केवल तीन मिनट में जानिये महान शासिका लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की जीवनी। उन की ३००वीं जयन्ती मनायी जा रही है। नीचे के लिंक पर क्लिक करें और देखें.....
शनिवार, 31 मई 2025
आज का राशिफल ३१ मई २०२५ Aaj Ka Rashifal 31 May 2025
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शुक्रवार, 30 मई 2025
आतंक के फन को कुचल देंगे, बिहार से मोदी की हुंकार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार में ४८ हज़ार ५०० करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण के बाद जनसभा को सम्बोधित किया और पाकिस्तान को आतंकवाद से परहेज करने की नसीहत दी।
उन्होंने कहा कि भारत की बेटियों के सिन्दूर की शक्ति को आज विश्व देख रहा है। मोदी ने रोहतास जिले के सासाराम में आज आयोजित विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए 'प्राण जाय पर वचन न जाई' का जयघोष किया। पाकिस्तान को सावधान करते हुए कहा कि अगर आतंक का फन निकला तो बिल से खींचकर कुचल देंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने और क्या कहा, सुनने और देखने के लिए नीचे के लिंक पर क्लिक करें.....
बिहार में ४८ हज़ार ५०० करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण किये PM Narendra Modi Inaugrated Mega Projects Of More Than 48 Thousand 500 Crore
बिहार में शुक्रवार, ३० मई २०२५ को प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने४८ हजार ५०० करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं के शिलान्यास व लोकार्पण किये।
नीचे के लिंक पर क्लिक करें और देखें कि बिहार के किन जिला को किस प्रकार की परियोजना का सीधा लाभ मिला.....
आज ३० मई २०२५ का राशिफल Aaj Ka Rashifal 30 May 2025
अपनी राशि के अनुसार जानिये आज ३० मई २०२५ (शुक्रवार) का राशिफल। आज का दिन और आज की रात कैसी गुजरेगी?
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बुधवार, 28 मई 2025
प्रख्यात शिक्षक खान सर के विवाह का सच जानिये | Know Fact Of The Marriage Of Famous Teacher Khan Sir | Faizal Khan
बिहार की राजधानी पटना में प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले शिक्षक फैजल खान बिहारी हिन्दी में पढ़ाने के कारण चर्चित हैं। वह 'खान सर' के नाम से विद्यार्थियों के बीच प्रसिद्ध हैं। यूट्यूबर के रूप में भी उन की प्रसिद्धि है।
खान सर ने अपने विद्यार्थियों के बीच अपनी शादी की बात कही है। इस के बारे में सच जानने के लिए नीचे के लिंक पर क्लिक करें और देखें.....
https://youtu.be/N9wu_ivSe6A?si=swBgtE9kAWYJUxaZ
Know Fact Of The Marriage Of Famous Teacher Khan Sir on above link.
खान सर के विवाह का सच जानिये | Know Fact Of The Marriage Of Famous Teacher Khan Sir | Faizal Khan
सोमवार, 19 मई 2025
१७ नेता संसद के रत्न चयनित, २ समितियों को भी सम्मान 17 Leaders Are The Sansad Ratna, 2 Committees Also Honored
शीतांशु कुमार सहाय
भारत में १५ वर्षों से बेहतरीन सांसदों को सम्मानित-पुरस्कृत करने की परम्परा चली आ रही है। इस वर्ष भी सम्मानित होनेवाले सांसदों का चयन कर लिया गया है। संसद में उल्लेखनीय योगदान देनेवाले १७ सांसदों और दो संसदीय स्थायी समितियों को 'संसद रत्न पुरस्कार २०२५' के लिए चुना गया है। ये पुरस्कार संसद में सक्रियता, बहस में भागीदारी, प्रश्न पूछने और विधायी कामकाज में योगदान के आधार पर दिए जाते हैं। यह पुरस्कार प्राइम प्वाइंट फाउण्डेशन की तरफ से शुरू किया गया है।
संसद रत्न पुरस्कार की शुरुआत २०१० में हुई थी और यह पुरस्कार उन सांसदों को दिये जाते हैं जो पारदर्शिता, जवाबदेही और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती देने के लिए संसद में सक्रिय रहते हैं।
इस वर्ष के विजेताओं का चयन जूरी कमेटी ने किया जिस की अध्यक्षता पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर (राष्ट्रीय) ने की।
४ सांसदों को विशेष सम्मान
चार सांसदों को संसदीय लोकतंत्र में उत्कृष्ट और सतत योगदान के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया जायेगा। प्राइम प्वाइंट फाउंडेशन के अनुसार, ये चारों सांसद १६वीं और १७वीं लोकसभा में भी संसद में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करनेवालों में शामिल रहे हैं और अपनी मौजूदा कार्यकाल में भी लगातार सक्रिय हैं।
ये चारों सांसद हैं-- भर्तृहरि महताब (भाजपा), सुप्रिया सुले (एनसीपी-एसपी), एन. के. प्रेमचंद्रन (आरएसपी) और श्रीरंग अप्पा बारणे (शिवसेना)
१३ सांसदों को विशिष्ट सम्मान
अन्य १३ सांसदों को उन के विशिष्ट संसदीय कार्यों के लिए चुना गया है। इन में कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हैं। इन सांसदों ने संसद में प्रश्न पूछने, चर्चा में भाग लेने और विधेयकों पर सुझाव देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी है।
इन के नाम इस प्रकार हैं-- स्मिता वाघ (भाजपा), अरविंद सावंत (शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट), नरेश गणपत म्हास्के (शिवसेना), वर्षा गायकवाड़ (काँग्रेस), मेधा कुलकर्णी (भाजपा), प्रवीण पटेल (भाजपा), रवि किशन (भाजपा), निशिकांत दुबे (भाजपा), बिद्युत बरन महतो (भाजपा), पी. पी. चौधरी (भाजपा), मदन राठौर (भाजपा), सी. एन. अन्नादुरै (डीएमके) और दिलीप सैकिया (भाजपा)।
दो स्थायी समितियाँ भी पुरस्कृत
इस वर्ष दो संसदीय स्थायी समितियों को भी संसद रत्न पुरस्कार से नवाजा जाएगा। ये हैं दोनों समितियाँ--
वित्त पर स्थायी समिति। इस समिति के अध्यक्ष भर्तृहरि महताब (भाजपा) हैं। इस समिति ने वित्तीय नीतियों पर कई प्रभावशाली और व्यावहारिक रपटें संसद में प्रस्तुत की हैं।
कृषि पर स्थायी समिति। इस समिति के अध्यक्ष चरणजीत सिंह चन्नी (काँग्रेस) हैं। इस समिति ने किसानों की समस्याओं और कृषि सुधारों पर ठोस सुझाव संसद में रखे हैं।
शुक्रवार, 16 मई 2025
ऑपरेशन सिन्दूर...तुर्किये और अजरबैजान का बायकाट जारी, जानिये अन्दर-बाहर की बात Operation Sindoor : Boycott Of Turkey & Azerbaijan, Know The Inside And Outside Story
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तीन इस्लामिक देशों की दोस्ती : भारत से दुश्मनी |
शीतांशु कुमार सहाय
बायकाट...बायकाट...बायकाट...सभी जगह यही शब्द ट्रेण्ड कर रहा है। संसार का सर्वाधिक आबादी वाला और विश्व का सब से बड़ा उपभोक्ता देश भारत अब सामरिक दृष्टि से भी महाशक्ति के रूप में उभरा है। ऑपरेशन सिन्दूर की प्रचण्ड सफलता ने इस उभार को नया आयाम दिया है। पहली बार देश के हर नागरिक में देशभक्ति का ज्वार-भाटा प्रकट रूप से हिलोर मार रहा है। जन-जन के देशप्रेम के इसी हिलोर में तुर्किये और अजरबैजान की आर्थिक स्थिति हिचकोले खाने लगी है। इसी सन्दर्भ में विस्तार से जानिये.....
