वर्ष 1482 में पोप ग्रेगेरी ने ग्रेगेरियन कैलेंडर बनाया था. यह कैलेंडर पांच सौ साल से भी ज्यादा पुराना है. अपनी सरलता की वजह से इसे यूनिवर्सल कैलेंडर बनाया गया. इसे सिविल कैलेंडर या इंटरनेशनल कैलेंडर भी कहा जाता है. इसकी तारीख सूर्य की गति के हिसाब से तय होती है. यह जूलियन कैलेंडर का सुधरा हुआ रूप है, जिसे रोम के शासक जूलियस सीजर ने बनाया था. जूलियन कैलेंडर में हर 128 साल के बाद एक दिन का हेर-फेर हो जाता था, जिसे ग्रेगेरियन में दूर किया गया. ग्रेगेरियन को लगभग सभी देशों में मान्यता दी गयी है. इस कैलेंडर को सबसे पहले इटली ने अपनाया. इसके बाद धीरे-धीरे दूसरे देशों ने अपना लिया और अब पूरी दुनिया इसे ही मानती है.
जनवरी
रोमन देवता जेनस के नाम पर वर्ष के पहले महीने जनवरी का नामकरण हुआ. मान्यता है कि जेनस के दो चेहरे हैं एक से वह आगे तथा दूसरे से वह पीछे देखते थे. ठीक उसी तरह जनवरी महीने के भी दो चेहरे हैं एक से वह बीते वर्ष को देखता है तथा दूसरे से वह अगले वर्ष को देखता है. जेनस को लैटिन में जैनअरिस कहा गया है, जेनस बाद में जेनुअरी बना जो हिंदी में जनवरी हो गया.
फरवरी
इस महीने का संबंध लैटिन के फैबरा से है. इसका अर्थ है शुद्धि की दावत. पहले इसी माह में 15 तारीख को शुिद्ध का दावत दिया करते थे. कुछ लोग फरवरी माह का संबंध रोम की एक देवी फैबरूएरिया से भी मानते थे.
मार्च
रोमन देवता मार्स के नाम पर मार्च महीने का नामकरण हुआ. रोमन वर्ष का प्रारंभ इसी महीने से होता है. मार्स मार्टिअस का अपभ्रंश है, जो आगे बढ.ने की प्रेरणा देता है. सर्दी समाप्त होने पर शत्रु देश पर आक्रमण करत थ,े इसलिए इस महीने का नाम मार्च पड़ा.
अप्रैल
इस महीने की उत्पत्ति लैटिन शब्द एस्पेरायर से हुई इसका अर्थ है खुलना. रोम में इसी माह कलियां खिल कर फूल बनती थीं अर्थात बसंत का आगमन होता था इसलिए इस महीने का नाम प्रारंभ में एप्रिलिस रखा गया.
मई
रोमन देवता मरकरी की माता मइया के नाम पर मई माह का नामकरण हुआ. मई का तात्पर्य ब.डे बुजुर्ग रईस हैं. मई माह की उत्पत्ति लैटिन की मेजोरस से भी मानी जाती है.
जून
इस महीने में लोग शादी करके घर बसाते थे इसलिए परिवार के लिए उपयोग होने वाले लैटिन शब्द जेन्स के आधार पर जून का नामकरण हुआ.
जुलाई
राजा जूलियस सीजर का जन्म और मृत्यु दोनों जुलाई में ही हुआ इसलिए इस महीने का नाम जुलाई रखा गया.
अगस्त
जूलियस सीजर के भतीजे अगस्टस सीजर ने अपने नाम को अमर बनाने के लिए सेक्सटिलिस का नाम बदल कर अगस्टस कर दिया जो बाद में केवल अगस्त हो गया.
सितंबर
रोम में सितंबर को सैप्टेंबर कहा गया है. सैप्टेंबर में सैप्टे लैटिन शब्द है, जिसका अर्थ है सात एवं बर का अर्थ है नौवां यानि सैप्टेंबर का अर्थ है सातवां जो बाद में नौंवा महीना बन गया.
अक्तूबर
इसे लैटिन आक्ट (आठ) के आधार पर अक्तूबर कहते हैं, किंतु दसवां महीना होने पर भी इसका नाम अक्तूबर ही चलता रहा.
नवंबर
नवंबर को लैटिन में नौवेम्बर यानी नौवां कहा गया. ग्यारहवां महीने बनने पर भी इसका नाम नहीं बदला और इसे नौवेम्बर कहा जाने लगा.
दिसंबर
इसी प्रकार लैटिन डेसेम के आधार पर दिसंबर महीने को डेसेंबर कहा गया. वर्ष का 12वां महीना बनने पर भी इसका नाम नहीं बदला.
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