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बुधवार, 19 जनवरी 2011

भारत में किसानों की आत्महत्या (2009)

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आकंडों के अनुसार भारत भर में वर्ष 2009 के दौरान 17,368 किसानों ने आत्महत्या की है. किसानों की आत्महत्या की ये घटनाएँ, वर्ष 2008 के मुकाबले 1172 ज़्यादा है. इससे पहले वर्ष 2008 में 16,196 किसानों ने आत्महत्या की थी. महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों में किसानों की स्थिति सबसे ज़्यादा खराब है. किसानों की आत्महत्या की घटनाओं में से 62 प्रतिशत यानी 10,765 आत्महत्याएँ इन पाँच राज्यों में ही हुई है. वर्ष 2008 में तमिलनाडु में 512 किसानों ने आत्महत्याएँ कीं जो वर्ष 2009 में 1,060 पर जा पहुँची. पिछले दस वर्षों से किसान के आत्महत्याओं के आंकड़ो में अव्वल रहने के लिए बदनाम महाराष्ट्र वर्ष 2009 में भी सबसे आगे रहा. महाराष्ट्र में 2009 के दौरान 2,872 किसानों ने आत्महत्या की जो कि 2008 के मुकाबले 930 कम है. इसके बाद कर्नाटक में 2,282 किसानों ने आत्महत्याएँ की. केन्द्रशासित प्रदेशों में पुडुचेरी में सबसे ज्यादा 154 किसानों ने आत्महत्याएँ की. पश्चिम बंगाल में 1,054, राजस्थान में 851, उत्तर प्रदेश में 656, गुजरात में 588 और हरियाणा में 230 किसानों ने आत्महत्याएँ की. राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आकंडों के अनुसार वर्ष 1997 से 2009 तक भारत में दो लाख 16 हज़ार 500 किसान आत्महत्या कर चुके हैं. कुल 28 राज्यों में से 18 राज्यों में किसान आत्महत्याओं की संख्या में इज़ाफा हुआ है. जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में किसान आत्महत्याओं में कम इज़ाफ़ा हुआ है.

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