इंसान के शरीर के लिए नमक बेहद जरूरी है। आजकल के आयोडीनयुक्त नमक से ज्यादा अच्छा है सेंधा नमक। यह शरीर में अच्छे से पच जाता है। सेंधा नमक में 65 प्रकार के प्राकृतिक खनिज तत्व पाए जाते हैं। इसलिए यह कई जानलेवा बीमारियों से बचाता है। सेंधा नमक सेहत के लिए बेहद जरूरी हैं। सेंधा नमक प्राकृतिक वरदान है इसलिए आप अपने भोजन में सेंधा नमक का सेवन करना न भूलें। भारत मे अधिकांश लोग समुद्र से बना नमक खाते है जो की शरीर के लिए हानिकारक और जहर के समान है। उत्तम प्रकार का नमक सेंधा नमक है। बहुत अधिक मात्रा में सेंधा नमक भी खाना हानिकारक हो सकता है।
अधिक नमक खाना सेहत पर गलत असर डाल सकता है। इसलिए सभी डाक्टर नमक के अधिक सेवन करने से मना करते हैं। लेकिन एक एसा नमक भी है जो आपको कई गंभीर बीमारियों से बचा सकता है। आयुर्वेद में सेंधा नमक को सबसे उत्तम माना गया है। समुद्री नमक कोई बहुत ज्यादा स्वास्थ्य के लिये लाभकारी नहीं होता लेकिन इसका इतना ज्यादा प्रचार कर दिया गया है कि हमें लगता है कि यह सेंधा नमक के मुकाबले बहुत अच्छा होता है। अगर आपको लगता है कि समुंद्री नमक में आयोडीन होता है और इसलिये यह शरीर के लिये बहुत अच्छा होता है तो, आप गलत हैं। काला नमक स्वास्थ्य का खजाना आयोडीन के चक्कर में ज्यादा नमक खाना समझदारी नहीं है, बल्कि आयोडीन तो आपको दही, दूध, अंडा, आलू और हरी सब्जियों से ही प्राप्त हो सकता है।
सेंधा नमक लाखों साल पुराना समुद्री नमक है जो पृथ्वी की गहराइयों में दबकर बनता है। सेंधा नमक फायदेमंद और भोजन का स्वाद बढ़ाने वाला होता है। बहुत ही कम लोगों को इस बारे में पता है कि सेंधा नमक इंसान को कई रोगों से बचा सकता है। प्रसिद्ध वैज्ञानिक और समाज सेवी राजीव भाई दीक्षित का कहना है की समुद्री नमक तो अपने आप मे बहुत खतरनाक है लेकिन उसमे आयोडिन नमक मिलाकर उसे और जहरीला बना दिया जाता है, आयोडिन की शरीर मे अधिक मात्र जाने से नपुंसकता जैसा गंभीर रोग हो जाना मामूली बात है। प्राकृतिक नमक हमारे शरीर के लिये बहुत जरूरी है। इसके बावजूद हम सब घटिया किस्म का आयोडिन मिला हुआ समुद्री नमक खाते है। यह शायद आश्चर्यजनक लगे, पर यह एक हकीकत है।
आयुर्वेद की बहुत सी दवाईयों मे सेंधा नमक का उपयोग होता है। आम तौर से उपयोग मे लाये जाने वाले समुद्री नमक से उच्च रक्तचाप, डाइबिटीज़, लकवा आदि गंभीर बीमारियो का भय रहता है। इसके विपरीत सेंधा नमक के उपयोग से रक्तचाप पर नियन्त्रण रहता है। इसकी शुद्धता के कारण ही इसका उपयोग व्रत के भोजन मे होता है।
ऐतिहासिक रूप से पूरे उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में खनिज पत्थर के नमक को 'सेंधा नमक' या 'सैन्धव नमक' कहा जाता है जिसका मतलब है 'सिंध या सिन्धु के इलाक़े से आया हुआ'। अक्सर यह नमक इसी खान से आया करता था। सेंधे नमक को 'लाहौरी नमक' भी कहा जाता है क्योंकि यह व्यापारिक रूप से अक्सर लाहौर से होता हुआ पूरे उत्तर भारत में बेचा जाता था।
