधारित मशीन, हर्बल मेहंदी, चाय, गुलाल और फेस पाउडर, पंचगव्य आधारित उत्पादों का निर्माण, नीम आधारित उत्पाद, बायो उत्पाद जांच किट, खादी वस्त्र एवं परिधान निर्माण और संबंधित मशीनंे, साबुन, शैंपू और अन्य सौंदर्य प्रसाधन निर्माण तथा आभूषण एवं बर्तन निर्माण उद्योग प्रमुख है।
-खादी एवं ग्रामोद्योगों को विशेष सहायता
    प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत खादी एवं ग्रामोद्योगों को विशेष सहायता दी जा रही है। इसके तहत इन्हंे अपनी गतिविधियां संचालित करने के लिए सौर ऊर्जा अपनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाता है। उद्योगों को तकनीक, ऋण और उपकरण मुहैया कराए जाते हैं। कारीगरांे को उत्पादों की मार्केटिंग करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है और देश के विभिन्न हिस्सांे मंे इनकी प्रदर्शनी लगाई जाती है।
-उत्पादन स्थलों के पुनरोद्धार के लिए ऋण
    कारीगरांे को उत्पादन स्थान बनाने के लिए आश्रय उपलब्ध कराया जा रहा है जहाँ एक साथ कई लोग अपने उत्पादों का निर्माण एवं प्रदर्शन कर सकते हैं। कारीगरांे के परंपरागत और पुराने उत्पादन स्थलांे का पुनरोद्धार करने के लिए ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है और ब्याज पर सब्सिडी देने की व्यवस्था की गयी है।


प्रशिक्षण संस्थान के साथ करार
    खादी और ग्रामोद्योग से जुड़े उद्योगों के आधुनिकीकरण की जिम्मेदारी खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग को सौंपी गयी है। आयोग ने इसके लिए कारीगरांे के प्रशिक्षण के कई संस्थानांे के साथ करार किया है। प्रौद्योगिकी संस्थानांे ने लगभग 124 तकनीक खादी और ग्रामोद्योग के लिए विकसित की है। आयोग ने पुणे के कंेद्रीय मधुमक्खी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के साथ शहद के लिए, जयपुर के कुमारप्पा राष्ट्रीय हस्तनिर्मित कागज संस्थान के साथ हस्तनिर्मित कागज के लिए, नासिक के डॉ. बीआर अम्बेडकर ग्रामीण प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन तथा नवीनीकरणीय ऊर्जा संस्थान के साथ प्रशिक्षण के लिए और नारियल रेशा उत्पादों के लिए त्रिवंेद्रम के फाइबर डिजाइन कम डेवलपमंेट संेटर के साथ समझौते किए हैं।
-42 खादी संस्थान व 64 ग्रामोद्योग
    आयोग ने गुणवत्ता की जाँच करने की क्षमता अर्जित करने के लिए 42 खादी संस्थानांे और 64 ग्रामोद्योगों को तकनीकी एवं वित्तीय मदद उपलब्ध कराई है। इन संस्थानांे में कम लागत पर गुणवत्ता जाँच की जाती है।

शुक्रवार, 25 सितंबर 2015

संयुक्त राष्ट्र : चुनौतियों व संभावनाओं के 70 साल / United Nations : 70 years of Challenges and Prospects


-शीतांशु कुमार सहाय
इंडियन पंच, हिन्दी दैनिक के शुक्रवार 25 सितम्बर 2015 के अंक में प्रकाशित

