बुधवार, 30 जुलाई 2014

रेडियोएक्टिव हैं राँची की चट्टानें, रहना अस्वास्थ्यकर / Ranchi Rocks are Radioactive, Remain Unhealthy

राँची का टैगोर हिल

-शीतांशु कुमार सहाय
झारखण्ड की राजधानी राँची की एक सड़क का नाम ‘रेडियम रोड’ यूँ ही नहीं है। इसके नामकरण के पीछे की एक बड़ी वजह है कि राँची की चट्टानें और मिट्टी रेडियोएक्टिव हैं। क्योटो विश्वविद्यालय के रिसर्च रिएक्टर इंस्टीट्यूट की एक शोध रिपोर्ट के अनुसार राँची में पोटैशियम और थोरियम का कॉन्सन्ट्रेशन बहुत अधिक है। राँची की मिट्टी में रेडियम भी मौजूद है। भूगर्भशास्त्री डॉ. नीतीश प्रियदर्शी ने बताया कि राँची में यूरेनियम पाये जाने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता; क्योंकि एक रिपोर्ट में राँची में यूरेनियम की मौजूदगी की संभावना जतायी गयी है। इस प्रकार राँची में रहना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अत्यन्त हानिकारक है।
फेफड़े का कैंसर होने की संभावना--
डॉ. नीतीश प्रियदर्शी के अनुसार, क्योटो विश्वविद्यालय के शोध में राँची को रेडियोएक्टिविटी के लिहाज से डेंजर जोन में रखा गया है। राँची में ग्रेनाइट की चट्टानें हैं, वहाँ रेडियोएक्टिविटी का स्तर ज्यादा है। रेडियोएक्टिविटी का स्तर अधिक रहने से फेफड़े का कैंसर और कोशिकाओं के क्षतिग्रस्त होने की संभावना रहती है। उन्होंने राँची के कुछ चुनिन्दा स्थानों में रेडियोएक्टिव विकिरण की जाँच की थी। कहीं इसका स्तर अधिक और कहीं निर्धारित सीमा से नीचे था।
यों किया जा सकता है हानि को कम--
डॉ. नीतीश प्रियदर्शी ने बताया कि रेडियोएक्टिविटी के एक्सपोजर को पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता है। पर, घरों में ग्रेनाइट की टाइल्स न लगायी जाये और वेंटीलेशन की सही व्यवस्था हो तो इसका असर बहुत हद तक कम किया जा सकता है। ग्रेनाइट की टाइल्स वाले घरों में रहनेवाले अपेक्षाकृत ज्यादा बीमार रहते हैं। उनमें साँस की अन्य बीमारियाँ भी हो सकती हैं या एलर्जी वाले रोग हो सकते हैं।


योग की साधना से अनेक सिद्धियाँ पायी जा सकती हैं / Do Yoga Can be found Accomplishments

-शीतांशु कुमार सहाय / Sheetanshu Kumar Sahay

योग में अनेक सिद्धियों की चर्चा की गयी है। यदि नियमित और अनुशासनबद्ध रहकर योग की साधना की जाए तो अनेक प्रकार की परा और अपरा सिद्धियाँ पायी जा सकती हैं। सिद्धि शब्द का सामान्य अर्थ है सफलता। सिद्धि अर्थात किसी कार्य विशेष में पारंगत होना। समान्यतया सिद्धि शब्द का अर्थ चमत्कार या रहस्य समझा जाता है लेकिन योगानुसार सिद्धि का अर्थ इंद्रियों की पुष्टता और व्यापकता होती है। सिद्धियाँ दो प्रकार की होती हैं-- एक परा और दूसरी अपरा। विषय संबंधी सब प्रकार की उत्तम, मध्यम और अधम सिद्धियाँ 'अपरा सिद्धि' कहलाती है। यह मुमुक्षुओं के लिए है। इसके अलावा जो स्व-स्वरूप के अनुभव की उपयोगी सिद्धियाँ हैं, वे योगी के लिए उपादेय 'परा सिद्धियाँ' हैं। योग मानता है कि सिद्धियाँ मोक्ष के मार्ग में बाधा न बनें; बल्कि सहायक बनें। जो योगी आम जनता के समक्ष योग के चमत्कार दिखाने लगता है, वह मार्ग से भटका योगभ्रष्ट योगी माना जाता है। योग के अभ्यास में सफलता प्राप्त करने पर साधक के मानसिक धरातल पर काफी अच्छे, उत्कृष्ट एवं अद्भुत अनुभव होते हैं। उन सिद्धियों के नाम हम यहाँ सरलरूप में प्रस्तुत कर रहे हैं जबकि योग में ये अलग नाम से प्रसिद्ध हैं ---
1. आत्मबल की शक्ति : योग के साधक का आत्मबल शक्तिशाली होना आवश्यक है जिससे योग में तेजी से सफलता मिलती है। यम-नियम के अलावा मैत्री, मुदिता, करुणा और उपेक्षा आदि पर संयम करने से आत्मबल की शक्ति प्राप्त होती है।
2. बलशाली व्यक्तित्व : आसनों के करने से शरीर तो पुष्ट होता ही है साथ ही प्राणायाम के अभ्यास से वह बलशाली बनता है। बल में संयम करने से व्यक्ति बलशाली हो जाता है। बलशाली अर्थात जैसे भी बल की कामना करें वैसा बल उस वक्त प्राप्त हो जाता है। जैसे कि उसे हाथीबल की आवश्यकता है तो वह प्राप्त हो जाएगा।
3. निरोध परिणाम सिद्धि : इंद्रिय संस्कारों का निरोध कर उस पर संयम करने से 'निरोध परिणाम सिद्धि'प्राप्त होती है। यह योग साधक के लिए आवश्यक है अन्यथा आगे नहीं बढ़ा जा सकता। उक्त सिद्धि प्राप्ति का अर्थ है कि अब आपके चित्त में चंचलता नहीं रही। नि:श्चल अकंप चित्त में ही सिद्धियों का अवतरण होता है।
4. उपवास शक्ति : योगी कई-कई महीनों तक भूख और प्यास से मुक्त रह सकता है। कंठ के कूप में संयम करने पर भूख और प्यास की निवृत्ति हो जाती है।
5. स्थिरता शक्ति : शरीर और चित्त की स्थिरता आवश्यक है अन्यथा सिद्धियों में गति नहीं हो सकती। कूर्मनाड़ी में संयम करने पर स्थिरता होती है। कंठ कूप में कच्छप आकृति की एक नाड़ी है। उसको कूर्मनाड़ी कहते हैं। कंठ के छिद्र जिसके माध्यम से उदर में वायु और आहार आदि जाते हैं उसे कंठकूप कहते हैं।
6. समुदाय ज्ञान शक्ति : शरीर के भीतर और बाहर की स्थिति का ज्ञान होना आवश्यक है। इससे शरीर को दीर्घकाल तक स्वस्थ और जवान बनाए रखने में मदद मिलती है। नाभिचक्र पर संयम करने से योगी को शरीर स्थित समुदायों का ज्ञान हो जाता है अर्थात कौन-सी कुंडली और चक्र कहाँ है तथा शरीर के अन्य अवयव या अंग की स्थिति कैसी है।
7. चित्त ज्ञान शक्ति : हृदय में संयम करने से योगी को चित्त का ज्ञान होता है। चित्त में ही नए-पुराने सभी तरह के संस्कार और स्मृतियाँ होती हैं। चित्त का ज्ञान होने से चित्त की शक्ति का पता चलता है।
8. पुरुष ज्ञान शक्ति : बुद्धि पुरुष से पृथक है। इन दोनों के अभिन्न ज्ञान से भोग की प्राप्ति होती है। अहंकारशून्य चित्त के प्रतिबिंब में संयम करने से पुरुष का ज्ञान होता है।
9. दिव्य श्रवण शक्ति : समस्त स्रोत और शब्दों को आकाश ग्रहण कर लेता है, वे सारी ध्वनियाँ आकाश में विद्यमान हैं। कर्ण-इंद्रियाँ और आकाश के संबंध पर संयम करने से योगी दिव्यश्रवण को प्राप्त होता है।
10. कपाल सिद्धि : कपाल की ज्योति में संयम करने से योगी को सिद्धगणों के दर्शन होते हैं। मस्तक के भीतर कपाल के नीचे एक छिद्र है, उसे ब्रह्मरंध्र कहते हैं।
11. पंचभूत सिद्धि : पंचतत्वों के स्थूल, स्वरूप, सूक्ष्म, अन्वय और अर्थवत्तव ये पाँच अवस्‍था हैं इसमें संयम करने से भूतों पर विजय लाभ होता है। इसी से अष्टसिद्धियों की प्राप्ति होती है।
12. इंद्रिय शक्ति : ग्रहण, स्वरूप, अस्मिता, अव्वय और अर्थवत्तव नामक इंद्रियों की पाँच वृत्तियों पर संयम करने से इंद्रियों का जय हो जाता है।
13. सर्वज्ञ शक्ति : बुद्धि और पुरुष में पार्थक्य ज्ञान सम्पन्न योगी को दृश्य और दृष्टा का भेद दिखाई देने लगता है। ऐसा योगी संपूर्ण भावों का स्वामी तथा सभी विषयों का ज्ञाता हो जाता है।
14. उदान शक्ति : उदानवायु के जीतने पर योगी को जल, कीचड़ और कंकड़ तथा काँटे आदि पदार्थों का स्पर्श नहीं होता और मृत्यु भी वश में हो जाती है। कंठ से लेकर सिर तक जो व्यापाक है वही उदान वायु है।
15. तेजपुंज शक्ति : समान वायु को वश में करने से योगी का शरीर ज्योतिर्मय हो जाता है। नाभि के चारों ओर दूर तक व्याप्त वायु को समान वायु कहते हैं।
16. भाषा सिद्धि : हमारे मस्तिष्क की क्षमता अनंत है। शब्द, अर्थ और ज्ञान में जो घनिष्ट संबंध है उसके विभागों पर संयम करने से 'सब प्राणियों की वाणी का ज्ञान' हो जाता है।
17. पूर्वजन्म ज्ञान सिद्धि : जाति स्मरण का अभ्यास करने या चित्त में स्थित संस्कारों पर संयम करने से 'पूर्वजन्म का ज्ञान'होने लगता है।
18. मन: शक्ति : ज्ञान की स्थिति में संयम होने पर दूसरे के चित्त का ज्ञान होता है। यदि चित्त शांत है तो दूसरे के मन का हाल जानने की शक्ति हासिल हो जाएगी।
19. अंतर्ध्यान शक्ति : इसे आप गायब होने की शक्ति भी कह सकते हैं। कायागत रूप पर संयम करने से योगी अंतर्ध्यान हो जाता है। फिर कोई उक्त योगी के शब्द, स्पर्श, गंध, रूप, रस को जान नहीं सकता।
20. कर्म सिद्धि : सोपक्रम और निरपक्रम, इन दो तरह के कर्मों पर संयम से मृत्यु का ज्ञान हो जाता है। सोपक्रम अर्थात ऐसे कर्म जिसका फल तुरंत ही मिलता है और निरपक्रम जिसका फल मिलने में देरी होती है। क्रिया, बंध, नेती और धौती कर्म से कर्मों की निष्पत्ति हो जाती है।
21. ज्योतिष शक्ति : ज्योति का अर्थ है प्रकाश अर्थात प्रकाश स्वरूप ज्ञान। ज्योतिष का अर्थ होता है सितारों का संदेश। संपूर्ण ब्रह्माण्ड ज्योति स्वरूप है। ज्योतिष्मती प्रकृति के प्रकाश को सूक्ष्मादि वस्तुओं में न्यस्त कर उस पर संयम करने से योगी को सूक्ष्म, गुप्त और दूरस्थ पदार्थों का ज्ञान हो जाता है।
22. लोक ज्ञान शक्ति : सूर्य पर संयम से सूक्ष्म और स्थूल सभी तरह के लोकों का ज्ञान हो जाता है।
23. नक्षत्र ज्ञान सिद्धि : चंद्रमा पर संयम से सभी नक्षत्रों को पता लगाने की शक्ति प्राप्त होती है।
24. तारा ज्ञान सिद्धि : ध्रुव तारा हमारी आकाश गंगा का केंद्र माना जाता है। आकाशगंगा में अरबों तारे हैं। ध्रुव पर संयम से समस्त तारों की गति का ज्ञान हो जाता है।
25. प्रतिभ शक्ति : प्रतिभ में संयम करने से योगी को संपूर्ण ज्ञानी की प्राप्त होती है। ध्यान या योगाभ्यास करते समय भृकुटि के मध्‍य तोजोमय तारा नजर आता है। उसे प्रतिभ कहते हैं। इसके सिद्ध होने से व्यक्ति को अतीत, अनागत, विप्रकृष्ट और सूक्ष्मातिसूक्ष्म पदार्थों का ज्ञान हो जाता है।
26. परकाय प्रवेश : बंधन के शिथिल हो जाने पर और संयम द्वारा चित्त की प्रवेश निर्गम मार्ग नाड़ी के ज्ञान से चित्त दूसरे के शरीर में प्रवेश करने की सिद्धि प्राप्त कर लेता है। यह बहुत आसान है, चित्त के स्थिरता से शूक्ष्म शरीर में होने का अहसास बढ़ता है। सूक्ष्म शरीर के निरंतर अहसास से स्थूल शरीर से बाहर निकलने की इच्‍छा।
27. उड़ने की शक्ति : शरीर और आकाश के संबंध में संयम करने से लघु अर्थात हलकी रूई जैसे पदार्थ की धारणा से आकाश में गमन कर सकता है।
28. महाविदेह धारणा : शरीर से बाहर मन की स्वाभाविक वृत्ति है उसका नाम 'महाविदेह' धारणा है। उसके द्वारा प्रकाश के आवरणा का नाश हो जाता है। स्थूल शरीर से शरीर के आश्रय की अपेक्षा न रखने वाली जो मन की वृत्ति है उसे 'महाविदेह' कहते हैं। उसी से ही अहंकार का वेग दूर होता है। उस वृत्ति में जो योगी संयम करता है, उससे प्रकाश का ढँकना दूर हो जाता है।

शनिवार, 26 जुलाई 2014

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता के सुझावों के लिए जारी किया mygov.nic.in पोर्टल / Prime Minister Narendra Modi Released for Public Suggestions mygov.nic.in Portal


