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शुक्रवार, 5 सितंबर 2014

मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर हिन्दुस्थान समाचार की रायशुमारी : जनता ने दिये अच्छे अंक / Completion of 100 Days of The Modi Government, Referendum of Hindusthan Samachar : People Gave Good Marks



प्रस्तुति : शीतांशु कुमार सहाय / Sheetanshu Kumar Sahay
-18 राज्य के 51441 लोगों की राय
-मोदी से 5 साल में अपेक्षित परिणामों की उम्मीद
-मोदी दिखे मनमोहन पर भारी
-सौ दिन का रिपोर्ट कार्ड, अच्छे अंकों से पास हुई मोदी सरकार
-अरूणाचल, जम्मू-कश्मीर और मध्य प्रदेश में 80 प्रतिशत से अधिक मोदी के दीवाने
-दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड में भी बरकरार है क्रेज
प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के सौ दिन पूरे होने पर देश की जनता ने उनकी नेतृत्व में चल रही सरकार को अच्छे अंक दिये हैं। लोगों ने पूर्ववर्ती मनमोहन सरकार की तुलना में मोदी सरकार के शासन को ज्यादा उम्दा बताया है। लेकिन, उनसे अपेक्षित परिणामों की उम्मीद पांच साल में करने की राय 40 फीसदी लोगों ने दी है। जनता ने जहां मोदी की विदेश नीति को सकारात्मक नजरों से देखा है वहीं इस सरकार के पहले बजट से लोगों की उम्मीदों में इजाफा होने का भी संकेत मिला है। हालांकि महंगाई के मुद्दे पर तत्कालिक राहत न मिलने का लोगों में मलाल जरूर दिखा लेकिन भविष्य को लेकर अधिकतर जनता आशान्वित है।
मोदी सरकार के सौ दिन का यह रिपोर्ट कार्ड देश की एकमात्र बहुभाषी न्यूज एजेंसी ‘हिन्दुस्थान समाचार’ द्वारा कराए गए एक सर्वे के आधार पर तैयार किया गया है। न्यूज एजेंसी ने देश के 18 राज्यों में 51,441 लोगों के बीच जब रायशुमारी की तो पता चला कि 44 प्रतिशत लोग मोदी से पांच साल में अपेक्षित परिणामों की आशा कर रहे हैं। सर्वे में लोगों से पूछा गया था कि मोदी सरकार से अपेक्षित परिणामों की आशा कब तक करनी चाहिए ? इस सवाल के जवाब में 25 प्रतिशत लोगों ने एक साल का वक्त दिया तो 31 फीसदी की राय दो साल की रही। करीब 26 प्रतिशत लोगों ने अपेक्षित परिणामों के लिए प्रधानमंत्री मोदी को पांच साल का समय देना उचित माना, जबकि 18 फीसदी इस मत के थे कि मोदी को आगामी कार्यकाल तक का वक्त दिया जाना चाहिये। इस तरह 44 प्रतिशत लोगों को मोदी से पांच साल में अपेक्षित परिणामों की आशा है। एक साल का वक्त देने वालों में सर्वाधिक राय त्रिपुरा, अरूणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और असम से मिली जहां के क्रमशः 85, 60, 71 और 45 प्रतिशत लोगों ने कहा कि मोदी से अपेक्षित परिणामों की आशा एक साल बाद करनी चाहिए। तीन साल का समय देने वालों में सर्वाधिक संख्या मध्य प्रदेश से 50 प्रतिशत, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश से 42-42 प्रतिशत, राजस्थान और छत्तीसगढ़ से 40-40 प्रतिशत और दिल्ली से 36 प्रतिशत दर्ज किया गया। इसी तरह पांच साल तक का समय देने की वकालत करने वालों में सर्वाधिक संख्या झारखंड और हरियाणा में 39-39 प्रतिशत और बिहार में 37 फीसदी रही। पांच साल बाद अगले कार्यकाल में अपेक्षित परिणामों की उम्मीद करने वालों में सर्वाधिक 60 प्रतिशत लोग पंजाब में मिले।

