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शनिवार, 30 मई 2020

कोरोना इतिहास चलचित्र Corona History Channel

-अमित कुमार नयनन
     कोरोना ने दुनिया के लिए घर बैठे हिस्ट्री चैनल खोल दिया है। इस के आप दर्शक भी हैं और पात्र भी। 
     कोरोना ने हमें वर्तमान में स्थिर कर भविष्य के दर्शन पर रोक लगा दिया है। अल्पकाल के लिए ही सही लेकिन इतिहास की ओर धकेल दिया है। कोरोना ने एक ओर जहाँ अतीत के भविष्य की सभ्यता को स्थिर कर मानव को अतीत की परछायी दिखायी है, वहीं उस ने अतीत की यात्रा का फ्री ट्रैवल पैकेज भी दिया है।
     एक वक़्त था, जब मनुष्य धरती पर नया-नया आया था। तब सिर्फ़ जंगली जीव-जन्तु, जलचर, पक्षी वगैरह जीव रहते थे। फिर मनुष्य ने सभ्यता बनायी तो जंगल और जीव-जन्तु सिमट गये, दुबक गये।
     मनुष्य जब तक वाहन नहीं बनाया था, तब तक पैदल ही देश-परदेस की यात्रा करता था और वह भी बहुत ज़रुरत पड़ने पर। ध्यान से देखिये, कोरोना ने इतने ही समय में सब कुछ चलचित्र की तरह दिखला दिया जिस के असली पात्र आप और हम ही हैं।
     कोरोना ने अतीत की झाँकी दिखायी। कोरोना न इन्सान को घरों के अन्दर दुबककर रहने के लिए मज़बूर किया है। इस ने बताया और दिखाया- देखो! जब तुम धरती पर आये थे, तब यह दुनिया कैसी लगती थी और आज यह कैसी दीख रही है? तब पर्यावरण कैसा था, अब कैसा है?
     तब जीव-जन्तु और सभी प्राणी समस्त दुनिया में निर्भय हो विचरण करते थे। उस ज़माने में लोग पैदल ही देशाटन करते थे। आज की उन्नत दुनिया में वह दृश्य देख और जी लिया जैसा आरम्भिक काल में जीया था- सैकड़ों कोस पैदल.....। 
     इतिहास के मानव ने केवल इतिहास जीया था जबकि वर्तमान के मानव ने इतिहास और वर्तमान दोनों जीया है। इस प्रकार आज का मनुष्य वास्तव में इतिहास के मनुष्य से ज़्यादा सौभाग्यशाली है। यह सौभाग्य कोरोना की वज़ह से सम्भव हुआ है।
     कोरोना ने अतीत की झाँकी दिखायी है। अतीत का फ्री टूर पैकेज! एक रुपया भी खर्च नहीं और पूरी दुनिया ने एक साथ यात्रा कर ली अतीत और वर्तमान की। ...ओह! यह अनुभव तो सचमुच स्वर्णिम है!

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