एक अनुमान के अनुसार, भारत से जो आर्थिक लाभ तुर्किये और अजरबैजान को मिल रहा था, उस में सत्तर प्रतिशत से अधिक की कमी आ गयी है। आज दिल्ली सहित देश के सतरह राज्यों के व्यापारियों ने बैठक कर तुर्किये और अजरबैजान के सामानों को अपनी व्यापारिक गतिविधियों से निकाल-बाहर करने का निर्णय लिया है। भारत पर हमला करने के लिए पाकिस्तान की सहायता करना इन दोनों इस्लामिक देशों को महँगा पड़ रहा है।
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नरेन्द्र मोदी : नये भारत का दमदार नेतृत्वकर्ता |
टेरर और ट्रेड साथ-साथ नहीं
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी राष्ट्र के नाम सम्बोधन में स्पष्ट कहा कि टेरर (आतंकवाद) और ट्रेड (व्यापार) एकसाथ नहीं चल सकते। मोदी के नेतृत्व में नये भारत की विदेश नीति बड़ी धारदार है-- दोस्त हो तो दोस्ती निभाओ और दुश्मन हो तो मैदान में आ जाओ। छिपकर वार करने की फितरत भारत की नहीं है लेकिन चार दिन के संघर्ष में जिन-जिन देशों ने छिपकर, धर्म की ओट लेकर या व्यापार को आधार बनाकर भारत पर आक्रमण में पाकपरस्ती की है, उन्हें खामियाज़ा भुगतना ही पड़ेगा।
व्यापारी और उद्योगपति नाराज
फिलहाल दो पाकपरस्तों को आर्थिक मोर्चे पर धोबिया पछाड़ देने के लिए भारतवासियों ने कमर कस लिया है। पिछले कुछ दिनों से से चल रहे छिटपुट बायकाट ट्रेण्ड को आज देश के विभिन्न राज्यों में बैठक कर बड़े व्यापारियों और उद्योगपतियों ने औपचारिक बायकाट का रूप दे दिया। बिना सरकारी घोषणा के भारतीय व्यापारियों के बायकाट के औपचारिक निर्णय से तुर्किये और अजरबैजान के वैसे व्यापारियों और कारोबारियों के गले सूखने लगे हैं जो भारत में निर्यात कर रहे थे।
चैम्बर ऑफ ट्रेड एण्ड इण्डस्ट्री (सीटीआई) के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने कहा कि जो देश भारत के खिलाफ दुश्मन देश का समर्थन कर रहे हैं, उन के साथ कारोबार करना उचित नहीं है। भारत के लोगों से कमाई करके उस रकम से पाकिस्तान को मदद दी जा रही है। अब तुर्किये और अजरबैजान के साथ व्यापारिक रिश्ते खत्म कर सबक सिखाने की जरूरत है।
भारत के सभी व्यापारिक संगठनों में भारत विरोधी विदेशी शक्तियों के खिलाफ़ अपना रोष प्रकट किया है।
सीटीआई महासचिव गुरमीत अरोड़ा का कहना है कि केंद्र सरकार को फौरन तुर्किये और अजरबैजान के साथ-साथ चीन से आयात होने वाले सामानों पर रोक लगानी चाहिए, ताकि भारत से कमाई करके जुटाए गए फंड का इस्तेमाल पाकिस्तान की मदद करने में न किया जा सके।
पर्यटन और व्यापार पर ख़तरा
तुर्किये के पर्यटन और अर्थव्यवस्था में भारत का अहम रोल है। वर्ष 2024 में भारत के 2 लाख 75 हज़ार लोगों ने तुर्किये की यात्रा की है। 2024 में भारत और तुर्किये के बीच 12.5 बिलियन डॉलर का कारोबार हुआ। अब तय करना है नाटो के एकमात्र मुस्लिम सदस्य देश तुर्किये के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन को कि वह पाकिस्तान को चुने या अर्थव्यवस्था में साढ़े बारह अरब डॉलर जोड़े।
अनिर्णय की स्थिति में तुर्किये
दरअसल, भारत की विदेश नीति और भारतीयों के बायकाट वाले तात्कालिक निर्णय ने एर्दोआन को अनिर्णय की स्थिति में ला दिया है। अनिर्णय की स्थिति में तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी आ गये। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुप्पी से घबराकर उन्हें युद्ध विराम की श्रेय लेनेवाले वक्तव्य को बदलना पड़ा। एर्दोआन के पाकपरस्ती से दामाद की ड्रोन निर्माण करनेवाली और हवाई अड्डे पर यात्रियों को सेवा देनेवाली कम्पनी पर ख़तरे मँडराने लगे हैं। इस बारे में विस्तार से आगे बता रहा हूँ।
धर्म के आधार पर पाकिस्तान को मदद
बहरहाल, तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोआन मुसलमानों के खलीफा बनना चाहते हैं; क्योंकि तुर्किये खलीफा प्रथा का गढ़ था जिसे खत्म कर मुस्तफा कमाल पाशा ने तुर्की को मुस्लिमबहुल देश होने के बावजूद एक धर्मनिरपेक्ष देश के रूप में विश्व फलक पर उभारा था। पर, मुस्लिम बहुल देश धर्मनिरपेक्ष हो ही नहीं सकता, इस कथन को चरितार्थ कर तुर्की भी इस्लामिक देश बन गया और नाम भी तुर्की से तुर्किये हो गया। इसी सन्दर्भ में तुर्किये और अजरबैजान ने धर्म (इस्लाम) के आधार पर पाकिस्तान को भारत के विरुद्ध सहायता दिया और लगातार दे रहा है।
तुर्किये के ड्रोन से भारत पर हमला
आप को याद होगा कि सात मई के बाद पाकिस्तान ने भारत के सीमावर्ती छब्बीस जगहों पर कुछ दिनों तक करीब चार सौ एसिसगॉर्ड सोनगार ड्रोन्स से हमला किया। ये ड्रोन तुर्किये के बने हुए थे।
तुर्किये के राष्ट्रपति के दामाद की कम्पनी पर भारत की सख्ती
इस बीच मोदी सरकार ने फिर बड़ा फैसला लेते हुए तुर्की की ग्राउंड हैंडलिंग फर्म सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज की भारतीय हवाई अड्डों पर सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी है। इस सम्बन्ध में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दी है। तुर्की की यह कंपनी मुंबई सहित भारत के कई एयरपोर्ट पर यात्री सेवाओं, लोड नियंत्रण, उड़ान संचालन, कार्गो और डाक सेवाओं, गोदामों और पुल संचालन सहित लगभग 70 प्रतिशत ज़मीनी संचालन संभालती है। नागरिक उड्डयन और सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि पूरे भारत से भारतीय हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएँ संचालित करनेवाली तुर्की की कंपनी 'सेलेबी एनएएस एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया लिमिटेड' पर प्रतिबंध लगाने के अनुरोध प्राप्त हुए हैं।
