Pages

पृष्ठ Pages

शनिवार, 4 सितंबर 2010

संयुक्‍त राष्‍ट्र एवं हिन्‍दी

संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ की 6 आधिकारिक भाषाएँ हैं : 1. अरबी, 2. चीनी 3. अंग्रेजी 4. फ्रेंच, 5. रूसी 6. स्‍पेनिश. संयुक्‍त राष्‍ट्र की ये 6 आधिकारिक भाषाएं अन्‍य अन्‍तर्राष्‍ट्रीय संगठनों की भी आधिकारिक भाषाएँ हैं। उदाहरणार्थ :-- (1) अन्‍तर्राष्‍ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) (2) अन्‍तर्राष्‍ट्रीय विकास एजेंसी (IDA) (3) अन्‍तर्राष्‍ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) (4) संयुक्‍त राष्‍ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्‍कृतिक संगठन (UNESCO) (5) विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) (6) संयुक्‍त राष्‍ट्र औद्‌योगिक विकास संगठन (UNIDO) (7) संयुक्‍त राष्‍ट्र अन्‍तर्राष्‍ट्रीय बाल-आपातिक निधि (UNICEF)
सन् 1998 के पूर्व, मातृभाषियों की संख्‍या की दृष्‍टि से विश्‍व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं के जो आंकड़े मिलते थे, उनमें हिन्‍दी को तीसरा स्‍थान दिया जाता था। सन् 1991 के सैन्‍सस आफ इण्‍डिया का भारतीय भाषाओं के विश्‍लेषण का ग्रन्‍थ जुलाई, 1997 में प्रकाशित हुआ ( Census of India 1991 Series 1 - India Part I of 1997, Language : India and states - Table C - 7) यूनेस्‍को की टेक्‍नीकल कमेटी फॉर द वर्ल्ड लैंग्‍वेजिज रिपोर्ट ने अपने दिनांक 13 जुलाई, 1998 के पत्र के द्वारा यूनेस्‍को-प्रश्‍नावली के आधार पर हिन्‍दी की रिपोर्ट भेजने के लिए भारत सरकार से निवेदन किया। भारत सरकार ने उक्‍त दायित्‍व के निर्वाह के लिए केन्‍द्रीय हिन्‍दी संस्‍थान के तत्‍कालीन निदेशक प्रोफेसर महावीर सरन जैन को पत्र लिखा। प्रोफेसर महावीर सरन जैन ने दिनांक 25 मई ,1999 को यूनेस्‍को को अपनी विस्‍तृत रिपोर्ट भेजी।

प्रोफेसर जैन ने विभिन्‍न भाषाओं के प्रामाणिक आंकड़ों एवं तथ्‍यों के आधार पर यह सिद्ध किया कि प्रयोक्‍ताओं की दृष्‍टि से विश्‍व में चीनी भाषा के बाद दूसरा स्‍थान हिन्‍दी भाषा का है। रिपोर्ट तैयार करते समय प्रोफेसर जैन ने ब्रिटिश काउन्‍सिल आफ इण्‍डिया से अंग्रेजी मातृभाषियों की पूरे विश्‍व की जनसंख्‍या के बारे में तथ्‍यात्‍मक रिपोर्ट भेजने के लिए निवेदन किया। ब्रिटिश काउन्‍सिल ऑफ इण्‍डिया ने इसके उत्‍तर में गिनीज बुक आफ नालेज (1997 संस्करण, पृष्ठ-57) फैक्‍स द्वारा भेजा। ब्रिटिश काउन्‍सिल द्वारा भेजी गई सूचना के अनुसार पूरे विश्‍व में अंग्रेजी मातृभाषियों की संख्‍या 33,70,00,000 (33 करोड़, 70 लाख) है। सन् 1991 की जनगणना के अनुसार भारत की पूरी आबादी 83,85,83,988 है। मातृभाषा के रूप में हिन्‍दी को स्‍वीकार करने वालों की संख्‍या 33,72,72,114 है तथा उर्दू को मातृभाषा के रूप में स्‍वीकार करने वालों की संख्‍या का योग 04,34,06,932 है। हिन्‍दी एवं उर्दू को मातृभाषा के रूप में स्‍वीकार करने वालों की संख्‍या का योग 38,06,79,046 है जो भारत की पूरी आबादी का 44.98 प्रतिशत है। प्रोफेसर जैन ने अपनी रिपोर्ट में यह भी सिद्ध किया कि भाषिक दृष्‍टि से हिन्‍दी और उर्दू में कोई अंतर नहीं है। इस प्रकार ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, आयरलैंड, आस्‍ट्रेलिया, न्‍यूजीलैंड आदि सभी देशों के अंग्रेजी मातृभाषियों की संख्‍या के योग से अधिक जनसंख्‍या केवल भारत में हिन्दी एवं उर्दू भाषियों की है। रिपोर्ट में यह भी प्रतिपादित किया गया कि ऐतिहासिक, सांस्‍कृतिक एवं सामाजिक कारणों से सम्‍पूर्ण भारत में मानक हिन्‍दी के व्‍यावहारिक रूप का प्रसार बहुत अधिक है। हिन्‍दीतर भाषी राज्‍यों में बहुसंख्‍यक द्विभाषिक-समुदाय द्वितीय भाषा के रूप में अन्‍य किसी भाषा की अपेक्षा हिन्‍दी का अधिक प्रयोग करता है जो हिन्‍दी के सार्वदेशिक व्‍यवहार का प्रमाण है। भारत की राजभाषा हिन्‍दी है तथा पाकिस्‍तान की राज्‍यभाषा उर्दू है। इस कारण हिन्‍दी-उर्दू भारत एवं पाकिस्‍तान में संपर्क भाषा के रूप में व्यवहृत है।

