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शनिवार, 5 फ़रवरी 2022

विसर्जन : जल में क्यों विसर्जित करते हैं देव प्रतिमाओं को Why Do Gods Immerse Idols In Water?



  -शीतांशु कुमार सहाय 
    आखिर देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को जल में ही क्यों विसर्जित कर दिया जाता है? 
     शास्त्रों के अनुसार जल ब्रह्म का स्वरूप माना गया है; क्योंकि सृष्टि के आरंभ में और अंत में संपूर्ण सृष्टि में सिर्फ जल ही जल होता है। जल बुद्घि और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। इस के देवता गणपति को माना गया है। जल में ही श्रीहरि का निवास है, इसलिए जल को नारायण भी कहते हैं। 
     माना जाता है कि जब जल में देव प्रतिमाओं को विसर्जित किया जाता है, तो देवी-देवताओं का अंश मूर्ति से निकलकर वापस अपने लोक को चला जाता है यानी परब्रह्म में लीन हो जाता है। यही कारण है कि मूर्तियों और निर्माल को जल में विसर्जित किया जाता है।

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