केजरीवाल ने दावा किया कि 'आप' निश्चित तौर पर 2 सीटें- वाराणसी और अमेठी जीतेगी।
आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने माना कि दिल्ली की सरकार से इस्तीफा देने का समय गलत था। एक अखबार से बात करते हुए केजरीवाल ने पहली बार यह स्वीकार किया है कि उन्हें दिल्ली की सरकार से किसी बेहतर समय पर इस्तीफा देना चाहिए था। केजरीवाल ने माना है कि इस्तीफा देने का फैसला ज्यादा जोश में आकर लिया गया इसके लिए किसी बेहतर मौके की तलाश करनी चाहिए थी। केजरीवाल ने पहली बार यह भी माना कि जिस वक्त कांग्रेस और बीजेपी ने जन लोकपाल बिल पर विरोध किया उसी रात उन्होने इस्तीफा देने का मन बनाया था लेकिन यह उनकी गलती थी,हालांकि अब उन्हें इसका कोई दुख या खेद नहीं नहीं है। अरविंद मानते हैं कि इस्तीफा देने का फैसला उसी रात नहीं करना चाहिए था। केजरीवाल अपनी पार्टी का प्रचार करने पंजाब और अमृतसर जा रहे थे इसी दौरान उन्होने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया।
इस्तीफे पर बोले केजरीवाल----
मुख्यमंत्री पद छोड़ने का उन्हें कोई मलाल नहीं है, लेकिन उन्हें लगता है कि जिस दिन कांग्रेस और बीजेपी ने उनके जनलोकपाल विधेयक को रोका, उन्हें उसी दिन इस्तीफ़ा नहीं देना चाहिए था।
कुछ और वक्त लेना चाहिए था----
केजरीवाल ने इंटरव्यू में कहा, मुझे लगता है कि हमें अपने फैसले के पीछे का कारण बताने के लिए जनसभाएं करने के लिए कुछ और दिन लेने चाहिए थे और उसके बाद सरकार छोड़ी जा सकती थी। अब भविष्य की चिंता-केजरीवाल ने कहा कि अब आम आदमी पार्टी को अपने फ़ैसलों के प्रति भविष्य में सजग रहने की ज़रूरत है।
कांग्रेस बीजेपी ने भुनाया मौका----
अरविंद ने कहा, ''हमारे फ़ैसले और जनता के साथ संवादहीनता की वजह से कांग्रेस और भाजपा ये प्रचार करने में कामयाब रहे कि हम दिल्ली छोड़ कर भाग गए हैं।'' यह वजह है कि कांग्रेस और बीजेपी आम आदमी पार्टी पर ज़िम्मेदारी से बचने का आरोप लगाते रहे हैं।
आप के समर्थकों की संख्या घटी----
आप' ने मिडल क्लास के अपने समर्थन को नुकसान पहुंचाया है। इस सवाल पर केजरीवाल का जवाब था कि 'दो तरह के लोग सरकार से इस्तीफा देने से निराश हुए हैं। पहली कैटिगरी हमारे पक्के समर्थकों की है जो सरकार में हमारे काम को मानते हैं और हमारे लिए वोट करना जारी रखेंगे। दूसरी कैटिगरी उन लोगों की है जो अरविंद केजरीवाल को सीएम और मोदी को पीएम देखना चाहते हैं। इस कैटिगरी के लोग इस बात को हजम नहीं कर पा रहे कि मैंने मोदी को सीधी टक्कर दी है और ये लोग मुझसे काफी गुस्सा हैं। हमें ये समर्थक कभी भी वापस नहीं मिलेंगे, लेकिन इनकी संख्या काफी कम है।'
बीजेपी 180 से कम सीटें जीतेगी----
केजरीवाल लोकसभा चुनाव में ''आप' की संभावनाओं को लेकर पॉजिटिव नजर आए। उनका कहना था कि बीजेपी 180 से कम सीटें जीतेगी और 272 के आंकड़े से काफी पीछे रहेगी, जो बीजेपी के नेता नरेन्द्र मोदी के राजनीतिक करियर के लिए घातक होगा। उन्होंने बताया, 'मेरी गणना कहती है कि बीजेपी 180 से कम सीटें जीतेगी और मोदी इस देश के प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे।''
वाराणसी और अमेठी जीतेंगे----
केजरीवाल ने दावा किया कि 'आप' निश्चित तौर पर 2 सीटें- वाराणसी और अमेठी जीतेगी।
आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने माना कि दिल्ली की सरकार से इस्तीफा देने का समय गलत था। एक अखबार से बात करते हुए केजरीवाल ने पहली बार यह स्वीकार किया है कि उन्हें दिल्ली की सरकार से किसी बेहतर समय पर इस्तीफा देना चाहिए था। केजरीवाल ने माना है कि इस्तीफा देने का फैसला ज्यादा जोश में आकर लिया गया इसके लिए किसी बेहतर मौके की तलाश करनी चाहिए थी। केजरीवाल ने पहली बार यह भी माना कि जिस वक्त कांग्रेस और बीजेपी ने जन लोकपाल बिल पर विरोध किया उसी रात उन्होने इस्तीफा देने का मन बनाया था लेकिन यह उनकी गलती थी,हालांकि अब उन्हें इसका कोई दुख या खेद नहीं नहीं है। अरविंद मानते हैं कि इस्तीफा देने का फैसला उसी रात नहीं करना चाहिए था। केजरीवाल अपनी पार्टी का प्रचार करने पंजाब और अमृतसर जा रहे थे इसी दौरान उन्होने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया।
इस्तीफे पर बोले केजरीवाल----
मुख्यमंत्री पद छोड़ने का उन्हें कोई मलाल नहीं है, लेकिन उन्हें लगता है कि जिस दिन कांग्रेस और बीजेपी ने उनके जनलोकपाल विधेयक को रोका, उन्हें उसी दिन इस्तीफ़ा नहीं देना चाहिए था।
कुछ और वक्त लेना चाहिए था----
केजरीवाल ने इंटरव्यू में कहा, मुझे लगता है कि हमें अपने फैसले के पीछे का कारण बताने के लिए जनसभाएं करने के लिए कुछ और दिन लेने चाहिए थे और उसके बाद सरकार छोड़ी जा सकती थी। अब भविष्य की चिंता-केजरीवाल ने कहा कि अब आम आदमी पार्टी को अपने फ़ैसलों के प्रति भविष्य में सजग रहने की ज़रूरत है।
कांग्रेस बीजेपी ने भुनाया मौका----
अरविंद ने कहा, ''हमारे फ़ैसले और जनता के साथ संवादहीनता की वजह से कांग्रेस और भाजपा ये प्रचार करने में कामयाब रहे कि हम दिल्ली छोड़ कर भाग गए हैं।'' यह वजह है कि कांग्रेस और बीजेपी आम आदमी पार्टी पर ज़िम्मेदारी से बचने का आरोप लगाते रहे हैं।
आप के समर्थकों की संख्या घटी----
आप' ने मिडल क्लास के अपने समर्थन को नुकसान पहुंचाया है। इस सवाल पर केजरीवाल का जवाब था कि 'दो तरह के लोग सरकार से इस्तीफा देने से निराश हुए हैं। पहली कैटिगरी हमारे पक्के समर्थकों की है जो सरकार में हमारे काम को मानते हैं और हमारे लिए वोट करना जारी रखेंगे। दूसरी कैटिगरी उन लोगों की है जो अरविंद केजरीवाल को सीएम और मोदी को पीएम देखना चाहते हैं। इस कैटिगरी के लोग इस बात को हजम नहीं कर पा रहे कि मैंने मोदी को सीधी टक्कर दी है और ये लोग मुझसे काफी गुस्सा हैं। हमें ये समर्थक कभी भी वापस नहीं मिलेंगे, लेकिन इनकी संख्या काफी कम है।'
बीजेपी 180 से कम सीटें जीतेगी----
केजरीवाल लोकसभा चुनाव में ''आप' की संभावनाओं को लेकर पॉजिटिव नजर आए। उनका कहना था कि बीजेपी 180 से कम सीटें जीतेगी और 272 के आंकड़े से काफी पीछे रहेगी, जो बीजेपी के नेता नरेन्द्र मोदी के राजनीतिक करियर के लिए घातक होगा। उन्होंने बताया, 'मेरी गणना कहती है कि बीजेपी 180 से कम सीटें जीतेगी और मोदी इस देश के प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे।''
वाराणसी और अमेठी जीतेंगे----
केजरीवाल ने दावा किया कि 'आप' निश्चित तौर पर 2 सीटें- वाराणसी और अमेठी जीतेगी।
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