यहाँ बता दूँ कि साल 2008 में तत्कालीन काँग्रेसी सरकार के आदेश पर सेलेबी कंपनी ने भारत के विमानन (एयरपोर्ट सर्विस) सेक्टर में काम शुरू किया था। अब रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस कंपनी में तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोआन की बेटी सुमेये एर्दोआन की हिस्सेदारी यानी शेयर है। एर्दोआन की बेटी की शादी सेलकुक बेराकटार से हुई है। ये वही शख्स है, जिस की कंपनी बेराकटार तुर्की में मिलिट्री ड्रोन बनाती है। पाकिस्तान ने इसी कंपनी के बनाए ड्रोन का इस्तेमाल सात मई के बाद भारत के खिलाफ नाकाम हमले में किया था।
अरबों रुपये का व्यापार ख़तरे में
अप्रैल-फरवरी 2024-25 के दौरान तुर्किये को भारत का निर्यात 5.2 बिलियन अमेरीकी डॉलर रहा, जबकि 2023-24 में यह 6.65 बिलियन अमरीकी डॉलर था। यह भारत के कुल 437 बिलियन अमरीकी डॉलर के निर्यात का सिर्फ 1.5 प्रतिशत है।
अप्रैल-फरवरी 2024-25 के दौरान अजरबैजान को भारत का निर्यात केवल 86.07 मिलियन अमरीकी डॉलर रहा, जबकि 2023-24 में यह 89.67 मिलियन अमरीकी डॉलर था। यह भारत के कुल निर्यात का मात्र 0.02 प्रतिशत है।
अप्रैल-फरवरी 2024-25 के दौरान तुर्किये से भारत का आयात 2.84 बिलियन अमरीकी डॉलर था, जबकि 2023-24 में यह 3.78 बिलियन अमरीकी डॉलर था। यह भारत के कुल 720 बिलियन अमरीकी डॉलर के आयात का केवल 0.5 प्रतिशत है।
अप्रैल-फरवरी 2024-25 के दौरान अजरबैजान से आयात 1.93 मिलियन अमरीकी डॉलर था, जबकि 2023-24 में यह 0.74 मिलियन अमरीकी डॉलर था। यह भारत के कुल आवक शिपमेंट का मात्र 0.0002 प्रतिशत है।
भारत और तुर्किये के बीच आयात व निर्यात
निर्यात :- खनिज ईंधन और तेल (2023-24 में 960 मिलियन अमरीकी डॉलर), विद्युत मशीनरी और उपकरण, ऑटो और उसके पुर्जे, कार्बनिक रसायन, फार्मा उत्पाद, टैनिंग और रंगाई की वस्तुएं, प्लास्टिक, रबर, कपास, मानव निर्मित फाइबर और तंतु, लोहा और इस्पात शामिल है।
आयात :- विभिन्न प्रकार के मार्बल (ब्लॉक और स्लैब), ताजे सेब (लगभग 10 मिलियन अमरीकी डॉलर), सोना, सब्जियां, चूना और सीमेंट, खनिज तेल (2023-24 में 1.81 बिलियन अमरीकी डॉलर), रसायन, प्राकृतिक या संवर्धित मोती, लोहा और इस्पात।
भारत और अजरबैजान के बीच आयात व निर्यात
निर्यात :- तम्बाकू और उसके उत्पाद (2023-24 में 28.67 मिलियन अमरीकी डॉलर), चाय, कॉफी, अनाज, रसायन, प्लास्टिक, रबर, कागज और पेपर बोर्ड और सिरेमिक उत्पाद।
आयात :- पशु चारा, जैविक रसायन, आवश्यक तेल और इत्र और कच्ची खालें और चमड़ा। 2023 में, भारत अज़रबैजान के कच्चे तेल के लिए तीसरा सबसे बड़ा गंतव्य था।
दोनों देशों में भारतीय
वर्तमान में तुर्किये में लगभग तीन हज़ार भारतीय नागरिक हैं। इन में दो सौ छात्र शामिल हैं। इसी तरह अजरबैजान में भारतीय समुदाय के लोग की संख्या डेढ़ हज़ार से ज़्यादा है।
बुधवार, 7 मई 2025
ऑपरेशन सिन्दूर व अखण्ड भारत : ऐसे हल होगा भारत का सीमा विवाद व अखण्ड भारत की पुनर्कल्पना Operation Sindoor & Akhand Bharat : This Is How India's Border Dispute Will Be Solved & Akhand Bharat Will Be Re-imagined
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में धर्म पूछकर हिन्दू पर्यटकों की हत्या किये जाने का बदला लेने के लिए भारत ने सात मई २०२५ को पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला कर आतंकवादियों को मिट्टी में मिला दिया। इसी सन्दर्भ में प्रस्तुत है जाने-माने ज्योतिष अमित कुमार नयनन का आकलन। इस में भारत-पाकिस्तान के वर्तमान तनाव, सीमा विवाद, अखण्ड भारत की परिकल्पना व अन्य महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं पर ग्रह-नक्षत्रों के आधार पर तथ्य समाहित हैं, जिन से आमतौर पर लोग अनभिज्ञ हैं।
भारत की कुंडली वृष लग्न की है और इसकी राशि कर्क है। वृष स्थिर तो कर्क चर राशि है, अतः स्थिर व चरात्मक दोनो प्रवृत्ति का इस की प्रवृत्ति व प्रकृति में समावेश होगा। वृष व कर्क दोनो ही राशियाँ स्वभाव से मृदु हैं, अतः इस देश की प्रकृति मृदु व स्नेहशील होगी व इस में सहनशीलता व विवेकशीलता अन्य देशों की अपेक्षा अधिक रहेगी। लग्नेश शुक्र का राशीश चन्द्र के साथ तृतीय भाव में युति इस के दीर्घकालिक अवस्था को सबलता से दर्शाता है। लग्न में लग्नेश शुक्र मित्र राहु अपनी उच्च राशि में बैठा है। इस प्रकार लग्न के लिए यह एक अच्छी स्थिति है। लग्नेश का तृतीय पराक्रम स्थान में सूर्य, चन्द्र, बुध, शनि के साथ बैठना व केतु से देखा जाना इस देश के विविध लोग, सभ्यता व संस्कृति के दर्शन को सरल तरीके से इंगित करता है। तृतीय में विविध प्रकृति के पंचग्रह की युति कुछ हद तक संत या एकाकी योग को भी बताता है। इस में भी संदेह नहीं कि भारत धर्म और ध्यात्म का धनी देश है। इस प्रकार इस की विविधता में एकता का बल लक्षित होता है जो कि पूर्णतया सही है। भारत भौगोलिक रूप से तीन दिशाओं पूर्व, पश्चिम, दक्षिण दिशा की ओर जल से घिरा प्रायद्वीप है जिस के एकमात्र उत्तर में विशालकाय हिमालय व भूखंड आदि हैं।