स्वच्छ प्रशासन संचालन में जनता के सुझावों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार 26 जुलाई 2014 को नयी दिल्ली में mygov.nic.in नामक एक वेबपोर्टल की शुरुआत की। इस जन-केंद्रित मंच का उद्घाटन नई सरकार के 60 दिन पूरे होने के मौके पर किया गया। एक आधिकारिक बयान में कहा गया प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 60 दिनों में उनकी सरकार का अनभुव यह रहा कि कई लोग राष्ट्र-निर्माण में योगदान करना चाहते हैं और समय एवं ऊर्जा लगाना चाहते हैं। बयान के मुताबिक मोदी ने कहा कि mygov (mygov.nic.in) एक प्रौद्योगिकी आधारित माध्यम है जो नागरिकों को अच्छे कामकाज में योगदान करने का मौका प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा यह मंच लोगों और सरकार के बीच दूरी पाटेगा। लोकतंत्र सरकार में लोगों की भागीदारी के बगैर सफल नहीं हो सकता और यह भागीदारी सिर्फ चुनाव तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। मोदी के अलावा संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद, मंत्रिमंडल सचिव अजित सेठ, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डेइटी) सचिव आरएस शर्मा भी इस पोर्टल की शुरुआत के वक्त मौजूद थे। डेइटी का नैशनल इन्फार्मेशन सेंटर (एनआईसी) इस मंच का कार्यान्वयन और प्रबंधन करेगा। शर्मा ने इस वेबसाइट को पेश करने के बाद कहा कि मायगव नामक पोर्टल पर कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती है जिन पर लोग सरकार के साथ अपने विचार साक्षा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल ज्ञान पुस्तकालय बनाने की भी पहल की जा रही है। हम लोगों से राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर उनकी राय और सुझाव मांगेंगे। इस संबंध में जल्द ही हम जानकारी देंगे। शर्मा ने कहा कि यह पोर्टल नागरिकों को चर्चा करने और काम करने दोनों का मौका मिलेगा। किसी भी व्यक्ति के विचार पर भी मंच में चर्चा की जा सकेगी। इसमें सकारात्मक टिप्पणी और विचारों का आदान-प्रदान भी किया जा सकेगा।
फिलहाल छः विषयों पर सुझाव---
फिलहाल पोर्टल प्लेटफार्म पर 6 समूह हैं जिनपर लोग अपने विचार और सुझाव दे रहे हैं। इनमें- स्वच्छ गंगा, बालिका शिक्षा, स्वच्छ भारत, कुशल भारत, डिजिटल भारत और रोजगार सृजन। शर्मा ने कहा कि नागरिक विभिन्न तरह की जिम्मेदारियों में स्वेच्छा से जुड़ने की भी पेशकश कर सकते हैं और अपनी प्रविष्टियां दे सकते हैं। इन कामों की समीक्षा अन्य सदस्य और विशेषज्ञ करेंगे। मंजूरी मिलने पर ये जिम्मेदारियां मायगव के लोग और अन्य साझा कर सकते हैं जो इसे पूरा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हर समूह में ऑनलाइन और जमीनी जिम्मेदारियों का ढांचा है जो लोग स्वयं कर सकते हैं। हर समूह का लक्ष्य है कि लोगों की भागीदारी के जरिए मात्रात्मक बदलाव लाना। शर्मा ने कहा हम तीन महीने में मायगव पर होने वाले काम की समीक्षा करेंगे और आने वाले दिनों में समूह, जिम्मेदारियां और चर्चा विषयों में इजाफा होगा। इस मंच का उपयोग व्यापक जानकारी भंडार के तौर पर किया जा सकेगा। पोर्टल सरकारी परियोजनाओं के लिए सार्वजनिक आकलन मंच के तौर पर काम कर सकता है, मसलन लोग पूरी हुई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की स्थिति या सामाजिक क्षेत्र के विभिन्न कार्यक्रमों की उपलब्धता पर टिप्पणी दे सकते हैं।

शनिवार, 19 जुलाई 2014

हाफिज सईद से डॉ. वेदप्रताप वैदिक की मुलाकात और इंटरव्यू / Meeting & Interview by Dr.Ved Pratap Vaidik to Hafiz Sayid


प्रस्तुति- शीतांशु कुमार सहाय / Sheetanshu Kumar Sahay
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक वेदप्रताप वैदिक की मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद से पाकिस्तान यात्रा के दौरान हुई मुलाकात पर देशभर में काफी बवाल मचा हुआ है। इस मुलाकात का पूरा ब्योरा दे रहे हैं स्वयं वैदिक, जो 'दैनिक भास्कर' में प्रकाशित हुआ है। वैदिक की सईद से कैसे मुलाकात हुई, उन्होंने बातचीत में इस आतंकी सरगना से किस तरह के सवाल किए और उसके जवाब क्या रहे। यही सब कुछ है वेदप्रताप वैदिक के इस आलेख और इंटरव्यू में....
''हाफिज सईद से मुलाकात अचानक तय हुई। 2 जुलाई की दोपहर मैं भारत लौटने वाला था। 1 जुलाई की शाम को कुछ पत्रकार मुझसे बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आप भारत-विरोधी आतंकवाद का मुद्दा इतनी जोर से उठा रहे हैं तो आप कभी हाफिज सईद से मिले? मैंने कहा- नहीं। उनमें से लगभग सबके पास हाफिज के नंबर थे। उनमें से किसी ने फोन मिलाया और मुलाकात तय हो गई। सुबह 7 बजे इसलिए तय हुई कि मुझे लाहौर हवाई अड्डे पर 10-11 बजे के बीच पहुंचना था। मैंने कह दिया कि अगर मुलाकात देर से तय हुई तो मैं नहीं मिल सकूंगा।
इस मुलाकात के लिए मैंने न तो अपने किसी राजनयिक से संपर्क किया और न ही पा‍किस्तान के किसी नेता या अधिकारी से। इसके पहले पा‍किस्तान के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री, विदेश सचिव और अनेक केंद्रीय तथा प्रांतीय नेताओं से मेरी भेंट हो चुकी थी। फौज और विदेश मंत्रालय के अनेक सेवानिवृत्त अधिकारियों से मैं मिल चुका था। मैं पाकिस्तान समेत पड़ोसी देशों में दर्जनों बार जा चुका हूं। पूरे 45 साल से मेरा यात्रा संपर्क बना हुआ है। कई पड़ोसी देशों के लोग, जो मेरे साथ भारत या विदेशों में पढ़ते थे, वे अपने-अपने देश के नेता बन गए हैं। इनमें संपादक व प्रोफेसर भी हैं। पड़ोसी देशों के टीवी चैनलों पर अक्सर मेरे कार्यक्रम होते रहते हैं, वहां के अखबार भी मेरे लेख छापते रहते हैं। पड़ोसी देशों के विश्वविद्यालयों और अकादमिक संस्थानों में आयोजित सेमिनारों में मुझे आमंत्रित किया जाता है। इस बार भी एक भारत-पाक संवाद में मुझे आमंत्रित किया गया था। पेशे से पत्रकार हूं, इसलिए मैं इन अवसरों का उपयोग पत्रकारिता के लिए करता ही हूं। यदि बहुत ही महत्वपूर्ण हो तो उस भेंट को मैं इंटरव्यू के तौर पर लिख देता हूं, वरना अपने लेखों में इनका इस्तेमाल कर लेता हूं।
जब मैंने हाफिज सईद से मिलने की हां भरी तो वह बिलकुल अचानक थी। मेरी पहले से कोई कल्पना नहीं थी। लेकिन जब भेंट तय हो गई तो मैंने सोचा कि चाहे जो भी हो, मुझे उससे मुंबई-हमले के बारे में सीधे सवाल पूछने चाहिए। यह इंटरव्यू किसी खास अखबार के लिए पहले से प्रायोजित नहीं था। इससे पहले मैं अपने स्तंभ में दो-तीन लेख मेरी पा‍किस्तान-यात्रा पर लिख चुका हूं।
मैंने ट्विटर पर न तो हाफिज सईद का फोटो और न ही इंटरव्यू पहले दिया। इंडिया टीवी के एंकर रजत शर्मा ने कहा कि वे हाफिज पर एक घंटे का विशेष कार्यक्रम कर रहे हैं। इसमें आप क्यों नहीं बताते कि वह कैसा है, उसका दिमाग कैसे चलता है? रजत शर्मा और हेमंत शर्मा को मैंने दो-चार दिन पहले पाकिस्तान में सबसे मिलने की बात बताई थी। यदि मुझे मोदी सरकार ने भेजा होता तो अपने पत्रकार-बंधुओं या अपनी पत्नी को भी मैं क्यों बताता? यदि यह भेंट कूटनीतिक या गोपनीय होती तो सदा गोपनीय ही रहती, चाहे फिर मुझे इसकी कितनी ही कीमत चुकानी पड़ती। रजतजी के मांगने पर मैंने उसी समय ई-मेल पर हाफिज के फोटो मंगाए और उन्हें शायद डेढ़-दो घंटे पहले 'फॉरवर्ड' करवाए। दूसरे दिन सिर्फ फोटो वेबसाइट पर डाले। इस भेंट को शब्दों में बयान करता, उसके पहले ही देश में हमारे कुछ नेताओं और चैनलों ने हंगामा खड़ा कर दिया।
हाफिज सईद के साथ बातचीत के दौरान मुझे इस बात का बहुत आश्चर्य हुआ कि वह मेरे तीखे सवालों से थोड़ा उत्तेजित तो हुआ, लेकिन बौखलाया बिलकुल भी नहीं। इतना भयंकर आतंकवादी संयमित कैसे रह सका? शुरू-शुरू के पांच-सात मिनट मुझे ऐसा जरूर लगा कि वातावरण बहुत तनावपूर्ण है और कहीं ऐसा न हो कि बात एकदम बिगड़ जाए। अनेक बंदूकधारी कमरे के बाहर और अंदर भी खड़े थे। मैं ऐसे दृश्य अफगानिस्तान में प्रधानमंत्री हफीजुल्लाह अमीन के साथ भी 35 साल पहले देख चुका हूं। घंटेभर की बातचीत में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन तू-तू़, मैं-मैं की नौबत नहीं आई। किन्हीं फूहड़ शब्दों का इस्तेमाल नहीं हुआ। सारी बातचीत के बाद मुझे लगता है कि हाफिज सईद का व्यक्तित्व एक पहेली है। बातचीत खत्म होने के बाद वह मुझे कार तक छोड़ने आया। मैं समझता हूं कि अदालतें, सरकार और फौज तो अपना काम करें ही, लेकिन हाफिज जैसे लोगों से किसी न किसी तरह बातचीत जारी रखी जा सकती है। मिजोरम के बागी लालडेंगा से मेरा संपर्क था जिसका फायदा देश को मिला। मेरी इस भेंट पर हंगामा होना अनावश्यक है।''


इंटरव्यू

हाफिज सईद : मैं आपके लेख पढ़ता रहा हूं और आपके टीवी इंटरव्यू भी मैंने देखे हैं। अपने बारे में थोड़ा और बताइए।
वेदप्रताप वैदिक : मैं अखबार और एक न्यूज एजेंसी का संपादक रहा हूं। विदेश नीति और अन्य विषयों पर लगभग दर्जन भर किताबें लिखी हैं। पिछले 50-55 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। आपके देश में पिछले 30-35 साल से बराबर आ रहा हूं। क्या आप मुझे अपने बारे में बताएंगे?
सईद : हां, क्यों नहीं। मेरा जन्म मार्च 1948 में हुआ। मेरे माता-पिता भारत से पाकिस्तान आए थे।

वैदिक : आप क्या बिहार के हैं, मुहाजिर?
सईद : मेरी मां रोपड़ की थीं और पाकिस्तान आकर उन्होंने मुझे जन्म दिया। इस तरह मेरा भारत से भी संबंध है।

वैदिक : यदि भारत से संबंध है तो यह बताइए कि आपने भारत पर ऐसे भयंकर हमले क्यों करवाए?
सईद : यह बेबुनियाद इल्जाम है। जब बंबई के ताज होटल की खबर मैंने टीवी पर देखी तो क्या देखा कि दो घंटे के अंदर ही अंदर मेरा नाम आने लगा। बार-बार आने लगा।

वैदिक : उसकी कुछ वजह तो होगी?
सईद : वजह बस एक ही थी। पिछली सरकार मेरे पीछे हाथ धोकर पड़ी हुई थी। उसका गृहमंत्री रहमान मलिक मेरा दुश्मन था। उसने मुझे जबरदस्ती गिरफ्तार कर लिया।

वैदिक : उनके पास कुछ ठोस सबूत जरूर रहे होंगे?
सईद : सबूत वगैरह कोई नहीं थे। उसे सिर्फ अमेरिका की गुलामी करनी थी। सरकार का दिवाला पिट रहा था। मुझे पकड़कर अमेरिका को खुश कर दिया और बड़ी मदद ले ली। लेकिन मैंने अदालत में सरकार को चारों खाने चित्त कर दिया।

वैदिक : ये आपकी अपनी अदालतें हैं। यदि ये अंतरराष्ट्रीय अदालतें होतीं तो कुछ और बात होती। मैं आपसे पूछता हूं कि अल्लाहताला का कोई कानून आप मानते हैं या नहीं?
सईद : मैं जिहादी हूं।

वैदिक : मैं तो 'जिहादे-अकबर' को मानता हूं। इस ऊंचे जिहाद का मतलब तो मैं यही समझता हूं कि इसमें हिंसा की कोई जगह नहीं।
सईद : आप फिर मुझ पर इल्जाम लगा रहे हैं। मेरा दहशतगर्दी से कोई लेना-देना नहीं है। मैं हिंसा में विश्वास करता ही नहीं। मैं तो शुद्ध सेवा-कार्य करता हूं। मदरसे चलाता हूं, अनाथों की देखभाल करता हूं और देखिए अभी जो वजीरिस्तान से लाखों लोग भाग रहे हैं, उनकी सेवा सरकार से ज्यादा मेरे संगठन के लोग कर रहे हैं। आप चलें, खुद अपनी आंखों से देखें।

वैदिक : लेकिन आखिर संयुक्त राष्ट्र ने आपके संगठन को गैर-कानूनी क्यों घोषित किया है? अमेरिका ने आपके सिर पर करोड़ों का इनाम क्यों रखा है? भारत सरकार ने आपके खिलाफ ठोस सबूत देकर कई दस्तावेज तैयार किए हैं। उन सबका आपके पास क्या जवाब है?
सईद : (थोड़ा उत्तेजित होकर) जवाब क्या है? सारे जवाब मैं दे चुका हूं। क्या मेरे जवाबों से आप संतुष्ट नहीं हैं?