भारत मे 1930 से पहले कोई भी समुद्री नमक नहीं खाता था विदेशी कंपनीया भारत मे नमक के व्यापार मे आज़ादी के पहले से उतरी हुई है, उनके कहने पर ही भारत के अँग्रेजी प्रशासन द्वारा भारत की भोली भली जनता को आयोडिन मिलाकर समुद्री नमक खिलाया जा रहा है। सिर्फ आयोडीन के चक्कर में ज्यादा नमक खाना समझदारी नहीं है, क्योंकि आयोडीन हमें आलू, अरवी के साथ-साथ हरी सब्जियों से भी मिल जाता है।
यह सफ़ेद और लाल रंग मे पाया जाता है। सफ़ेद रंग वाला नमक उत्तम होता है।
हम अक्सर भोजन में ज्यादातर आयोडीन युक्त नमक का ही प्रयोग करते हैं। अगर हमें उपवास रखना है तब हम सेंधा नमक का प्रयोग कर लेते हैं। सेंधा नमक एक पहाड़ी नमक है, जो कि स्वास्थ्य के लिये सबसे उत्तम है। आयुर्वेद की बहुत सी दवाईयों मे सेंधा नमक का उपयोग होता है। प्राकृतिक नमक हमारे शरीर के लिये बहुत फायदेमंद होता है। आम तौर से उपयोग मे लाये जानेवाले समुद्री नमक से उच्च रक्तचाप, डाइबिटीज़, लकवा आदि गंभीर बीमारियो का भय रहता है। इसके विपरीत सेंधा नमक के उपयोग से रक्तचाप पर नियन्त्रण रहता है। इसकी शुद्धता के कारण ही इसका उपयोग व्रत के भोजन मे होता है। इसके सेवन से शरीर में ब्लड प्रेशर, चर्म रोग, फेफड़ा, नेत्र रोग, मोटापा, शरीर में जकड़न सहित बीस घातक बीमारियां होती हैं। सेंधा नमक के बारे में आयुर्वेद में बोला गया है कि यह आपको इसलिये खाना चाहिए; क्योंकि सेंधा नमक वात, पित्त और कफ को दूर करता है। यह पाचन में सहायक होता है और साथ ही इसमें पोटैशियम और मैग्नीशियम पाया जाता है जो हृदय के लिए लाभकारी होता है। यही नहीं आयुर्वेदिक औषधियों में जैसे लवण भाष्कर, पाचन चूर्ण आदि में भी प्रयोग किया जाता है। सेंधा नमक को रोजाना अपने भोजन में प्रयोग करें। उच्च रक्तचाप है तो समुद्री नमक की जगह पर सेंधा नमक खाएं। रक्त विकार आदि के रोग जिसमें नमक खाने को मना हो उसमे भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
यह हृदय के लिये उत्तम, दीपन और पाचन मे मददरूप, त्रिदोष शामक, शीतवीर्य अर्थात ठंडी तासीरवाला, पचने मे हल्का है। इससे पाचक रस बढ़्ते हैं। रक्त विकार आदि के रोग जिसमे नमक खाने को मना हो उसमे भी इसका उपयोग किया जा सकता है। यह पित्त नाशक और आंखों के लिये हितकारी है। दस्त, कृमिजन्य रोगो और रह्युमेटिज्म मे काफ़ी उपयोगी होता है।
अधिक नमक खाना सेहत पर गलत असर डाल सकता है। इसलिए सभी डाक्टर नमक के अधिक सेवन करने से मना करते हैं। लेकिन एक एसा नमक भी है जो आपको कई गंभीर बीमारियों से बचा सकता है। आयुर्वेद में सेंधा नमक को सबसे उत्तम माना गया है। समुद्री नमक कोई बहुत ज्यादा स्वास्थ्य के लिये लाभकारी नहीं होता लेकिन इसका इतना ज्यादा प्रचार कर दिया गया है कि हमें लगता है कि यह सेंधा नमक के मुकाबले बहुत अच्छा होता है। अगर आपको लगता है कि समुंद्री नमक में आयोडीन होता है और इसलिये यह शरीर के लिये बहुत अच्छा होता है तो, आप गलत हैं। काला नमक स्वास्थ्य का खजाना आयोडीन के चक्कर में ज्यादा नमक खाना समझदारी नहीं है, बल्कि आयोडीन तो आपको दही, दूध, अंडा, आलू और हरी सब्जियों से ही प्राप्त हो सकता है।