भारत की कुंडली में तृतीय पराक्रम स्थान जितना प्रबल है उतना ही चतुर्थ जनता, अचल संपति व भूमि स्थान कमजोर है। तृतीय स्थान में जो ग्रह बल, पराक्रम आदि की वृद्धि कर रहे हैं वही ग्रह जनता, अचल संपत्ति व भूमि के लिए बाधा भी दे रहे हैं क्योंकि तृतीय स्थान चतुर्थ स्थान का व्यय स्थान है। यह युति चूँकि कर्क राशि में बन रही है, अतः उतर दिशा भारत के लिए इस मामले में सदा चिंता का मसला रहेगा। तृतीय स्थान में पंचग्रह युति जहां बल व पराक्रम के लिए अच्छी है वहीं यह अचल संपति व भूखंड के लिए बिल्कुल सही नहीं है। इसी कारण तृतीयस्थ शनि महादशा में पाक व चीन युद्ध हुआ व तिब्बत एवं कैलास व मानसरोवर जैसे भूखंड इस वक्त चीन के कब्जे में हैं। अतः कुल ९ महादशा ग्रहों में इन पाँच ग्रहों की दशा में सीमा विवाद अक्सर बना रहेगा। कुल १२० साल की महादशा में सनि १९ साल, बुध १७ साल, शुक्र २० साल, सूर्य ६ साल व चन्द्र १० साल आते हैं जो कि ८२ साल अर्थात कुल दशा का दो-तिहाई से भी ज़्यादा साल आते हैं, अतः संक्षेप में भारत को अपने दशाकाल में अक्सर सीमा व भूमि विवाद बना रहेगा और इन पांच ग्रहों की दशा में यह विशेष होगा ।
भारत की आज़ादी समय ज्योतिषीयों के द्वारा आज़ादी का निर्धारित किया गया समय पूर्ण शुभ न होने के कारण आज यह स्थिति है। यही पंचग्रह यदि लग्न, दशम या एकादश में होते तो देश की स्थिति कुछ और होती। फिर भी बल व पराक्रम का स्थान मजबूत होने के कारण यह एक मजबूत देश है और रहेगा।
चन्द्र महादशा फल
चन्द्र महादशा २१ मई २०१५ से २१ मई २०२५ तक चल रही है। चन्द्र महादशा की दस साल की महादशा पूर्णता के पश्चात २१ मई २०२५ से सात साल की मंगल महादशा २१ मई २०३२ तक चलेगी।
(विशेष : विविध पंचांगों की मतविभिन्नता के कारण दशा को एक या २ माह तक पहले या बाद से भी मानते हैँ; मगर किसी भी पंचांग को लिया जाए तो १ या २ माह से अधिक का अंतर नहीं होता है।)
इस आभार पर कुछ २०२५ जुलाई से भी मंगल महादशा की शुरुआत मानते है! तथापि किसी भी पद्धति को लिया जाय तो भी दशाफल तो वही रहेगा ही। साथ ही दशाफल में भी एक या दो माह से अधिक का अंतर नहीं आएगा। इसलिए सटीक विश्लेषण के लिए सटीक पंचांग का उपयोग करें अथवा फलादेश से घटनाक्रम को मिलाकर उपयुक्त पंचांग का स्वयं चयन कर लें।
भारत व पाकिस्तान युद्ध : ज्योतिषीय गणना से निकला सच India & Pak War : Pakistan Will Be Destroyed, Truth Revealed By Astrological Calculations
भारत और पाकिस्तान मैं इतना विवाद क्यों है, इस का उत्तर जानना भी आवश्यक है। इस सन्दर्भ को लेकर अब कुण्डली का विश्लेषण लग्न व राशि के आधार पर करते हैं।
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विक्रमादित्य के समय का अखण्ड भारत |
लग्न की दृष्टि से आकलन
भारत का लग्न वृष और पाकिस्तान का लग्न मेष है। वृष का व्यय भाव मेष होता है तथा मेष का धन भाव वृष होता है। भारत का लग्न वृष पाकिस्तान के लग्न मेष का धन भाव है तथा पाकिस्तान का लग्न मेष भारत के लग्न का व्यय भाव है।
राशि के अनुसार विश्लेषण
भारत की राशि कर्क और पाकिस्तान की राशि मिथुन है। भारत की राशि कर्क पाकिस्तान की राशि मिथुन का धन भाव तो पाकिस्तान की राशि मिथुन भारत की राशि कर्क का व्यय भाव है।
अंक ज्योतिषीय विश्लेषण
पाकिस्तान का पहले नाम 'पाकस्तान' था। इस को बाद में 'पाकिस्तान' कर दिया गया। पाकिस्तान का जन्म भारत की भाँति ठीक अर्द्ध-रात्रि को नहीं हुआ था; बल्कि ११:३० बजे रात को ही उस के पेपर वर्क हो गये थे। इस प्रकार पाकिस्तान का जन्म विशुद्ध रूप से १४ का न होकर १३ का है। इसलिए इसपर मूलांक ४ का पूर्ण प्रभाव है। मूलांक १ और मूलांक ४ अंक विज्ञान में समान माने जाते हैँ। पाकिस्तान का मूलांक ४ तथा चीन का १ है। इसलिए समानवर्ती ग्रहीय गुण के कारण इन दोनो की आपस में सहमति और सहभागिता बहुत बार नज़र आई है।
अंक विज्ञान के अनुसार पाकस्तान से पाकिस्तान नाम करने से पाक का सन्युक्तांक ५ से ६ हो गया जो भारत का मूलांक है। इस तरह भारत इसपर हावी रहेगा या होगा। ऐसी ही स्थिति भारत और चीन के बीच भी है, भारत का मूलांक ६ है तथा चीन का 'चाइना' शब्द के आधार पर ६ सन्युतांक है। इस तरह भारत के लिए यह अनुकूल ग्रह स्थिति है; इस ग्रहीय स्थिति के कारण भारत चीन पर हावी रहेगा अथवा चीन भारत का समर्थन करेगा। अगर चीन समर्थन नहीं भी करता है फिर भी भारत हावी रहेगा।
स्वर अंक आधारित विश्लेषण
एक और रोमांचक तथ्य स्वर अंक के आधार पर गणना और विश्लेषण करने पर पता चलता है। स्वर अंक से भारत और पाकिस्तान समान हैँ मगर चीन बलवान है। इसलिए भारत जबतक भारत के नाम से पुकारा जाता रहा, चीन का दबदबा अचानक बढ़ा और उस ने भारत का तिब्बत हड़प लिया। स्वर विज्ञान से तिब्बत भी चीन से स्वरांक में ऋणी है इसलिए वह उस का गुलाम बन गया।