मनमोहन पर भारी दिखे मोदी---
100 दिनों में मोदी सरकार मनमोहन सरकार की तुलना में कैसी रही ? इस सवाल के जवाब में मात्र 20.6 प्रतिशत लोग ही मोदी सरकार को पूर्ववर्ती मनमोहन सरकार की तुलना में खराब मान रहे हैं, जबकि करीब 40 प्रतिशत जनता मोदी सरकार को अच्छी और 25.6 प्रतिशत लोग संतोषजनक मान रहे हैं। जिन लोगों को तुलनात्मक जवाब देने में कठिनाई हो रही थी उन्होंने ‘पता नहीं’ विकल्प चुना। ऐसे लोगों की संख्या भी लगभग 15 प्रतिशत रही। इस तरह करीब 80 प्रतिशत लोग मोदी सरकार से संतुष्ट दिखे। चूंकि परीक्षा में 75 प्रतिशत अंक सम्मानजनक यानि डिस्टिंक्शन मार्क माना जाता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि मोदी के सौ दिन के रिपोर्ट कार्ड में जनता ने डिस्टिंक्शन मार्क दर्ज कर दिया है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश, दिल्ली, अरूणाचल प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश व हरियाणा जैसे राज्यों के क्रमशः 75, 73, 72, 72, 70 और 60 प्रतिशत लोगों ने मोदी सरकार को मनमोहन सरकार की अपेक्षा बेहतर माना। उधर, जम्मू-कश्मीर में 52, असम और त्रिपुरा में 50, प0 बंगाल में 47, उत्तराखंड में 42, उत्तर प्रदेश में 37 और महाराष्ट्र में 31 प्रतिशत लोगों ने मोदी सरकार को ज्यादा अच्छा बताया। हालांकि बिहार और छत्तीसगढ़ में मोदी सरकार को अव्वल बताने वालों की संख्या क्रमशः 32 और 24 प्रतिशत ही रही लेकिन इसके अलावा क्रमशः 44 और 42 प्रतिशत ऐसे लोग भी रहे जो सरकार को संतोषजनक बता रहे हैं। इन दोनों राज्यों में मोदी सरकार को खराब बताने वालों की संख्या क्रमशः 09 और 14 प्रतिशत रही।
मोदी के प्रति आकर्षण बरकरार---
करीब 36 प्रतिशत लोगों ने माना कि नरेंद्र मोदी के प्रति जनता में आकर्षण अभी भी बरकरार है जबकि 31 प्रतिशत लोगों ने रायशुमारी के दौरान बीचोबीच वाली स्थिति बताई। एक तरह से ये लोग भी मोदी के पक्ष में जाते दिखे। इससे मोदी के प्रति आकर्षण का प्रतिशत 67 हो जाता है। हालांकि 21 फीसदी लोगों की राय में सरकार बनने के बाद मोदी का क्रेज घटा है। 12 फीसदी लोगों ने इस सवाल के जवाब में कहा कि उन्हें पता नहीं। मोदी के प्रति सर्वाधिक आकर्षण अरूणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड में दिखा। इन राज्यों में क्रमशः 97, 85, 80, 71, 72 और 71 प्रतिशत लोग मोदी के दीवाने दिखे। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, असम, हरियाणा, झारखंड और छत्तीसगढ़ में यह प्रतिशत क्रमशः 33, 23, 39, 39, 41 व 52 रहा। महाराष्ट्र में मोदी का आकर्षण खराब बताने वालों की संख्या 25 प्रतिशत रही। हालांकि यहां के 35 प्रतिशत लोगों ने इस सवाल के जवाब में बीचोबीच वाली स्थिति बताई। बिहार में भी 52 प्रतिशत लोग बीचोबीच वाली स्थिति के पक्षधर रहे। उधर, महाराष्ट्र में मोदी के प्रति पहले जैसा आकर्षण अब नहीं दिख रहा। वहां मात्र 23 प्रतिशत लोग ही मोदी के आकर्षण को अच्छा मान रहे हैं जबकि खराब मानने वालों की संख्या 25 प्रतिशत है।
महंगाई व भ्रष्टाचार के मुद्दे पर असमंजस---
महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मोदी को सत्ता सौंपने वाली जनता रायशुमारी के दौरान इन दोनों मुद्दों पर असमंजस में दिखी। हालांकि 38 प्रतिशत लोगों को विश्वास है कि मोदी सरकार महंगाई पर नियंत्रण कर लेगी। 27 प्रतिशत ने भविष्य में इस पर नियंत्रण की संभावना जताई। इस तरह 65 प्रतिशत लोग महंगाई से निजात पाने की उम्मीद किये हैं। हालांकि 21 फीसदी लोग सरकार को महंगाई रोक पाने में अक्षम पा रहे हैं और करीब 14 प्रतिशत ने इस सवाल के जवाब में कहा, ‘‘पता नहीं महंगाई रूक पायेगी अथवा नहीं’’। इसी तरह 36 प्रतिशत लोगों ने मोदी सरकार को भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में सफल माना, जबकि 24 प्रतिशत भविष्य में इस पर नियंत्रण की संभावना देख रहे हैं। यानि 60 प्रतिशत लोगों को विश्वास है कि मोदी भ्रष्टाचार को रोक लेंगे। हालांकि 22 प्रतिशत लोग इस मत के रहे कि सरकार भ्रष्टाचार को नहीं खत्म कर पायेगी वहीं 19 प्रतिशत ने ‘‘पता नहीं’’ का विकल्प भरा।
मोदी सरकार की कार्यप्रणाली पर जनता की राय---
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार 38 प्रतिशत लोगों ने मोदी सरकार की कार्यप्रणाली को अच्छा बताया। इसके अलावा 28 प्रतिशत ने संतोषजनक कहा। इस तरह 66 प्रतिशत लोग मोदी सरकार की कार्यशैली के प्रति सकारात्मक सोच बनाया हैं। हालांकि 18 प्रतिशत लोगों की राय में मोदी सरकार के कामकाज का तरीका ठीक नहीं। वहीं 17 प्रतिशत लोगों ने इस सवाल के जवाब में ‘‘पता नहीं’’ कहा। मोदी सरकार की कार्यशैली को सर्वाधिक पसंद करने वाले लोग मध्य प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली और असम राज्यों में मिले जहां क्रमशः 88, 75, 62, 60, 62 और 53 प्रतिशत लोगों ने इसे अच्छा बताया। इन राज्यों में मोदी सरकार की कार्यशैली को खराब कहने वालों का प्रतिशत क्रमशः 01, 00, 02, 04, 06 और 33 रहा। असम में कार्यप्रणाली को खराब कहने वालों की संख्या सर्वाधिक 33 प्रतिशत रही। झारखंड के 43 प्रतिशत लोगों ने मोदी सरकार की कार्यशैली को अच्छा बताया तो 33 फीसदी लोगों को यह संतोषजनक दिखा। खराब कहने वालों की संख्या 13 प्रतिशत रही। इसी तरह छत्तीसगढ़ के 47 प्रतिशत लोगों की निगाह में मोदी सरकार की कार्यशैली अच्छी है, जबकि 13 प्रतिशत लोग इसे खराब बता रहे हैं और 23 प्रतिशत ने संतोषजनक माना।  उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में ‘‘अच्छी’’ कार्यप्रणाली कहने वालों की संख्या क्रमशः 36, 33 और 30 प्रतिशत है तो खराब बताने वाले क्रमशः 24, 16 व 07 प्रतिशत लोग हैं। हालांकि इन राज्यों के क्रमशः 36, 22 और 42 प्रतिशत लोगों ने सरकार की कार्यप्रणाली को संतोषजनक बताया।