सेंधा नमक लाखों साल पुराना समुद्री नमक है जो पृथ्वी की गहराइयों में दबकर बनता है। सेंधा नमक फायदेमंद और भोजन का स्वाद बढ़ाने वाला होता है। बहुत ही कम लोगों को इस बारे में पता है कि सेंधा नमक इंसान को कई रोगों से बचा सकता है। प्रसिद्ध वैज्ञानिक और समाज सेवी राजीव भाई दीक्षित का कहना है की समुद्री नमक तो अपने आप मे बहुत खतरनाक है लेकिन उसमे आयोडिन नमक मिलाकर उसे और जहरीला बना दिया जाता है, आयोडिन की शरीर मे अधिक मात्र जाने से नपुंसकता जैसा गंभीर रोग हो जाना मामूली बात है। प्राकृतिक नमक हमारे शरीर के लिये बहुत जरूरी है। इसके बावजूद हम सब घटिया किस्म का आयोडिन मिला हुआ समुद्री नमक खाते है। यह शायद आश्चर्यजनक लगे, पर यह एक हकीकत है।
आयुर्वेद की बहुत सी दवाईयों मे सेंधा नमक का उपयोग होता है। आम तौर से उपयोग मे लाये जाने वाले समुद्री नमक से उच्च रक्तचाप, डाइबिटीज़, लकवा आदि गंभीर बीमारियो का भय रहता है। इसके विपरीत सेंधा नमक के उपयोग से रक्तचाप पर नियन्त्रण रहता है। इसकी शुद्धता के कारण ही इसका उपयोग व्रत के भोजन मे होता है।
ऐतिहासिक रूप से पूरे उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में खनिज पत्थर के नमक को 'सेंधा नमक' या 'सैन्धव नमक' कहा जाता है जिसका मतलब है 'सिंध या सिन्धु के इलाक़े से आया हुआ'। अक्सर यह नमक इसी खान से आया करता था। सेंधे नमक को 'लाहौरी नमक' भी कहा जाता है क्योंकि यह व्यापारिक रूप से अक्सर लाहौर से होता हुआ पूरे उत्तर भारत में बेचा जाता था।
भारत मे 1930 से पहले कोई भी समुद्री नमक नहीं खाता था विदेशी कंपनीया भारत मे नमक के व्यापार मे आज़ादी के पहले से उतरी हुई है, उनके कहने पर ही भारत के अँग्रेजी प्रशासन द्वारा भारत की भोली भली जनता को आयोडिन मिलाकर समुद्री नमक खिलाया जा रहा है। सिर्फ आयोडीन के चक्कर में ज्यादा नमक खाना समझदारी नहीं है, क्योंकि आयोडीन हमें आलू, अरवी के साथ-साथ हरी सब्जियों से भी मिल जाता है।
यह सफ़ेद और लाल रंग मे पाया जाता है। सफ़ेद रंग वाला नमक उत्तम होता है।
हम अक्सर भोजन में ज्यादातर आयोडीन युक्त नमक का ही प्रयोग करते हैं। अगर हमें उपवास रखना है तब हम सेंधा नमक का प्रयोग कर लेते हैं। सेंधा नमक एक पहाड़ी नमक है, जो कि स्वास्थ्य के लिये सबसे उत्तम है। आयुर्वेद की बहुत सी दवाईयों मे सेंधा नमक का उपयोग होता है। प्राकृतिक नमक हमारे शरीर के लिये बहुत फायदेमंद होता है। आम तौर से उपयोग मे लाये जानेवाले समुद्री नमक से उच्च रक्तचाप, डाइबिटीज़, लकवा आदि गंभीर बीमारियो का भय रहता है। इसके विपरीत सेंधा नमक के उपयोग से रक्तचाप पर नियन्त्रण रहता है। इसकी शुद्धता के कारण ही इसका उपयोग व्रत के भोजन मे होता है। इसके सेवन से शरीर में ब्लड प्रेशर, चर्म रोग, फेफड़ा, नेत्र रोग, मोटापा, शरीर में जकड़न सहित बीस घातक बीमारियां होती हैं। सेंधा नमक के बारे में आयुर्वेद में बोला गया है कि यह आपको इसलिये खाना चाहिए; क्योंकि