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शुक्रवार, 30 जनवरी 2015

बेरोजगारी दूर किये बिना कुशल भारत निर्माण की परिकल्पना असंभव : रुडी / Efficient India Envisages Construction Impossible Without Away Unemployment : Rudy


-शीतांशु कुमार सहाय

-उद्यमिता विकास के लिए तीन सौ करोड़ का त्रिपक्षीय समझौता

राष्ट्र के विकास मे महत्त्वपूर्ण योगदान देनेवाली युवाशक्ति यदि बेरोजगारी की समस्या से ग्रसित हो तब राष्ट्र निर्माण की परिकल्पना करना एक दिवास्वप्न के समान है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इस समस्या को पहचान कर इसके निदान का दूरदर्शी सोच ही कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के रूप में फलीभूत हुआ जिसके परिणाम स्वरूप आज कौशल विकास के क्षेत्र में युवाओं को दक्ष कर औद्यागिक क्षेत्र में कुशल युवाओं की कमी को दुर करने के साथ शिक्षित बेरोजगारी की समस्या को दूर कर कुशल भारत निर्माण की परिकल्पना को साकार करने के लिए दूसरा त्रिपक्षीय समझौता हो रहा है। उक्त बातें कौशल विकास एवं उद्यमिता (स्वतंत्र प्रभार)-सह-संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव प्रताप रुडी ने नयी दिल्ली के शिवाजी स्टेडियम एनेक्सी स्थित मंत्रालय के कार्यालय में शुक्रवार 30 जनवरी 2015 को उद्यमिता विकास हेतु वाधवानी फाउण्डेशन के साथ त्रिपक्षीय समझौते के आयोजित कार्यक्रम में कही।
-वाधवानी फाउण्डेशन से त्रिपक्षीय समझौता
कार्यक्रम में वाधवानी फाउण्डेशन, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के बीच उद्यमिता विकास के क्षेत्र मे तीन सौ करोड़ रुपये के निवेश का त्रिपक्षीय समझौता हुआ। विदित हो कि राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के साथ देश में कौशल विकास की पहल को प्रोत्साहित करने की गहरी रुचि अभिव्यक्त करनेवाले गैर लाभकारी संगठन वाधवानी फाउण्डेशन की नींव सन् 2000 ईश्वी में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रोमेश वाधवानी द्वारा डाली गयी थी। कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री श्री रुडी के साथ मंत्रालय के सचिव सुनील अरोड़ा, संयुक्त सचिव पवन अग्रवाल और वाधवानी फाउण्डेशन संस्थापक अध्यक्ष रोमेश वाधवानी उपस्थित थे। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री रुडी ने कहा- देश में जहाँ श्रमिकों की कुल संख्या का मात्र दो प्रतिशत ही कुशल है, वहीं वाधवानी फाउण्डेशन द्वारा उद्यमिता क्षेत्र में 300 करोड़ रुपये का निवेश बहुत ही बड़ा व महत्त्वपूर्ण कदम है। हम उन सभी निवेशकों का स्वागत करते हैं जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्त्वाकांक्षी योजना ‘कुशल भारत निर्माण’ के लक्ष्य में भागीदार बनकर भारत को कुशल लोगों का देश बनाने मे सहयोग करेंगे।
-बच्चों की दक्षता पर ध्यान देने की आवश्यकता
कौशल विकास मंत्री ने कहा कि आज देश में माध्यमिक और उच्च शिक्षा के दौरान बच्चों में दक्षता विकास पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। देश एक तरफ कुशल श्रमिकों की कमी से तो दुसरी तरफ शिक्षित युवा बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहा है। केन्द्रीय मंत्री श्री रुडी ने कहा कि देश मंे सन 2013-14 में प्राथमिक शिक्षा पर सैंतीस हजार एक सौ पचास करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद छोटे शैक्षणिक संस्थानों में ही नहीं अपितु नामी और बड़े शैक्षणिक संस्थाओं में भी कैम्पस सलेक्शन के दौरान 20 से 25 प्रतिशत शिक्षित युवाओं का कम्पनियों द्वारा चयन देश के युवाओं में दक्षता विकास की कमी को दर्शाता है। युवाशक्ति से परिपूर्ण सबसे युवा देश की युवा कौशल की बदहाली की कहानी ‘डीएनए’ ने पिछले वर्ष प्रकाशित एक रिपोर्ट में दर्शायी थी। आइआइटी मुम्बई प्लेसमेंट सेल के हवाले से प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार सन् 2013 ईश्वी में आइआइटी के कैम्पस सलेक्शन में केवल 23 प्रतिशत छात्रांे का ही चयन हुआ था। लगभग 82 करोड़ युवाशक्ति वाला देश, जिसकी कुल मानवशक्ति भी सवा अरब से ज्यादा है, का दक्ष श्रमिकों के अभाव से जूझना देश की शिक्षा-व्यवस्था पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाता है। हमारे देश की शिक्षा-व्यवस्था का आधुनिक उद्योगों से तालमेल की कमी इसकी मुख्य वजह है। सीआईआई की इंडिया स्किल रिपोर्ट 2015 भी इस बात को प्रमाणित करती है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रत्येक वर्ष सवा करोड़ युवा रोजगार बाजार में आते हैं जिनमें मात्र 37 प्रतिशत ही रोजगार के काबिल होते हैं। यह स्थिति तब है, जब सरकार द्वारा करोड़ांे रुपये खर्च कर शिक्षा के क्षेत्र मंे निरन्तर बदलाव किया जाता रहा है। यह जानकारी मंत्री राजीव प्रताप रुडी के प्रवक्ता धनंजय तिवारी ने दी।

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