-शीतांशु कुमार सहाय / Sheetanshu Kumar Sahay
विश्व योग दिवस (21 जून) के पहले पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की योग करते हुए फोटो सामने आई है। इस फोटो में नेहरू शीर्षासन की मुद्रा में हैं। नेहरू ने इस संबंध में एक किताब में लिखा है कि उन्हें शीर्षासन से फायदा होता है। योग से होने वाले फायदों को लेकर पंडित नेहरू ने लिखा था, ''शीर्षासन के दौरान सिर के बल खड़ा होना होता है।'' एक अंग्रेजी वेबसाइट के मुताबिक नेहरू ने लिखा था, ''इससे नीचे अपनी हथेलियों से सहारा देने के वजह से हाथों और उंगलियों के इंटरलॉक खुलते हैं। मेरा मानना है कि शारीरिक व्यायाम का यह सबसे अच्छा आसन है। मैं इसे पसंद करता हूं। मुझे इससे बहुत फायदा मिला है। योग करने से मेरी मानसिक शक्ति अच्छी होती है और साथ ही दिमाग शांत रहता है जिससे परेशानी के दौर में भी सहनशीलता की शक्ति विकसित होती है।'' योग करते हुए नेहरू की फोटो के सामने आने से बाबा रामदेव के दावे पर मुहर लग गई है। सोमवार 15 जून 2015 को चंडीगढ़ में रामदेव ने कहा था कि पंडित नेहरू और इंदिरा गाँधी भी योग करती थीं। रामदेव ने यह भी कहा था कि सोनिया गाँधी भी योग करती रही हैं लेकिन काँग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी योग से दूर हैं, इसलिए वह सत्ता से दूर हैं। राहुल गाँधी को योग सिखाने के लिए भी रामदेव तैयार थे। रामदेव ने काँग्रेस के नेताओं को नसीहत दी है कि वे योग के कार्यक्रम का राजनीतिक तौर पर तो विरोध कर सकते हैं लेकिन योग का विरोध न करें।
21 जून को जहाँ विश्व योग दिवस यूएन सहित दुनियाभर के तमाम देशों में मनाया जाएगा, वहीं कुछ मुस्लिम संगठन इसके विरोध में हैं। काँग्रेसशासित राज्य भी योग दिवस के विरोध में उतर आए हैं। बुधवार 17 जून 2015 को उत्तराखंड के सीएम हरीश रावत ने बयान जारी कर कहा कि उत्तराखंड योग दिवस के कार्यक्रम में शामिल नहीं होगा। इसी तरह झारखंड में भी काँग्रेस ने योग दिवस का विरोध करने का फैसला लिया है। विश्व योग दिवस के मौके पर 21 जून को सरकार की तरफ से राजपथ पर हजारों लोग के साथ योग का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सरकार की ओर से काँग्रेस नेताओं को भी आमंत्रण भेजा गया है। हालांकि, अभी तक काँग्रेस के किसी बड़े नेता के ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होने की पुष्टि नहीं की गई है। (शीर्षासन में पंडित नेहरू का चित्र 1950 के दशक का है।)
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विश्व योग दिवस (21 जून) के पहले पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की योग करते हुए फोटो सामने आई है। इस फोटो में नेहरू शीर्षासन की मुद्रा में हैं। नेहरू ने इस संबंध में एक किताब में लिखा है कि उन्हें शीर्षासन से फायदा होता है। योग से होने वाले फायदों को लेकर पंडित नेहरू ने लिखा था, ''शीर्षासन के दौरान सिर के बल खड़ा होना होता है।'' एक अंग्रेजी वेबसाइट के मुताबिक नेहरू ने लिखा था, ''इससे नीचे अपनी हथेलियों से सहारा देने के वजह से हाथों और उंगलियों के इंटरलॉक खुलते हैं। मेरा मानना है कि शारीरिक व्यायाम का यह सबसे अच्छा आसन है। मैं इसे पसंद करता हूं। मुझे इससे बहुत फायदा मिला है। योग करने से मेरी मानसिक शक्ति अच्छी होती है और साथ ही दिमाग शांत रहता है जिससे परेशानी के दौर में भी सहनशीलता की शक्ति विकसित होती है।'' योग करते हुए नेहरू की फोटो के सामने आने से बाबा रामदेव के दावे पर मुहर लग गई है। सोमवार 15 जून 2015 को चंडीगढ़ में रामदेव ने कहा था कि पंडित नेहरू और इंदिरा गाँधी भी योग करती थीं। रामदेव ने यह भी कहा था कि सोनिया गाँधी भी योग करती रही हैं लेकिन काँग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी योग से दूर हैं, इसलिए वह सत्ता से दूर हैं। राहुल गाँधी को योग सिखाने के लिए भी रामदेव तैयार थे। रामदेव ने काँग्रेस के नेताओं को नसीहत दी है कि वे योग के कार्यक्रम का राजनीतिक तौर पर तो विरोध कर सकते हैं लेकिन योग का विरोध न करें।
21 जून को जहाँ विश्व योग दिवस यूएन सहित दुनियाभर के तमाम देशों में मनाया जाएगा, वहीं कुछ मुस्लिम संगठन इसके विरोध में हैं। काँग्रेसशासित राज्य भी योग दिवस के विरोध में उतर आए हैं। बुधवार 17 जून 2015 को उत्तराखंड के सीएम हरीश रावत ने बयान जारी कर कहा कि उत्तराखंड योग दिवस के कार्यक्रम में शामिल नहीं होगा। इसी तरह झारखंड में भी काँग्रेस ने योग दिवस का विरोध करने का फैसला लिया है। विश्व योग दिवस के मौके पर 21 जून को सरकार की तरफ से राजपथ पर हजारों लोग के साथ योग का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सरकार की ओर से काँग्रेस नेताओं को भी आमंत्रण भेजा गया है। हालांकि, अभी तक काँग्रेस के किसी बड़े नेता के ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होने की पुष्टि नहीं की गई है। (शीर्षासन में पंडित नेहरू का चित्र 1950 के दशक का है।)
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bohot hi acha nibandh hai yh mere liye bohot laabhdayak saabit hui maine isi nibandh ke sahare ek nibandh likha hai jo mai chaahti hu ki aap sabhi padhe Essay on Yog Diwash in Hindi
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