शीतांशु कुमार सहाय
दुनियाभर के नेताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है न्याय और शांति के लिए लड़ता है। मोदी ने कहा कि उन्हें पहली दफा संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करते हुए गौरव का अनुभव हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में भाषण देते हुए कहा कि भारत सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक बदलाव से गुजर रहा है। मोदी ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो कभी प्रकृति से संघर्ष नहीं करता, बल्कि समन्वय के सिद्धांत और दर्शन के साथ काम करता है और आगे बढ़ता है। उन्होंने कहा कि भारत शांतिपूर्ण संवृद्धि के लिए शांति, मित्रता और सहयोग से काम कर रहा है। पाकिस्तान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उसके साथ भी भारत का यही रुख है और उसके साथ भारत द्विपक्षीय वार्ता की हिमायत करता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भी भारत के शांतिपूर्ण रुख पर उचित प्रतिक्रिया देनी चाहिए। मोदी ने कहा कि कश्मीर में बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए पाकिस्तान की मदद के लिए उन्होंने हाथ बढ़ाया था। मोदी ने कहा कि आतंक के साये में पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं हो सकती, हालांकि भारत वार्ता करना चाहता है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में आज के समय में भले ही युद्ध नहीं हो रहा है, लेकिन हलचल जारी है। मोदी ने कहा कि आतंकवादी के खतरे से कई देश जूझ रहे हैं और भारत पिछले चार दशक से इस खतरे का सामना कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आतंकवाद से पूरब और पश्चिम के सभी देश जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि 20 साल पहले पश्चिम के लोग आतंकवाद को कानून और व्यवस्था का संकट बताते थे लेकिन आज वे इसे वैश्विक समस्या मानते हैं। मोदी ने आतंकवाद पर खासा बल देते हुए कहा कि इससे लड़ने के लिए सभी देशों के बीच साझेदारी और सहयोग की जरूरत है। माेदी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न देशों के संगठन बनने के मसले पर कहा कि हमें जी 1 से बढ़कर जी ऑल की तरफ बढ़ना चाहिए। मोदी ने कहा कि आतंकवाद से मुकाबले के लिए सभी देशों को मिलकर काम करना चाहिए। मोदी ने कहा कि आतंकवाद से लड़ने के मामले में यूएन को पहल करनी होगी और भारत इस मामले में सभी देशों से पहल करने का आग्रह करता है।
मोदी ने कहा कि हमें यूनए शांति मिशन के कार्यों को अच्छी तरह अंजाम और सहायता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समावेशी विकास के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कि वैश्वीकरण ने रोजगार के अवसर निकाले लेकिन अभी भी करोड़ों लोग भूखमरी के शिकार हैं। उन्होंने कि तकनीक ने चीजों को काफी आसान बना दिया है और इसके जरिए हम अधिक कुशलतापूर्वक कार्यों को अंजाम दे सकते हैं। मोदी ने कहा कि आज भी कई सारे देश आतंकवादी को पनाह दे रहे हैं, ऐसे में इसका खात्मा नहीं हो सकता। मोदी ने कहा कि सभी मुल्कों को एक मंच पर लाने में संयुक्त राष्ट्र को पहल करनी चाहिए। मोदी ने योग की तरफ दुनिया का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि योग से सभी तरह के विकास से हम मुक्त हो सकते हैं। ऐसे में हमें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तरफ बढ़ना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हर पीढ़ि के समक्ष चुनौतियां होती हैं और उन चुनौतियों का सामना करने के लिए उसे अपनी रणनीति बनानी पड़ती है। हमें भी नयी परिस्थितियों में समस्याओं को नये परिप्रेक्ष्य में देखना चाहिए और उनका समाधान ढूंढा जाना चाहिए। मोदी ने कहा कि यूएन के अगले साल 70 साल हो जाएंगे, ऐसे में हमें इसे और सफल बनाने के लिए पूरी ताकत के लिए साथ पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 2015 को हम उपलब्धि के साल के रूप में याद करें, यही मेरा सबसे आग्रह है और उसके लिए हमें कोशिश करनी चाहिए।
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