काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनावरण किया। वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम के नये परिसर का अनावरण्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुभ मुहूर्त रेवती नक्षत्र (दोपहर १:३७ बजे से १:५७ बजे तक २० मिनट का शुभ मुहूर्त था) में किया। मोदी ने मंदिर में मंत्रोच्चार के साथ पूजा की, मंदिर निर्माण में शामिल मजदूरों पर पुष्प वर्षा कर सम्मानित किया और उन के साथ सीढ़ी पर बैठ फोटो भी खिंचवाई। उन्होंनेे धर्माचार्यों और विशिष्टजनों से संवाद किया।
काशी विश्वनाथ धाम पूरी तरह से नया हो चुका है और ५ लाख स्क्वायर फीट में यह फैला हुआ है। ९०० करोड़ रुपये की लागत से बनी इस परियोजना में कई आकर्षण हैं। साथ ही कुछ प्रतीक भी हैं, जो बड़ा संदेश देते हैं। इन में हैं- शंकराचार्य, भारत माता और अहिल्याबाई होलकर की प्रतिमाएँ। भारत माता की प्रतिमा के जरिए भाजपा के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रवाद को उकेरना का प्रयास किया है। इसी तरह शंकराचार्य के माध्यम से हिंदुत्व का संदेश देने की कोशिश है। ऐसा पहली बार है, जब ऐसे किसी स्थान पर अहिल्याबाई होलकर की प्रतिमा लगायी जा रही है।
१८वीं सदी की रानी रहीं अहिल्याबाई होलकर को बड़ी संख्या में मंदिरों के निर्माण के लिए इतिहास में जाना जाता रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऐसा पहली बार है, जब किसी धार्मिक स्थान पर उन की प्रतिमा लगी है और उन के जरिये गलत इतिहास को सुधारने का संदेश देने का प्रयास किया जा रहा है। मराठा रानी अहिल्याबाई होलकर की राजधानी इंदौर के दक्षिण में स्थित महेश्वर में थी, जो मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी के किनारे स्थित था। कुशल योद्धा और प्रशासक होने के साथ ही अहिल्याबाई होलकर मंदिरों के निर्माण और उन के पुनरुद्धार के लिए चर्चित रही हैं।
अहिल्याबाई होलकर का काशी विश्वनाथ धाम से भी निकट का सम्बन्ध रहा है। मंदिर का जो मौजूदा स्वरूप है, उस का निर्माण १७८० ईस्वी में अहिल्याबाई होलकर ने ही कराया था। इस के बाद १९वीं सदी में महाराजा रणजीत सिंह ने सोने का छत्र बाबा विश्वनाथ को चढ़ाया था। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के वक्त बड़ी संख्या में महारानी अहिल्याबाई होलकर के पोस्टर देखने को मिले। मोदी के नेतृत्व में केदारनाथ में शंकराचार्य की प्रतिमा, राम मंदिर निर्माण और अब काशी कॉरिडोर का निर्माण हुआ।
'दिव्य काशी, भव्य काशी' अभियान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी २०१४ से ही काशी के सांसद हैं और वह यहाँ एक-एक प्रोजेक्ट की निजी तौर पर निगरानी कर रहे हैं। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण उन का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है और उस की हर अपडेट वह लगातार लेते रहे हैं।
विश्वनाथधाम के गर्भगृह में पूजा-अर्चना के बाद पीएम मोदी सीधे उन मजदूरों के बीच पहुँचे जिन्होंने दिन-रात मेेेहनत कर काशी विश्वनाथ काॅरिडोर तैयार किया। पीएम ने मजदूरों पर फूल बरसाए और उन के साथ बैठकर फोटो खिंचवाई। मोदी ने वहाँ अपने लिए रखी कुर्सी हटवा दी और मजदूरों के साथ सीढ़ी पर बैठकर ही फोटो खिंचवाई। कुछ देर तक पीएम ने मजदूरों से बात भी की।
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