विदेश नीति पर जनता का मिजाज---
सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 34 प्रतिशत लोग मोदी सरकार की विदेश नीति को सफल मान रहे हैं। इसके अलावा 28 प्रतिशत भविष्य में इसकी सफलता की संभावना देख रहे हैं। इस तरह 62 प्रतिशत लोग मोदी की विदेश नीति को सही बता रहे हैं। जिन लोगों ने मोदी की विदेश नीति की सफलता को नकारा है, उनकी संख्या 19 प्रतिशत दर्ज की गई। इस सवाल के जवाब में ‘‘पता नहीं’’ कहने वाले भी 19 फीसदी रहे। मध्य प्रदेश में 83 प्रतिशत, जम्मू-कश्मीर में 66, दिल्ली में 63, उत्तराखंड में 53 और राजस्थान में 52 प्रतिशत लोगों ने मोदी सरकार की विदेश नीति को सफल बताया। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आसाम, झारखंड, पंजाब व हरियाणा में यह प्रतिशत क्रमशः 30, 32, 41, 38, 46 और 45 दर्ज किया गया। प0 बंगाल, छत्तीसगढ़ और बिहार के क्रमशः 28, 22 और 28 फीसदी लोगों ने ही मोदी की विदेश नीति को सफल माना। हालांकि इन राज्यों में अधिकतर लोगों ने भविष्य की संभावनाओं पर ज्यादा उम्मीद दिखाई।
62 प्रतिशत लोग सरकार के पहले बजट से संतुष्ट---  
सर्वे में एक सवाल मोदी सरकार के पहले बजट पर था। करीब 39 प्रतिशत लोगों ने बजट को देश की अर्थव्यवस्था को दुरूस्त करने वाला बताया, जबकि 23 प्रतिशत ने संतोषजनक कहा। यानि 62 प्रतिशत लोग सरकार के पहले बजट से संतुष्ट दिखे। 20 प्रतिशत लोगों ने इसे अर्थव्यवस्था के प्रतिकूल देखा। हालांकि लगभग 19 प्रतिशत लोगों को इस सवाल का जवाब देने में कठिनाई हुई तो उन्होंने ‘‘पता नही’’ कहा। ‘‘पता नहीं’’ का जवाब देने वालों में सर्वाधिक 64 प्रतिशत संख्या बिहार से दर्ज की गई। इस राज्य में बजट को नकारात्मक मानने वाले 06 प्रतिशत रहे और सकारात्मक मानने वालों की संख्या भी मात्र 02 प्रतिशत ही रही। हालांकि 28 प्रतिशत लोगों ने बजट को संतोषजनक बताया। राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, मध्य प्रदेश और हरियाणा के क्रमशः 63, 64, 65 और 57 प्रतिशत लोगों ने बजट को अर्थव्यवस्था ठीक करने वाला माना जबकि असम में यह संख्या 52 प्रतिशत, प0 बंगाल में 45, झारखंड में 40, हिमाचल में 45, पंजाब में 53, अरूणाचल में 49, उत्तर प्रदेश में 40 और महाराष्ट्र में 33 प्रतिशत दर्ज हुई।
मोदी की नीतियां और विकास---
रायशुमारी के दौरान 38 प्रतिशत लोगों ने माना कि मोदी सरकार की नीतियां देश के विकास को सही दिशा में रफ्तार देंगी। साथ ही 31 प्रतिशत लोगों ने भविष्य में ज्यादा संभावना देखी। इस तरह 69 प्रतिशत लोग इस उम्मीद में हैं कि मोदी की नीतियां देश के विकास को गति देंगी। हालांकि करीब 20 प्रतिशत लोगों ने मोदी सरकार की नीतियों को देश के विकास के लिए उपयुक्त नहीं माना। वहीं 11 प्रतिशत ने ‘‘पता नहीं’’ का विकल्प चुना। मोदी सरकार की नीतियों के सर्वाधिक प्रशंसक असम में दिखे जहां के 69 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इन नीतियों से देश के विकास को सही दिशा में गति मिलेगी। इसके बाद अरूणाचल प्रदेश के 65, दिल्ली के 61, मध्य प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के 60-60, राजस्थान के 53, पंजाब के 52, उत्तराखंड के 59, हरियाणा के 52, उत्तर प्रदेश के 39 और प0 बंगाल के 38 प्रतिशत लोगों ने मोदी सरकार की नीतियों के पक्ष में दिखे। इन प्रदेशों से मिली नकारात्मक राय का प्रतिशत क्रमशः 00, 07, 08, 05, 17, 19, 04, 26, 26 और 15 दर्ज किया गया।   
जनता कैसे देख रही मोदी के वादे को---
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार करीब 34 प्रतिशत लोगों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने वादों को पूरा करेंगे। इसके अलावा 31 प्रतिशत लोग इसे संभावित मानकर चल रहे हैं। इस तरह 65 प्रतिशत लोग वादे को पूरा होने को लेकर आशान्वित हैं जबकि 21 प्रतिशत का कहना है कि मोदी अपने वादे पूरा नहीं कर पायेंगे। दरअसल, मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान जनता से ढेर सारे वादे किये थे। अब सरकार बनते ही उनसे जनता की अपेक्षाएं बहुत बढ़ गयी हैं। इस संबंध में पूछे गये सवाल के जवाब में अरूणाचल प्रदेश के 82 प्रतिशत, मध्य प्रदेश के 75, उत्तराखंड के 62, राजस्थान के 61, बिहार और जम्मू-कश्मीर के 60-60, हिमाचल प्रदेश के 53, दिल्ली के 47, पंजाब के 46, हरियाणा के 45, छत्तीसगढ़ के 37, आसाम और झारखंड के 34-34, प0 बंगाल के 39, चंडीगढ़ के 32, महाराष्ट्र के 29 और उत्तर प्रदेश के 27 प्रतिशत लोगों ने कहा कि मोदी अपने वादे पूरा करेंगे। हालांकि त्रिपुरा के केवल 09 प्रतिशत लोगों में ही मोदी के वादों के प्रति विश्वास दिखा। दरअसल वहां के 71 प्रतिशत लोगों ने ‘‘पता नहीं’’ विकल्प पर अपना मत दिया है।