स्वरांक का पुकारू नाम पर अधिक प्रभावी होता है। मसलन किसी का सर्टिफिकेट नाम कुछ भी हो मगर जिस नाम से सम्बोधित करते उस की तंद्रा उसे सब से पहले सचेत करे अथवा जिस नाम से अधिक स्वयं में सक्रिय हो, उस नाम का प्रथम अक्षर ही स्वरांक प्रधान होता है।
भारत कालांतर में इंडिया के नाम से प्रचलित व सम्बोधित हुआ और हो रहा है। इस नाम के अनुसार चीन और पाकिस्तान दोनो ही भारत के ऋणी हैँ। स्वरांक विधि अनुसार दोनो अधिकतम पॉइंट के साथ ऋणी हैँ। इसलिए समय के अनुसार भारत बनाम इंडिया ने तिब्बत घटना के बाद भी चीन के मुक़ाबले आनुपातिक रूप से अतिशय वृद्धि कर ली है तथा पहले के मुक़ाबले कमजोर स्थिति से सबलता से हो खड़ा हो गया है।
स्वरांक विधि वस्तुतः उच्चारण आधारित पद्धति है। अतः किसी के वर्णमाला के प्रथम अक्षर की जगह उस के उच्चारण में आ रहे अक्षर को प्रधानता दी जाती है। मसलन, स्कूल को सकूल पढ़ते हैँ मगर इस्कूल बोलते हैँ। उच्चारण चूँकि इस्कूल है, अतः स्वर विज्ञान में इस्कूल अनुसार ही गणना होगी। स्कूल के 'स्' की जगह इस्कूल के 'इ' को प्रथम अक्षर के रूप में लेकर गणना की जाएगी।
लग्न, राशि, अंक, स्वर आधारित अध्य्ययन, गणना, तुलनात्मक आकलन आदि से विश्लेषण करने पर पता चलता है कि इन में आखिर इतना परस्पर विवाद क्यों होता है।
बुधवार, 30 अप्रैल 2025
पश्चिम बंगाल के दीघा में बना भव्य जगन्नाथ मन्दिर Jagannath Temple At Digha West Bengal Inaugrated
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जगन्नाथ धाम, दीघा |
ओडिशा के पुरी में बने १२वीं सदी के मंदिर की तर्ज पर बने दीघा के जगन्नाथ मंदिर का निर्माण करीब बीस एकड़ में किया गया है। इस के लिए राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से लाल बलुआ पत्थर मँगाए गए थे।
पश्चिम बंगाल सरकार मंदिर के उद्घाटन के बाद सालाना रथ यात्रा आयोजित करने की योजना बना रही है। दीघा में पहली ऐसी यात्रा जून में आयोजित होने की संभावना है। यात्रा में इस्तेमाल होनेवाले रथ पहले ही बनाए जा चुके हैं और उन्हें तैयार रखा गया है। पुरी से दीघा करीब ३५० किलोमीटर दूर है।
दीघा के जगन्नाथ धाम का निर्माण 'हाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन' (HIDCO) द्वारा किया गया है। राज्य सरकार ने इस पर करीब २५० करोड़ रुपये खर्च किये हैं। इस का पूरा प्रबन्धन अब 'इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस' (इस्कॉन) को सौंपा जाएगा।
पुरी के जगन्नाथ मंदिर की तरह, दीघा के मंदिर भी चार मंडप (हॉल) बनाए गए हैं। इन के नाम- विमान (गर्भगृह), जगमोहन, नट मंडप (नृत्य हॉल) और भोग मंडप हैं। दीघा मंदिर में भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की मूर्तियाँ पुराने पुरी जगन्नाथ मंदिर की तरह ही बनाई गई हैं लेकिन ये पत्थर से बनी हैं। चारों दिशाओं में प्रवेश द्वार बने हैं। मुख्य द्वार से प्रवेश करने के बाद अरुण स्तंभ है, फिर सिंह द्वार है और इस के ठीक सामने व्याघ्र द्वार है। हर दरवाजे के पास सीढ़ियाँ और छतरी बनी है।
हर दरवाजे को शंख, चक्र और कमल से सजाया गया है। मंदिर के गुंबद से लेकर हर दरवाजे पर रंग-बिरंगी लाइटिंग लगाई गई है। पुरी मंदिर की तरह, दीघा जगन्नाथ मंदिर के ऊपर हर शाम झंडा फहराये जाने की परम्परा आरम्भ की गयी है।
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जगन्नाथ धाम, दीघा की प्रमुख बातें |
मंगलवार, 29 अप्रैल 2025
भारत व पाकिस्तान युद्ध : ज्योतिषीय गणना से निकला सच India & Pak War : Pakistan Will Be Destroyed, Truth Revealed By Astrological Calculations
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भारत की कुण्डली |
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में धर्म पूछकर हिन्दुओं की हत्या किये जाने को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते खराब हो गये हैं। राजनयिकों की संख्या में कटौती, नागरिकों की वापसी, वीजा में छूट पर रोक, नये वीजा पर प्रतिबन्ध, सीमा पर सैन्य गतिविधियों में वृद्धि, द्विपक्षीय सन्धियों के निलम्बन जैसी कार्रवाइयाँ दोनों देशों की ओर से हुई हैं। आपसी सम्बन्ध निरन्तर बिगड़ रहे हैं। ऐसे में ज्योतिष अमित कुमार नयनन ने इस सन्दर्भ को ग्रह-नक्षत्रों के आधार पर गणना कर यह आलेख प्रस्तुत किया है...
भारत की कुण्डली के अनुसार, भारत की महादशा चंद्र १० वर्षीय से मंगल ७ वर्षीय की ओर अग्रसर है; महादशा जुलाई २०२५ में चंद्र से मंगल में प्रवेश कर जाएगी । चंद्र एक शांतिपूर्ण शीतल ग्रह हैँ मगर मंगल स्वयं ही युद्धप्रिय ग्रह ही नही बल्कि स्वयं ही योद्धा ग्रह हैँ। इसलिए मंगल की ७ वर्षीय महादशा अपनी दशा में कई बार युद्ध स्थितियों को जन्म दे रही है। भारत के लिए यह युद्ध की महादशा है।
मंगल महादशा का गम्भीर प्रभाव
मंगल का सीधा सम्बन्ध भाई, भूमि से होता है, इसलिए संलगन क्षेत्रों से भूमि एवं युद्ध का स्पष्ट सूचक है। भारत की कुण्डली में मंगल मिथुन राशि में हैँ। मिथुन पश्चिम दिशा का सूचक है, अतः इस दशा मैं पश्चिम, उत्तर-पश्चिम व दक्षिण-पश्चिम से विशेष तौर पर संघर्ष होगा। मंगल राहु के नक्षत्र और राहु के उपनक्षत्र में ही हैँ तथा राहु भारत के लगन में उच्च होकर स्थित हैँ। अतः इतना तो स्पष्ट है कि भारत सुरक्षित रहेगा एवं इस के प्रभुत्व का विश्व लोहा मानेगा।