सेंधा नमक वात, पित्त और कफ को दूर करता है। यह पाचन में सहायक होता है और साथ ही इसमें पोटैशियम और मैग्नीशियम पाया जाता है जो हृदय के लिए लाभकारी होता है। यही नहीं आयुर्वेदिक औषधियों में जैसे लवण भाष्कर, पाचन चूर्ण आदि में भी प्रयोग किया जाता है। सेंधा नमक को रोजाना अपने भोजन में प्रयोग करें। उच्च रक्तचाप है तो समुद्री नमक की जगह पर सेंधा नमक खाएं। रक्त विकार आदि के रोग जिसमें नमक खाने को मना हो उसमे भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
यह हृदय के लिये उत्तम, दीपन और पाचन मे मददरूप, त्रिदोष शामक, शीतवीर्य अर्थात ठंडी तासीरवाला, पचने मे हल्का है। इससे पाचक रस बढ़्ते हैं। रक्त विकार आदि के रोग जिसमे नमक खाने को मना हो उसमे भी इसका उपयोग किया जा सकता है। यह पित्त नाशक और आंखों के लिये हितकारी है। दस्त, कृमिजन्य रोगो और रह्युमेटिज्म मे काफ़ी उपयोगी होता है।
सेंधा नमक के लाभ
1. सेंधा नमक हड्डियों को मजबूत रखता है।
2. मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या सेंधा नमक के सेवन से ही ठीक हो सकती है।
3. नियमित सेंधा नमक का सेवन करने से प्राकृतिक नींद आती है। यह अनिंद्रा की तकलीफ को दूर करता है।
4. यह साइनस के दर्द को कम करता है।
5. शरीर में शर्करा को शरीर के अनुसार ही संतुलित रखता है।
6. पाचन तंत्र को ठीक रखता है।
7. यह शरीर में जल के स्तर की जांच करता है जिसकी वजह से शरीर की क्रियाओं को मदद मिलती है।
8. पित्त की पत्थरी व मूत्रपिंड को रोकने में सेंधा नमक और दूसरे नमकों से बेहद उपयोगी है।
9. पानी के साथ सेंधा नमक लेने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है।
10. सेंधा नमक का सेवन दमा के रोगीयों के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
11. यह नमक वजन को नियंत्रित करता है क्योंकि यह शरीर में पाचक रसों का निर्माण करता है। जिससे खाना जल्दी पच जाता है और कब्ज भी दूर हो जाती है।
12. सेंधा नमक को पानी के साथ लेने से कोलेस्ट्रोल कम होता है और हाई ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है, इसलिए यह दिल के दौरे को रोकने में मदद करता है
13. अनियमित दिल की धड़कनों को नियंत्रित करता है।
14. डायबिटीज के मरीजों को सेंधा नमक अपने भोजन में जरूर शामिल करना चाहिए।
15. मानसिक तनाव को कम करने के लिए सेंधा नमक का सेवन बेहद जरूरी है; क्योंकि यह तनाव का सामना करनेवाले हार्मोन्स सेरोटोनिन और मेलाटोनिन को शरीर में बनाए रखता है।
16. इसके नियमित सेवन से तनाव रहित नींद भी आती है।
17. सेंधा नमक खून के विकार को भी दूर करता है। इसकी तासीर ठंडी होती है।
18. सेंधा नमक का नियमित सेवन करने से फेफड़ों के रोग, चर्म रोग और शरीर की जकड़न आदि नहीं होते हैं।
19. पायरिया की समस्या से दांतों में काले धब्बे बन जाते है। ऐसे में सरसों के तेल में सेंधा नमक मिलाकर दांतों पर मलें। इस उपाय को कुछ दिनों तक लगातार करते रहें।
20. नाखूनों के पीलेपन को हटाता है सेंधा नमक।
