माँ भद्रकाली की प्राचीन प्रतिमा को पुनर्स्थापित करने को मन्दिर में लाते सैन्यकर्मी |
चैत्र नवरात्र जारी है और इस मौके पर भारतीय सेना ने माँ आदिशक्ति का आशीर्वाद प्राप्त करते हुए बहुत ही प्रशंसनीय कार्य किया है। चैत्र नवरात्र विक्रम २०७५ के प्रथम दिन अर्थात् १८ मार्च सन् २०१८ ईस्वी को भारतीय सेना द्वारा कश्मीर के एक प्राचीन मंदिर में माँ भद्रकाली की ऐतिहासिक प्रतिमा की पुनर्स्थापना करायी गयी है। कश्मीर के हंदवाड़ा जिले में इस प्रतिमा को एक ऐतिहासिक मंदिर में सेना के जवानों द्वारा पुनर्स्थापित किया गया है। मंदिर की सुरक्षा के लिए सेना के जवानों को तैनात किया गया है।
हंदवाड़ा जिले में स्थापित इस मूर्ति को एक गुफा से १९वीं सदी में प्राप्त किया गया था। तब से यह प्रतिमा हंदवाड़ा के एक मंदिर में स्थापित थी। स्थापना के ९० वर्ष बाद सन् १९८१ ईस्वी में मंदिर से यह प्रतिमा चोरी हो गयी। सन् १९८३ ईस्वी में इस प्रतिमा को खोज निकाला गया। इस के बाद साल १९९० में माता भद्रकाली के भक्त पंडित भूषण लाल प्रतिमा को जम्मू ले गये।
भद्रकाल गाँव के भद्रकाली मन्दिर में माँ भद्रकाली की प्रतिमा की प्राणप्रतिष्ठा करते सैन्य अधिकारी |
माता भद्रकाली की ऐतिहासिक प्रतिमा की स्थापना के दौरान गाँव में उत्सव जैसा वातावरण देखने को मिला। मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ भी पहुँची। लोग कैमरों में पूजन के दृश्य को कैद करते रहे।
इस पावन मौके पर भारतीय सेना की ओर से जीओसी मेजर जनरल एके सिंह समेत राष्ट्रीय राइफल्स रेजीमेंट के कई जवान मौजूद रहे। माँ भद्रकाली की ऐतिहासिक प्रतिमा की पुनर्स्थापना के पश्चात् जीओसी ने कहा कि भद्रकाली मंदिर में माँ भद्रकाली की प्रतिमा पुनर्स्थापना कराने के बाद सेना को इस की सुरक्षा का जिम्मा दिया गया है। मूर्ति की सुरक्षा के लिए भारतीय सेना की २१ राष्ट्रीय राइफल्स रेजीमेंट के जवानों को मंदिर परिसर में तैनात किया गया है, जो नियमित रूप से अपनी सेवा दे रहे हैं।
मन्दिर की सुरक्षा में तैनात भारतीय सेना के जवान |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
आलेख या सूचना आप को कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया दें। https://sheetanshukumarsahaykaamrit.blogspot.com/ पर उपलब्ध सामग्रियों का सर्वाधिकार लेखक के पास सुरक्षित है, तथापि आप अन्यत्र उपयोग कर सकते हैं परन्तु लेखक का नाम देना अनिवार्य है।