बड़े नेताओं पर खतरा
मंगल और राहु दोनो की दृष्टि संतान भाव पर है, इसलिए यह भारत के शीर्षस्थ नेताओं यहाँ तक कि प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या समतुल्य उच्च शासकीय लोग के लिए खतरे की घण्टी है। अतः इस मामले में पूर्ण सतर्कता बरतनी होगी अन्यथा अकस्मात् गंभीर घटना हो सकती है।
केतु की महादशा का कुप्रभाव
यहाँ यह जानने की बात है कि केतु की महादशा में ही इंदिरा गाँधी की हत्या हुई थी। केतु स्वयं विस्फोटक ग्रह हैँ। विदित हो कि राहु और केतु की अपनी कोई राशि नहीं होती, इसलिए जिन राशियों मैं बैठते एवं जिन से भी संयुक्त या प्रभावित होते हैँ, उन का भी फल देने लग जाते हैँ। अतः स्वयं विस्फोटक होने तथा अग्नि ग्रह मंगल की राशि मैं बैठने से तथा मंगल के कुटुम्ब भाव मैं बैठने तथा संतान भाव पर दृष्टि डालने से उक्त (इन्दिरा गाँधी की हत्या) घटना ने जन्म लिया था। इस में मंगल का व्यय भाव का मालिक होने से भी आग में घी का काम किया था। इसलिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री वगैरह देश के मुख्य शीर्ष शासकीय व्यक्तियों को विशेष रूप से सचेत रहना ही होगा। इस में भी यह मंगल की महदशा में मंगल, राहु, शनि, बुध, केतु की अन्तर्दशा मे होंगी। इन में केतु के अतिरिक्त सारी दशाएँ मंगल महादशा के पूर्वार्द्ध अर्थात् पहले साढ़े ३ साल के अंदर पड़ती हैँ। अतः २०२५ जुलाई से सतर्कता ज़रूरी है। राष्ट्र को तो कुछ नहीं होगा, इस का कोई बाल भी बांका नहीं कर पाएगा मगर कोई अनहोनी घटना शीर्ष अधिकारियों को लेकर हो सकती है।
जम्मू-कश्मीर की स्थिति
वर्तमान में कश्मीर की कुण्डली के अनुसार, कश्मीर में ७ जून २०२५ तक स्थिति खराब रहेगी। हालाँकि विपरीत घटनाओं का असर कश्मीर पर कमोबेश सितम्बर २०२५ तक भी है।
पाकिस्तान की ग्रह-दशा
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पाकिस्तान की कुण्डली |
पाकिस्तान की कुण्डली के अनुसार, वह २९ अप्रैल २०२५ से ७ जून २०२५ तक कठिन और बेहद कठिन दौर से गुजरेगा। २०२५ जुलाई तक भी बहुत सुधार की उम्मीद नहीं है। १५ अगस्त २०२५ तक भारत से विवाद चरम पर होगा तथा १६ सितम्बर २०२५ तक भारत पाकिस्तान संघर्ष का सम्पूर्ण परिणाम सभी तरह से स्पष्ट हो जाएगा। भारत की कुण्डली बलवान है, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के साथ बलूचिस्तान भी पाकिस्तान के हाथ से जाता दीख रहा है। पाकिस्तान की सम्प्रभुता पर भी आँच आएगी।
भारत के लिए
मंगल महादशा में सतर्कता की अवधि
मंगल - मंगल : २०२५ जुलाई-दिसंबर २०२५
मंगल - राहु : २०२५ दिसंबर-जनवरी २०२७
मंगल - शनि : २०२७ दिसंबर-जनवरी २०२९
मंगल - बुध : २०२९ जनवरी-जनवरी २०३०
मंगल - केतु : २०३० जानवरी-जून २०३०
चीन का हस्तक्षेप
इस प्रकरण में चीन का हस्तक्षेप ७ जून २०२५ तक रहेगा। मई के प्रथम सप्ताह से चीन पाकिस्तान का साथ देगा। राहु और केतु जून में अगले १ साल ६ माह तक के लिए कुम्भ-सिंह राशि में गोचर कर रहे हैँ। भारत-पाक के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण दौर होगा; क्योंकि दोनो की नवमांश कुंडली में राहु और केतु इन्हीं राशियों मे हैँ। मई २०२५ तक चीन का हस्तक्षेप अधिक रहेगा तथा ७ जून २०२५ के बाद चीन इस मामले मे कमजोर पड़ जाएगा।
चीन की ग्रहचाल एवं गतिविधि से इस मामले में चीन की प्रत्यक्ष या परोक्ष संलिप्त्ता संभव है। ऐसा संभव है कि उस ने इस प्रकरण मे पाक का साथ दिया हो और प्रॉक्सी वार खेल रहा हो, मगर विश्व तथा भारत के अंदर व बाहर से मिल रहे पूर्ण समर्थन को देख उस की रणनीतिक हार हुई हो। भारत को इस सिरे पर पूर्ण ध्यान रखना चाहिए। मुख्यातः इस बात पर ध्यान हो कि बिना चीन की मदद के पाकिस्तान में इतना बड़ा कदम उठाने की कूबत नहीं है। भूखे-दरिद्र पाक को उकसाकर समृद्ध होते भारत तथा जम्मू-कश्मीर एवं उत्तर भारत की सकारात्मक होती बयार को डिस्टर्ब करना चाहता हो। गुप्त रूप से भी पाकिस्तान को चीन की तरफ से भारत के विरुद्ध सहायता मिल सकती है।
भारत-पाक युद्ध : महादशा-अंतर्दशा
भारत और पाकिस्तान के बीच हुए तीन युद्धों में ग्रहों की महादशा और अन्तर्दशा देखिये। इस बार जो दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति है, वैसी स्थिति में भी २०२५ की वर्तमान ग्रह-स्थिति प्रदर्शित की गयी है।
१९४८ : शनि-शनि
१९६५ : बुध-बुध
१९७१ बुध-सूर्य
१९९९ : शुक्र-बृहस्पति
२०२५ : चंद्र-सूर्य और मंगल-मंगल
रविवार, 23 मार्च 2025
श्रेष्ठ अभिनय व शानदार व्यक्तित्व के लिए याद किये जायेंगे राकेश पाण्डेय
पटना में फिल्म 'लल्लू बिहारी' की शूटिंग के दौरान राकेश पाण्डेय के साथ शीतांशु |
-शीतांशु कुमार सहाय
श्रेष्ठ अभिनेता राकेश पाण्डेय अब हमारे बीच नहीं रहे लेकिन मुझ जैसे सैकड़ों सहकर्मियों और लाखों प्रशंसको के मानस पटल पर सदा-सर्वदा जीवित रहेंगे। अपने लाखों पाठकों की ओर से मैं उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ और परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ!
