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मंगलवार, 31 मई 2022

प्रेमचन्द के बिना हिन्दी साहित्य का इतिहास अधूरा The Great Author Premchand

 -शीतांशु कुमार सहाय 


जयन्ती (३१ जुलाई) पर महान हिन्दी साहित्यकार प्रेमचन्द को कोटि-कोटि प्रणाम!

आधुनिक भारत के शीर्षस्थ साहित्यकार प्रेमचंद की रचना दृष्टि साहित्य के विभिन्न रूपों में अभिव्यक्त हुई है। उपन्यास, कहानी, नाटक, समीक्षा, लेख संस्मरण आदि अनेक विधाओं में उन्होंने साहित्य सृजन किया।

अपने जीवनकाल में ही उन्हें उपन्यास सम्राट की उपाधि मिल गई थी किन्तु पाठकों के बीच आज भी उनका कहानीकार का रूप स्वीकारा, सराहा जाता है।

उन का जीवन जितनी गहनता लिये हुए है, साहित्य के फलक पर उतना ही व्यापक भी है। प्रेमचन्द ने हिन्दी साहित्य की महती सेवा की और इस के भण्डार को अपनी लेखनी की निधि से धन्य किया। 

उन्होंने कुल १५ उपन्यास, ३०० से अधिक कहानियाँ, ३ नाटक, १० अनुवाद, ७ बाल पुस्तकें तथा हजारों की संख्या में लेख आदि की रचना की।

वे स्वयं आजीवन ज़मीन से जुड़े रहे और अपने पात्रों का चयन भी हमेशा परिवेश के अनुसार ही किया।

हिन्दी साहित्य के आकाश में प्रेमचन्द सदा-सर्वदा दैदीप्यमान रहेंगे। 

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