सर्वे-एक नजर में---
1-मनमोहन की तुलना में अच्छी है मोदी सरकार- करीब 80 प्रतिशत
2-मोदी सरकार का पहला बजट-संतोषजनक- 62 प्रतिशत
3-विकास को रफ्तार देंगी मोदी की नीतियां- सही- 69 प्रतिशत
4-महंगाई को नियंत्रित करेंगी मोदी सरकार- 65 प्रतिशत
5-भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा पायेंगे मोदी- 60 प्रतिशत
6-विदेश नीति रहेगी सफल- 62 प्रतिशत
7-अच्छी और संतोषजनक है सरकार की कार्यप्रणाली- 66 प्रतिशत
8-वादे निभायेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी- 65 प्रतिशत
9-अभी भी बरकरार है मोदी का आकर्षण- 67 प्रतिशत
10-पांच साल में मोदी से करें अपेक्षित परिणामों की आशा- 44 प्रतिशत

सर्वे का आकार---
मोदी सरकार के प्रति जनता का मिजाज जानने के लिए हिन्दुस्थान समाचार न्यूज एजेंसी ने देश के 18 राज्यों की पड़ताल की। इस दौरान 51,441 लोगों का सर्वे सैंपल लिया गया, जिसमें 63 प्रतिशत पुरुष, 37 प्रतिशत महिलाएं थीं। इन सब में करीब 52 प्रतिशत 40 वर्ष से कम के युवा थे। इसमें समाज के सभी वर्ग और क्षेत्र के लोगों की राय ली गई है। सर्वे के दौरान कुल दस सवालों के जवाब पूछे गये थे। सर्वेक्षण का यह कार्य हिन्दुस्थान समाचार के सैकड़ों कर्मठ संवाददाताओं ने कड़ी मेहनत कर 22 से 31 अगस्त के बीच पूरा किया। इसके बाद सम्पूर्ण आकड़े को संकलन प्रपत्र में इकट्ठा कर इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई।
सर्वे में जिन 18 राज्यों को आच्छादित किया गया, उनके नाम हैं-
1-उत्तर प्रदेश
2-मध्य प्रदेश
3-महाराष्ट्र
4-झारखंड
5-बिहार
6-प0 बंगाल
7-छत्तीसगढ़
8-हिमाचल प्रदेश
9-राजस्थान
10-त्रिपुरा
11-जम्मू-कश्मीर
12-आसाम
13-पंजाब
14-अरूणाचल प्रदेश
15-दिल्ली
16-चंडीगढ़
17-उत्तराखंड
18-हरियाणा


