-शीतांशु कुमार सहाय
मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने कहा कि इस बार ईवीएम में 'कोई नहीं' का विकल्प भी दिया जाएगा। ईवीएम में उम्मीदवारों की सूची के सबसे अंत में एनओटीए का बटन होगा। जो मतदाता उम्मीदवारों में से किसी को भी अपना वोट नहीं देना चाहते वे एनओटीए का बटन दबा सकते हैं। वोटर 'कोई नहीं' वाला बटन दबाकर सभी उम्मीदवारों को नापसंद कर सकता है। एनओटीए यानी नन ऑफ द एवभ/None Of The Above (उपर्युक्त में से कोई नहीं)। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने 27 सितंबर 2013 को अपने एक ऐतिहासिक फैसले में चुनाव आयोग से मतपत्रों और ईवीएम में 'कोई नहीं' (नोटा/एनओटीए) का विकल्प उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। उच्चतम न्यायालय ने यह फैसला एनजीओ पीपल्स यूनियन फोर सिविल लिबर्टीज की याचिका पर दिया। शुक्रवार 4 अक्तूबर 2013 को नई दिल्ली में औपचारिक रूप से विधानसभा चुनावों के एलान के साथ ही पांचों राज्यों में आचार संहिता भी लागू हो गई। नक्सली हिंसा से प्रभावित छत्तीसगढ़ में सुरक्षा के लिहाज से मतदान दो चरणों में होंगे। बाकी के राज्यों में एक ही चरण में चुनाव होंगे। इन सभी राज्यों के विधानसभा का कार्यकाल 12 दिसंबर से 4 जनवरी के बीच खत्म हो रहा है। लिहाजा नतीजों की घोषणा उससे पहले ही एक साथ 8 दिसंबर को होगी। यूं तो घोषणा विधानसभा चुनाव की हुई है, लेकिन राजनीतिक महत्व इसलिए ज्यादा है क्योंकि अगले साल की पहली तिमाही में ही लोकसभा चुनाव की घोषणा होगी।
लोकसभा चुनाव-2014 का सेमीफाइनल
पांच राज्यों में नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के नतीजे लोकसभा की भावी तस्वीर बहुत हद तक साफ कर देंगे। यही कारण है कि इस चुनाव को लोकसभा का सेमीफाइनल माना जा रहा है। दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम की कुल 630 विधानसभा सीटों के लिए 11 नवंबर से 4 दिसंबर तक चुनाव होंगे। लोकसभा चुनाव से पहले होने वाले इन आखिरी विधानसभा चुनावों में करीब 11 करोड़ मतदाता अपना फैसला सुनाएंगे। पांच में फिलहाल तीन राज्य दिल्ली, मिजोरम और राजस्थान कांग्रेस के पास है, वहीं मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पिछले एक दशक से भाजपा के अभेद्य दुर्ग बने हुए हैं। खास बात है कि इन पांचों राज्यों में लोकसभा की 73 सीटें हैं। पांचों राज्यों के चुनाव नतीजे एक साथ 8 दिसंबर को आएंगे। इसके साथ ही तय होगा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा में कौन मनोवैज्ञानिक बढ़त के साथ मैदान में उतरेगी। मिजोरम को छोड़ दें तो बाकी के राज्य न सिर्फ हिंदी भाषी हैं बल्कि वहां लड़ाई आमने-सामने की है। संप्रग और राजग का नेतृत्व कर रही कांग्रेस और भाजपा ही इन चारों राज्यों में मुख्य दल और सत्ता के दावेदार हैं। मिजोरम में कांग्रेस के सामने कोई बड़ा दावेदार नहीं है। ऐसे में खासकर चार राज्यों के विधानसभा चुनाव को लोकसभा के लिए सेमीफाइनल की तरह देखा जा रहा है। लोकसभा के लिहाज से हालांकि इन पांच राज्यों में छह दर्जन सीटें हैं लेकिन कांग्रेस और भाजपा के लिए ये सीटें महत्वपूर्ण हैं। इन चुनावों में जिस दल का प्रदर्शन खराब होगा, लोकसभा चुनाव में उसकी नैया डूबने की भविष्यवाणी मानी जाएगी। खराब प्रदर्शन जहां भाजपा में नए सिरे से कलह की जमीन तैयार कर सकता है। वहीं अगर ऐसा कांग्रेस के साथ हुआ तो पहले ही आंध्र प्रदेश के मोर्चे और नेतृत्व के सवाल पर हांफ रही पार्टी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हमला करने के बदले बचाव की मुद्रा में होगी।