वैदिक : भारत के खिलाफ आप जबर्दस्त नफरत फैलाते हैं। मैंने खुद टीवी पर आपके भाषण सुने हैं।
सईद : और भारत जो हमारे कश्मीरी भाइयों की हत्या करता है, जो बलूचिस्तान और सिंध में दहशतगर्दी फैलाता है, वह कुछ नहीं? अफगानिस्तान को हमारे खिलाफ भड़काता है।

वैदिक : यह बिलकुल गलत है। हम उस देश की दोस्ताना मदद करते हैं। हिन्दुस्तान की जनता आपके नाम से नफरत करती है। मुंबई के रक्तपात को भुलाना मुश्किल है।
सईद : मैं हिन्दुस्तानियों की गलतफहमी दूर करना चाहता हूं।

वैदिक : इसका तो एक ही तरीका है कि आप अपना जुर्म कबूल करें और उसकी उचित सजा मांगें। यह आपकी बहादुरी होगी। आप यह रास्ता नहीं अपना सकते हैं तो माफी मांगें।
सईद : (थोड़ी ऊंची आवाज में) मैंने जब कोई जुर्म ही नहीं किया तो इन सब बातों का सवाल ही नहीं उठता।

सईद : यह बताइए कि यह नरिंदर मोदी कैसा आदमी है? इसका आना समूचे दक्षिण एशिया के लिए खतरा नहीं है?
वैदिक : इसमें कोई शक नहीं कि नरेन्द्र मोदी बहुत सख्त आदमी हैं, लेकिन मोदी साहब ने अपने चुनाव-अभियान में किसी मुल्क के खिलाफ कुछ नहीं बोला। इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ कुछ नहीं बोला। देखिए, आते ही उन्होंने अपनी शपथ-विधि में पड़ोसी देशों और खासकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को बुलाया।

सईद : क्या बुलाया? बुलाकर बेइज्जत कर दिया। आपकी विदेश सचिव ने कहा कि मोदी ने मियां नवाज को डांट लगाई?
वैदिक : मैंने मियां नवाज, आपके विदेश मंत्री और विदेश सचिव से भी यह पूछा तो उन्होंने ऐसी किसी बात से साफ इंकार किया। यह तो सिर्फ मीडिया की करतूत है।

वैदिक : हम मानते हैं कि भारत-पाक संबंधों की राह में आप सबसे बड़े रोड़े हैं। जरा संबंध सुधरते हैं कि कोई न कोई आतंकवाद की घटना घट जाती है।
सईद : मैं बिलकुल भी रोड़ा नहीं हूं। आपकी यही गलतफहमी दूर करने के लिए मैं एक बार भारत आना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि दोनों मुल्कों के ताल्लुकात अच्छे बनें। हम दोनों मुल्कों की तहजीब एक जैसी है। मैं भारत के किसी बड़े जलसे में भाषण (तकरीर) देना चाहता हूं।

वैदिक : मुझसे पाकिस्तान में लोगों ने कहा कि मोदी साहब पाकिस्तान क्यों नहीं आते। अगर आएं तो क्या आप पत्थरबाजी करवाएंगे? प्रदर्शन करेंगे? विरोध करेंगे?
सईद : (थोड़ा रुककर) नहीं, नहीं, हम उनका स्वागत (इस्तकबाल) करेंगे।

वैदिक : मैं तो उल्टा समझ रहा था?
सईद : क्या आपको हम मुसलमानों की मेहमाननवाजी के बारे में पता नहीं है? अगर हमारी सरकार उन्हें बुलाएगी तो वे हमारे मेहमान होंगे।


चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना निर्मित 500वें डब्ल्यूएजी-9एच रेलइंजन भारतीय रेल के बेड़े में शामिल / 500th Locomotive DWAG-9H Built by Chittaranjan Locomotive Works Joins the Fleet of Indian Railways


शीतांशु कुमार सहाय / Sheetanshu Kumar Sahay
कुलभूषण (सदस्य बिजली, रेलवे बोर्ड एवं पदेन सचिव, भारत सरकार) ने चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना (चिरेका) का 18 जुलाई 2014 को दौरा किया। उन्होंने चिरेका निर्मित 500वें डब्ल्यूएजी-9एच रेलइंजन को भारतीय रेल के बेड़े में शामिल किया। उन्होंने चिरेका के विभिन्न शॉपों यथा विद्युत लोको परीक्षण शॉप,  लोको एसेम्ब्ली शॉप, कर्षण मोटर शॉप, व्हील शॉप एवं बोगी शॉप का निरीक्षण किया। उन्होंने, चिरेका में इलेक्ट्रिक लोको उत्पादन की समीक्षा की तथा कर्षण मोटर शॉप के अंदर एक नवनिर्मित वातानुकूलित वाइंडिंग सेक्सन एवं व्हील शॉप में एक सीएनसी एक्सल ग्राईंडिंग मशीन का उद्घाटन किया। बाद में, कुलभूषण ने वीआईपी सेलुन साइडिंग में चिरेका निर्मित 500वें डब्ल्युएजी-9एच रेलइंजन को भारतीय रेल के बेड़े में शामिल करने हेतु आनुष्ठानिक रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। चिरेका के महाप्रबंधक सीपी तायल एवं चिरेका के सभी वरीय अधिकारी कुलभूषण के कारखाना परिदर्शन के दौरान साथ रहे। कुलभूषण के साथ उनकी पत्नी उपस्थित थीं। कुलभूषण ने चिरेका के वरीय अधिकारियों तथा चिरेका स्टाफ काउंसिल के सदस्यों के साथ चर्चा की एवं अपने संक्षिप्त वक्तव्य में चिरेका द्वारा किये गये कार्य की प्रशंसा की।


मंगलवार, 8 जुलाई 2014

मोदी सरकार का पहला रेल बजट / FIRST RAIL BUDGET OF NARENDRA MODI'S GOVERNMENT


-शीतांशु कुमार सहाय / SHEETANSHU KUMAR SAHAY
रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने आज मोदी सरकार का पहला रेल बजट लोकसभा में पेश कर दिया। रेल बजट पेश करते समय रेल मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया और कहा कि भारतीय रेल देश की अग्रणी वाहक और अर्थव्यवस्था की बुनियाद है।
मुख्य बातें इस प्रकार हैं---
-मुंबई-अहमदाबाद मार्ग पर जल्द बुलेट ट्रेन चलाने का इरादा।
-नौ प्रमुख महानगरों तथा विकास केंद्रों को जोड़ने वाली उच्च गति की रेलगाड़ियां चलाने के लिए हीरक चतुभरुज की स्थापना।
-चुनिंदा नौ सेक्टरों में 160 से 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली सेमी हाईस्पीड ट्रेनें चलाना।
-रेलगाड़ियों में सुरक्षा के लिए तैनात रेल सुरक्षा बल के कर्मियों को मोबाइल फोन मुहैया कराया जाएगा जिससे संकट के समय यात्री उनसे संपर्क कर सकें।
-ऑनलाइन टिकट बुकिंग क्षमता बढ़ाई जाएगी और प्रति मिनट 7200 टिकट जारी की जाएंगी तथा एक साथ 1,20,000 लोग इंटरनेट से टिकट प्राप्त कर सकेंगे।
-इंटरनेट के माध्यम से प्लेटफॉर्म और अनारक्षित टिकट भी हासिल किये जा सकेंगे।
-अगले पांच साल में रेलवे पूरी तरह से कागजरहित, कंप्यूटरीकृत होगा।
-ए-1 और ए श्रेणी के सभी स्टेशनों और चुनिंदा गाड़ियों में वाई-फाई सेवाएं।
-यात्रियों के लिए मोबाइल आधारित वेक-अप कॉल और गंतव्य पर पहुंचने की मोबाइल आधारित सूचना।
-प्रसिद्ध ब्रांड के रेडी-टू-ईट भोजन की व्यवस्था शुरू करना।
-ईमेल, एसएमएस और स्मार्ट फोन के जरिये रेलगाड़ियों में स्थानीय व्यंजन मुहैया कराने के लिए बड़े स्टेशनों पर फूड कोर्ट स्थापित करना।
-टूटी हुई पटरियों और वेल्डिंग की विफलताओं का पता लगाने के लिए अल्ट्रासोनिक ब्रोकन रेल डिटेक्शन :यूबीआरडी: प्रणाली।
-सुरक्षा के लिए रेलवे सुरक्षा बल में 4000 महिलाओं सहित 11000 सुरक्षाकर्मियों की भर्ती।
-सभी प्रमुख स्टेशनों के प्लेटफॉर्म पर भिन्न रूप से सक्षम व्यक्तियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बैटरी चालित कार।
-पार्किंग और प्लेटफॉर्म के लिए कांबो टिकट जारी करने का प्रस्ताव। रेलवे विश्रामालयों की ई-बुकिंग।
-18 नयी लाइनों के लिए सर्वेक्षण।
-पांच नयी जनसाधारण गाड़ियां, 5 प्रीमियम, 6 एसी और 27 नयी एक्सप्रेस गाड़ियां शुरू की जाएंगी। 19. आठ नयी यात्री गाड़ियां, 5 डेमू सेवाएं तथा 2 मेमू सेवाएं शुरू की जाएंगी और 11 गाड़ियों का विस्तार किया जाएगा।
-चालू परियोजनाओं की स्थिति ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएगी।
-25 लाख रुपये या उससे अधिक की खरीद के लिए ई-खरीद अनिवार्य होगी।
-अगले दो महीने में माल डिब्बों की मांग ऑनलाइन शुरू कर दी जाएगी।
-नमक की ढुलाई के लिए जंगरोधी मालडिब्बों की शुरूआत।
-दो साल के अंदर मुंबई के लिए अतिरिक्त 864 अत्याधुनिक ईएमयू उपलब्ध कराना।
-नेशनल डेयरी बोर्ड और अमूल के साथ मिलकर विशेष दूध टैंकर गाड़ियों का प्रावधान।
-दूरदराज के रेल कर्मचारियों के बच्चों को रेलटेल ओएफसी (ऑप्टिकल फाइबर केबल) नेटवर्क के माध्यम से शिक्षा प्रदान करना।
-रेलवे भूमि की जीआईएस मैपिंग और डिजिटलीकरण।
-कर्मचारी हित निधि में प्रति व्यक्ति अंशदान 500 रुपये से बढ़ाकर 800 रुपये करना।
-वातानुकूलित रेल इंजन केबिनों की व्यवस्था के लिए अध्ययन।
-स्वामी विवेकानंद के जीवन और सेवाओं को दर्शाने वाली विशेष गाड़ी चलाना।
-रेलवे की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आंतरिक राजस्व स्रोत और सरकारी वित्तपोषण अपर्याप्त होने के चलते रेल सेक्टर में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल से अनुमति ली जाएगी।

जनसाधारण ट्रेनें---
1. अहमदाबाद-दरभंगा जनसाधारण एक्सप्रेस वाया सूरत
2. जयनगर-मुंबई जनसाधारण एक्सप्रेस
3. मुंबई-गोरखपुर जनसाधारण एक्सप्रेस
4. सहरसा-आनंद विहार जनसाधारण एक्सप्रेस वाया मोतिहारी
5. सहरसा-अमृतसर जनसाधारण एक्सप्रेस
प्रीमियम ट्रेनें---
1. मुंबई सेंट्रल-नई दिल्ली प्रीमियम एसी एक्सप्रेस
2. शालीमार-चेन्नै प्रीमियम एसी एक्सप्रेस
3. सिकंदराबाद-हजरत निजामुद्दीन प्रीमियम एसी एक्सप्रेस
4. जयपुर-मदुरै प्रीमियम एक्सप्रेस
5. कामाख्या-बेंगलुरु प्रीमियम एक्सप्रेस
एसी एक्सप्रेस ट्रेनें---
1. विजयवाडा़-नई दिल्ली एपी एक्सप्रेस (डेली)
2. लोकमान्य तिलक टर्मिनस-लखनऊ (वीकली)
3. नागपुर-अमृतसर (वीकली)
4. नहरलगुन-नई दिल्ली (वीकली)
5. नागपुर-पुणे (वीकली)
6. निजामुद्दीन-पुणे (वीकली)
एक्सप्रेस ट्रेनें---
1. अहमदाबाद-पटना एक्सप्रेस (वीकली) वाया वाराणसी
2. अहमदाबाद-चेन्नै एक्सप्रेस (वीक में दो दिन) वाया वसाई रोड
3. बेंगलुरु-मंगलौर एक्सप्रेस (डेली)
4. बेंगलुरु-शिमोगा एक्सप्रेस (वीक में दो दिन)
5. बांद्रा-जयपुर एक्सप्रेस (वीकली) वाया नगड़ा, कोटा
6. बीदर-मुंबई एक्सप्रेस (वीकली)
7. छपरा-लखनऊ एक्सप्रेस (वीक में तीन दिन) वाया बलिया, गाजीपुर, वाराणसी
8. फिरोजपुर-चंडीगढ़ एक्सप्रेस (वीक में छह दिन)
9. गुवाहाटी-नहरलगुन इंटरसिटी एक्सप्रेस (डेली)
10. गुवाहाटी-मुर्कोंगसेलेक इंटरसिटी एक्सप्रेस (डेली)
11. गोरखपुर-आनंद विहार एक्सप्रेस (वीकली)
12. हापा-बिलासपुर एक्सप्रेस (वीकली) वाया नागपुर
13. हजूर साहब नांदेड़-बीकानेर एक्सप्रेस (वीकली)
14. इंदौर-जम्मूतवी एक्सप्रेस (वीकली)
15. कामाख्या-कटरा एक्सप्रेस (वीकली) वाया दरभंगा
16. कानपुर-जम्मूतवी एक्सप्रेस (वीक में दो दिन)
17. लोकमान्य तिलक टर्मिनल-आजमगढ़ एक्सप्रेस (वीकली)
18. मुंबई-काजीपेठ एक्सप्रेस (वीकली) वाया बल्लारशाह
19. मुंबई-पालिटाना एक्सप्रेस (वीकली)
20. नई दिल्ली-बटिंडा शताब्दी एक्सप्रेस (वीक में दो दिन)
21. नई दिल्ली-वाराणसी एक्सप्रेस (डेली)
22. पारादीप-हावड़ा एक्सप्रेस (वीकली)
23. पारादीप-विशाखापतनम एक्सप्रेस (वीकली)
24. राजकोट-रेवा एक्सप्रेस (वीकली)
25. रामनगर-आगरा एक्सप्रेस (वीकली)
26. टाटानगर-बैयप्पनहली (बेंगलुरु) एक्सप्रेस (वीकली)
27. विशाखापतनम-चेन्नै एक्सप्रेस (वीकली)
पैसेंजर ट्रेनें---
1. बीकानेर-रेवाड़ी पैसेंजर (डेली)
2. धारवाड़-डंडेली पैसेंजर (डेली) वाया अलनावर
3. गोरखपुर-नौतनवा पैसेंजर (डेली)
4. गुवाहाटी-मेंदीपाथर पैसेंजर (डेली)
5. हटिया-राउरकेला पैसेंजर
6. बाइंदूर-कासरगोड पैसेंजर (डेली)
7. रंगपाड़ा नॉर्थ-रंगिया पैसेंजर (डेली)
8. यशवंतपुर-तुमकुर पैसेंजर (डेली)
मेमू सेवाएं---
1. बेंगलुरु-रामनगरम (हफ्ते में 6 दिन)
2. पलवल-दिल्ली-अलीगढ़
डेमू सेवाएं---
1. बेंगलुरु-नीलमंगला (डेली)
2. छपरा-मंडुआडीह (हफ्ते में 6 दिन) वाया बलिया
3. बारामूला-बनिहाल (डेली)
4. संबलपुर-राउरकेला (हफ्ते में 6 दिन)
5. यशवंतपुर-होसुर (हफ्ते में 6 दिन)
पहले से चल रही ट्रेनों का विस्तार---
1. 22409/22410 आनंद विहार-सासाराम गरीब रथ एक्सप्रेस गया तक
2. 12455/12456 दिल्ली सराय रोहिल्ला-श्रीगंगानगर एक्सप्रेस बीकानेर तक
3. 15231/15232 गोंदिया-मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस बरौनी तक
4. 12001/12002 नई दिल्ली-भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस हबीबगंज तक
5. 54602 लुधियाना-हिसा पैसेंजर सादुलपुर तक
6. 55007/55008 सोनपुर-कप्तानगंज पैसेंजर गोरखपुर तक
7. 55072/55073 गोरखपुर-थावे पैसेंजर सीवान तक
8. 63237/63238 बक्सर-मुगलसराय मेमू वाराणसी तक
9. 63208/63211 झाझा-पटना मेमू जसीडीह तक
10. 64221/64222 लखनऊ-हरदोई मेमू शाहजहांपुर तक
11. 68002/68007 हावड़ा-बेल्दा मेमू जलेश्वर तक


