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बुधवार, 7 अगस्त 2024

कल्कि 2898 एडी पर कहानी चोरी का आरोप, मुकदमा दर्ज Kalki 2898 AD Accused of Story Theft, Case Registered

 

     अमित कुमार नयनन की बहुप्रतिक्षित रचना 'टीजी -द गाॅड-द ग्रेट गाॅड' एक अद्भुत व अभूतपूर्व रचना है। यह वर्षों के रिसर्च से तैयार अमूल्य रचना है। इस की सुरक्षा हेतु कोर्ट में सन् 2008 से ही 8 कहानियों के लिए सूचना-पत्र दर्ज है। इस अति महत्त्वपूर्ण रचना पर फिल्म निर्माण के लिए सन् 2008 ईस्वी से प्रख्यात अभिनेता अमिताभ बच्चन को वर्षों से उन के विश्वस्त सूत्रों के माध्यम से अमित कुमार नयनन द्वारा प्रेषित की जा रही थी। इतना कुछ होने के बावजूद नयनन की यह कहानी चोरी कर ली गयी और इस पर एक चर्चित फिल्म का निर्माण किया गया जो पिछले दिनों 'कल्कि 2898 एडी' के नाम से प्रदर्शित की गयी। कथित चोरी की कहानी पर बनी यह फिल्म करोड़ों रूपये की कमाई कर चुकी है। 

     अमित कुमार नयनन का कहना है कि 20 सितंबर 2008 को अमिताभ बच्चन के वेबसाइट 'बिग अड्डा डाॅट काॅम' पर उन्होंने बच्चन से संपर्क किया था तथा 'टाइमजी' के नाम से स्वयं और अमिताभ बच्चन के बीच नाट्य-भूमिका भी लिखी थी। इस रचना को 12 मार्च 2009 को उन्होंने बच्चन के पते पर भेजा था तथा अगले दिन 13 मार्च 2009 को फिल्म राइटर्स एसोसिएशन से उसे रजिस्टर्ड भी कराया था। तब से आजतक रिसर्च के दौरान कहानी जितनी बार भी परिवर्तित और परिवर्द्धित हुई, वह अंश भी विश्वस्त सूत्रों के माध्यम से अमिताभ बच्चन तक पहुँचायी गयी। ऐसा अमित कुमार नयनन कहते हैं। दशकों के रिसर्च से बनी अपनी कहानी के चोरी होने से व्यथित अमित आगे कहते हैं कि वह रचना के अपग्रेडेड वर्जन का भी 13 अगस्त 2013 को रजिस्ट्रेशन कराया। इस के बाद 11 फरवरी 2014 को इस कहानी का काॅपीराइट रजिस्ट्रेशन हुआ। कहानी की सुरक्षा के तमाम कानूनी प्रक्रियाओं के बाद भी अमित को बिना सूचित किये उन की कहानी पर  चोरी-छिपे 'प्रोजेक्ट के' के नाम से फिल्म बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी और प्रदर्शित होते समय नाम बदलकर 'कल्कि 2898 एडी' कर दिया गया। लेखक की जगह अमित कुमार नयनन का नाम नहीं है; बल्कि पर्दे पर और सभी प्रचार सामग्रियों पर निर्देशक नाग अश्विन ने अपना ही नाम प्रदर्शित किया है। फिल्म मे प्रभास, अमिताभ बच्चन, कमल हासन, दीपिका पादुकोण, दिशा पाटनी और ब्रह्मानंदम मुख्य भूमिकाओं में शामिल हैं। 

     अमित कुमार नयनन के अनुसार, उन की विस्तृत शोध पर आधारित इस कहानी को एक फिल्म में समेट पाना सम्भव नहीं है। नयनन की इस  बात और बल मिला जब 'कल्कि 2898 एडी' का निर्माण करनेवाली संस्था वैजयन्ती मूवीज और निर्माता सी. अश्विनी दत्त की ओर से इस के दूसरे भाग की शूटिंग होने की बात स्वीकारी। 

