-अमित कुमार नयनन
कोरोना ने काफी कम समय में कई बड़े कारनामे किये हैं। इस के सम्पूर्ण सन्दर्भ को एक बार में तो नहीं विश्लेषित किया जा सकता, फिर भी इस के कुछ विशेष विशेषताओं पर तो एक नज़र डाली ही जा सकती है।
कोरोना : एक जैविक हथियार
इतिहास में हम ने विविध प्रकार के संहारक अस्त्र-शस्त्र के बारे में सुना है। पौराणिक काल में प्रक्षेपास्त्र, आग्नेयास्त्र, ब्रह्मास्त्र और कलियुग में परमाणु बम, रासायनिक बम, वायरस बम आदि। इसी प्रकार कोरोना एक वायरस बम है। कोरोना एक जैविक हथियार है। कोरोना एक सामरिक अस्त्र है।
कोरोना : साइलेण्ट कीलर
कोरोना सायलेण्ट किलर के रूप में अपनी शीघ्रगामी शुरुआत करते हुए अचानक ही विश्व-पटल पर अपनी दस्तक देते हुए सम्पूर्ण विश्व में छा गया।
कोरोना स्पीड
कोरोना की स्पीड मस्त है। इस की स्पीड तो नाम और काम दोनों स्तर पर कुछ ऐसी है कि पलक झपकते ही समस्त विश्व पर जिस गति से छा गया, उतने ही अल्प काल में उस से भी बड़े ऐसे-ऐसे कारनामे किये कि बस पूछिये मत। इस के गवाह आप और हम सभी हैं। इसे दुहराकर, बोलकर और सोचकर अपने आप को तकलीफ मत दीजिये; क्योंकि इस का तो कुछ बिगाड़ सकते नहीं, इसलिए उल्टा और भी ज़्यादा तकलीफ स्वयं को ही होगी। बस कोरोना के गुण-धर्म का बखान करते जाइये, तकलीफ अपने आप कम होती जायेगी। कोई कहे-न-कहे मगर यह एक प्राकृतिक सत्य है कि अगर आप के अन्दर दुश्मन को हराने की औकात न हो तो उसे हीरो की तरह स्वीकार कर लेना ही बेहतर होता है। इस प्रकार अपनी नाकामी भी छिप जाती है, साथ ही दुश्मन की बड़ाई कर उच्च स्तर के मानवीय गुणों के अध्येता और प्रणेता भी बन जाते हैं। इस दुश्मन को भले आनेवाले दिनों में शायद हम हरा भी डालें मगर इतने अल्प काल में इस ने जो जुल्म, जो कहर हम पर ढाये हैं, वे हमें ताउम्र याद रहेंगे। इस की याद की बानगी तब ही मिट सकती है, जब इस से भी बड़ा दुःख आ जाय। तो फैसला आप पर है कि आप इस दुःख और उस दुःख में कौन-सा दुःख आत्मसात् कर ‘सुखी’ होना चाहते हैं! इस के बावजूद आप के हाथ में कुछ भी नहीं है; क्योंकि होनी आप के और हमारे वश में नहीं है, हमें केवल कामना करने की छूट मिली है। इसलिए इस छूट को लूट लीजिये!
इण्टरनेशनल सुपस्टार कोरोना
कोरोना इण्टरनेशनल सुपर स्टार यूँ ही नहीं बना। इस के लिए उस ने बड़े-बड़े कारनामे किये हैं। घर के घर, देश के देश, परदेस के परदेस- सबकुछ पलक झपकते साफ-सुथरे कर दिये हैं, तबाह कर दिये हैं। इस के लिए उस ने सारा जहां छान मारा है। दुनिया की गली-कूचों तक में कूच कर दुनिया के छक्के छुड़ा दिये हैं। इस के कारनामों के आगे दुनिया के बड़े-बड़े दिग्गजों ने घुटने टेक दिये हैं और हथियार डाल दिये हैं। कुछ ने तो बिना लड़े ही हथियार डाल दिये हैं।
कोरोना एक इण्टरनेशनल सुपरस्टार बन चुका है। अपनी फिल्म का वह केन्द्रीय पात्र है जो हीरो और विलेन दोनों है। कोरोना को एक स्टार, एक विलेन के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। इस विलेन स्टार को ख़ुद ही यह पता नहीं है कि उस की उत्पति कब, क्यूँ, कहाँ, किसलिए हुई?
विश्वप्रसिद्ध कोरोना
कोरोना विश्वप्रसिद्ध हो गया। उस ने अति अल्पकाल में ही अपने कारनामों से ऐसा विश्वव्यापी तहलका मचाया कि उस की चर्चा विश्व के कोने-कोने में होने लगी।
कोरोना जगत
सम्पूर्ण जगत कोरोना की मुट्ठी में आ गया है। एक पल ऐसा लगा था कि पलक झपकते दुनिया को लील लेगा मगर उस की यह लीला अभी बाकी है। वायरस के रूप में लीला बाकी है जबकि कोरोना के रूप में अभी गुंजाइश बची है।
कोरोना ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि आविष्कार जब तक आप की मुट्ठी में है तब तक तो सब ठीक है, मगर जब आप आविष्कार की मुट्ठी में आते हैं तब क्या होता है!?
Nice Article Value of Reading!
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