रेल बजट में बिहार को मिला 7 नये रेलगाड़ियों की सौगात

रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने मंगलवार को पेश किये अपने रेल बजट सबसे ज्यादा तव्वजो सुरक्षा, सुविधा और रेल की वितिय घाटों को दिया। गौड़ा ने अपने बजट भाषण में कहा कि रेल की परियोजनाओं को पूरा करने के लिए निवेश की जरूरत है। किराये की नीतियां नहीं बदली गई तो घाटा बढ़ता जाएगा। किराया बढ़ाये जाने से 8 हजार करोड़ रुपए का फायदा होगा। वहीं इस रेल बजट में बिहार को जहां 7 नयी ट्रेनों की सौगात मिली है, वहीं 6 ट्रेनों का विस्तार किया गया है।
बिहार को मिलने वाली नयी ट्रेनें---
अहमदाबाद-दरभंगा, जनसाधारण एक्सप्रेस वाया सूरत
सहरसा-आनंद विहार जनसाधारण एक्सप्रेस वाया मोतीहारी
सहरसा-अमृतसर जनसाधारण एक्सप्रेस
अहमदाबाद-पटना एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया वाराणसी
छपरा-लखनऊ एक्सप्रेस (सप्ताह में तीन दिन) वाया बिलया, गाजीपुर, वाराणसी
कामाख्या-कटरा एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया दरभंगा
छपरा-मंडुआडिह (सप्ताह में 6 दिन) वाया बिलया
मौजूदा गाड़ियों के चालन का विस्तार---
22409/22410 गया तक आनंद विहार-सासाराम गरीब रथ एक्सप्रेस
15231/15232 बरौनी तक गोंदिया-मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस
55007/55008 गोरखपुर तक सोनपुर-कप्तानगंज पैसजर
55072/55073 सीवान तक गोरखपुर-थावे पैसजर
63237/63238 वाराणसी तक बक्सर-मुगलसराय मेमू
63208/63211 जसीडीह तक झाझा-पटना मेमू


पर्यटन और तीर्थाटन भी कराएगी भारतीय रेल---
अगर आपके मन में सैलानी बसता है या अर्सा हो गया अपने धर्म के तमाम स्थलों को एक साथ देखने की लालसा पाले हुए, तो बस अब अपने सूटकेस तैयार कर लीजिये, क्योंकि भारतीय रेल ने अब आपके मन की मुराद पूरी करने का इंतजाम कर दिया है। सैलानियों और विभिन्न धर्मों के तीर्थ यात्रियों के मन की मुराद पूरी करते हुए मोदी सरकार की रेल विभिन्न धर्म स्थलों और पर्यटन स्थलों को जोडने वाले सर्किट बनाएगी। रेल मंत्री सदानंद गौडा ने आज पेश रेल बजट में इस तरह के सर्किट कायम करने की घोषणा की। मां दुर्गा के विभिन्न स्थलों को जोड़ने देवी सर्किट, देश के 12ज्योतिलिगों का दर्शन कराने वाला ज्योतिलिंग सर्किट, विभिन्न ईसाई धर्म स्थलों तक ले जाने वाला क्रिश्चन सर्किट, मुस्लिम, सूफी सर्किट सिख सर्किट, बोध सर्किट, प्रसिद्ध मंदिर सर्किट जैसे रूटों की पहचान की गई है। नए बजट में इन सर्किटों के लिए विशेष पैकेज गाडियां चलाने का प्रस्ताव किया गया। इस क्षेत्र में निजी भागीदारी को भी बढावा दिया जाएगा। तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के लिए कम दूरी की कुछ गाडियां शुरू करने का भी प्रस्ताव है। पयर्टन के लिए जो सर्किट तय किए गए हैं, वे इस प्रकार हैं...पूर्वोत्तर राज्यों में इको टूरिज्म और शैक्षिक पर्यटन। र्नाटक और महाराष्ट्र के तीर्थ स्थलों के लिए पर्यटन स्थलों को शामिल करते हुए बगलकोट, बीजापुर और सोलापुर के रास्ते गदग से पंढरपुर तक पर्यटन ट्रेन। बेंगलरू, चेन्नई, अयोध्या और वाराणसी जैसे तीर्थ तथा पर्यटन स्थलों तक जाने वाली पर्यटन ट्रेन, जो रामेशवरम से चलेगी।.स्वामी विवेकानंद के जीवन और सेवाओं को दर्शान वाली विशेष रेल।

भाषण समाप्त कर सदानंद ने छुए आडवाणी के पैर---
रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने भाषण समाप्त करने के बाद भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी के पैर छुए। रेल बजट समाप्त करने के साथ सदस्य बधाई देने के लिए गौड़ा की ओर बढ़ने लगे। गौड़ा ने कई सदस्यों की बधाई लेने के बाद मुस्कराते हुए आडवाणी के पैर छुए। आडवाणी ने उनकी पीठ थपथपाई। पार्टी के वरिष्ठ मुरली मनोहर जोशी अपनी सीट से उठकर गौड़ा के पास गए और बधाई दी। खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने भी रेल मंत्री की ओर बधाई देने के लिए हाथ बढ़ाया, लेकिन वह सदस्यों की भीड़ बढ़ने के कारण इस पर ध्यान नहीं दे पाए।

साल भर बढ़ता रहेगा रेल किराया---
मोदी सरकार ने अपने पहले रेल बजट में भले ही रेल किराये में और बढ़ोतरी की कोई घोषणा नहीं की है, लेकिन यूपीए सरकार के फैसले को जारी रखते हुए सरकार ने साल भर रेल किराया बढ़ते रहने का रास्ता साफ कर दिया है। रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने ऐलान किया है कि तेल की कीमतों के मुताबिक रेल किराया तय होगा। इस फैसले का अंजाम यह होगा कि जैसे ही पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ेंगीं, उसी हिसाब से किराया भी बढ़ेगा। यहां आपको बता दें कि डीजल के दाम पर से कंट्रोल खत्म करने के यूपीए सरकार के फैसले को जारी रख कर मोदी सरकार ने भी समय-समय पर रेल किराया बढ़ते रहने का विकल्प खुला रखा है। इस नीति के तहत डीजल के दाम उस वक्त तक हर महीने बढ़ते रहेंगे, जबतक इंटरनैशनल लेवल पर डीजल की कीमतों और देश में डीजल की कीमत बराबर नहीं हो जाती।

बड़ी लाभदायक है मेहंदी / MEHANDI


-शीतांशु कुमार सहाय / SHEETANSHU KUMAR SAHAY
1. मेहंदी के पत्‍तों में ऐसे तत्‍व पाये जाते हैं, जिनसे खाघ पदार्थों को दूषित करने वाले कीटाणु नष्‍ट हो जाते हैं, इसलिये हाथों में मेहंदी लगाने से कुप्रभावयुक्‍त शक्‍ति भोज्‍य पदार्थों पर अपना कोई प्रभाव नहीं डालती है। मेहंदी के चिकित्‍सीय उपयोग
2. उच्‍च रक्‍तचाप के रोगियों के त्‍लवों तथा हथेलियों पर मेहंदी का लेप समय समय पर लगाना लाभप्रद होता है। इससे अनिद्रा दूर हो कर रक्‍तचाप सामान्‍य होने लगता है।
3. ताजा हरी पत्‍तियों को पानी के साथ पीस कर लेप करने से अधिक लाभ होता है। इससे गर्मी की जलन से आराम मिलता है। तलवों पर लेप करने से नकसीर बंद हो जाती है।
4. मेहंदी के फूल उत्‍तेजक, हृदय को बल देने वाले होते हैं। इसका काढ़ा हृदय को संरक्षण करने तथा नींद लाने के लिये दिया जाता है।
5. मेहंदी के बीजों का उपयोग बुखार एवं मानसिक रोग में किया जाता है। खूनी दस्‍त में बीजों का उपचार है।
6. मेहंदी की छाल का प्रयोग पीलिया, बढे़ हुए जिगर और तिल्‍ली, पथरी, जलन, कुष्‍ठ और चर्म रोगों में किया जाता है।
7. मेहंदी के पत्‍ते सिरदर्द, खांसी, जुकाम, खुजली, कुष्‍ठ रोग, नेत्र, तिल्‍ली तथा मासिक धर्म संबन्‍धी रोग में लाभकारी होते हैं।
8. मेहंदी के चूर्ण में जरा सा नींबू का रस मिला कर हाथों एवं पैरों के नाखूनों पर इसका लेप करने से नाखूनों का खुरदरापन समाप्‍त हो कर उन में चमक आती है। पैरों में जलन तथा एडि़यों के फटने पर यह लेप लाभप्रद है।
9. जली हुई या छाले पड़ी हुई जगह पर मेहंदी का चूर्ण शहद में लिा कर लगा देने से तत्‍काल राहत मिलती है।
10. मुंह के छालों तथा गले की सूजन में मेहंदी पत्‍तों के काढ़े से कुल्‍ला करने से लाभ होता है। मेहंदी के पत्‍तों के स्‍वरस के साथ मिश्री मिला कर सेवन करने से पेशाब साफ आता है।

बुधवार, 2 जुलाई 2014

महालक्ष्म्यष्टकम् / Mahālakṣmyaṣṭakam

(देवराज इंद्र ने देवी महालक्ष्मी की स्तुति की। वह स्तोत्र 'महालक्ष्म्यष्टकं' जन कल्याण के लिए विख्यात हुआ। महालक्ष्मी की दृष्टि मात्र पड़ जाने से व्यक्ति श्री युक्त हो जाता है। प्रत्येक को इस स्तोत्र का पाठ अवश्य करके प्रसन्नता प्राप्त करनी चाहिए।)

महालक्ष्म्यष्टकम्

नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।
शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।। 1।।
नमस्ते गरूडारूढे कोलासुरभयंकरि।
सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।। 2।।
सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्टभयंकरि।
सर्वदुःखहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।। 3।।
सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि।
मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।। 4।।
आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि।
योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।। 5।।
स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे।
महापापहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।। 6।।
पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणि‍।
परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।। 7।।
श्वेताम्बरधरे देवि नानालंकारभूषिते।
जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।। 8।।
महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं यः पठेद्भक्तिमान्नरः।
सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा।। 9।।
एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम्।
द्विकालं यः पठेन्नित्यं धनधान्यसमन्वितः।। 10।।
त्रिकालं यः पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम्।
महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा।। 11।।
|| इति इन्द्रकृतं महालक्ष्म्यष्टकं सम्पूर्णम् ||

यों करें शिव के रुद्रावतार भगवान हनुमान की पूजा / Thus the Worship of Shiva Rudrawatar Lord Hanuman

हनुमान जी के भक्तों के लिए कुछ नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन करने से हनुमान जी की पूजा बिना त्रुटि के होती है और इच्छित मनोकामना शीघ्र पूरी होती है। सबसे पहली बात साधक को यह ध्यान रखनी चाहिए कि तन और मन की पवित्रता बनी रहे। साधना काल में एक चीज बेहद अनिवार्य है। यह है बह्मचर्य का पालन। जैसा कि विदित है कि स्वयं हनुमान जी ब्रह्मचारी रहे, इसलिए साधक का भी पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाना चाहिए। सिंदूर तिल के तेल में मिलाकर चढ़ाएं। सिंदूर के अलावा घिसा हुआ लाल चंदन केसर के साथ लगाना चाहिए। हनुमान जी को कमल, गेंदे और सूर्यमुखी के फूल अर्पित करने चाहिए। ये फूल लाल या पीलें हों तो अति उत्तम। 
अगर आप दिन के समय पूजा कर रहे हैं, तो नारियल का गोला, गुड़, रोटी का चूरमा, लड्डू या फिर मोटा रोट चढ़ाना चाहिए। रात के समय केला, आम या अमरूद का फल चढ़ाना चाहिए। पूजा करते समय हनुमान की की तस्वीर या प्रतिमा के नेत्रों की ओर देखते हुए मंत्र जाप करना चाहिए। साधना के समय हनुमान जी के रूप का ध्यान मन में करें। ध्यान इस तरह लगाएं कि नेत्र बंद कर लेने के बाद भी हनुमान का विग्रह ही नजर आए। हनुमान जी की भक्ति के लिए मंगलवार को श्रेष्ठ दिन माना गया है। हालांकि शनिवार को भी पूजा-उपासना की जा सकती है। हनुमान जी की पूजा के लिए लाई गई सामग्री शुद्ध एवं बिना काम में ली हुई होनी चाहिए। सामग्री भले ही ज्यादा ना हो, लेकिन जो भी अर्पित करें वह शुद्ध और ताजा हो।

सोमवार, 30 जून 2014

झारखण्ड में समय से पूर्व 2014 में होंगे चुनाव / Would be Premature Elections in Jharkhand in 2014


