प्रस्तुति- शीतांशु कुमार सहाय
1. बिहार के गोपालगंज मे 1948 मे एक गरीब परिवार मे जन्मे लालू ने राजनीति की शुरूआत जयप्रकाश आन्दोलन से की, तब वे एक छात्र नेता थे।
2. लालू यादव 1990 से 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे। बिहार में अपने मुख्यमंत्रीत्व में लालू प्रसाद यादव ने समाज के पिछड़े तबकों को आगे लाने के लिए काफी प्रयास किए।
3. 1997 में जब उन्हें चारा घोटाले और आय से अधिक संपत्ति से जुड़े सीबीआई मामलों के कारण जेल जाना पड़ा तो उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया।
4. लालू यादव 1977 में 29 साल की उम्र में लोकसभा के सदस्य बने। 1997 में उन्होंने जनता दल से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल का गठन किया।
5. लालू प्रसाद जमीन से जुड़े उन कुछ गिने चुने नेताओं में से हैं जिन्होंने अपनी किस्मत को खुद से बनाया है।
6. लालू यादव पहले बिहार के छपरा से चुनाव लड़ते थे लेकिन चुनाव क्षेत्रों के नए परिसीमन के बाद छपरा चुनाव क्षेत्र समाप्त हो गया, इसलिए उन्होंने सारण (बिहार) से चुनाव लड़ा।
7. अपनी बात कहने का लालू का खास अन्दाज है, यही अन्दाज लालू को बाकी राजनेताओ से अलग करता है।
8. अपनी चटपटी बातों से लोगों को लुभाने वाले लालू यादव तमाम घोटालों के बीच फंसे होने के बावजूद काफी लोकप्रिय हैं।
9. 1997 मे जब सीबीआई ने उनके खिलाफ चारा घोटाले मे आरोप पत्र दाखिल किया तो उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटना पड़ा लेकिन अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सत्ता सौंपकर वे राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष बने रहे।
10. लालू प्रसाद का एक खास शौक है, बड़े-बड़े आन्दोलनकारियों की जीवनियां पढना और राजनीतिक चर्चा करना।
11. 2004 में लोकसभा चुनाव मे एनडीए की करारी हार के बाद के बाद लालू यूपीए के शासन काल में गृह मन्त्री बनना चाहते थे लेकिन कांग्रेस के दबाव के बाद रेलमन्त्री बनने को राजी हुए। हालाकि लालू ने रेलवे को मुनाफे में लाकर सबको चकित कर दिया।
12. रेल मंत्रालय संभालने के बाद रेल मंत्रालय अचानक अरबों रुपए के मुनाफे में आ गया। लालू यादव के इस कुशल प्रबंधन की चर्चा भारत ही नहीं पूरे विश्व में होती है।
13. लालू प्रसाद यादव ने रेलमंत्री के रूप में रेल सेवा का भारत में कायापलट कर डाला। रेलवे की व्यवसायिक सफलता की कहानी को समझने के लिए हार्वर्ड जैसे कई अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के विशेषज्ञों ने रेल मंत्रालय के मुख्यालय का दौरा किया।
14. भारतीय रेल की सफलता की कहानी को जानने के लिए देश विदेश से छात्रों का आना जारी रहा।
15. रेलवे मन्त्री रहते हुए लालू प्रसाद को काफी विवादों से समाना करना पड़ा। रेलवे में कुल्हड़ चलाने का फैसला उन्हीं का था।
16. बिहार की सड़कों को हेमा मालिनी के गालों की तरह बनाने का वादा हो या रेलवे मे कुल्हड़ की शुरुआत, लालू हमेशा से ही सुर्खियों मे रहे।
17. रेलमंत्री रहते हुए लालू प्रसाद अक्सर रेलवे का औचक निरीक्षण करने पहुंचे जाते थें।
18. भारतीय प्रबंध संस्थान, बंगलौर और भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को प्रशिक्षण देने वाली लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय अकादमी, मसूरी ने लालू यादव को व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया।
19. राजनीति के धुरंधर लालू क्रिकेट के भी शौकीन हैं।
20. लालू की प्रसिद्दि का यह आलम है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में भारत की राजनीति में सिर्फ लालू की ही बात करना पसन्द करते है। लालू के जनाधार में एम-वाई यानी मुस्लिम और यादवों के फैक्टर का बड़ा योगदान रहा है।
21. लालू का अन्दाज ही कुछ निराला है। आज भी लालू की खबर और उनसे जुड़ी तमाम बातों को जानने के लिए लोगों में उत्सुकता रहती है।
22. लालू प्रसाद यादव अपनी भाषण शैली के कारण आमजनों में काफी लोकप्रिय हैं। उनकी जनसभा में भाषण सुनने के लिए लोगों की कमी नहीं रहती।
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