विश्‍व के लगभग 93 देशों में हिन्‍दी का या तो जीवन के विविध क्षेत्रों में प्रयोग होता है अथवा उन देशों में हिन्‍दी के अध्‍ययन अध्‍यापन की सम्‍यक् व्‍यवस्‍था है। चीनी भाषा के बोलने वालों की संख्‍या हिन्‍दी भाषा से अधिक है किन्‍तु चीनी भाषा का प्रयोग क्षेत्र हिन्‍दी की अपेक्षा सीमित है। अंग्रेजी भाषा का प्रयोग क्षेत्र हिन्‍दी की अपेक्षा अधिक है किन्‍तु हिन्‍दी बोलने वालों की संख्‍या अंग्रेजी भाषियों से अधिक है। विश्‍व के इन 93 देशों को हम तीन वर्गों में विभाजित कर सकते हैं -

( I ) इस वर्ग के देशों में भारतीय मूल के आप्रवासी नागरिकों की आबादी देश की जनसंख्‍या में लगभग 40 प्रतिशत या उससे अधिक है। इन अधिकांश देशों में सरकारी एवं गैर-सरकारी प्राथमिक एवं माध्‍यमिक स्‍कूलों में हिन्‍दी का शिक्षण होता है। इन देशों के अधिकांश भारतीय मूल के आप्रवासी जीवन के विविध क्षेत्रों में हिन्‍दी का प्रयोग करते हैं एवं अपनी सांस्‍कृतिक पहचान के प्रतीक के रूप में हिन्‍दी को ग्रहण करते हैं। इन देशों में निम्‍नलिखित देश उल्‍लेखनीय हैं- 1.मारीशस 2. फिजी 3. सूरीनाम 4. गयाना 5. त्रिनिडाड एण्‍ड टुबेगो। त्रिनिडाड के अतिरिक्त अन्‍य सभी देशों में हिन्‍दी का व्‍यापक प्रयोग एवं व्‍यवहार होता है।

( II ) इस वर्ग के देशों में ऐसे निवासी रहते हैं जो हिन्‍दी को विश्‍व भाषा के रूप में सीखते हैं, पढ़ते हैं तथा हिन्‍दी में लिखते हैं। इन देशों की विभिन्‍न शिक्षण संस्‍थाओं में प्रायः स्‍नातक एवं / अथवा स्‍नातकोत्‍तर स्‍तर पर हिन्‍दी की शिक्षा का प्रबन्‍ध है। कुछ देशों के विश्‍वविद्यालयों में हिन्‍दी में शोध कार्य करने तथा डाक्‍टरेट की उपाधि प्राप्‍त करने की भी व्‍यवस्‍था है। इन देशों में निम्‍नलिखित देशों के नाम उल्‍ल्‍ेखनीय हैं =

