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रविवार, 8 मई 2022

माँ या पिता के नाम एक दिन का सम्मान भारतीय संस्कृति के विरुद्ध Mother's Day Or Father's Day Are Not Good In Indian Culture

-शीतांशु कुमार सहाय 


 हमारी परम्परा है... 

      प्रातः उठने के पश्चात् माँ, पिता और सभी बड़ों के चरण स्पर्श कर उन का अभिवादन करना।

      अर्थात् प्रतिदिन मदर्स डे, फादर्स डे, ब्रदर्स डे, सिस्टर्स डे मनाती आयी है हमारी पीढ़ियाँ।

      ऐसे में किसी एक दिन को तरजीह देना वास्तव में अपनी समृद्ध संस्कृति को निम्नतर आँकने के समतुल्य है। 

      मनुस्मृति में महर्षि मनु ने कहा है...

अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोसेविनः।

चत्वारि तस्य वर्द्धन्ते आयुर्विद्यायशोबलम्।।

      अर्थात्, प्रतिदिन बड़े-बुजुर्गों के अभिवादन से आयु, विद्या, यश और बल में वृद्धि होती है। 

      जय भारत!

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