हिंदी सिनेमा और भोजपुरी फिल्मों में अहम योगदान देने वाले प्रसिद्ध दिग्गज अभिनेता राकेश पांडे का शुक्रवार, 21 मार्च की सुबह दिल का दौरा पड़ने की वजह से निधन हो गया। वह 77 वर्ष के थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने मुंबई के जुहू स्थित आरोग्यनिधि अस्पताल में सुबह 8:50 बजे अंतिम सांस ली, जहां उनका इलाज आईसीयू में चल रहा था। अंतिम संस्कार 22 मार्च को मुंबई के शास्त्री नगर श्मशान घाट पर किया गया जिस में परिवार और करीबी परिचित मौजूद थे।
राकेश पांडे ने हिंदी और भोजपुरी सिनेमा में अपने यादगार अभिनय से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई। 1970 के दशक में फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाले राकेश पांडे ने अपने प्रभावशाली अभिनय से कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया। उन्होंने वर्ष 1971 में श्याम बेनेगल द्वारा निर्देशित फिल्म ‘सुधा सुहागन’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की। हालांकि, उन्हें असली पहचान 1974 में आई फिल्म ‘अनुभव’ से मिली, जिसमें उन्होंने अभिनेत्री तनुजा के साथ मुख्य भूमिका निभाई थी। यह फिल्म अपने गहरे सामाजिक संदेश और बेहतरीन अभिनय के लिए जानी जाती है।
राकेश पांडे ने अपने कॅरियर में कई हिंदी फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें शामिल हैं :-
‘अनुभव’ (1974) – तनुजा के साथ मुख्य भूमिका में
‘रजनीगंधा’ (1974) – अमोल पालेकर और विद्या सिन्हा के साथ
‘घर’ (1978) – विनोद मेहरा और रेखा के साथ
‘साजन बिना सुहागन’ (1978)
‘अहिंसा’ (1979)
हिंदी और भोजपुरी फिल्मों के अलावा, राकेश पांडे ने कुछ टेलीविजन शो और थिएटर में भी अभिनय किया। उनका अभिनय सहज और वास्तविकता से जुड़ा होता था, जिससे दर्शक उनसे गहराई से जुड़ पाते थे।
राकेश पांडे ने भोजपुरी सिनेमा में भी अपनी अलग पहचान बनाई और कई लोकप्रिय फिल्मों का हिस्सा रहे। उनके अभिनय और दमदार डायलॉग डिलीवरी ने उन्हें भोजपुरी दर्शकों का भी चहेता बना दिया। उन का योगदान भारतीय सिनेमा के लिए अमूल्य रहेगा, और उनकी यादगार फिल्में हमेशा उन के शानदार करियर की गवाही देंगी।
राकेश पांडे का जन्म 9 अप्रैल 1940 को भारत के हिमाचल प्रदेश में हुआ था। उन्होंने अपना एक्टिंग करियर 1969 में फिल्म 'सारा आकाश' से शुरू किया था। इसमें उन्होंने समर की भूमिका निभाई थी। इन्होंने हिंदी से लेकर भोजपुरी सिनेमा में लंबे समय काम किया और सफलता हासिल की। इन्होंने 1978 में 'मेरा रक्षक' में मंगल की भूमिका निभाई थी। जिससे उन्हें ज्यादा पहचान मिली थी।
गुरुवार, 6 मार्च 2025
बुधवार, 22 जनवरी 2025
जूना अखाड़ा : डेढ़ हजार तोग ने नागा संन्यास की दीक्षा ली, उन्नीस महिलाएँ भी बनीं नागा संन्यासी Naga Sangnyasi
बुधवार १८ जनवरी २०२५ को प्रयागराज के महाकुंभ में १५०० पुरुषों ने पिण्डदान सहित स्वयं ही अपना पूरा श्राद्ध कर्म किया और नागा संन्यासी बनने के लिए दीक्षा ग्रहण की।
इस अवसर पर १९ महिलाएँ भी महाकुम्भ में नागा संन्यासी बनने की दीक्षा लेंगी। इन सब को गुरु परंपरा के अनुसार ही दीक्षा दी जायेगी।
सभी पुरुषों ने पंच दशनाम जूना अखाड़े से जुड़कर हर-हर महादेव के उद्घोष के बीच नागा संन्यासी बनने की दीक्षा ली।
जूना अखाड़े के रमता पंच के श्री महंत रामचंद्र गिरि, दूधाधारी महाराज, निरंजन भारती और मोहन गिरि की देखरेख में पहले सभी लोगों का मुंडन संस्कार किया गया। इस के बाद सभी ने १०८ बार गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाई। इस के उपरान्त गंगा पूजन किया औऱ अपना, माता-पिता सहित सात पीढ़ियों का पिणडदान किया।
पिण्डदान के बाद सभी ने एक स्वर में स्वयं को सांसारिक मोह-माया से अलग करते हुए सांसारिक तौर पर स्वयं के मृत होने की घोषणा कर दी।
शुक्रवार, 10 जनवरी 2025
विश्व हिन्दी दिवस World Hindi Day
-शीतांशु कुमार सहाय
प्रतिवर्ष १० जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। यह दिन हिन्दी भाषा की बढ़ती वैश्विक पहचान और सम्मान को दर्शाने के लिए समर्पित है। वर्ष २००६ में भारत के तत्कालीन प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह ने १० जनवरी को 'विश्व हिन्दी दिवस' के रूप में मनाने की आधिकारिक शुरुआत की। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य है कि हिन्दी की अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्यता बढ़े और इसे अधिक प्रतिष्ठा मिले।
विश्व हिन्दी दिवस का आयोजन दुनियाभर में हिन्दीभाषियों, हिन्दी प्रेमियों और भाषा के प्रवर्तकों द्वारा किया जाता है, जिस से यह एक महत्त्वपूर्ण अवसर बन जाता है, हिन्दी के महत्त्व को स्वीकार करने और प्रचारित करने का।
भारत के अलावा विश्व के अनेक देशों में हिन्दी बोली और समझी जाती है। वर्तमान में हिन्दी अपने एक मजबूत स्थान पर है और निरन्तर प्रचारित व प्रसारित हो रही है।
शुक्रवार, 3 जनवरी 2025
इस महीने बदलेंगे भाजपा के २९ प्रदेश अध्यक्ष 29 State Presidents of BJP Will Change This Month
सोमवार, 30 दिसंबर 2024
आचार्य किशोर कुणाल को पद्य-श्रद्धांजलि A Poetic Tribute To Acharya Kishor Kunal
शनिवार, 7 दिसंबर 2024
सशस्त्र सेना झण्डा दिवस : बिहार सरकार ने की सैन्य अनुग्रह राशि और सम्मान राशि में भारी वृद्धि Armed Forces Flag Day : Bihar Government Huge Increase In Military Ex-gratia And Honor Amount
बिहार सरकार द्वारा बिहार निवासी शौर्य पुरस्कार विजेताओं को दी जानेवाली राशि में वृद्धि
-शीतांशु कुमार सहाय
भारत में 'सशस्त्र सेना झण्डा दिवस' प्रतिवर्ष सात दिसम्बर को मनाया जाता है। इस की शुरुआत सन् १९४९ ईस्वी में हुई। भारत की सुरक्षा में संलग्न वीर सैनिकों के प्रति कृतज्ञता, श्रद्धा और सम्मान प्रकट करते हुए उन के और उन के परिजनों के कल्याण की कामना के लिए सशस्त्र सेना झण्डा दिवस मनाया जाता है।
इस दिन अवकाश प्राप्त सैन्य सेवा कर्मियों और वीरगति को प्राप्त सैनिकों के परिजनों के कल्याणार्थ राशि एकत्र किये जाते हैं। कोई भी व्यक्ति सैनिकों या उन के परिजनों के कल्याणार्थ दान थे सकता है। राज्य सरकारों के सैनिक कल्याण कोष या केन्द्रीय सरकार के कोष में धनराशि का दान दिया जा सकता है।
बिहार सरकार ने सात दिसम्बर २०२४ अर्थात् सशस्त्र सेना झण्डा दिवस को अखबारों में विज्ञापन देकर अनुग्रह राशि और शौर्य पुरस्कार विजेताओं को दी जानेवाली राशि में भारी वृद्धि की घोषणा की है।