21. सेंधा नमक कफ और वात दोष को भी खत्म करता है।
22. रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) पर नियन्त्रण रहता है।
23. यह पित्त नाशक और आंखों के लिये हितकारी है।
24. दस्त, कृमिजन्य रोगो और रह्युमेटिज्म में काफ़ी उपयोगी होता है।
25. वात, पित्त और कफ को दूर करता है।
26. यह पाचन में सहायक होता है।
27. आंखों के लिये हितकारी है।
28. सेंधा नमक में पोटैशियम, कैल्शियम, आयोडीन, लिथियम, फास्फोरस, क्रोमियम, मैंगनीज, लोहा, जस्ता, स्ट्रोंटियम और मैग्नीशियम सहित 65 प्रकार के प्राकृतिक खनिज तत्व पाए जाते हैं।
29. आप बॉडी स्क्रब में इसका उपयोग कर सकती हैं। सेंधा नमक का कण को आपके रोम छिद्रों को अंदर तक साफ करता है जो कोई भी साबुन नहीं कर सकता है। इससे आपकी त्वचा को फिर से सांस लेने की मौका मिलता है और त्वचा पर ग्लो आती है।
30. पैरों और हाथों की सफाई के लिए यह नमक त्वचा को ड्राई नहीं बनाता है, इसलिए आप इससे पैरों की एडिय़ों और हाथों को स्क्रब कर सकती है।
31. आपके हाथ के नाखून पीले हो रहे हैं तो पीलापन दूर करने के लिए सेंधा नमक के पानी में कुछ देर तक हाथ डुबोने से आपके पीले नाखून सफेद हो जाएंगे।
32. चेहरे से झुर्रियों को दूर करने के लिए सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जाता है। सेंधा नमक में नींबू और अदरक के रस के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाएं।
33. सेंधा नमक या काला नमक को चेहरे पर हल्के हाथों से रगडऩे से चेहरे से दाग-धब्बे दूर होते हैं।
34. सेंधा नमक सांसों से जुड़ी कई प्रकार की समस्याओं को दूर करता है। अस्थमा से जूझ रहे मरीजों को सेंधा नमक का सेवन जरूर करना चाहिए।
35. मेटाबॉलिज्म सही रखता है, मूड को सही रखता है, तनाव की समस्या दूर करता है, भूख को बढ़ाता है, पेट की बीमारियों से छुटकारा।
36. आंखों के लिए अच्छा है, संक्रमण को राहत देने में मदद करता है।
37. हिचकी में उपयोगी।
38. कब्ज, सूजन से राहत मिलती है।
2. मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या सेंधा नमक के सेवन से ही ठीक हो सकती है।
3. नियमित सेंधा नमक का सेवन करने से प्राकृतिक नींद आती है। यह अनिंद्रा की तकलीफ को दूर करता है।
4. यह साइनस के दर्द को कम करता है।
5. शरीर में शर्करा को शरीर के अनुसार ही संतुलित रखता है।
6. पाचन तंत्र को ठीक रखता है।
7. यह शरीर में जल के स्तर की जांच करता है जिसकी वजह से शरीर की क्रियाओं को मदद मिलती है।
8. पित्त की पत्थरी व मूत्रपिंड को रोकने में सेंधा नमक और दूसरे नमकों से बेहद उपयोगी है।
9. पानी के साथ सेंधा नमक लेने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है।
10. सेंधा नमक का सेवन दमा के रोगीयों के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
11. यह नमक वजन को नियंत्रित करता है क्योंकि यह शरीर में पाचक रसों का निर्माण करता है। जिससे खाना जल्दी पच जाता है और कब्ज भी दूर हो जाती है।
