Pages

पृष्ठ Pages

सोमवार, 25 फ़रवरी 2013

आँसू जब बहने लगते हैं...

आँसू जब बहने लगते हैं तो रूकने का नाम नहीं लेते। अक्सर ऐसा ही होता है। जब कोई मनाने वाला न हो, कोई चुप कराने वाला भी न आए तो आँसू को चुपचाप पी लेने को ही विवश होना पड़ता है- कभी प्यासे की तरह तो कभी परिन्दे की तरह!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आलेख या सूचना आप को कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया दें। https://sheetanshukumarsahaykaamrit.blogspot.com/ पर उपलब्ध सामग्रियों का सर्वाधिकार लेखक के पास सुरक्षित है, तथापि आप अन्यत्र उपयोग कर सकते हैं परन्तु लेखक का नाम देना अनिवार्य है।