सोमवार, 14 सितंबर 2015

हिंदी दिवस : इंटरनेट पर बढ़ रही है हिंदी / HINDI DIWAS : HINDI ON INTERNET

प्रस्तुति : शीतांशु कुमार सहाय
भले ही रफ्तार कम हो, लेकिन इंटरनेट पर हिंदी बढ़ रही है। अब ब्लॉगों की भरमार है, सरकारी-गैर सरकारी वेबसाइट भी खूब हैं। सोशल मीडिया में इसमें लिखा जा रहा है। अब स्मार्टफोन पर डिफाल्ट या एप के जरिये की बोर्ड देवनागरी में उपलब्ध हैं। ट्विटर की तरह हिंदी का मूषक आ चुका है। हिंदी एप लांचिंग की तैयारी है। आइए हिंदी दिवस के अवसर पर जानते हैं इंटरनेट पर हिंदी की स्थिति और उसके समक्ष मौजूद चुनौतियों के बारे में...
इंटरनेट पर आंकड़ों में हिंदी...
- 20 प्रतिशत भारतीय उपभोक्ता हिन्दी में इंटरनेट सर्फिंग को पसंद करते हैं गूगल के मुताबिक
- 94 प्रतिशत की दर से बढ़ी है हिंदी की विषयवस्तु की उपलब्धता अंग्रेजी के19 प्रतिशत के मुकाबले
- एक लाख से ऊपर पहुंच गई है इंटरनेट पर हिन्दी ब्लागर की संख्या, इनमें से लगभग 10 हजार अतिसक्रिय और 20 हजार सक्रिय की श्रेणी में आते हैं। 
- 09 हजार वेबसाइट हिंदी में उपलब्ध हैं केंद्र और राज्य सरकारों की 
- 70 ई-पत्रिकाएं देवनागरी लिपि में उपलब्ध हैं आज इंटरनेट पर हिंदी साहित्य से संबंधित 
- 1000 हिंदी के रचनाकारों की रचनाओं का अध्ययन किया जा सकता है महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय (वर्धा) की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट हिंदीसमय डॉट कॉम पर।
- 15 से अधिक हिंदी के सर्च इंजन हैं जो किसी भी वेबसाइट का चंद मिनटों में हिंदी अनुवाद करके पाठकों को परोस देते हैं। याहू, गूगल और फेसबुक भी हिंदी में उपलब्ध हैं।
- 50 करोड़ है भारत में हिंदी बोलने वालों की संख्या गूगल के मुताबिक, जबकि गूगल पर 1 लाख विकीपीडिया के लेख हैं
हिंदी की वेबसाइट भी...
- आज पूंजी बाजार नियामक सेबी, बीएसई, एनएसई, भारतीय जीवन बीमा निगम, भारतीय स्टेट बैंक, रिजर्व बैंक आफ इंडिया, यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय लघु विकास उद्योग बैंक की वेबसाइटें हिंदी में भी उपलब्ध हैं। 
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की वेबसाइट भी हिंदी में है।
- भारत स्थित कई विदेशी दूतावासों की अंग्रेजी वेबसाइट पर हिंदी में जानकारी उपलब्ध है।
- गूगल इंडिया के मुताबिक करीब गूगल ने हिंदी वेब डॉट कॉम से एक ऐसी सेवा शुरू की है, जो इंटरनेट पर हिंदी में उपलब्ध समस्त सामग्री को एक जगह ले आएगी। इसमें हिंदी वॉयस सर्च जैसी सुविधा भी शामिल है।
- सी-डैक ने हिन्दी सहित भारत की 22 क्षेत्रीय भाषा में सॉफ्टवेयर तैयार किए हैं।
यूं पार की तकनीकी बाधा...
- इंटरनेट पर हिंदी का सफर रोमन लिपि से प्रारंभ हुआ और फॉन्ट जैसी समस्याओं से जूझते हुए यह देवनागरी लिपि तक पहुंच गया।
- यूनीकोड, मंगल जैसे यूनीवर्सल फॉन्ट ने देवनागरी लिपि को कंप्यूटर पर नया जीवन प्रदान किया