-चार राज्यों में एक साथ चुनाव कराने की तैयारी
-शीतांशु कुमार सहाय
झारखंड में निर्धारित समय से पहले ही विधानसभा चुनाव में होने के आसार नज़र आने लगे हैं। निर्वाचन आयोग इस मामले पर गंभीर मंथन कर रहा है। देश के चार राज्यों में अगले चार महीनों के दौरान होने वाले चुनाव एक साथ करा लिये जाने की संभावना है। यदि ये चुनाव अलग-अलग हुए तो निर्वाचन आयोग को लगातार सितंबर से दिसंबर तक चुनाव कराने पड़ेंगे। झारखंड विधानसभा का कार्यकाल तीन जनवरी 2015 को समाप्त हो रहा है जबकि सात दिसंबर को महाराष्ट्र, चार नवंबर को अरुणाचल और 27 अक्टूबर को हरियाणा में राज्य विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। निर्वाचन आयोग इन चुनावों के साथ-साथ दिल्ली विधानसभा के लिए भी मध्यावधि चुनाव कराने के प्रयास में है।
निर्वाचन आयोग दो विकल्पों पर विचार कर रहा है। पहला तो यह कि चारों राज्यों में चुनाव एक साथ कराये जायंे। दूसरा यह कि हरियाणा में पहले और उसके बाद अन्य तीन राज्यों में एक साथ चुनाव कराये जायें। चार राज्यों में एक साथ चुनाव कराने की संभावनाओं का अध्ययन करने के लिए चुनाव आयोग के अधिकारी विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। आयोग चार राज्यों में एक साथ अक्टूबर में चुनाव करा सकता है। यदि ऐसा होता है तो अगस्त के अंतिम सप्ताह तक इसकी अधिसूचना जारी की जा सकती है।
दूसरी ओर दो दिन पूर्व प्रदेश भाजपा कार्यालय में भाजपा नेताओं की उच्चस्तरीय बैठक में भी इन संभावनाओं पर विचार व्यक्त किया गया। मिल रहे संकेतों के आधार पर भाजपा नेताओं ने अभी से ही चुनाव अभियान में जुट जाने की सलाह दी। साथ ही साथ चुनाव को लेकर रणनीति भी बनायी गयी। इसी आधार पर जिला अध्यक्षों एवं अन्य पदाधिकारियों की बैठक में अगले तीन महीने के लिए टास्क सौंपे गये। इधर, राजद, काँग्रेस और झामुमो ने भी चुनावी तैयारी शुरू कर दी है।

राँची में 2014 की रथयात्रा पर आस्था का उमड़ा जनसैलाब / RANCHI JAGANNATH RATHYATRA- 2014



-शीतांशु कुमार सहाय
भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की रथयात्रा रविवार 30 जून 2014 को झारखण्ड की राजधानी राँची समेत राज्य के विभिन्न स्थानों में श्रद्धापूर्वक निकाली गयी। राजधानी राँची स्थित जगन्नाथ मंदिर से भी परंपरागत तरीके से रविवार 30 जून 2014 की शाम रथयात्रा की शुरूआत हुई। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने रथयात्रा में हिस्सा लिया और रथ को खींचकर मौसीबाड़ी पहुँचाया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री  हेमन्त सोरेन ने भी राँची के धुर्वा स्थित जगन्नाथ मंदिर में रथमेले का शुभारम्भ डोर खींचकर किया। इस अवसर पर उन्होंने परम्परा का निर्वहन करते हुए पीली धोती पहनी और कमर से ऊपर के अंग खुले रखते हुए रथयात्रा में शामिल हुए। इसी स्थिति में उनके साथ पूर्व केन्द्रीय मंत्री व लोकसभा चुनाव-2014 में राँची लोकसभा क्षेत्र से पराजित काँग्रेसी नेता सुबोधकान्त सहाय भी शामिल हुए। दोनों नेताओं ने भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों को हार्दिक बधाई देते हुए राज्य के लिए शांति, समृद्धि एवं खुशहाली की प्रार्थना भगवान जगन्नाथ से की। इस अवसर पर हटिया के विधायक नवीन जायसवाल ने भी पूजा-अर्चना की। राँची के उपायुक्त विनय कुमार चौबे, वरीय आरक्षी अधीक्षक प्रभात कुमार समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। यों विधिवत् जगन्नाथ मेले का शुभारम्भ हो गया।

कमर से ऊपर के अंग खुले रखते हुए झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और पूर्व केन्द्रीय मंत्री व लोकसभा चुनाव-2014 में राँची लोकसभा क्षेत्र से पराजित काँग्रेसी नेता सुबोधकान्त सहाय राँची के रथयात्रा में शामिल हुए और रथ की रस्सी खींचकर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किया।


गुरुवार, 26 जून 2014

नेशनल हेराल्ड घोटाला : सोनिया व राहुल ने हड़पे अरबों रुपये / NATIONAL HERALD SCAM


प्रस्तुति- शीतांशु कुमार सहाय
कांग्रेस द्वारा वित्तपोषित नेशनल हेराल्ड अखबार मामले में दिल्ली की एक अदालत ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को समन जारी कर 7 अगस्त 2014 को पेश होने होने को कहा है। भाजपा नेता सुब्रहमण्यम स्वामी द्वारा दायर याचिका पर गुरुवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट की अदालत ने सुनवाई करते हुए दोनों नेताओं को समन जारी किया। स्वामी ने याचिका में कांग्रेस पर नेशनल हेराल्ड अखबार की संपत्ति को एक नई निजी कंपनी बनाकर हथियाने का आरोप लगाया है। कोर्ट ने स्वामी की दलील सुनने के बाद सोनिया और राहुल को समन जारी कर कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया। स्वामी ने याचिका में सोनिया और राहुल को मुख्य अभियुक्त और कंपनी के निदेशक कांग्रेस नेता मोती लाल वोरा, ऑस्कर फर्नाडीज, सुमन दूबे व सैम पित्रोदा को सहअभियुक्त बनाया है। याचिका में स्वामी ने आरोप लगाया है कि आरोपियों ने यंग इंडियन नामक एक कंपनी बनाकर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड द्वारा संचालित नेशनल हेराल्ड अखबार को 90 करोड़ रुपये का बिना जमानत कर्ज देकर उसकी पांच हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति को हथियाने की साजिश कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस का कहना है कि उसने एक कंपनी को लोन दिया था, लेकिन वह एक भावात्मक फैसला था, क्योकि नेशनल हेराल्ड की स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने की थी। बहरहाल, पटियाला हाउस कोर्ट ने इसी मामले में सम्मन भेजा है। सोनिया और राहुल के साथ पांच अन्य के नाम भी सम्मन जारी किया गया है। महानगर दंडाधिकारी गोमती मानोचा ने सम्मन जारी करते हुए कहा कि मुझे सभी आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया सबूत मिले हैं। अदालत उन्हें 7 अगस्त 2014 से पहले पेश होने के आदेश देती है। सुनवाई के बाद स्वामी ने कहा कि सोनिया-राहुल को केस का सामना करना होगा। अब दोनों के पासपोर्ट जब्त करने की मांग की जाएगी। मामले में 7 साल की जेल से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकता है। स्वामी ने कहा, 'चूंकि हेरल्ड हाउस को केंद्र सरकार ने समाचार पत्र चलाने के लिए जमीन दी थी इस लिहाज से उसे व्यावसायिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। मगर पासपोर्ट सेवा केंद्र का संचालन हेरल्ड हाउस से ही हो रहा है।'
नेशनल हेराल्ड का मामला---
नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र की स्थापना 1938 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने की थी। यह 2008 में बंद हो गया था। स्‍वामी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने सोनिया की कंपनी यंग इंडिया लिमिटेड को बिना किसी जमानत के लोन दिया ताकि वे नेशनल हेराल्‍ड की होल्‍ड‍िंग वाली कंपनी असोसिएटेड जर्नल्‍स का अधिग्रहण कर सकें। स्‍वामी ने यह भी आरोप लगाया कि नेशनल हेराल्‍ड की 2000 करोड़ रुपए की संपत्ति को कांग्रेसी नेताओं ने फर्जी कागजात के माध्‍यम से हासिल कर लिया। स्‍वामी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सोनिया और राहुल के हस्‍ताक्षर उनके नेशनल हेराल्‍ड केस में शामिल होने की पुष्टि करते हैं। स्‍वामी ने कहा कि यह फ्रॉड और विश्‍वासघात का मामला है और सोनिया-राहुल को 7 साल से लेकर उम्रकैद की सजा हो सकती है।
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी के सवाल---
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि गांधी परिवार हेराल्ड की संपत्तियों का अवैध ढंग से उपयोग कर रहा है। इनमें दिल्ली का हेराल्ड हाउस और अन्य संपत्तियां शामिल हैं। वे इस आरोप को लेकर 2012 में कोर्ट गए। कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद अब जाकर सोनिया और राहुल को समन किया है जिन्हें 7 अगस्त 2014 को कोर्ट में पेश होना है।

-पंडित जवाहरलाल नेहरू ने नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना की।
-अखबार के मास्‍ट हेड पर लिखा गया था कि 'स्‍वतंत्रता खतरे में है, सभी के साथ इसकी रक्षा करनी है।' अंग्रेजी में इसका मतलब है कि Freedom is in Peril, Defend it with All Your Might.
-जब इस अखबार की शुरुआत हुई तो इसके पहले संपादक पंडित जवाहर लाल नेहरु हुए।
-अखबार की स्थापना 8 सितंबर 1938 को लखनऊ में की गई थी।
-अखबार के पहले संपादक भी पंडित जवाहर लाल नेहरू ही थे।
-प्रधानमंत्री बनने तक नेहरू नेशनल हेराल्ड बोर्ड के चेयरमैन रहे।
-जवाहर लाल नेहरु को जब देश का प्रधानमंत्री बनाया गया तो उन्‍होंने संपादक के पद से इस्‍तीफा दे दिया और उसके बाद के राम राव को नेशनल हेराल्‍ड का संपादक बनाया गया।
-अगस्‍त 1942 के बाद जब ब्रिटिशों ने इंडिया प्रेस पर हमला किया तो उस दौरान हेराल्‍ड अखबार को भी बंद करना पड़ा। हेराल्‍ड को वर्ष 1942 से लेकर 1945 तक पूरी तरह से बंद कर दिया गया।
-वर्ष 1945 के अंतिम महीनों में एक बार फिर से नेशनल हेराल्‍ड की शुरुआत की गई।
-नेशनल हेराल्‍ड की दूसरी शुरुआत में कांग्रेस के कांग्रेस नेता व इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी ने वर्ष 1946 में अखबार की बागडोर प्रबंध निदेशक के रूप में संभाली। इस समय मानिकोंडा चलापति राव को संपादक का पदभार दिया गया। अभी तक हेराल्‍ड के दो संस्‍करण लखनऊ और दिल्‍ली से निकलने लगे थे।
-नेशनल हेराल्‍ड को हिंदी में नवजीवन और उर्दू भाषा में कौमी आवाज के नाम से भी निकाला जाता था।
-आजादी की लड़ाई में इस अखबार ने अहम भूमिका अदा की।
-अखबार ने बाद में हिंदी नवजीवन और उर्दू कौमी आवाज अखबार भी निकाला।
-यह कहना कतई अतिश्‍योक्ति नहीं होगा कि नेशनल हेराल्‍ड पूरी तरह से कांग्रेसी अखबार था। आजादी के बाद भी नेशनल हेराल्ड कांग्रेस का मुखपत्र बना रहा।
-वर्ष 1977 में जब लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी की हार हुई थी तो भी इस अखबार को दो सालों के लिए बंद कर दिया गया था। यहां से हेराल्‍ड का काला इतिहास शुरु हो गया था।
-इंदिरा गांधी की हार के बाद पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने नेशनल हेराल्‍ड की बागडोर संभाली लेकिन तब तक माहौल बिल्‍कुल बदल चुका था।
-वर्ष 1998 में लखनऊ संस्‍करण को बंद कर दिया गया और सिर्फ दिल्‍ली संस्‍करण ही बाजार में आता रहा।
-1 अप्रैल, वर्ष 2008 को नेशनल हेराल्‍ड के बोर्ड सदस्‍यों ने खराब आर्थिक हालात के चलते इस बात की घोषणा कर दी कि अब हेराल्‍ड के दिल्‍ली संस्‍करण को भी बंद किया जा रहा है। नेशनल हेराल्‍ड को जब बंद किया गया तो उस समय उसके एडिटर इन चीफ टीवी वेंकेटाचल्‍लम थे।
-2008 में अखबार का मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल्स के पास था।
-नेशनल हेराल्ड को चलाने वाली कंपनी एसोसिएट जर्नल्स ने कांग्रेस पार्टी से बिना ब्याज के 90 करोड़ का कर्ज लिया।
-कांग्रेस ने कर्ज देने का मकसद कंपनी के कर्मचारियों को बेरोजगार होने से बचाना बताया।
-नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन इसके बावजूद दोबारा कभी शुरू नहीं हुआ।
-26 अप्रैल 2012 को यंग इंडिया कंपनी ने एसोसिएटेड जर्नल्स का मालिकाना हासिल कर लिया।
-यंग इंडिया कंपनी में 76 प्रतिशत शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के हैं।
-इनमें से 38 प्रतिशत सोनिया गांधी और 38 प्रतिशत राहुल गांधी के हैं।
-बाकी शेयर सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज के पास हैं।
-यंग इंडिया ने हेराल्ड की 1600 करोड़ की परिसंपत्तियां महज 50 लाख में हासिल कीं।
-सोनिया-राहुल की कंपनी यंग इंडिया ने दिल्ली में सात मंजिला हेराल्ड हाउस को किराये पर कैसे दिया। इसकी दो मंजिलें पासपोर्ट सेवा केंद्र को किराये पर दी गईं जिसका उद्घाटन तत्कालीन विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने किया था। यानि यंग इंडिया किराये के तौर पर भी बहुत पैसा कमा रही है।
-राहुल ने एसोसिएटेड जर्नल में शेयर होने की जानकारी 2009 में चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में छुपाई और बाद में 2 लाख 62 हजार 411 शेयर प्रियंका गांधी को ट्रांसफर कर दिए। राहुल के पास अब भी 47 हजार 513 शेयर हैं।
-आखिर कैसे 20 फरवरी 2011 को बोर्ड के प्रस्ताव के बाद एसोसिएट जर्नल प्राइवेट लिमिटेड को शेयर हस्तांतरण के माध्यम से यंग इंडिया को ट्रांसफर किया गया जबकि यंग इंडिया कोई अखबार या जर्नल निकालने वाली कंपनी नहीं है?
-कांग्रेस द्वारा एसोसिएट जर्नल प्राइवेट लिमिटेड को बिना ब्याज पर 90 करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज कैसे दिया गया जबकि यह गैर-कानूनी है क्योंकि कोई राजनीतिक पार्टी किसी भी व्यावसायिक काम के लिए कर्ज नहीं दे सकती?
-जब एसोसिएटेड जर्नल का ट्रांसफर हुआ तब इसके ज्यादातर शेयरहोल्डर मर चुके थे ऐसे में उनके शेयर किसके पास गए और कहां हैं?
-आखिर कैसे एक व्यावसायिक कंपनी यंग इंडिया की मीटिंग सोनिया गांधी के सरकारी आवास 10 जनपथ पर हुई?


