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रविवार, 28 सितंबर 2014

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 69वें सत्र की आम बहस में नरेंद्र मोदी के भाषण की 5 गलतियाँ / The United Nations General Assembly (UNGA) at the General Debate of the 69th Session of the Speech of Narendra Modi 5 Mistakes



भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र की आम बहस में भाषण को लेकर भारत में काफी उत्सुकता थी। अपनी भाषण शैली के लिए मशहूर मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा में लड़खड़ाते हुए भी नजर आए। करीब 12 साल बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंदी में भाषण दिया गया। नरेंद्र मोदी के भाषण में उच्चारण और कई अन्य तरह की गतलियाँ सामने आईं। नरेंद्र मोदी के भाषण की 5 गलतियाँ---
पहली गलती...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाषण की शुरुआत में ही संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष के नाम का गलत उच्चारण किया। उन्होंने सैम कुटेसा (Sam Kutesa) को सैम कुरेसा बोल दिया। 
दूसरी गलती...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महासभा में भाषण के दौरान 69वें सत्र का जिक्र किया तो अंग्रेजी और हिंदी मिलाकर बोल गए। उन्होंने 69वें सत्र को 'सिक्सटी नाइंथवें' सत्र कहकर महासभा को संबोधित किया।  
तीसरी गलती...
मोदी ने कहा की देश की आबादी का जिक्र करते हुए कहा कि भारत वन प्वाइंट ट्वेंटी फाइव (1.25) बिलियन लोगों का देश है। यानी दशमलव के बाद के अंकों को भी मोदी एक साथ ही पढ़ गए। जबकि यह वन प्वाइंट टू फाइव (1.25) बोला जाता है। इसे बोलने के दौरान मोदी थोड़ा लड़खड़ाते हुए भी दिखे।
चौथी गलती...
मोदी भाषण के दौरान कई शब्दों के उच्चारण में गलती करते हुए भी नजर आए। 'प्रकृति' को उन्होंने दो बार 'प्रकुर्ति' बोला, 'समुद्र' को 'समिद्र' और 'समृद्धि' को 'समुर्द्धी' कहा। मोदी 'सम्मान' को 'सन्मान' बोल गए।
पाँचवीं गलती...
संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने के लिए किसी राष्ट्र के प्रतिनिधि को 15 मिनट का समय दिया जाता है लेकिन भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी 35 मिनट तक भाषण देते रहे।

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