- स्मार्टफोन पर ट्रांसलेशन एप आए, जो अंग्रेजी को हिन्दी में और हिन्दी को अंग्रेजी में अनुदित करते हैं
- हाल के सालों में कुछ भारतीय मोबाइल कंपनियों ने देवनागरी में ही की-बोर्ड उपलब्ध कराए
- नोकिया (अब माइक्रोसॉफ्ट), सैमसंग और कुछ अन्य मोबाइल कंपनियों के स्मार्टफोन में डिफाल्ट देवनागरी लिपि की-बोर्ड उपलब्ध हैं।
- कई एप डेवलपर पूरी तरह से हिन्दी एप्लीकेशन लांच करने की तैयारी में जुटे गए हैं।
- गूगल अब पूर्ण रूप से मैप और सर्च भी हिंदी में ला सकता है।
- हिन्दी उपयोग करने वाले ग्राहकों को देखते हुए स्मार्टफोन बनाए गए हैं। इनमें आप चाहे तो हाथ से हिन्दी लिखकर मैसेज कर सकते हैं। या फिर हिन्दी की-बोर्ड को डाउनलोड कर मैसेज टाइप कर सकते हैं।
- गूगल पर जाकर आप हिन्दी में गूगल नक्शे का उपयोग कर अपने शहर का ट्रैफिक देख सकते हैं।
सोशल मीडिया का हिंदी अवतार...
- हाल में ट्विटर की तरह मूषक नामक माइक्रोब्लागिंग साइट हिन्दी में शुरू करने की घोषणा की गई। 
- इस पर (मूषक) 10 हजार अकाउंट खुल चुके हैं। इस पर फोन नंबर के जरिये भी जुड़ा जा सकता है।
- ट्विटर में जहां 140 कैरक्टर में ट्वीट करते हैं, वहीं मूषक में 500 कैरेक्टर की सीमा उपलब्ध कराई गई है।
- ट्विटर पर हैशटैग सुविधा भी हिंदी में है।
हिंदी बनाम अंग्रेजी...
- गूगल के मुताबिक, अभी देश में अंग्रेजी जानने वालों की तादाद 19.8 करोड़ है। इसमें से ज्यादातर लोग इंटरनेट पर हैं।
- एक तथ्य यह भी है कि भारत में इंटरनेट बाजार का विस्तार ज्यादा सामग्री अंग्रेजी में होने की वजह से ठहर गया है।
- आंकड़े बताते हैं कि इंटरनेट पर 55.8 प्रतिशत सामग्री अंग्रेजी में है, जबकि दुनिया की पांच प्रतिशत से कम आबादी अंग्रेजी का उपयोग प्रथम भाषा के रूप में करती है।
- दुनिया में सिर्फ 21 प्रतिशत लोग ही अंग्रेजी समझते हैं। जहां तक अरबी या हिंदी का सवाल है तो इसे बोलने वालों की संख्या दुनिया में काफी ज्यादा है।
- इसके बावजूद अरबी और हिंदी की इंटरनेट पर सामग्री क्रमश: 0.8 और 0.1 प्रतिशत ही उपलब्ध है।
 चुनौतियां...
- आज हिंदी में कई सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं, इसके बावजूद बैंक, बिजली विभाग, भारतीय बीमा जैसी कंपनियां अभी भी उपभोक्ताओं को अंग्रेजी में बिल और पॉलिसी दे रही हैं। 
- केन्द्र और राज्य सरकार की नौ हजार वेबसाइट हैं लेकिन ज्यादातर पहले अंग्रेजी में खुलती है। हिन्दी में देखने के लिए अलग से क्लिक करना होता है। 
- सबसे बड़ी समस्या जागरुकता की कमी है। लोग नहीं जानते कि हिन्दी में भी साफ्टवेयर हैं, वे कम्प्यूटर और स्मार्ट फोन का उपयोग करने में अंग्रेजी का ज्ञान होना जरूरी मानते हैं। 
- गूगल, एपल, माइक्रोसॉफ्ट सहित अन्य कंपनियों की वेबसाइट पहले अंग्रेजी में बनती है, बाद में इनका अनुवाद हिंदी में किया जाता है।