नेशनल हेराल्ड के वेबसाइट पर इस समाचार को यों परोसा गया-

Sonia, Rahul summoned in National Herald case

By National Herald, 26 June, 2014, 19:02

A court here Thursday issued summons to Congress president Sonia Gandhi and her son and party vice president Rahul Gandhi on charges of misappropriating funds of a company that used to publish the now defunct National Herald newspaper.

In response to a private complaint filed by BJP leader Subramanian Swamy, Metropolitan Magistrate Gomati Manocha said: "I have found prima facie evidence against all the accused." The court has directed them to appear before it Aug 7.

The Congress called it "a motivated complaint". "The allegations are baseless," said party spokesperson Abhishek Manu Singhvi.

A party statement added: "All the persons named in the National Herald matter will seek legal advice and do the needful."

Apart from the Gandhis, the court also summoned Congress leaders Motilal Vora and Oscar Fernandes, Sam Pitroda, who was an advisor to prime minister Manmohan Singh, and former journalist Suman Dubey, who is close to the Gandhi family.

The complaint alleged that the Gandhis formed a company, Young India, in 2010 with 38 percent share each to take control of Rs.2,000 crore worth of assets of Associated Journals Ltd, which published the National Herald.

"Since all the accused persons have allegedly acted in consortium with each other to achieve the said nefarious purpose/design, there are sufficient grounds for proceedings against all of them," the court said.

However, the judge added in 20-page order that "it goes without saying that guilt of an accused is determined after trial when the burden of proof is discharged beyond reasonable doubt.

"This is only the stage of summoning of the accused. When the accused appear before the court they shall be at liberty to refute the allegations of (Swamy), cross examine the witnesses."

The judge, however, added that the complainant had established a prime facie case of dishonest misappropriation of property, criminal breach of Trust, cheating and criminal conspiracy.

The summons were also served on Young India.

"The chain of circumstance appears to give rise to a conclusive or irresistible inference of an agreement between the accused to commit the offences as alleged in a pre-planned manner," the court observed.

It noted that "though the language in the documents is shrouded in ambiguity but it is not difficult to understand that the control over public money/assets appear to have been cleverly transferred to the hands of the few by creating a company (Young India) for this purpose".

Speaking to reporters, Swamy said: "This is a fraud, criminal breach of trust as they have managed to misappropriate the fund of Rs.2,000 crore.

"It is important for the court to take away the passports of Sonia Gandhi and Rahul Gandhi so that they do not run away from the country."

He said the offence was made possible because of the Gandhis' "crony control over the Congress party and AJL".

He alleged that they closed AJL in 2008 due to financial crisis and stopped printing the National Herald and sister publications Navjivan (Hindi) and Qaumi Awaz (Urdu), which were saddled with huge unpaid debts.

To resolve the financial crisis, AJL transferred the share equity to Young India by a mere payment of Rs.50 lakhs without taking any reference from the shareholders.

Young India thus acquired the complete ownership of AJL real estate assets of at least Rs.2,000 crores, including a multi-story building in a prime location in Delhi.

The National Herald was started in 1938 by Jawaharlal Nehru. Over the decades, it lost circulation and ran into major financial losses, leading to its closure in 2008.
(http://nationalherald.org)

मंगलवार, 10 जून 2014

Narendra Modi Among Lowest Paid Global Leaders


As Prime Minister of India, Narendra Modi will have a tough task at hand, but the salary for his 'job' is among the lowest for leaders globally. Paycheck India, a website run by IIM Ahmedabad professor Biju Varkkey has listed the salaries of most influential political leaders around the world. According to the website, Modi takes home Rs 1.6 lakh per month (Rs 19.2 lakh annually), which makes him one of the most modestly paid political leaders in the world. Russia's prime minister earns the highest — a whopping Rs 1.6 crore per month, which is higher than Obama's Rs 19 lakh per month.

माँ अम्बिका की आरती


-शीतांशु कुमार सहाय

करते हैं आरती अम्बिका की, अम्बिका की जगदम्बिका की।
करते हैं आरती अम्बिका की, अम्बिका की जगदम्बिका की।

हे अम्बे भवानी आमी वाली, पिण्ड रूप में रहने वाली।
जगत् पिण्ड को तूने बनाया, कण-कण में अपना रूप बसाया।

करते हैं आरती अम्बिका की, अम्बिका की जगदम्बिका की।

राक्षसगण का वध करती हो, सज्जन सबको बचाये रखती हो।
नाम जपूँ तेरा भक्त मैं बनकर, आशिष दे सन्तान समझकर।

करते हैं आरती अम्बिका की, अम्बिका की जगदम्बिका की।

थाल के बीच में दीप जलाया, उड़हुल फूल से इसको सजाया।
हृदय-कमल है आपको अर्पण, जीवन अपना करूँ मैं समर्पण।

करते हैं आरती अम्बिका की, अम्बिका की जगदम्बिका की।

तुझसे कुछ नहीं माँगू माता, आदिशक्ति से क्या छिप पाता।
तेरी गोद में हूँ पलता-बढ़ता, चाहिये क्या तू जाने है माता।

करते हैं आरती अम्बिका की, अम्बिका की जगदम्बिका की।

शेर की सवारी तुम करती हो, काल को वश में किये रहती हो।
देव-दानव सब भजन करते हैं, सुनकर माता खुश रहती हो।

करते हैं आरती अम्बिका की, अम्बिका की जगदम्बिका की।

भक्ति का भिक्षा दे दे दुर्गे, तेरी शरण में हँू माता अम्बे।
सहस्रार पर राज करा दे, चरणरज अपना तू दे दे।

करते हैं आरती अम्बिका की, अम्बिका की जगदम्बिका की।

सारण क्षेत्र में गंगा तट पर, सुरथ-समाधि को मुक्ति देकर,
तुमने अपना रूप बसाया, तब आमी तीरथ कहलाया।

करते हैं आरती अम्बिका की, अम्बिका की जगदम्बिका की।

तू ही सती और सीता तू है, तू ही काली-भवानी तू है।
सब भक्तों पर कृपा तेरी, दुर्गतिनाशिनी माता मेरी।

करते हैं आरती अम्बिका की, अम्बिका की जगदम्बिका की।

भक्त शीतांशु गुण तेरा गाये, सिंहवाहिनी तुझको हर्षाये।
जगत् के कष्ट से करता क्रन्दन, जन्म-मरण का तोड़ दे बन्धन।

करते हैं आरती अम्बिका की, अम्बिका की जगदम्बिका की।
करते हैं आरती अम्बिका की, अम्बिका की जगदम्बिका की।

अम्बे भवानी आमी वाली की जय! अम्बे भवानी आमी वाली की जय!

सोमवार, 26 मई 2014

15वें प्रधानमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली / Narendra Modi 15th Prime Minister of India


-शीतांशु कुमार सहाय
63 वर्षीय भाजपा नेता नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में लगभग 4000 देसी-विदेशी मेहमानों की मौजूदगी में भारत के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। मोदी के साथ उनके मंत्रिमंडल ने भी शपथ ली। मोदी की टीम में 23 कैबिनेट मंत्री, 10 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 12 राज्यमंत्री हैं। यानी मोदी सरकार में प्रधानमंत्री सहित कुल 46 मंत्री हैं। शपथ ग्रहण समारोह करीब 90 मिनट चला। इसके बाद मोदी और उनकी मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने राष्ट्रपति के साथ सामूहिक फोटो खिंचाया। फिर मोदी ने पड़ोसी देशों से आये राष्ट्राध्यक्षों और नेताओं से हाथ मिलाया। मोदी ने निवर्तमान प्रधानमंत्री का अभिवादन किया। इसके तुरंत बाद समारोह स्थल पर अव्यवस्था सी फैल गई क्योंकि हर कोई नया मंत्री प्रधानमंत्री से मिलना चाह रहा था। इस बार के लोकसभा चुनावों ने 30 साल बाद स्पष्ट बहुमत के साथ कोई सरकार दी है। पीएम के रूप में नरेंद्र मोदी ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट http://pmindia.nic.in की शुरुआत करते हुए उसपर पहला संदेश देश और विश्व के नागरिकों के लिए दिया। मोदी का संदेश नीचे दिया जा रहा है---
मेरे प्यारे देशवासियों और विश्व के नागरिको!
नमस्ते!
भारत के प्रधानमंत्री की शासकीय वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत है। मैं इस वेबसाइट को आपस में सीधी बातचीत का एक अति महत्वपूर्ण माध्यम मानता हूं। मैं विश्वभर के लोगों से संपर्क बनाने के लिए तकनीकी शक्ति और सोशल मीडिया में दृढ़ विश्वास करता हूं। मुझे आशा है कि इस मंच से एक व्यक्ति के विचारों को सुनने, समझने और जानने का अवसर मिलेगा। इस वेबसाइट के माध्यम से आप सभी नवीन सूचनाएं, मेरे भाषणों, कार्यक्रमों, विदेश दौरों के बारे में अद्यतन जानकारी और बहुत कुछ प्राप्त कर सकेंगे। मैं भारत सरकार द्वारा उठाए जा रहे नए कदमों के बारे में भी आपको अवगत कराता रहूंगा। इस वेबसाइट पर एक बार फिर आपका हार्दिक स्वागत है और आशा है कि आने वाले महीनों में अनेक मुद्दों पर आपके साथ चर्चा करूंगा।
आपका,
नरेंद्र मोदी


मोदी ने वेबसाइट पर प्रसारित संदेश में कहा कि हमने देश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए खुद को समर्पित कर दिया है, तथा इसमें हमें आपका सहयोग, दुआ और सक्रिय भागदारी चाहिए। हम साथ मिलकर भारत के उज्जावल भविष्य की इबारत लिखेंगे। वेबसाइट पर अपनी मां, हीराबेन से आशीर्वाद लेते हुए मोदी का एक चित्र भी प्रदर्शित किया गया है। वेबसाइट पर शपथ ग्रहण समारोह का सीधा प्रसारण भी किया गया। मोदी ने अपने संदेश में आगे कहा कि आइए, हम साथ मिलकर एक मजबूत, विकसित और समावेशी भारत का सपना देखें और विश्व समुदाय के साथ मिलकर विश्व शांति और समुन्नति के लिए कार्य करें।


