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मंगलवार, 7 अप्रैल 2015

चितरंजन और वाराणसी की तर्ज पर विकसित होगा मढ़ौरा : रुडी / MARHAURA DIESEL LOCOMOTIVE (Rail Engine) FACTORY


-100 इंजन प्रतिवर्ष की क्षमता होगी मढ़ौरा रेल डीजल इंजन कारखाने की
-वाराणसी लोकोमोटिव कारखाने से बेहतर है मढ़ौरा रेल डीजल इंजन कारखाना

जिस प्रकार लोकोमोटिव कारखाने की वजह से चितरंजन और वाराणसी का विकास हुआ ठीक उसी प्रकार सारण जिले का मढ़ौरा भी अब देश के पटल पर अपनी एक अलग पहचान बनायेगा। इंजन कारखाने की शुरूआत से रेल नेटवर्क में मढ़ौरा ही नहीं सारण की अपनी पकड़ बढ़ जायेगी। इसकी वजह से क्षेत्र की आधारभूत संरचना का विकास होना भी तय है। प्रधानमंत्री व स्थानीय सांसद-सह-केन्द्रीय मंत्री राजीव प्रताप रुडी मिलकर इस कार्यक्रम को मुकाम तक पहुँचाने में लगे हैं। मढ़ौरा इंजन कारखाने से लगभग एक़ लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। गौरतलब है कि बिहार के विकास को लेकर केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली की अध्यक्षता में केन्द्र सरकार के मंत्रियों की एक उच्चस्तरीय बैठक नई दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक स्थित वित्त मंत्रालय के कार्यालय में सोमवार 6 अप्रैल 2015 को हुई थी, जिसमें बिहार के विकास की रूपरेखा तय की गई। बैठक में राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केन्द्रीय मंत्री राजीव प्रताप रुडी, ऊर्जा मंत्री पीयुष गोयल, पेट्रॉलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी, केन्द्रीय मंत्री राम कृपाल यादव, केन्द्रीय मंत्री गिरीराज सिंह, केन्द्रीय मंत्री डा॰ महेश शर्मा, केन्द्रीय मंत्री अशोक गजापति एवं रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा के अलावा अन्य वरिष्ठ मंत्री व सभी विभागीय सचिव उपस्थित थे। उक्त बातों की जानकारी केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता (स्वतंत्र) प्रभार-सह-संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रुडी ने मीडिया को दी।  
श्री रुडी ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र के रूप में पूरे बिहार में पहचान रखनेवाले मढ़ौरा का रेल डीजल इंजन कारखाना रेलवे की आय को बढ़ानेवाली एक महत्त्वपूर्ण परियोजना है। यह फैक्ट्री वाराणसी की डीजल लोकोमोटिव कारखाने से कई मामले में बेहतर है। इस परियोजना के पूरा हो जाने पर उच्च क्षमता व हाई स्पीडवाले करीब 100 इंजन प्रतिवर्ष निर्मित होंगे जिनकी बिक्री देश के अलावा दूसरे देशों को भी की जानी है। हाई स्पीडवाली डीजल लोकोमोटिव (इंजन) की दुनियाभर में माँग हीं मढ़ौरा की इस परियोजना को रेलवे की एक महत्त्वपूर्ण परियोजना बनाती है। बैठक में स्थानीय सांसद-सह-केन्द्रीय मंत्री श्री रुडी ने सारण जिले की वैसी लंबित विभिन्न योजनाओं से वित्त मंत्री को अवगत कराया जिनके कार्यान्वयन से बिहार के विकास को गति मिल सकती है। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि राज्य में केन्द्र सरकार की विभिन्न परियोजनाओं के लंबित होने का मुख्य कारण भूमि अधिग्रहण में राज्य सरकार की उदासीनता रही है।
श्री रुडी ने इस बात पर दुःख व्यक्त किया कि लालू प्रसाद यादव जब रेलमंत्री थे तब कारखाने की घोषणा के साथ-साथ भूमि अधिग्रहण शुरू करवाया था पर जब इसके लिए धन की आवश्यकता पड़ी, तब योजना को किनारे लगा दिया गया। आज नीतीश कुमार भी भूमि अधिग्रहण का विरोध कर बिहार की जनता के साथ राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अन्य स्थानों की तरह मढ़ौरा में कारखाने के लिए जमीन प्राप्त करने में कोई परेशानी नहीं है। यहाँ लोग बिना किसी विरोध के रेलवे को भूमि देने के लिए तैयार हैं परन्तु कुछ लोग अपनी राजनीति की रोटी सेंकने के लिए क्षेत्र के विकास में अवरोध उत्पन्न कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी श्री रुडी ने मढ़ौरा की विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए पूर्ववर्ती केन्द्र की संप्रग सरकार से लेकर राज्य सरकार तक प्रयास किया था परन्तु पूर्ववर्ती सरकारों की संवेदनहीनता के कारण कभी भी ये योजनाएँ फलीभूत नहीं हो पायीं। श्री रुडी ने कहा कि केन्द्र का लक्ष्य राज्य की भौगोलिक दशा और दिशा को ध्यान में रखकर विकास के विविध प्रारूपों के नियोजन और कार्यान्वयन से समग्र विकास का लक्ष्य हासिल करना है। इसके अतिरिक्त बिहार के विकास के संदर्भ में उन बुनियादी शर्तों को भी पूरा करने का है जिसमें अंतिम व्यक्ति का हित सर्वोपरि हो। श्री रुडी के प्रवक्ता धनंजय तिवारी ने यह जानकारी दी।

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