हिन्दी दिवस : अंग्रेजी में भी लिखे जाने लगे हैं हिन्दी के शब्द / HINDI DIWAS : The Hindi words are written in English


-शीतांशु कुमार सहाय

इंडियन पंच, देवघर के 14 जनवरी 2015 के अंक में प्रथम पृष्ठ पर प्रकाशित



शुक्रवार, 11 सितंबर 2015

मुद्रा बैंक : 10 लाख तक के व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण व मार्गदर्शन / MUDRA BANK : START BUSINESS UPTO 10 LAKH


प्रस्तुति : शीतांशु कुमार सहाय

अगर आप 10 लाख रुपए तक की पूंजी में व्यवसाय शुरू करना चाहते है तो उसकी पूरी डिटेल अब एक जगह मिल जाएगी। मुद्रा बैंक ने ऐसे 27 बिजनेस की प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें प्रोजेक्ट शुरू करने का पूरा प्रोसेस दिया गया है। यानी आपको बिजनेस शुरू करने लिए पूरे बिजनेस करने की प्लानिंग एक जगह मौजूद होगी। साथ ही सस्ते इंटरेस्ट पर मुद्रा बैंक के जरिए आपको लोन भी 10 लाख रुपए तक मिल जाएगा।
मुद्रा बैंक ने तैयार किया डीपीआर...
हाल ही में लांच किए गए मुद्रा बैंक ने ऐसे 27 छोटे बिजनेस की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की है। इसके तहत आपको बिजनेस शुरू करने में किन चीजों की जरूरत होगी, उसकी पूरी जानकारी रिपोर्ट में दी गई है। इसके तहत यह बताया गया है कि शुरुआती समय में कितना इन्वेस्टमेंट करना होगा। इसके अलावा वर्किंग कैपिटल के लिए कितनी पूंजी की जरूरत होगी। साथ ही मार्केटिंग का क्या खर्च आएगा। इसका पूरा डिटेल तैयार किया गया है। रिपोर्ट में बिजनेस के जरिए हर महीने होने वाले प्रॉफिट का भी कैलकुलेशन दिया गया है।
इन बिजनेस की है डिटेल रिपोर्ट...
मुद्रा बैंक ने जिन 27 बिजनेस की डीपीआर तैयार की है, उसमें फ्लोर मिल, टॉयलट सोप, टोमैटो सॉस, कम्प्यूटर असेंबलिंग, लाइट इंजिनियरिंग प्रोडक्ट्स, एग्रीकल्चर इम्प्लीमेंट्स, कटलरी, हैंड टूल , पेपर प्रोडक्ट, बेकरी, करी एंड राइस पाउडर प्रोडक्ट, स्टील फर्नीचर, फुट वियर, वुडेन फर्नीचर, रेडीमेड गारमेंट आदि की डीपीआर तैयार की गई है। रिपोर्ट में न केवल बिजनेस शुरू करने का तरीका बताया गया है, बल्कि प्रोडक्ट की मार्केटिंग से लेकर उस इंडस्ट्री से जुड़े सप्लायर आदि का ब्यौरा दिया गया है।
ऐसे काम करेगा बैंक...
मुद्रा बैंक के काम करने का पूरा रोडमैप तैयार कर लिया गया है। इसके तहत बैंक 10 लाख रुपए तक का लोन देगा। इसमें 60 फीसदी लोन 50 हजार रुपये तक के होंगे। इसके अलावा लोन देने का काम फाइनेंस कंपनियों, माइक्रोफाइनेंस संस्थानों, ट्रस्ट, सोसायटी, एसोसिएशन आदि के जरिए दिया जाएगा। साथ ही कारोबारियों को मौजूदा इंटरेस्ट रेट की तुलना में सस्ता लोन दिया जाएगा। इसके लिए धीरे-धीरे ऐसा सिस्टम विकसित किया जाएगा, जिससे छोटे कारोबारियों को 1.5 से 2.0 फीसदी तक सस्ता लोन मिल सके।
लोन का टारगेट दोगुना...
सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए लोन देने के टारगेट को दोगुना करके 1 लाख करोड़ रुपए कर दिया है। सरकार मुद्रा योजना के अंतर्गत लोन वितरण के लिए जल्द ही एक महीने लंबा कैंपेन भी लॉन्च करने जा रही है। वित्त मंत्रालय ने पीएसयू बैंकों, निजी बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और विदेशी बैंकों के लिए टारगेट भी तय कर दिए हैं। सरकार की सितंबर में 20 लाख कारोबारियों को लोन देने की योजना है।

जानिये मुद्रा यानी माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनैन्स एजेंसी के बारे में / Know About MUDRA or Micro Unites Development and Refinance Agency


प्रस्तुति: शीतांशु कुमार सहाय

1. मुद्रा क्या है?