ईवीएम में इनमें से कोई नहीं का बटन
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस बार ईवीएम में 'कोई नहीं' का विकल्प भी दिया जाएगा। वोटर 'कोई नहीं' वाला बटन दबाकर सभी उम्मीदवारों को नापसंद कर सकता है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से इस तरह की पहल करने को कहा था। मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने शुक्रवार 4 अक्तूबर 2013 को विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा की। उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के अनुसार इसी चुनाव से वोटरों के पास सभी उम्मीदवारों को नापसंद करने का अधिकार होगा। इवीएम में 'इनमें से कोई नहीं' का बटन होगा। वोटरों को मतदान और प्रक्रिया के बारे में जागरूक करने के लिए पहली बार 'जागरूकता आब्जर्वर' की नियुक्ति होगी। संपत ने कहा कि आयोग चाहता है कि ज्यादा से ज्यादा लोग चुनाव में हिस्सा लें। आयोग के कर्मचारी वोटरों को फोटो वोटर स्लिप घर तक देकर आएंगे। सुरक्षा, निष्पक्षता, खर्च सीमा आदि पर निगरानी के लिए अलग-अलग आब्जर्वर नियुक्त होंगे। वहीं उम्मीदवारों के लिए नामांकन पत्र में हर कालम भरना जरूरी होगा। अगर वह कोई कालम खाली छोड़ते हैं तो नामांकन रद हो सकता है।
मनी पावर के इस्तेमाल पर पैनी नजर
मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने कहा कि चुनाव में पैसे के गलत इस्तेमाल पर कड़ी नजर रखी जाएगी। चुनाव में पहली बार जागरुकता ऑब्जर्वर होंगे। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएंगे।
छत्तीसगढ़ में पहला चरण
अधिसूचना जारी होने की तारीख: 18 अक्टूबर
नामांकन की अंतिम तिथि: 25 अक्टूबर
नामांकन पत्रों की जांच: 26 अक्टूबर
नाम वापस लेने की अंतिम तिथि: 28 अक्टूबर
मतदान: 11 नवंबर
छत्तीसगढ़ में दूसरा चरण
अधिसूचना जारी होने की तारीख: 25 अक्टूबर
नामांकन की अंतिम तिथि: 1 नवंबर
नामांकन पत्रों की जांच: 2 नवंबर
नाम वापस लेने की अंतिम तारीख: 4 नवंबर
मतदान: 19 नवंबर
मध्य प्रदेश
अधिसूचना जारी होने की तारीख: 1 नवंबर
नामांकन की अंतिम तिथि: 8 नवंबर
नामांकन पत्रों की जांच: 9 नवंबर
नाम वापस लेने की अंतिम तारीख: 11 नवंबर
मतदान: 25 नवंबर
राजस्थान
अधिसूचना जारी होने की तारीख: 5 नवंबर
नामांकन की अंतिम तिथि: 12 नवंबर
नामांकन पत्रों की जांच: 13 नवंबर
नाम वापस लेने की अंतिम तारीख: 16 नवंबर
मतदान: 1 दिसंबर
दिल्ली
अधिसूचना जारी होने की तारीख: 9 नवंबर
नामांकन की अंतिम तिथि: 16 नवंबर
नामांकन पत्रों की जांच: 18 नवंबर
नाम वापस लेने की अंतिम तारीख: 20 नवंबर
मतदान: 4 दिसंबर
मिजोरम
अधिसूचना जारी होने की तारीख: 9 नवंबर
नामांकन की अंतिम तिथि: 16 नवंबर
नामांकन पत्रों की जांच: 18 नवंबर
नाम वापस लेने की अंतिम तारीख: 20 नवंबर
मतदान: 4 दिसंबर
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