नागा साधु : कुंभ मेला, इलाहाबाद 2013
संगम में शाही स्नान के दौरान नागा साधु : कुंभ मेला, इलाहाबाद 2013
संगम में शाही स्नान के दौरान गंगाजल चढ़ाता साधु : कुंभ, इलाहाबाद 2013
कुंभनगर (इलाहाबाद)। गंगा, यमुना एवं अदृश्य सरस्वती के संगम पर सोमवार (14 January 2013) को मकर संक्रांति से आस्था का महापर्व महाकुंभ मेला शुरू हुआ। मेला पुलिस के अनुसार, पहले शाही स्नान पर एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने पवित्र संगम पर स्नान किया। धरती के इस सबसे बड़े धार्मिक समागम में सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़ा अटल अखाड़े के साथ शाही स्नान के लिए आगे बढ़ा। अगुवाई नागा साधु कर रहे थे। हाथों में थे त्रिशूल, तलवारें और अन्य हथियार। शाही सवारी में महामंडलेश्वर हाथियों और बड़े साधु रथ तथा घोड़े पर सवार थे। इनके बाद निरंजनी, आनंद, जूना, आवाहन, अग्नि, निर्वाणी, दिगंबर, निर्मोही अखाड़ों ने पारंपरिक रीति-रिवाज से शाही स्नान किया। साधुओं की संख्या के हिसाब से इन्हें 30 मिनट से एक घंटे तक का समय दिया गया था।
शाही स्नान सुबह सवा छह बजे महानिर्वाणी और अटल अखाड़े से शुरू हुआ। उसके बाद निरंजनी के साथ आनंद, फिर जूना, आहवान और अग्नि अखाड़े ने 8 बजे से 8.40 बजे तक स्नान किया। इसके बाद दो घंटे तक संगम तट खाली रहा। 10.40 बजे वैष्णव के निर्वाणी, दिगंबर और निर्मोही ने क्रमश: 12.20 बजे तक संगम में डुबकी लगाई। उदासीन का नया पंचायती, बड़ा पंचायती और निर्मल अखाड़े ने सबसे बाद स्नान किया।
जूना अखाड़े---- पहले शाही स्नान में जूना अखाड़े का जलवा दिखा। 50 हजार संन्यासी, 15 हजार नागा और 50 रथों पर सवार महामंडलेश्वर अखाड़े की शोभा बढ़ा रहे हैं। शाही स्नान आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि के नेतृत्व में निकला। कुल 161 महामंडलेश्वर में से 50 ही उपस्थित रहे।
अग्नि अखाड़ा---- 7000 साधु महामंडलेश्वर रसानंद और कृष्णानंद के नेतृत्व में चले। इष्ट देवी माता गायत्री आगे थीं। सात रथ थे।
निरंजनी अखाड़ा---- जुलूस में 40 महामंडलेश्वर रथों पर सवार हुए। इसमें 20 हजार साधु-संत शामिल हुए। तीन हजार नागा जुलूस में थे।
बड़ा उदासीन---- शाही स्नान में पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन को एक घंटे का समय शाही स्नान के लिए मिला है। 30 महामंडलेश्वर स्नान करने के लिए पहुंच गए हैं। दस हजार भक्त हैं।
आह्वान अखाड़ा---- आचार्य महामंडलेश्वर शिवेन्द्र पुरी के नेतृत्व में स्नान हुआ। अखाड़े के सचिव महंत सत्य गिरी एवं महंत नील कंठ ने बताया कि शाही स्नान में सात हजार नागा संन्यासी हैं। महामंडलेश्वर कृष्णानंद पुरी, कृष्णानंद गिरि, प्रज्ञानंद गिरि, ब्राह्मणपुरी, कल्याणानंद गिरि भी थे। (d.bhaskar से)
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