      ये थे सवाल और उनके जवाब


मनमोहन सरकार की तुलना में मोदी सरकार---
उत्तर        संख्या        प्रतिशत
अच्छी        20,071        39
खराब        10,612        21
संतोषजनक    13,173        26
पता नहीं        7,585        15


मोदी सरकार का पहला बजट क्या अर्थव्यवस्था ठीक करेगा---

उत्तर        संख्या        प्रतिशत
हां        20,024        39
नहीं        10,142        20
संतोषजनक    11,726        23
पता नहीं        9,549        19


क्या मोदी सरकार की नीतियां विकास को देंगी रफ्तार---
उत्तर        संख्या        प्रतिशत
हां        19,706        38
नहीं        10,254        20
संभावना है    16,037        31
पता नहीं        5,444        11


क्या मोदी सरकार महंगाई पर नियंत्रण कर लेगी---
उत्तर        संख्या        प्रतिशत
हां        19,666        38
नहीं        10,989        21
संभावना है    13,641        27
पता नहीं        7,145        14


क्या मोदी सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा पायेगी---
उत्तर        संख्या        प्रतिशत
हां        18,314        36
नहीं        11,189        22
संभावना है    12,191        24
पता नहीं        9,747        19


क्या मोदी सरकार की विदेश नीति सफल रहेगी---
उत्तर        संख्या        प्रतिशत
हां        17,708        34
नहीं        9,631        19
संभावना है    14,414        28
पता नहीं        9,688        19

मोदी सरकार की कार्यप्रणाली कैसी है---
उत्तर        संख्या        प्रतिशत
अच्छी        19,539        38
खराब        9,048        18
संतोषजनक    14,212        28
पता नहीं        8,642        17

 
क्या प्रधानमंत्री अपने वादे पूरे कर पायेंगे---
उत्तर        संख्या        प्रतिशत
हां        17,284        34
नहीं        10,710        21
संभावना है    15,850        31
पता नहीं        7,597        15


क्या मोदी का आकर्षण अभी भी बरकरार है---
उत्तर        संख्या        प्रतिशत
अच्छी है        18,348        36
खराब है        10,936        21
बीचोबीच        15,864        31
पता नहीं        6,293        12

मोदी से अपेक्षित परिणामों की आशा कब करनी चाहिये---
उत्तर            संख्या        प्रतिशत
एक साल में        13066        25
तीन साल में        16114        31
पांच साल में        13160        26
आगामी कार्यकाल में    9101        18

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