-एसपी अमरजीत बलिहार सहित 26 पुलिसकर्मी हुए शहीद
शीतांशु कुमार सहाय/Sheetanshu Kumar Sahay
वर्ष 2013 में झारखंड पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई में कई बड़ी सफलताएँ हासिल कीं। वहीं, पाकुड़ जिले के आरक्षी अधीक्षक (एसपी) अमरजीत बलिहार के साथ-साथ 26 पुलिस जवानों की कुर्बानी देनी पड़ी। पूरे वर्ष में नक्सलियों ने जहाँ घात लगाकर पुलिस दल पर हमला करने की पाँच बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया। वहीं पुलिस दल ने मुठभेड़ की 62 घटनाओं में 49 नक्सलियों को मौत के घाट उतारा। पिछले वर्ष नक्सलियो द्वारा पुलिस दल पर हमले की आठ घटनाओं को अंजाम दिया था और पुलिस के साथ हुए 46 मुठभेड़ की घटनाओं में 40 नक्सलियों की जान गयी थी। इन मुठभेड़ों में 26 पुलिस वाले भी शहीद हुए थे। 2012 के मुकाबले 2013 में नक्सली घटनाओं में कमी दर्ज की गयी है। 2012 में 374 नक्सली घटनाएँ हुई थीं। 2013 में यह संख्या घटकर 328 हो गयी।
नक्सली और पुलिस दोनों आक्रामक--
वर्ष 2013 में नक्सलियों ने पाकुड़ के एसपी अमरजीत बलिहार की 2 जुलाई को हत्या कर दी। राज्य गठन के बाद नक्सलियों द्वारा किसी आइपीएस अधिकारी की हत्या की यह पहली घटना है। नक्सलियों ने राज्य गठन से कुछ माह पहले लोहरदगा के तत्कालीन एसपी अजय कुमार सिंह की हत्या की थी। सिर्फ इतना ही नहीं इस वर्ष नक्सलियों ने 26 पुलिसकर्मियों की हत्या की। इससे तय है कि पुलिस को नक्सलियों ने बड़ा नुकसान पहुँचाया है। वहीं दूसरी तरफ इसी वर्ष 49 नक्सली भी मारे गये। इनमें से 17 को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया, जबकि दो नक्सलियों को आमलोगों ने मारा, 30 नक्सली आपसी लड़ाई में मारे गये। इससे साफ है कि नक्सली और पुलिस दोनों ही आक्रामक हुए हैं।
नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन--
नवंबर माह में नक्सलियों ने लातेहार में पुलिस को ज्यादा परेशान किया। नक्सलियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की बात करें, तो पुलिस ने पिछले वर्ष की तुलना में ज्यादा स्पेशल ऑपरेशन या इंटर स्टेट ऑपरेशन चलाया। लेकिन लांग रेंज पेट्रोलिंग (एलआरपी) में कमी आयी है। इस वर्ष पीएलएफआइ का बढ़ता प्रभाव पुलिस की सबसे बड़ी चिंता रही।
माओवादी और पीएलएफआइ--
इस वर्ष के आँकड़े के मुताबिक, नवंबर माह तक हुए कुल नक्सली-उग्रवादी घटनाओं में भाकपा माओवादी और पीएलएफआइ की बराबर की भागीदारी रही। दोनों संगठनों ने 107-107 घटनाओं को अंजाम दिया है। नक्सली घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए पुलिस द्वारा बनायी जाने वाली रणनीति के तहत दूसरे राज्यों की पुलिस के साथ 10 बार बैठकें हुईं। 14 संयुक्त अभियान चलाये गये। इस दौरान 550 विशेष अभियान भी चलाये गये।
3 जुलाई 2013 को शहीद आरक्षी अधीक्षक अमरजीत बलिहार को श्रद्धांजलि देते झारखंड के राज्यपाल सैयद अहमद
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