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शुक्रवार, 10 जनवरी 2014

धूम्रपान करने में दूसरे नंबर पर हैं भारतीय महिलाएं SMOKING : INDIAN LADIES ON 2nd POSITION IN THE WORLD



-शीतांशु कुमार सहाय / SHEETANSHU KUMAR SAHAY
एक अध्ययन में भारत की महिलाओं ने जिस क्षेत्र में विकास किया है उसे शायद ही कोई नहीं सराहेगा और वह है धूम्रपान। शोध पत्रिका 'जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन' में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक भारतीय महिलाएं धूम्रपान करने में अमेरिका के बाद विश्व में दूसरे स्थान पर हैं। अमेरिका तंबाकू सेवन से छुटकारा पाने वालों में जहां सबसे आगे रहा, वहीं वैश्विक स्तर पर प्रतिदिन धूम्रपान करने वालों की संख्या में चिंताजनक स्तर पर वृद्धि हुई है जिसमें भारत भी शामिल है। एक शोध पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, भारत में तीन दशक पहले जहां धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों की संख्या 7.45 करोड़ थी, अब उसमें काफी वृद्धि हो चुकी है। आज भारत में लगभग 11 करोड़ व्यक्ति धूम्रपान की लत के शिकार हैं। अध्ययन के अनुसार, वैश्विक स्तर पर जहां धूम्रपान करने वाली महिलाओं की संख्या में पिछले तीन दशकों में सात प्रतिशत का इजाफा हुआ, वहीं भारत में धूम्रपान करने वाली महिलाओं की संख्या में 200 प्रतिशत से भी अधिक का इजाफा हुआ है। 1980 में भारत में जहां 53 लाख महिलाएं धूम्रपान करती थीं, वहीं 2012 में यह संख्या बढ़कर 1.21 करोड़ हो चुकी है।
पुरुषों में भी धूम्रपान करने की लत में पिछले तीन दशकों में भारत में काफी तेजी से इजाफा हुआ है। भारत में तीन दशक पहले जहां धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों की संख्या 7.45 करोड़ थी, वहीं आज लगभग 11 करोड़ व्यक्ति धूम्रपान की लत के शिकार हैं जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं। इस बीच तंबाकू सेवन से छुटकारा पाने वालों में अमेरिका सबसे आगे रहा, बावजूद इसके अमेरिकी महिलाएं धूम्रपान में विश्व में पहले स्थान पर हैं।
वाशिंगटन विश्वविद्यालय के 'इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैलुएशन' में सहायक प्रवक्ता मारी आंग ने अध्ययन में कहा कि भारत, बांग्लादेश, चीन और इंडोनेशिया सहित कई एशियाई देशों में 2006 के बाद से धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि कई देशों में नियंत्रणकारी नीतियां पहले ही लागू कर दी गई हैं, इसके बावजूद जिन देशों में धूम्रपान करने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है वहां तंबाकू सेवन पर नियंत्रण लगाने के लिए सघन प्रयास किए जाने की जरूरत है। कई देशों में नियंत्रणकारी नीतियां पहले ही लागू कर दी गई हैं, इसके बावजूद जिन देशों में धूम्रपान करने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है वहां तंबाकू सेवन पर नियंत्रण लगाने के लिए सघन प्रयास किए जाने की जरूरत है। अध्ययन में कहा गया है कि 15 वर्ष की आयु से अधिक की आबादी में तेजी से वृद्धि होने के कारण धूम्रपान करने वालों की संख्या में तेज इजाफा देखने को मिला है।
वैश्विक स्तर पर धूम्रपान की लत में 41 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। अध्ययन में कहा गया है कि एशियाई देशों में 15 वर्ष की आयु से अधिक की आबादी में तेजी से वृद्धि होने के कारण धूम्रपान करने वालों की संख्या में तेज इजाफा हुआ है।

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