     उल्लेखनीय है कि अमित कुमार नयनन की रचना 'ए प्रभु', 'त्रेता का नेता', 'अवतार पुरुष' और 'कोरोनावायरस भाग-1, 2, 3' का हिन्दी वर्जन तथा 'कोरोनावायरस' का अँग्रेजी वर्जन के साथ ही 'कोराना थाॅट 1, 2' के इनपुट्स का भी इस रचना में समावेश है। इन सभी रचनाओं के भी रजिस्ट्रेशन के कागजात अमित कुमार नयनन के पास उपलब्ध है। नयनन की तमाम रचनाएँ वेबसाइट https://sheetanshukumarsahaykaamrit.blogspot.com/ पर 2020 से ही मौजूद है। साथ ही टीजी - द गाॅड-द ग्रेट गाॅड/ अमित कुमार नयनन के संपादन से संबंधित अधिसूचना वेबसाइट पर 2 अप्रैल 2017 को स्पष्ट रूप से जारी की गयी थी।

     अमित कुमार नयनन की सम्बन्धित कई रचनाओं को आप इस वेबसाइट पर भी देख सकते हैं।  

     अमित कुमार नयनन बताते हैं कि उन की बहुप्रतीक्षित रचना 'टीजी - द गाॅड-द ग्रेट गाॅड' एक अद्भुत और अभूतपूर्व रचना है। यह काफी रिसर्च से तैयार अमूल्य रचना है। अमित की बात मानें तो सन् 2008 ईस्वी से अमिताभ बच्चन को उन के विश्वस्त सूत्रों के माध्यम से लगातार प्रेषित की जा रही थी जो लीक हो गयी या लीक कर दी गयी।  तत्पश्चात् प्राप्त सम्पर्क सूत्रों के माध्यम से इस पर वार्ता चल रही थी। तभी इस बीच प्रोड्यूसर तलाशने के क्रम में यह रचना अवैध रूप से वैजयन्ती मूवीज के हाथ लग गयी। अमित स्पष्ट कहते हैं कि उन की रचना  'टीजी - द गाॅड-द ग्रेट गाॅड' को व इस में निहित तथ्यों व तत्त्वों को अवैध तरीके से 'कल्कि 2898 एडी' में रूपांतरित किया गया है। 

     नयनन ने कहा, वैजयन्ती मूवीज के प्रोड्यूसर सी अश्विन दत्त ने अपने सन-इन-ला नाग अश्विन को प्रमोेट करने के लिए इस रचना का अवैध इस्तेमाल किया। उन्होंने अपने डायरेक्टर सन-इन-ला को डायरेक्शन के अलावा अभूतपर्व कहानी का लाभ देने के लिए राइटर का भी लाभ देने के क्रम में ऐसा किया। वैजंयंती मूवीज की 'कल्कि 2898 एडी' की निर्माण प्रक्रिया आरंभ से ही संदेह के घेरे में रही है। मुहूर्त के समय इस फिल्म का नाम 'प्रभास 21' फिर 'प्रोजेक्ट के' रखा गया। लगभग एक साल बाद जब शूटिंग पूरी हो गयी, तब इसे साइंस फिक्शन बताया गया। अन्तिम नामकरण के दौरान  'कालचक्र' नाम पर भी विचार किया गया और अन्ततः 'कल्कि 2898 एडी' के नाम से प्रदर्शित किया गया है। प्रदर्शन के दौरान इसे साइंस मिथ फिक्शन बताया गया। पूर्व के नाम और विषय-वस्तु से मिथ कम्बीनेशन का पता नहीं चलता था। नयनन आगे कहते हैं कि अपनी गोपनीयता को बचाये रखने के लिए इन्होंने पहला ट्रेलर जो साइंस बेस्ड था,  उसे तो पहले जारी किया मगर दूसरा ट्रेलर काफी देर से फिल्म रिलीज से मात्र 6 दिन पूर्व 21 जून 2024 को जारी किया। 

     वैजयंती मूवीज द्वारा ऑफिशियल न्यूज जारी नहीं होने के कारण अमित कुमार नयनन पहले कोई कारण बताओ नोटिस वगैरह नहीं भेज पाए मगर वैजयंती मूवीज के प्रथम ट्रेलर रिलीज के बाद 7 जून 2024 को वैजयंती मूवीज को लीगल नोटिस भेजा। फिल्म प्रदर्शन तथा उस के बाद भी कुछ दिनों तक उत्तर का इंतजार किया मगर कोई उतर न आने के बाद 11 जुलाई 2024 को पटना सिविल कोर्ट में टीएस 298/24 मुकदमा दायर किया। 

     

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