(क) अमेरिका महाद्वीपः 6. संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका 7. कनाडा 8. मैक्‍सिको 9. क्‍यूबा, (ख) यूरोप महाद्वीप : 10. रूस 11. ब्रिटेन (इंग्‍लैण्ड) 12. जर्मनी 13. फ्रांस 14. बेल्‍जियम 15. हालैण्ड (नीदरलैण्‍ड्स) 16. आस्‍ट्रिया17. स्‍विटजरलैण्ड 18. डेनमार्क 19. नार्वे 20. स्‍वीडन 21. फिनलैंड 22. इटली 23. पौलैंड 24. चेक 25. हंगरी 26. रोमानिया 27. बल्‍गारिया 28. उक्रैन 29. क्रोशिया, (ग ) अफ्रीका महाद्वीप : 30. दक्षिण अफ्रीका 31. री-यूनियन द्वीप , (घ) एशिया महाद्वीप : 32. पाकिस्‍तान 33. बंग्‍लादेश 34. श्रीलंका 35. नेपाल 36. भूटान 37. म्‍यंमार (बर्मा) 38. चीन 39. जापान 40. दक्षिण कोरिया 41. मंगोलिया 42. उजबेकिस्‍तान 43. ताजिकस्‍तान 44. तुर्की 45. थाइलैण्ड , (ड. ) आस्‍ट्रेलिया : 46. आस्‍ट्रेलिया

( III ) इसका उल्‍लेख किया जा चुका है कि भारत की राजभाष्‍ाा हिन्‍दी है तथा पाकिस्‍तान की राज्यभाषा उर्दू है। इस कारण हिन्‍दी-उर्दू भारत एवं पाकिस्‍तान में संपर्क भाषा के रूप में व्‍यवहृत है। भारत एवं पाकिस्‍तान के अलावा हिन्‍दी एवं उर्दू मातृभाषियों की बहुत बड़ी संख्‍या विश्‍व के लगभग 60 देशों में निवास करती है। इन देशों में भारत, पाकिस्‍तान, बंगलादेश, भूटान, नेपाल आदि देशों के आप्रवासियों / अनिवासियों की विपुल आबादी रहती है। इन देशों की यह आबादी सम्‍पर्क-भाषा के रूप में ‘हिन्‍दी-उर्दू' का प्रयोग करती है, हिन्‍दी की फिल्‍में देखती है; हिन्‍दी के गाने सुनती है तथा टेलीविजन पर हिन्‍दी के कार्यक्रम देखती है। इन देशों में संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका , कनाडा , मैक्‍सिकोे , ब्रिटेन (इंग्‍लैण्ड) , जर्मनी, फ्रांस ,हालैण्ड (नीदरलैण्‍ड्स) , दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, उजबेकिस्‍तान, ताजिकस्‍तान, थाइलैण्ड, आस्‍ट्रेलिया आिद देशों के अलावा निम्‍नलिखित देशों के नाम उल्‍लेखनीय हैं :- 47. अफगानिस्‍तान 48. अर्जेन्‍टीना 49. अल्‍जेरिया 50. इक्‍वेडोर 51 ़इण्‍डोनेशिया 52. इराक 53. ईरान 54. उगांडा 55.ओमान 56. कजाकिस्‍तान 57. क़तर 58. कुवैत 59. केन्‍या 60. कोट डी ' इवोइरे 61.ग्‍वाटेमाला 62 ़ जमाइका 63. जाम्‍बिया 64. तंजानिया 65. नाइजीरिया 66. निकारागुआ 67 ़न्‍यूजीलैण्ड 68. पनामा 69. पुर्तगाल 70. पेरु 71.पैरागुवै 72 ़ फिलिपाइन्स 73. बहरीन 74. ब्राजील 75.ब्रुनेई 76 ़ मलेशिया 77. मिस्र 78 ़ मेडागास्कर 79. मोजाम्‍बिक 80.मोरक्‍को 81 ़मौरिटानिया 82 ़ यमन 83. लीबिया 84. लेबनान 85 ़वेनेजुएला 86. सऊदी अरब 87. संयुक्‍त अरब अमीरात 88. सिंगापुर 89 ़सूडान 90. सेशेल्स 91. स्‍पेन 92. हांगकांग (चीन) ९३. होंडूरास.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आलेख या सूचना आप को कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया दें। https://sheetanshukumarsahaykaamrit.blogspot.com/ पर उपलब्ध सामग्रियों का सर्वाधिकार लेखक के पास सुरक्षित है, तथापि आप अन्यत्र उपयोग कर सकते हैं परन्तु लेखक का नाम देना अनिवार्य है।