7:27 pm सुदर्शन भगत ने मंत्री पद की शपथ ली। झरखंड के लोहरदग्गा से भाजपा सांसद हैं। राज्य मंत्री बने।
7:25 pm विष्णु देव ने मंत्री पद की शपथ ली। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से भाजपा सांसद हैं। राज्यमंत्री बने।
7:24 pm रावसाहेब दानवे ने मंत्री पद की शपथ ली। महाराष्ट्र से सांसद हैं, गोपीनाथ मुंडे के करीबी माने जाते हैं। राज्यमंत्री बने।
7:23 pm मनसुखभाई बसावा ने मंत्री पद की शपथ ली। गुजरात से भाजपा सांसद हैं। राज्यमंत्री बने।
7:20 pm डॉ. संजीव कुमार बालियान ने मंत्री पद की शपथ ली। मुजफ्फरनगर से भाजपा सांसद हैं। बसपा के कादिर राणा को हराया था। राज्य मंत्री बने।
7:19 pm कृष्ण पाल गुर्जर ने मंत्री पद की शपथ ली। हरियाणा के फरीदाबाद से सांसद हैं। कांग्रेस के अवतार सिंह भड़ाना को हराया।
7:18 pm किरण रिजिजु ने मंत्री पद की शपथ ली। अरूणाचल पश्चिम से सांसद हैं।
7:17 pm राधाकृष्णन ने मंत्री पद की शपथ ली। तामिलनाडु से एक मात्र भाजपा सांसद हैं। राज्य मंत्री बने।
7:15 pm उपेंद्र कुशवाहा ने मंत्री पद की शपथ ली। राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी के अध्यक्ष हैं। बिहार के काराकट से सांसद हैं। राज्यमंत्री बने।
7:12 pm मनोज सिन्हा ने मंत्री पद की शपथ ली। उत्तर प्रदेश से सांसद चुनकर पहुंचे हैं। राज्य मंत्री बने।
7:11 pm जी एम सिद्धेश्वर ने मंत्री पद की शपथ ली। कर्नाटक से आते हैं।
7:09 pm निर्मला सीतारमण ने मंत्री पद की शपथ ली। बीबीसी में कुछ दिनों तक काम किया है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रही हैं।
7:07 pm डॉ. जितेंद्र सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली। जम्मू कश्मीर के उधमपुर से सांसद हैं, गुलाम नबी आजाद को हराया।
7:05 pm पीयूष गोयल ने मंत्री पद की शपथ ली। भाजपा के कोषाध्यक्ष हैं। सोशल मीडिया पर भाजपा के कैंपने के अगुवा रहे। महाराष्ट्र से भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं।
7:03 pm प्रकाश जावड़ेकर ने मंत्री पद की शपथ ली। महाराष्ट्र से भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं।
7:02 pm सरबानंद सोनोवाल ने मंत्री पद की शपथ ली।
7:00 pm धर्मेंद्र प्रधान ने मंत्री पद की शपथ ली। बिहार से राज्यसभा सांसद हैं। लोजपा से गठबंधन कराने में अहम भूमिका निभाई।
6:58 pm श्रीपद नाइक ने मंत्री पद की शपथ ली। गोवा से भाजपा सांसद हैं।
6:56 pm संतोष गंगवार ने मंत्री पद की शपथ ली। उत्तर प्रदेश के बरेली से सांसद हैं।
6:55 pm राव इंद्रजीत सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली। गुड़गांव से भाजपा सांसद हैं।
6:54 pm जनरल वीके सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली। गाजियाबाद से सांसद चुने गए।
6:53 pm डॉ. हर्षवर्धन ने मंत्री पद की शपथ ली। कपिल सिब्बल को दिल्ली की चांदनी चौक सीट पर लोकसभा चुनाव में हराया।
6:50 pm स्मृति ईरानी ने मंत्री पद की शपथ ली। राज्यसभा से सांसद हैं। राहुल गाधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ी थीं, पर हार गईं थी।
6:49 pm थावर चंद गहलोत ने मंत्री पद की शपथ ली। राज्यसभा से सांसद हैं, मध्यप्रदेश में भाजपा नेता हैं।
6:47 pm राधा मोहन सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली। बिहार के चंपारण से सांसद हैं।
6:45 pm जोएल उरांव ने मंत्री पद की शपथ ली। ओडिशा से भाजपा सांसद हैं।
6:44 pm नरेंद्र सिंह तोमर ने मंत्री पद की शपथ ली।
6:42 pm हरसिमरत कौर ने मंत्री पद की शपथ ली।
6:40 pm अनंत गीते ने मंत्री पद की शपथ ली।
6:39 pm अशोक गजपति राजू ने मंत्री पद की शपथ ली।
6:38 pm रविशंकर प्रसाद ने मंत्री पद की शपथ ली।
6:37 pm अनंत कुमार ने मंत्री पद की शपथ ली।
6:35 pm मेनका गांधी ने मंत्री पद की शपथ ली।
6:33 pm कलराज मिश्र ने मंत्री पद की शपथ ली।
6:31 pm रामविलास पासवान ने मंत्री पद की शपथ ली।
6:29 pm गोपीनाथ मुंडे ने मंत्री पद की शपथ ली।
6:27 pm नज़मा हेपतुल्ला ने मंत्री पद की शपथ ली।
6:26 pm उमा भारती ने मंत्री पद की शपथ ली।
6:24 pm सदानंद गौड़ा ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली।
6:22 pm नितिन गडकरी ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली।
6:20 pm बैंकैया नायडू ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली।
6:18 pm अरूण जेटली ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली।
6:16 pm सुषमा स्वराज ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली।
6:14 pm राजनाथ सिंह ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली।
6:11 pm नरेंद्र मोदी ने भारत के 15वें प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। मोदी ने हिन्दी में शपथ ली।
6:10 pm राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से इजाजत लेकर समारोह की शुरूआत की गई।
6:08 pm राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी समारोह में पहुंचे।
6:01 pm आमंत्रित करीब सभी मेहमान राष्ट्रपति भवन पहुंच चुके हैं।
6:00 pm उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी राष्ट्रपति भवन पहुंचे।
5:59 pm नरेंद मोदी राष्ट्रपति भवन पहुंचे।
5:53 pm अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई राष्ट्रपति भवन पहुंचे। श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे भी पहुंचे।
5:46 pm पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ राष्ट्रपति भवन पहुंचे। मनमोहन सिंह के बगल में बैठे नवाज शरीफ। नेपाल के पीएम सुशील कोईराला भी पहुंचे। भूटान के राष्ट्रपति भी पहुंचे।
5:45 pm राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, अरूण जेटली और मोदी कैबिनेट के सभी सदस्य शपथग्रहण समारोह स्थल अपने स्थान पर बैठे।
5:38 pm पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मोदी के शपथग्रहण समारोह में पहुंचे।
5:35 pm आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर राष्ट्रपति भवन पहुंचे।
5:30 pm नरेंद्र मोदी की मां हीराबा घर में शपथग्रहण समारोह को टीवी पर देख रही हैं। तबीयत खराब होने की वजह से दिल्ली नहीं आ पाईं।
5:34 pmसोनिया गांधी और राहुल गांधी शपथग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति भवन पहुंचे। पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा सिंह पाटिल और एपीजे अब्दुल कलाम भी पहुंचे।
5:20 pm लाल कृष्ण आडवाणी अपनी बेटी प्रतिभा आडवाणी के साथ राष्ट्रपति भवन पहुंचे।
5:15 pm एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार, आरएसएस के राम माधव, मुरली मनोहर जोशी, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और टीडीपी अध्यक्ष चंद्र बाबू नायडू समारोह में पहुंचे।
5:10 pm नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए अतिथियों का पहुंचा शुरू हो गया है। रिलायंस के मालिक मुकेश अंबानी अपनी पत्नी नीता अंबानी से साथ पहुंचे।
5:00 pm पाकिस्तान के राष्ट्रपति नवाज शरीफ शपथग्रहण समारोह में शामिल होने को होटल ताज मान सिंह से राष्ट्रपति भवन के लिए निकले।
4:50 pm रजनीकांत भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे।
4:45pm मोदी कैबिनेट में अपने राज्य को उचित प्रतिनिधित्व ना मिलने से नाराज राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने सांसदों से कहा, अभी कैबिनेट विस्तार का इंतजार करें- सूत्र
4:37 pm नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, शपथग्रहण समारोह में आने वालों का स्वागत है। भारत रत्न और स्वर कोकिला लता मंगेशकर स्वास्थ्य खराब होने की वजह से शपथग्रहण समारोह में नहीं आ रही हैं। लता ने पत्र लिखकर खराब सेहत के बारे में बताया। मोदी ने कहा, लता दीदी आपकी शुभकामनाएं हमें प्रेरित करती हैं। आपको बहुत-बहुत धन्यवाद। मोदी ने टीवी के दर्शकों और सोशल मीडिया को धन्यवाद दिया।
मोदी कैबिनेट की कार्यप्रणाली---
मोदी ने सरकार का पुनर्गठन इस तरह से करने का निर्णय किया है जिसमें एक एक कैबिनेट मंत्री कई विभागों की कमान संभालेंगे। प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने से एक दिन पहले मोदी की ओर से कहा गया है कि विभिन्न मंत्रालयों की गतिविधियों को साथ लाने पर बल दिया जा रहा है जहां एक एक कैबिनेट मंत्री उन मंत्रालयों के समूह की अगवाई करेंगे को एक दूसरे के पूरक के रूप काम कर रहे हैं। मोदी के गुजरात भवन स्थित सचिवालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि अपने मंत्रिमंडल के गठन में मोदी ने ‘न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन' और ‘कार्य संस्कृति एवं शासन की शैली में बदलाव लाने की प्रतिबद्धता के साथ युक्तिसंगत होने' के सिद्धांत को अपनाया है।
जब प्रणब मुखर्जी ने मंत्रियों को टोका---
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान उस वक्‍त अजीब स्थिति पैदा हो गई जब राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भावी मंत्रियों को टोकना पड़ा। दरअसल, कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ले रहे अशोक गजपति राजू अपना नाम लेना ही भूल गए और आगे का लिखा पढ़ने लगे। 63 साल के गजपति राजू विजयनगरम से टीडीपी सांसद हैं और चंद्रबाबू नायडू के करीबी बताए जाते हैं। इसके बाद राज्‍य मंत्री के तौर पर शपथ लेने आए श्रीपद नाइक को भी प्रणब मुखर्जी ने टोका। श्रीपद नाइक पद (ऑफिस) का शपथ लिए बिना गोपनीयता की शपथ लेने लगे थे। श्रीपद नाइक उत्‍तरी गोवा से बीजेपी सांसद हैं। 62 साल के श्रीपद ने गोवा में बीजेपी अध्‍यक्ष पद की जिम्‍मेदारी भी संभाली है।
 मंत्रियों के मंत्रालय व विभाग...
बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली को वित्त मंत्रालय के साथ रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया। वहीं पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को गृहमंत्री बनाया गया है और सुषमा स्वराज को विदेश मंत्रालय दिया गया है। रविशंकर प्रसाद को कानून मंत्री का प्रभार दिया गया है। प्रकाश जावड़ेकर को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और पर्यावरण मंत्रालय का प्रभार मिला है। मेनका गांधी को महिला एवं बाल कल्याण मंत्री बनाया गया है। दिल्ली से सांसद डॉ. हर्षवर्द्धन को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है। महाराष्ट्र बीजेपी के वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे को ग्रामीण विकास मंत्री बनाया गया है। नजमा हेपतुल्ला को अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय मिला है। वहीं राज्यसभा सांसद पीयूष गोयल को ऊर्जा एवं कोयला मंत्रालय दिया गया है। इसके अलावा बिहार से एलजेपी प्रमुख रामविलास पासवान को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बनाया गया है। उमा भारती को जल-संसाधन और गंगा सफाई मंत्रालय दिया गया है। वेंकैया नायडु को संसदीय कार्यमंत्री बनाया गया है। बीजेपी प्रवक्ता निर्मला सीतारमन को वाणिज्य राज्यमंत्री का स्वतंत्र प्रभार, धर्मेंद्र प्रधान को पेट्रोलियम राज्यमंत्री का स्वतंत्र प्रभार, राव इंद्रजीत को रक्षा राज्यमंत्री बनाया गया है। वहीं राजस्थान के श्रीगंगानगर से सांसद निहाल चंद मेघवाल को भी राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है। इनके अलावा बिहार में एनडीए सहयोगी राष्ट्रीय लोक समता दल के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को भी राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है।
कैबिनेट मंत्री के रूप में 23---
भाजपा के राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, अरूण जेटली, एम वेंकैया नायडू, नितिन गडकरी, उमा भारती, मेनका गांधी, अनंत कुमार, रवि शंकर प्रसाद, गोपीनाथ मुंडे, सदानंद गौडा, कलराज मिश्र, नजमा हेपतुल्ला, नरेन्द्र सिंह तोमर, जुएल ओराम, राधा मोहन सिंह, थावर चंद गहलोत, स्मृति ईरानी और हषर्वर्धन ने कैबिनेट मंत्रियों के रूप में शपथ ली। सहयोगी दलों में से लोजपा के राम विलास पासवान, शिरोमणि अकाली दल से हरसिमरत कौर, शिवसेना से अनंत गीते और तेदेपा से अशोक गजपति राजू ने बतौर कैबिनेट मंत्री शपथ ली।
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में 10---
पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह को बतौर राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मंत्रिपरिषद में जगह दी गई। स्वतंत्र प्रभार वाले अन्य राज्य मंत्रियों में राव इंद्रजीत सिंह, संतोष कुमार गंगवार, श्रीपद येसो नायक, धर्मेन्द्र प्रधान, सरबानंद सोनवाल, प्रकाश जावडेकर, पीयूष गोयल, जितेन्द्र सिंह और निर्मला सीतारमण शामिल हैं।
राज्य मंत्रियों के रूप में 12---
राज्य मंत्रियों के रूप में 12 सांसदों ने शपथ ली। इनमें जी एम सिद्धेश्वर, मनोज सिन्हा, निहाल चंद, उपेन्द्र कुशवाहा, पी राधाकृष्णन, किरन रिजिजु, कृष्णपाल, संजीव कुमार बालियां, मनसुखभाई वासवा, राव साहेब दानवे, विष्णुदेव साई और सुदर्शन भगत शामिल हैं।

शुक्रवार, 23 मई 2014

नरेन्द्र मोदी की सरकार से कई अपेक्षाएँ / MANY EXPECTATIONS BY NARENDRA MODI'S CENTRAL GOVERNMENT



-शीतांशु कुमार सहाय
भारतीय गणतंत्र विश्व का सबसे बड़ा गणतंत्र है। 2014 के लोकसभा आम चुनावों में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की असाधारण जीत में भारतीय लोकतंत्र ने एक नये युग की शुरुआत की है। इस शानदार जीत का सम्पूर्ण श्रेय एक व्यक्ति विशेष के सबल नेतृत्व को जाता है। एक ऐसा नेतृत्व, जिसने लोगों को विकास के रास्ते पर ले जाने के सपने दिखाये हैं। अब जब आम चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं, जनता अपनी सारी अपेक्षाआं की पूर्ति के लिए इस नेतृत्व की तरफ टकटकी लगाकर देख रही है।
-चुनौतीपूर्ण होगा मोदी का कार्यकाल
भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में यह प्रथम बार नहीं है कि किसी प्रदेश के मुख्यमंत्री राष्ट्र के प्रधानमंत्री के पद को सुशोभित करने जा रहे हैं, परन्तु मोदी देश के प्रथम व्यक्ति हैं जिन्होंने गुजरात राज्य में तीन बार सरकार बनायी है और अब उसके बाद राष्ट्र के प्रधानमंत्री पद पर आसीन होने जा रहे हैं। गुजरात में उनका मुख्यमंत्री का कार्यकाल चुनौतीपूर्ण रहा और प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल और भी ज्यादा चुनौतीपूर्ण होने की गंुजाइश है।
-सत्ता का हस्तान्तरण
भारतीय गणतंत्र के आज तक के इतिहास में सत्ता का हस्तान्तरण कभी भी समस्याओं से घिरा नहीं रहा। आपातकाल की कुछ कुख्यात यादें इसका अपवाद हो सकती हैं। पर, कमोबेश भारत में सत्ता का हस्तान्तरण एक सुगम प्रक्रिया है। मोदी प्रधानमंत्री कार्यालय में कार्यभार संभालेंगे पर उन्हें उत्सव मनाने का शायद तनिक भी समय न मिले। प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमंडल को बहुत सारे मुद्दों पर जूझना है। जैसे- राष्ट्रीय सुरक्षा, बढ़ती हुई महँगाई, सड़ते हुए अनाज भंडार, एक अनिश्चित मॉनसून की तैयारी, सूखा व बाढ़ पीड़ितों की राहत व्यवस्था, बढ़ता राजस्व घाटा और सबसे ज्यादा औद्योगिक विकास को प्रेरित करना। सबसे बड़ी बात तो ये है कि इन सारी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए उन्हें शीघ्र ही एकजुट होना पड़ेगा। शपथ ग्रहण समारोह की स्याही शायद सूख भी न पाये और प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमण्डल के सदस्यांे को इन अपेक्षाओं की पूर्ति के लिए प्रयासरत होना पड़ेगा। ये वे अपेक्षाएँ हैं जिन्हें इन नेताओं ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान बार-बार दुहराकर जनता को इसकी पूर्ति के लिए आश्वस्त कर दिया है।
-अटल बिहारी वाजपेयी की राजनीतिक विरासत
मिली-जुली राजनीति मोदी के लिए नयी नहीं है। जब उन्हें भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित किया गया, उस वक्त राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबन्धन (राजग) में भारतीय जनता पार्टी के अलावा 2 अन्य पार्टियाँ थीं। पर, जैसे-जैसे मोदी का राष्ट्रीय-राजनीतिक कद बढ़ता गया और उनका चुनाव प्रचार जोर होने लगा तो राजग को लगभग दर्जनभर पार्टियों की भागीदारी प्राप्त हो गयी। ऐसा इसलिए संभव हो सका; क्योंकि मोदी भाजपा के अन्दर और अन्य दलों में भी अपने मित्रों को यह आश्वस्त करने में सफल हो गये कि उनमंे अपने पूर्ववर्ती नेता अटल बिहारी वाजपेयी की राजनीतिक विरासत को संभालने की क्षमता है। मोदी के भाषणों में वाजपेयी की वाक्चातुर्यता का आभास होता है। मोदी ने अपना आक्रामक रवैया छोड़ दिया है और वे वृहद् राजनीतिक जिम्मेदारी के लिए तैयार हैं। आम चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद यह तय हो गया  कि भाजपा को सरकार बनाने के लिए अन्य दलों के समर्थन की आवश्यकता नहीं है पर मोदी ने स्पष्ट कहा है कि वे राजग के घटक दलों को अपने साथ लेकर चलेंगे और नवनिर्मित 16वीं लोकसभा के सारे चुने हुए सदस्य उनकी टीम के सदस्य हैं; क्योंकि वे भारत की जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं।

