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गुरुवार, 12 सितंबर 2013

पाकिस्तान को झटका : सबसे खतरनाक नगर कराची


शीतांशु कुमार सहाय
    पाकिस्तान को ममनून हुसैन के रूप में नया राष्ट्रपति मिला है। इससे वहाँ खुशी का माहौल है। पर, इसी हँसी-खुशी के बीच पाकिस्तान के लिए एक बुरी खबर आ गयी। उसके सबसे बड़े औद्योगिक नगर कराची को विश्व का सबसे खतरनाक नगर बताया गया है। यों खुशी के बीच गम की चाशनी घुल गयी और माहौल कुछ गमगीन हो गया। अमेरिका की पत्रिका ‘फॉरेन पॉलिसी’ ने इसी माह एक रिपोर्ट प्रकाशित की। रिपोर्ट में पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कराची को विश्व का सबसे खतरनाक शहर बताया गया है। यहाँ प्रत्येक 1,00,000 निवासियों पर हत्या की दर 12.3 है और यह दर विश्व के किसी भी बड़े नगर से 25 प्रतिशत तक अधिक है।
    केवल स्थानीय अपराधियों की ही नहीं; कराची में इन दिनों आतंकियों की भी कई सुरक्षित शरणस्थलियाँ हैं। अब यहाँ तालिबानियों ने भी अपनी पैठ बना ली है। यों हाल ही में बिहार से गिरफ्तार दुर्दान्त आतंकी भटकल ने बताया कि उसके आतंकी संगठन इण्डियन मुजाहिद्दीन का मुख्यालय कराची में ही है। कराची की इस दुर्गति के पीछे पाकिस्तान सरकार की गलत नीति भी जिम्मेदार है। उसका राष्ट्रीय गुप्तचर संगठन इण्टर सर्विस इण्टेलिजेन्स (आईएसआई) ही आतंकियों को प्रशिक्षण व संरक्षण दे रहा है। भटकल ने भी कहा है कि उसके संगठन के मुख्यालय की सुरक्षा आईएसआई ही करती है। ‘फॉरेन पॉलिसी’ के अनुसार, कराची में तालिबान की मौजूदगी बढ़ रही है जो अपराध व तस्करी का रैकेट चलाता है। यहाँ अन्य बड़े नगरों की तुलना में हत्या की दर करीब 25 प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2000 से 2010 के बीच कराची की आबादी 80 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है। आबादी बढ़ने की यह रफ्तार न्यूयॉर्क से भी अधिक है। आबादी बढ़ने का कारण यह है कि वर्ष 2003-13 के दशक में आतंकवाद से जूझ रहे लाखों लोग पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिम को छोड़कर कराची में शरण ली। काम की तलाश में यहाँ आये प्रवासियों की बड़ी तादाद ने नगर की स्थिति को खराब कर दिया है। इस कारण कराची सबसे खतरनाक शहर बन गया है।
    पाकिस्तान का सबसे बड़ा नगर और सिन्ध प्रान्त की राजधानी है कराची। यह अरब सागर तट पर स्थित पाकिस्तान का सबसे बड़ा बन्दरगाह भी है। उपनगरों को मिलाकर यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा नगर है जो 3527 वर्ग किलोमीटर में फैला है। इसकी ज़िन्दादिली की वजह से पाकिस्तान में इसे ‘रौशनियों का शहर’ और क़ैद-ए-आज़म जिन्ना का निवास स्थान होने की वजह से इसे ‘शहर-ए-क़ैद’ भी कहते हैं। रौशनियों के बीच कराची में अपराध व अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद की कालिमा फैल रही है। समय रहते पाकिस्तान को सतर्क होना चाहिये वरना वह दिन दूर नहीं जब वह विश्व विरादरी से अलग-थलग हो जाएगा। अमेरिकी पत्रिका की रपट के अनुसार, वर्ष 2011 में मुंबई (भारत) में जहाँ 202 हत्याएँ हुईं, वहीं कराची में वर्ष 2011 में 1723 व वर्ष 2012 में 2000 से अधिक हत्याएँ हुईं। यों शिया व सुन्नी के विवाद ने भी कराची को विश्व में बदनाम किया है। राष्ट्रपति ममनून हुसैन व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को चाहिये कि वे इस बदनामी को खत्म करें।

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