मुद्रा यानी माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनैन्स एजेंसी लि. सूक्ष्म इकाइयों के विकास तथा पुनर्वित्तपोषण से संबंधित गतिविधियों हेतु भारत सरकार द्वारा गठित एक नयी संस्था है। इसकी घोषणा माननीय वित्त मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2016 का बजट पेश करते हुए की थी। मुद्रा का उद्देश्य गैर निगमित लघु व्यवसाय क्षेत्र को निधिपोषण उपलब्ध कराना है।

2. मुद्रा का गठन किसलिए किया गया है?

गैर-निगमित लघु व्यवसाय क्षेत्र (एनसीएसबीएस) में उद्यमिता के विकास की सब से बड़ी बाधा है क्षेत्र को वित्तीय सहायता का उपलब्ध न होना। इस क्षेत्र के अधिकतर हिस्से को औपचारिक स्रोतों से वित्त उपलब्ध नहीं हो पाता। भारत सरकार एक सांविधिक अधिनियमन के अंतर्गत मुद्रा बैंक की स्थापना कर रही है, ताकि एनसीएसबीएस घटक अथवा अनौपचारिक क्षेत्र की आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके और उन्हें मुख्य धारा में लाया जा सके। प्रारम्भ में इसे सिडबी की सहायक संस्था के रूप में स्थापित किया जा रहा है।

3. मुद्रा की भूमिका तथा दायित्व क्या होंगे?

मुद्रा अंतिम छोर पर स्थित उन सभी वित्तपोषकों, जैसे लघु व्यवसायों के वित्तपोषण में संलग्न विभिन्न प्रकार की गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, समितियों, न्यासों, धारा 8 (पूर्ववर्ती धारा 25) की कंपनियों, सहकारी समितियों, छोटे बैंकों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को पुनर्वित्त उपलब्ध कराने के लिए उत्तरदायी होगा, जो विनिर्माण, व्यापार तथा सेवा- गतिविधियों में लगी सूक्ष्म/लघु व्यवसाय इकाइयों को ऋण प्रदान करते हैं। यह बैंक राज्य/क्षेत्रीय स्तर के मध्यवर्ती समन्वयकों के साथ भागीदारी करेगा, ताकि लघु/सूक्ष्म व्यवसाय उद्यमों के अंतिम छोर पर स्थित वित्तपोषकों को वित्त उपलब्ध कराया जा सके।

4. मुद्रा क्या क्या सुविधाएं उपलब्ध कराएगा? मुद्रा कैसे कार्य करेगा?

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तत्वावधान में, मुद्रा ने पहले से ही अपने प्रारंभिक उत्पाद/ योजनाएं तैयार कर ली हैं। इन पहलकदमियों को 'शिशु', 'किशोर' तथा 'तरुण' नाम दिए गए हैं, जो वृद्धि/विकास के चरण और लाभग्राही सूक्ष्म इकाई /उद्यमी की निधिक आवश्यकताओं के द्योतक हैं। साथ ही वे विकास/वृद्धि के अगले चरण का भी बोध करता हैं। इनकी सीमाएं निम्नवत हैं-
a. शिशु :  50,000/- तक के ऋण हेतु
b. किशोर :  50,000/- से अधिक तथा  5 लाख तक के ऋण हेतु
c. तरुण :  5 लाख से  10 लाख तक के ऋण हेतु
मुद्रा राज्य / क्षेत्रीय स्तर की मध्यवर्ती संस्थाओं के माध्यम से एक पुनर्वित्त संस्था के रूप में काम करेगा। मुद्रा की ऋण-प्रदायगी प्रणाली इस प्रकार परिकल्पित है, जिसमें अन्य मध्यवर्ती संस्थाओं जैसे बैंकों, प्राथमिक ऋणदात्री संस्थाओं आदि के साथ-साथ, मुख्यतया गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों/ अल्प वित्त संस्थाओं के जरिए पुनर्वित्त प्रदान किया जाएगा।

साथ ही, ज़मीनी स्तर पर वितरण चैनल का विकास तथा विस्तार करने की भी आवश्यकता है। इस सन्दर्भ में, कंपनियों, न्यासों, समितियों, संघों तथा अन्य नेटवर्कों के रूप में पहले से ही बड़ी संख्या में अंतिम छोर के वित्तपोषक मौजूद हैं, जो लघु व्यवसायों को अनौपचारिक वित्त उपलब्ध करा रहे हैं।

5. मुद्रा के लक्ष्य ग्राहक कौन हैं / किस प्रकार के उधारकर्ता मुद्रा से सहायता पाने के पात्र हैं?

ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में स्थित गैर निगमित लघु व्यवसाय घटक (एनसीएसबीएस), जिनमें ऐसी लाखों प्रोप्राइटरशिप/पार्टनरशिप फर्में शामिल हैं, जो लघु विनिर्माण इकाइयाँ, सेवा क्षेत्र की इकाइयाँ, दुकानदार, फल/सब्जी विक्रेता, ट्रक परिचालक, खाद्य-सेवा इकाइयां, मरम्मत की दुकानें, मशीन परिचालन, लघु उद्योग, दस्तकार, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां तथा व्यवसाय चलाते हैं।

6. क्या क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) मुद्रा से सहायता हेतु पात्र हैं?

जी हाँ, मुद्रा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को उनकी तरलता बढ़ाने के लिए पुनर्वित्त सहायता उपलब्ध कराएगा।

7. मुद्रा द्वारा प्रभारित की जाने वाली ब्याज दर क्या है?

मुद्रा एक पुनर्वित्त संस्था होगी, जो अंतिम छोर के वित्तपोषकों को निधियां उपलब्ध कराएगी, ताकि वे इस क्षेत्र को वित्तपोषण उपलब्ध करा सकें। ग्राहक के लिए मुद्रा की सबसे अनूठी मूल्यवत्तापूर्ण अवधारणा होने जा रही है - उचित मूल्य पर वित्त तक आसान पहुँच। अंतिम ऋणकर्ता के लिए निधि की लागत को कम करने हेतु मुद्रा वित्तीयन के कई प्रकार के नवोन्मेषी उपाय करेगा।

8. मेरा कागज़ के सामान का एक छोटा सा व्यवसाय है. क्या मुद्रा मेरी सहायता कर सकता है?

हाँ। मुद्रा 'शिशु' श्रेणी के अंतर्गत  50,000 तक के छोटे ऋण उपलब्ध कराएगा तथा 'किशोर' श्रेणी के अंतर्गत 50,000 से अधिक और  5 लाख तक के ऋण उपलब्ध कराएगा। ये उत्पाद उद्यम-जगत के निचले सिरे पर परिचालनरत ग्राहकों की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु बनाए गए हैं। ये ऋण अल्प वित्त संस्थाओं, एनबीएफसी, बैंकों, आदि के माध्यम से उपलब्ध कराए जाएंगे।

9. मैंने हाल ही में स्नातक की परीक्षा पास की है। मैं अपना स्वयं का व्यवसाय आरंभ करना चाहता हूँ। क्या मुद्रा मेरी सहायता कर सकता है?

मुद्रा 'शिशु' श्रेणी के अंतर्गत  50,000 तक के छोटे ऋण तथा 'किशोर' श्रेणी के अंतर्गत  50,000 से अधिक और  5 लाख तक के ऋण उपलब्ध कराता है। 'तरुण' श्रेणी के अंतर्गत यह  5 लाख से अधिक और  10 लाख तक के ऋण भी उपलब्ध कराता है। आपकी व्यवसाय परियोजना की प्रकृति के अनुसार आप मुद्रा की किसी भी मध्यवर्ती संस्था से मानदंडों के अनुरूप वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

10. मेरे पास खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी में डिप्लोमा है। मैं अपनी स्वयं की इकाई आरंभ करना चाहता हूँ। कृपया मेरा मार्गदर्शन करें।

खाद्य प्रसंस्करण मुद्रा की योजनाओं के अंतर्गत सहायता हेतु पात्र गतिविधि है। आप अपनी आवश्यकतानुसार मुद्रा की योजनाओं के अंतर्गत सहायता प्राप्त कर सकते हैं ।

11. मैं ज़री के काम में दक्ष एक दस्तकार हूँ। मैं दूसरों के लिए जॉब वर्क करने के बजाय अपना स्वयं का काम शुरू करना चाहता हूँ। क्या मुद्रा मेरी सहायता कर सकता है?