12. सेंधा नमक को पानी के साथ लेने से कोलेस्ट्रोल कम होता है और हाई ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है, इसलिए यह दिल के दौरे को रोकने में मदद करता है
13. अनियमित दिल की धड़कनों को नियंत्रित करता है।
14. डायबिटीज के मरीजों को सेंधा नमक अपने भोजन में जरूर शामिल करना चाहिए।
15. मानसिक तनाव को कम करने के लिए सेंधा नमक का सेवन बेहद जरूरी है; क्योंकि यह तनाव का सामना करनेवाले हार्मोन्स सेरोटोनिन और मेलाटोनिन को शरीर में बनाए रखता है।
16. इसके नियमित सेवन से तनाव रहित नींद भी आती है।
17. सेंधा नमक खून के विकार को भी दूर करता है। इसकी तासीर ठंडी होती है।
18. सेंधा नमक का नियमित सेवन करने से फेफड़ों के रोग, चर्म रोग और शरीर की जकड़न आदि नहीं होते हैं।
19. पायरिया की समस्या से दांतों में काले धब्बे बन जाते है। ऐसे में सरसों के तेल में सेंधा नमक मिलाकर दांतों पर मलें। इस उपाय को कुछ दिनों तक लगातार करते रहें।
20. नाखूनों के पीलेपन को हटाता है सेंधा नमक।
21. सेंधा नमक कफ और वात दोष को भी खत्म करता है।
22. रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) पर नियन्त्रण रहता है।
23. यह पित्त नाशक और आंखों के लिये हितकारी है।
24. दस्त, कृमिजन्य रोगो और रह्युमेटिज्म में काफ़ी उपयोगी होता है।
25. वात, पित्त और कफ को दूर करता है।
26. यह पाचन में सहायक होता है।
27. आंखों के लिये हितकारी है।
28. सेंधा नमक में पोटैशियम, कैल्शियम, आयोडीन, लिथियम, फास्फोरस, क्रोमियम, मैंगनीज, लोहा, जस्ता, स्ट्रोंटियम और मैग्नीशियम सहित 65 प्रकार के प्राकृतिक खनिज तत्व पाए जाते हैं।
29. आप बॉडी स्क्रब में इसका उपयोग कर सकती हैं। सेंधा नमक का कण को आपके रोम छिद्रों को अंदर तक साफ करता है जो कोई भी साबुन नहीं कर सकता है। इससे आपकी त्वचा को फिर से सांस लेने की मौका मिलता है और त्वचा पर ग्लो आती है।
30. पैरों और हाथों की सफाई के लिए यह नमक त्वचा को ड्राई नहीं बनाता है, इसलिए आप इससे पैरों की एडिय़ों और हाथों को स्क्रब कर सकती है।
31. आपके हाथ के नाखून पीले हो रहे हैं तो पीलापन दूर करने के लिए सेंधा नमक के पानी में कुछ देर तक हाथ डुबोने से आपके पीले नाखून सफेद हो जाएंगे।
32. चेहरे से झुर्रियों को दूर करने के लिए सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जाता है। सेंधा नमक में नींबू और अदरक के रस के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाएं।
33. सेंधा नमक या काला नमक को चेहरे पर हल्के हाथों से रगडऩे से चेहरे से दाग-धब्बे दूर होते हैं।
34. सेंधा नमक सांसों से जुड़ी कई प्रकार की समस्याओं को दूर करता है। अस्थमा से जूझ रहे मरीजों को सेंधा नमक का सेवन जरूर करना चाहिए।
35. मेटाबॉलिज्म सही रखता है, मूड को सही रखता है, तनाव की समस्या दूर करता है, भूख को बढ़ाता है, पेट की बीमारियों से छुटकारा।
36. आंखों के लिए अच्छा है, संक्रमण को राहत देने में मदद करता है।
37. हिचकी में उपयोगी।
38. कब्ज, सूजन से राहत मिलती है।
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