-सत्ताधिकार और उत्तरदायित्व
शक्ति के साथ सत्ता का अधिकार मात्र नहीं जुड़ा होता; बल्कि अतिशय उत्तरदायित्व भी जुड़े होते हैं। नरेन्द्र मोदी की यात्रा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के एक प्रचारक के रूप में शुरू हुई थी। मोदी आरएसएस के आदर्शों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन चुनावों में आरएसएस के कार्यकर्त्ताओं की अहम् भूमिका रही है। इसलिए आरएसएस भी मोदी से उम्मीद लगाये बैठा है कि वे सत्तासीन होने के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के आदर्शों को आगे बढ़ायेंगे। वैसे आरएसएस ने स्पष्ट किया है कि वह सत्ता में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करेगा। प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र को गुजरात के अपने 12 साल के कार्यकाल के अनुभव से लाभ होगा। पिछली केन्द्र सरकार के कार्यकाल में जब राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक विकास रूक गया था और विदेशी निवेश न्यूनतम हो गए थे, उस समय भी गुजरात ऑटोमोबाइल और दवाओं के उद्योग का गढ़ बना था। विकास का यह प्रारूप जो गुजरात में सफल रहा, वह प्रारूप राष्ट्रीय स्तर पर भी सफल होगा- यह सबसे बड़ा प्रश्न है। अगर इस प्रश्न का उत्तर मोदी के पास ‘हाँ’ है तो उन्हें इस उत्तर को सही सिद्ध करने के लिए कठिन परीक्षा से गुजरना होगा।

-एक राजनेता का उदय 
2002 के गुजरात दंगों के बाद मोदी इस सदी के सबसे विवादास्पद नेताओं में से एक रहे हैं। पर, समय के साथ उन्होंने अपनी छवि सुधारी और वे अपनी साम्प्रदायिक छवि से ऊपर उठ चुके हैं। वाराणसी में हुई उनकी असाधारण जीत और मतों का शेयर यह स्पष्ट दर्शाता है कि मुस्लिम मतदाताओं ने भी मोदी को समर्थन दिया है। वस्तुतः आजादी के बाद यह पहली बार हुआ है कि भारतीय मतदाताओं ने जाति, वर्ग, क्षेत्र और सम्प्रदाय के विभाजन से ऊपर उठकर राष्ट्र निर्माण और विकास की उम्मीद में मतदान किया है। यह भारतीय राजनीति में एक नवीन स्वर्णिम युग का शुभारम्भ है।
-नये परिप्रेक्ष्य में विदेश नीति
अभी प्रधानमंत्री कार्यालय के नये आगन्तुक पर सम्पूर्ण विश्व की नजरें टिकी हैं। सिर्फ उद्योग और व्यापार के मुद्दे ही नहीं, नयी सरकार की विदेश नीति भी चर्चा का विषय है। विदेश नीति आदर्शवाद और व्यावहारिकतावाद का मिश्रण होती है। प्रधानमंत्री को अपनी टीम में कुशल कूटनीतिज्ञों को शामिल करने की आवश्यकता है जो समुचित और कठोर निर्णय ले सके।
-सरकारी संस्थानों की विश्वसनीयता
नरेन्द्र मोदी का प्रथम प्रयास यह होना चाहिए कि वे सरकारी संस्थानों की विश्वसनीयता लौटाएँ। वे लोगों के मन में यह विश्वास जगाएँ कि राजनीति सिर्फ सत्ता प्राप्ति का साधन नहीं है; अपितु सामाजिक परिवर्तन का मुख्य यंत्र है।

-राष्ट्रप्रेम व विकासअपने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान मोदी देशप्रेम, विकास, रोजगार, आर्थिक अवसर, समता, महिलाओं की सुरक्षा और राजनीतिक स्थिरता- इन मुद्दों को धुरी बनाकर जनता से मत माँगते रहे। बदले में उन्होंने ‘कम सरकार और ज्यादा शासन’ का नारा दिया और लोगों में भागीदारी और सशक्तीकरण की राजनीतिक आस जगायी। वायदों को निभाने का समय अब आ गया है। नयी सरकार के प्रथम 100 दिन अगले 5 वर्षों की कार्यप्रणाली की झाँकी पेश करेंगे। उम्मीद है, नये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जनता की अपेक्षाओं की कसौटी पर खरे उतरेंगे और भारतवर्ष को विश्व मानचित्र पर एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र के रूप में स्थापित करेंगे।

शनिवार, 17 मई 2014

नरेन्द्र मोदी को मनमोहन सिंह की बधाई / Conguratulation For Modi By Manmohan Singh


प्रधानमंत्री के स्प में अपने अंतिम भाषण में भावुक लहजे में मनमोहन ने कहा, ''प्रधानमंत्री का पद छोड़ने के बाद भी आपके प्यार और मोहब्बत की याद हमेशा मेरे जहन में ताजा रहेगी। मुझे जो कुछ भी मिला है, इस देश से ही मिला है। एक ऐसा देश जिसने बंटवारे के कारण बेघर हुए एक बच्चे को इतने ऊंचे पद तक पहुंचा दिया। यह एक ऐसा कर्ज है जिसे मैं कभी अदा नहीं कर सकता। यह एक ऐसा सम्मान भी है जिस पर मुझे हमेशा गर्व रहेगा। मित्रो, मुझे भारत के भविष्य के बारे में पूरा इत्मीनान है। मुझे पक्का विश्वास है कि वह समय आ गया है जब भारत दुनिया की बदलती हुई अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभरेगा। परंपरा को आधुनिकता के साथ और विविधता को एकता के साथ मिलाते हुए हमारा देश दुनिया को आगे का रास्ता दिखा सकता है। अपने महान देश की सेवा करने का मौका मिलना मेरा सौभाग्य रहा है। मैं इससे ज्यादा कुछ और नहीं मांग सकता था। मेरी शुभकामना है कि आने वाली सरकार अपने काम-काज में हर तरह से सफल रहे। मैं अपने देश के लिए और भी बड़ी सफलताओं की कामना करता हूं।''

भारत के मानचित्र में नरेन्द्र मोदी का चित्र / NARENDRA MODI IN THE MAP OF INDIA

भारतीय जनता पार्टी के गुजरात कार्यालय में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी की गौरवपूर्ण जीत की खुशी में भारत के मानचित्र में नरेन्द्र मोदी का चित्र चिपकाकर आकर्षक रूप में प्रदर्शित किया गया।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिया त्याग पत्र, दी नरेन्द्र मोदी को बधाई / BIHAR'S CHIEF MINISTER NITISH KUMAR'S RESIGNATION


-शीतांशु कुमार सहाय
लोकसभा चुनाव में जनता दल (युनाइटेड) के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। नीतीश ने शनिवार शाम 3.30 बजे राजभवन जाकर राज्यपाल डीवाई पाटील को अपना इस्तीफा सौंप दिया। नीतीश ने साफ किया कि उन्होंने राज्यपाल से बिहार विधानसभा को भंग करने की सिफारिश नहीं की है। इस्तीफे के बाद नीतीश ने कहा, ''मैं चुनाव में हार की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं और मैंने नैतिकता और सिद्दांत के आधार पर अपना इस्तीफा दिया है। चुनाव अभियान में नीतियों पर बात कम हो रही थी और आरोप-प्रत्यारोप ज्यादा हो रहे थे। इस तरह का चुनाव मैंने अपने राजनीतिक जीवन में कभी नहीं देखा था। हम मर्यादा बनाए रखते हुए जनता के पास गए, लेकिन मुझे अपेक्षित समर्थन नहीं मिला, इसलिए इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मैंने मुख्यमंत्री के पद से त्यागपत्र दे दिया है। मैंने विधानसभा को भंग करने की सिफारिश नहीं की है और वैकल्पिक सरकार का विकल्प खुला है। इस दौरान नीतीश ने बीजेपी से अलग होने के फैसले को भी सही ठहराया। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम का उससे कोई लेना-देना नहीं है।'' गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने से नाराज होकर जेडीयू ने एनडीए से अपना 17 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया था। हालांकि जेडीयू को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा और लोकसभा चुनावों में जेडीयू की करारी हार हुई।
नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार को बधाई---
नीतीश कुमार ने ट्वीट के जरिए अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम जनमत का सम्मान करते हैं। नीतीश ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार को बधाई देते हुए कहा, ''जनादेश का सम्मान होना चाहिए। जनादेश के अंतिम परिणाम में किसी तरह का भ्रम नहीं है। चुनाव के दौरान युवा पीढ़ी को जो सपने दिखाए गए हैं, हम उम्मीद करेंगे कि वे सारे सपने पूरे होंगे और अच्छे दिन आएंगे। हम अपने स्तर पर अपने काम को आगे बढ़ाएंगे। नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली अगली सरकार को मेरी पूरी शुभकामनाएँ हैं।
चुनाव के नतीजे का विश्लेषण बाद में---
नीतीश ने कहा, ''ये जो चुनाव के नतीजे हैं, इसका विश्लेषण विस्तृत तौर पर बाद में किया जाएगा। हमलोग इस पर अपनी पार्टी में चर्चा करेंगे।''
नैतिकता या नाटक---
जनता दल (युनाइटेड) नेता अली अनवर ने कहा कि नीतीश कुमार ने इस्तीफा देकर नैतिकता का एक उच्च मापदंड स्थापित किया है। उन्होंने कहा, 'हमने राज्य की सेवा की, फिर भी हमें नंबर नहीं मिला तो हमें लगा कि अब फ्रेश मेंडेट लेना चाहिए।' वहीं, बिहार बीजेपी के प्रभारी धर्मेद्र प्रधान ने कहा कि नीतीश कुमार के अंदर नैतिकता नहीं बची है, वह नाटक कर रहे हैं।
भाजपा ने कहा---
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता नलिन कोहली ने कहा कि बीजेपी किसी भी परिस्थिति के लिए राजनीतिक रूप से तैयार है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने जेडी(यू) से अपना नाता नहीं तोड़ा था, बल्कि जेडी(यू) ने बीजेपी से अलग होने का फैसला किया था। बिहार बीजेपी के नेता सीपी ठाकुर ने कहा, ''नीतीश मोदी का विरोध कर रहे थे और मोदी इतनी बड़ी जीत के साथ पीएम बनने जा रहे है, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया होगा। उन्हें लगा होगा कि हम गलत कर रहे थे, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया होगा।''
काँग्रेस की प्रतिक्रिया---
काँग्रेस नेता शकील अहमद ने कहा कि जनता ने जब उनका (नीतीश) साथ नहीं दिया तो जनता के फैसले का सम्मान करते हुए मॉरल ग्राउंड पर उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया। वहीं, आरजेडी नेता राजनीति प्रसाद ने इस्तीफे को नीतीश का पॉलिटिकल स्टंट बताया। उन्होंने कहा, 'इस्तीफा देना नैतिक जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि उन्हें पता है कि हमारी सरकार जाने वाली है, इसलिए उन्होंने खत्म कर दिया। उनकी सरकार कांग्रेस के समर्थन से चल रही थी। उन्हें पता था कि अगर इस्तीफा नही देंगे, तब भी सरकार जाने वाली है। नीतीश कुमार ने खुद हीरो बनने के लिए इस्तीफा दिया है।''
महज 2 सीटें मिली---
गौरतलब है कि नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (युनाइटेड) को लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 सीटों में से महज 2 सीटें मिली थीं। बिहार विधानसभा में अभी नीतीश कुमार के 114 विधायक हैं, जबकि बहुमत के लिए 122 का आंकड़ा जरूरी है। इसके साथ ही नीतीश को इस बात का भी डर था कि उनके विधायक कई बीजेपी के साथ जा सकते हैं। गौरतलब है कि जेडी(यू) में कई लोग भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने के खिलाफ थे।
शरद यादव की प्रतिक्रिया---
हाल ही में पार्टी अध्यक्ष शरद यादव और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह के बयान से भी यह साफ दिखा। शरद यादव ने नीतीश पर जाति की राजनीति करने का भी आरोप लगाया था। शरद यादव एनडीए गठबंधन से नाराज चल रहे थे। इससे पहले शरद यादव ने जनता से माफी मांगते हुए कहा था कि मैं बिहार की बदहाली के लिए जिम्मेवार हूँ, क्योंकि मैंने पहले लालू और फिर नीतीश को सत्ता सौंपने में मदद की। खास बात यह है कि जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव मधेपुरा से लोकसभा चुनाव हार चुके हैं।
रामविलास पासवान की भविष्यवाणी सच---
इससे पहले आज रामविलास पासवान ने लोकसभा चुनाव में मिली अप्रत्याशित जीत पर कहा था कि बिहार में अक्टूबर-नवंबर तक चुनाव हो सकते हैं। इसके बाद ही नीतीश ने इस्तीफा देने का फैसला लिया। पासवान ने कहा था कि आने वाले दिनों में बिहार को नया जनादेश देना पड़ सकता है। लोजपा नेता ने पार्टी कार्यकर्ताओं से विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर देने के लिए कहा है। साथ ही पासवान ने कहा कि वह अब एनडीए गठबंधन से बाहर नहीं जाएंगे। लोकसभा चुनाव में जद-यू की करारी शिकस्त पर प्रतिक्रिया देते हुए पासवान ने कहा था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनादेश खो चुके हैं और उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ेगी।

इस्तीफे के बाद नीतीश कुमार ने मीडिया से कहा :-

* भाजपा से अलग होने का फैसला सैद्धांतिक था।
* वैकल्पिक सरकार बनाने का रास्ता खुला हुआ है।
* कल विधायक दल अपना नया नेता चुनेगा।
* बिहार विधानसभा भंग करने की सिफारिश नहीं की है।
* अच्छे दिन आ गए हैं, लोग स्वागत करेंगे।
* भावुक होकर नहीं लिया इस्तीफे का फैसला।
* सीएम पद और मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया है।
* कल चार बजे जेडीयू विधायक दल की बैठक।
* बिहार विधानसभा भंग करने की सिफारिश नहीं की है।
* नई सरकार ने जो सपने दिखाए, वो पूरा करें।
* चुनाव में सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण हुआ।
* चु्नाव में मुद्दों और नीतियों पर बात नहीं हुई।
* इस तरह का चुनाव लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं।
* हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा।
* चुनाव के दौरान सारी मर्यादाओं का पालन किया।
* मैं जनादेश का सम्मान करता हूं।
* चुनाव में आरोप प्रत्यारोप ज्यादा हुए।
* चुनाव परिणाम की जिम्मेदारी लेता हूं।