आप अपने उद्यम की स्थापना हेतु अपने क्षेत्र में कार्यरत किसी भी अल्प वित्त संस्था के माध्यम से मुद्रा की अल्प ऋण योजना की 'शिशु' श्रेणी के अंतर्गत सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

12. मैंने फैशन डिजाइनिंग का कोर्स किया है। मैं अपना बुटीक खोलना चाहती हूँ तथा अपना खुद का ब्रांड विकसित करना चाहती हूँ। मुद्रा मेरी क्या सहायता कर सकता है?

मुद्रा महिला उद्यमियों हेतु 'महिला उद्यम निधि' नामक एक विशेष योजना संचालित करता है। इस योजना के अंतर्गत सभी तीन श्रेणियों यानी ‘शिशु’, ‘किशोर’ एवं ‘तरुण’ के अंतर्गत सहायता प्रदान की जाएगी।

13. मैं फ्रैन्चाइजी मॉडल पर काम करना चाहता हूँ और अपना एक आइसक्रीम पार्लर खोलना चाहता हूँ। क्या मुद्रा मेरी सहायता कर सकता है?

मुद्रा “व्यवसायियों तथा दुकानदारों हेतु व्यवसाय ऋण” नामक एक विशेष योजना संचालित करता है। आप इस योजना के अंतर्गत अपनी आवश्यकतानुसार सुविधाएँ प्राप्त कर सकते हैं।

14. मेरा पॉटरी का व्यवसाय है। मैं और अधिक वरायटी और डिज़ाइनें शामिल करके इसका विस्तार करना चाहता हूँ। मुझे मुद्रा से क्या सहायता मिल सकती है?

आप अपने उद्यम की स्थापना हेतु अपने क्षेत्र में कार्यरत किसी भी अल्प वित्त संस्था के माध्यम से मुद्रा की अल्प ऋण योजना की 'शिशु' श्रेणी के अंतर्गत सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

15. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का दायरा क्या है? इसके अंतर्गत किस-किस प्रकार के ऋण उपलब्ध हैं? कौन-सी एजेंसियाँ ऋण प्रदान करेंगी?

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों जैसे पीएसयू बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों, निजी क्षेत्र के बैंकों, विदेशी बैंकों, अल्प वित्त संस्थाओं तथा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के माध्यम से उपलब्ध होगी। 08 अप्रैल 2015 के बाद से गैर-कृषि क्षेत्र में आय-अर्जक गतिविधियों के लिए प्रदान किए गए  10 लाख तक के सभी ऋणों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में समाहित माना जाएगा।

16. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के कार्यान्वयन की निगरानी कौन करेगा?

राज्य स्तर पर प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की निगरानी राज्यस्तरीय बैंकर समिति के ज़रिए और राष्ट्रीय स्तर पर मुद्रा/ वित्तीय सेवाएं विभाग, भारत सरकार द्वारा की जाएगी। इस उद्देश्य हेतु मुद्रा ने एक पोर्टल विकसित किया है, जिसमें बैंक तथा अन्य ऋणदात्री संस्थाएं सीधे अपनी उपलब्धि के विवरण भरेंगी। इसे सिस्टम द्वारा समेकित किया जाता है और समीक्षा के लिए रिपोर्टें जनरेट की जाती हैं।

17. क्या केन्द्र/ राज्य सरकार की कोई ऐसी योजना है, जो पूरे भारत पर लागू है और जिसमें बिना गारंटी के / गारंटर के बिना ऋण दिया जाता है?

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) भारत सरकार की योजना है, जो छोटे उधारकर्ताओं को गैर-कृषि, आय-अर्जक गतिविधियों के लिए बैंकों, अल्प वित्त संस्थाओं, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से  10 लाख तक के ऋण लेने की सुविधा देती है। आम तौर पर, बैंकों द्वारा सूक्ष्म/ लघु उद्यमों को  10 लाख तक के ऋण बिना किसी संपार्श्विक प्रतिभूति के जारी किए जाते हैं।

18. क्या स्कूल खोलना, बढ़ईगिरी और आरओ वॉटर प्लाण्ट इन्स्टालेशन ऋण के लिए पात्र हैं? यदि हाँ, तो ऋण की अधिकतम और न्यूनतम राशि क्या है?

