-शीतांशु कंमार सहाय
साल 2016 में मार्च के अंत तक नेशनल ब्रॉडब्रैंड नेटवर्क प्लान के तहत देशभर में 20,000 गाँव को ऑप्टिक फाइबर से जोड़ा जाएगा। पिछले आठ वर्षों से नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (एनएफओएन) पर सिर्फ बात हो रही है, लेकिन अब इसमें प्रगति भी देखने को मिलेगी। मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना की तर्ज पर एनएफओएन योजना को भी आगे बढ़ाने का फैसला किया है।
संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद स्वयं इस योजना की निगरानी कर रहे हैं। इसके तहत दिसंबर, 2016 तक देश की सभी पंचायतों को बेहतरीन दूरसंचार सेवा से जोड़ने का लक्ष्य है। केरल इस नेटवर्क के जरिये अपने सभी पंचायतों को जोड़नेवाला पहला राज्य बनने जा रहा है। प्रसाद सोमवार 12 जनवरी 2016 को इसका उद्घाटन करेंगे। मार्च के अंत तक केरल को डिजिटल रूप से जोड़ना तय है और उसके बाद दक्षिण भारत के अन्य राज्यों कर्नाटक एवं सीमांध्र को जोड़ा जाएगा। संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया, 'गुजरात और महाराष्ट्र जैसे पश्चिम भारत के राज्यों में इस पर काम तेजी से चल रहा है।' एनएफओएन को तेज करने के लिए संचार मंत्री कई नए कदम उठाने जा रहे हैं। प्रसाद राज्यों को ऐसी व्यवस्था करने को कहेंगे, जिसके तहत ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने की सुविधा होने पर ही भवन निर्माण का नक्शा पास हो सकेगा। इससे घरों को ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) से जोड़ने में मदद मिलेगी।
संचार मंत्री राज्यों से अपने राजमार्गों के साथ ओएफसी लगाने का ढांचा तैयार करने का भी अनुरोध करेंगे। संचार मंत्री इस तरह का पत्र सड़क व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को पहले ही लिख चुके हैं। माना जा रहा है कि सड़क व राजमार्ग मंत्रालय इसकी व्यवस्था करने जा रहा है कि राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के किनारे ओएफसी लगाने की भी व्यवस्था होगी। इससे केबल बिछाने का काम तेजी से होगा। प्रसाद ने बताया कि पिछली सरकार की तमाम नीतियों की वजह से दूरसंचार क्षेत्र की सारी योजनाएं लंबित थीं। अब मोदी सरकार के विजन को देखकर दूरसंचार क्षेत्र की कंपनियों में भरोसा लौटने लगा है। यह राज्यों के स्तर पर भी दिखाई दे रहा है। इसका सबसे ज्यादा फायदा एनओएफएन योजना को मिलने जा रहा है। केरल के बाद आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में भी इस योजना की प्रगति संतोषजनक है। इसके अलावा महाराष्ट्र और गुजरात में भी तेजी से प्रगति होने लगी है। हालांकि उत्तरी राज्यों खास तौर पर बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों के पिछड़ने के आसार हैं। आंध्र प्रदेश ने तो पंचायतों को ही नहीं, बल्कि हर घर को ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ने की तैयारी कर ली है।
सरकार की योजना---
लगभग 32 हजार करोड़ रुपये की इस योजना के तहत देश के दो लाख पंचायतों को बेहतरीन दूरसंचार नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। पहले चरण में हर पंचायत में एक स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र को इससे जोड़ा जाएगा जो वहां आधुनिक शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाएगा।
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