बढ़ईगिरी, व्यावसायिक स्तर के आरओ वॉटर प्लाण्ट इन्स्टालेशन और शैक्षिक संस्थान मुद्रा ऋण के अन्तर्गत पात्र गतिविधियाँ हैं, बशर्ते ऋण राशि रु. 10 लाख से कम हो। मुद्रा ऋण की प्राथमिक शर्त यह है कि वह विनिर्माण, प्रसंस्करण, व्यापार और सेवा क्षेत्र की आय-अर्जक गतिविधि के लिए होना चाहिए तथा ऋण राशि रु. 10 लाख से कम होनी चाहिए।

19. मुद्रा ऋण लेने के लिए व्यक्तियों की पात्रता क्या है?

भारत का कोई भी नागरिक जिसकी गैर-कृषि क्षेत्र की आय-अर्जक गतिविधि जैसे विनिर्माण, प्रसंस्करण, व्यापार अथवा सेवा क्षेत्र के वाली व्यवसाय योजना हो और जिसकी ऋण-आवश्यकता रु. 10 लाख से कम हो, वह प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के अन्तर्गत मुद्रा ऋण प्राप्त करने के लिए किसी बैंक, अल्प वित्त संस्था अथवा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी से संपर्क कर सकता है। पीएमएमवाई के अन्तर्गत ऋण लेने के लिए ऋणदात्री एजेंसी के सामान्य निबंधनों व शर्तों का पालन करना प़ड़ सकता है। उधार-दरें भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इस सम्बन्ध में समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशानुसार होती हैं।

20. क्या प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के अन्तर्गत कोई सब्सिडी है? यदि हाँ तो उसके ब्यौरे दें।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत दिए जानेवाले ऋणों के लिए कोई सब्सिडी नहीं है। यदि ऋण-प्रस्ताव सरकार की किसी ऐसी योजना से संबद्ध हो, जिसमें सरकार पूँजी सब्सिडी प्रदान करती है, तब भी वह प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत पात्र होगा।

21. कृपया मुद्रा का संक्षिप्त परिचय दें।

मुद्रा का पूरा नाम है- माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनैन्स एजेंसी लि.। यह एक पुनर्वित्त एजेंसी है न कि प्रत्यक्ष ऋण देने वाली संस्था। मुद्रा अपनी ऐसी मध्यवर्ती संस्थाओं जैसे- बैंकों/अल्प वित्त सस्थाओं/ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को पुनर्वित्त प्रदान करता है, जो गैर कृषि क्षेत्र में विनिर्माण, व्यापार तथा सेवा क्षेत्र की आय-अर्जक गतिविधियों को उधार देने का व्यवसाय करती हैं और जो पुनर्वित्त पाने के पश्चात् लाभग्राहियों का वित्तपोषण करेंगी।

22. क्या आप मुद्रा कार्ड के बारे में जानकारी दे सकते हैं?

मुद्रा कार्ड एक नवोन्मेषी ऋण उत्पाद है, जिसमें उधारकर्ता बिना किसी झंझट के और लचीले तरीके से उधार ले सकता है। यह उधारकर्ता को सीसी/ओडी के रूप में कार्यशील पूँजी की सुविधा प्रदान करेगा। चूंकि मुद्रा कार्ड रुपे डेबिट कार्ड होगा, इसलिए यह एटीएम से या बिजनेस करेस्पॉण्डेंट से नकद राशि निकालने अथवा विक्रय-बिन्दु मशीन इस्तेमाल करके खरीद करने में इस्तेमाल हो सकता है। जब कभी धन की बचत हुई हो तब राशि लौटाने की सुविधा भी है, ताकि ब्याज का बोझ कम हो सके।
(http://www.mudra.org.in)

सोमवार, 7 सितंबर 2015