अनुग्रह राशि को ११ लाख से बढ़ाकर २१ लाख रुपये कर दी गयी है। इसी तरह सशस्त्र सैन्य सेवा से निवृत्त दिव्यांग सैनिकों को दी जानेवाली अनुग्रह राशि में ३०० प्रतिशत की वृद्धि की गयी है। इस मद में अब ५० हजार रुपये के बदले दो लाख रुपये दिये जायेंगे।
विभिन्न सैन्य पुरस्कारों से सम्मानित होनेवाले बिहार निवासी सैनिकों को बिहार सरकार अपनी तरफ से भी सम्मान राशि प्रदान करती है। इस मद की सभी श्रेणियों में भी वृद्धि की गयी है। परमवीर चक्र पानेवाले बिहारी सैनिक या उन के परिजन को पहले दस लाख रुपये दिये जाते थे लेकिन अब एक हज़ार प्रतिशत अधिक यानी एक करोड़ रुपये प्रदान किये जायेंगे।
सैन्यकर्मियों को उत्कृष्ट कार्य-प्रदर्शन पर शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। बिहार निवासी शौर्य पुरस्कार विजेताओं को बिहार सरकार अब पहले की अपेक्षा अधिक धनराशि देकर सहयोग करेगी।
बिहार सरकार अभी तेरह जिलों में सैनिक कल्याण कार्यालय संचालित कर रही है। अब बारह अन्य जिलों में भी सैनिक कल्याण कार्यालय खोलने का निर्णय लिया गया है।
शनिवार, 12 अक्टूबर 2024
अमीरी की सीमा-रेखा ही खत्म करेगी गरीबी : बन्धु Only The Boundary Line of Richness Will Eliminate Poverty : Bandhu
-प्रदेश कार्यकारिणी का हुआ गठन
-संजय कुमार अध्यक्ष मनोनीत
लोकनायक जयप्रकाश नारायण (जेपी) की जयन्ती पर शुक्रवार को राजधानी में एक बार फिर से जनता पार्टी ने अपनी ताकत दिखायी। 1977 में जयप्रकाश नारायण ने ही राष्ट्रीय राजनीतिक विकल्प के रूप में जनता पार्टी का गठन किया था। मोरारजी देसाई के नेतृत्व में एक समय पार्टी ने देश को मजबूत और विकासवादी सरकार दी लेकिन आज यह दल अपने सिमटी हुई है।
लोकनायक की जयन्ती के अवसर पर जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयप्रकाश बन्धु पटना आये। उन्होंने आयकर गोलम्बर स्थित जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने दुहराया कि पार्टी जेपी के समाजवादी सिद्धांतों को जन-जन तक पहुँचायेगी।
जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण से पूर्व जयप्रकाश बन्धु ने कार्यकर्ताओं और पार्टी के पदाधिकारियों को सम्बोधित करते हुए पार्टी की नीतियों और उद्देश्यों की चर्चा की। बन्धु ने कहा कि जबतक भारत की सरकार गरीबी रेखा खिंचती रहेगी, तबतक देश का, देशवासियों का विकास नहीं हो सकता है। जिस दिन भारत में अमीरी की सीमा-रेखा खिंची जायेगी, उस दिन गरीबी खत्म हो जायेगी। बन्थु ने कहा कि जनता पार्टी न धर्म की राजनीति करती है और न ही जाति की। उन्होंने लोकतन्त्र में वंशवादी परम्परा को घातक बताया।
इस अवसर पर जनता पार्टी की नयी प्रान्तीय कार्यकारिणी की घोषणा की गयी। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयप्रकाश बन्धु और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनुज शर्मा की उपस्थिति में कार्यकर्ताओं के बीच राष्ट्रीय सचिव सन्तोष श्रीवास्तव ने बिहार कार्यकारिणी की घोषणा की। बिहार प्रदेश जनता पार्टी के अध्यक्ष के पद पर संजय कुमार नियुक्त किये गये। दो उपाध्यक्ष धीरज कुमार और प्रमोद कुमार बनाये गये हैं। हर्ष कुमार को प्रदेश महासचिव जबकि शिव नारायण सिंह प्रवक्ता मनोनीत किये गये हैं।
इस दौरान मुन्ना केसरी, शैलेश कुमार, शालिनी कुमारी, रवि कुमार, सनोज कुमार, मनोज निषाद, पवन कुमार सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की उपस्थिति थी।
गुरुवार, 8 अगस्त 2024
कल्कि 2898 एडी के निर्माण से पूर्व अमित कुमार नयनन की प्रकाशित रचनाएँ Published Works of Amit Kumar Nayanan Before The Production of Kalki 2898 AD
इस सम्बन्ध में अधिवक्ता संजय कुमार सिंह का कहना है कि आखिर कोई कहानीकार अपनी रचना किस प्रकार सुरक्षित रखे? काॅपीराइट वाली कहानियों को भी चुराकर अपनी रचना बताकर लोग फिल्म बना रहे हैं। यह निश्चित रूप से अपराध है। क्यों फिल्म वाले कहानीकार को क्रेडिट नहीं देना चाहते? अधिवक्ता संजय कुमार सिंह ने आश्चर्य जताया कि हाल के दशकों में निर्देशक ही कहानीकार हो गये हैं। फिल्मी दुनिया से किस षड्यन्त्र के तहत कहानीकार दूर कर दिये गये? आखिर इस के पीछे राज क्या है? उन्होंने कहा कि मुकदमे के ट्रायल के दौरान इस राज पर से पर्दा उठाया जायेगा। उन्होंने कहा कि अमित कुमार नयनन द्वारा दायर मुकदमा सभी कहानीकारों के हक़ में है।
फिल्म 'कल्कि 2898 एडी' के निर्माण की घोषणा से पूर्व अमित कुमार नयनन की सम्बन्धित रचनाएँ https://sheetanshukumarsahaykaamrit.blogspot.com/ और https://aknayan.blogspot.com/ पर प्रकाशित हुई थीं। इन रचनाओं को आप नीचे दिये गये लिंक पर पढ़ सकते हैं.....
1) The Great God : The Additional Features--- http://aknayan.blogspot.com/2024/08/the-great-god-additional-features.html
2) कोरोना वायरस Coronavirus--- https://sheetanshukumarsahaykaamrit.blogspot.com/2020/04/coronavirus.html
3) कोरोना वायरस (2) Coronavirus (Episode-2)--- https://sheetanshukumarsahaykaamrit.blogspot.com/2020/04/coronavirus-episode-2.html
4) कोरोना वायरस (3) कलियुग के ऋषियों की तपस्या का परिणाम--- https://sheetanshukumarsahaykaamrit.blogspot.com/2020/05/coronavirus-3-result-of-sagess-penance.html
5) Corona Thought (1)--- https://sheetanshukumarsahaykaamrit.blogspot.com/2020/05/coronavirus-thought-1.html
6) Corona Thought (2)--- https://sheetanshukumarsahaykaamrit.blogspot.com/2020/05/coronavirus-thought-2.html
7) त्रेता का नेता Treta Ka Neta--- https://sheetanshukumarsahaykaamrit.blogspot.com/2020/05/blog-post.html
8) ए प्रभु A Prabhu--- https://sheetanshukumarsahaykaamrit.blogspot.com/2020/05/blog-post_7.html
9) अवतार पुरुष Avatar Purush--- https://sheetanshukumarsahaykaamrit.blogspot.com/2020/05/avatar-purush.html
10) Madmax--- http://aknayan.blogspot.com/2023/09/madmax.html
11) अमित कुमार 'नयनन' की वृहद् रचना 'द गाॅड' का प्रकाशन शीघ्र--- https://sheetanshukumarsahaykaamrit.blogspot.com/2017/04/amit-kumar-nayans-massive-composition.html?m=0
अमित कुमार नयनन का स्पष्ट रूप से यह आरोप है कि उन की वेबसाइट पर उपर्युक्त प्रकाशित रचनाओं में से तथ्यों को चुराकर बिना उन की सहमति के और बिना उन्हें पारिश्रमिक दिये 'कल्कि 2898 एडी' में उपयोग किये गये हैं। यह आपराधिक कृत्य है।
फिल्म 'कल्कि 2898 एडी' पर कहानी चोरी के आरोप वाला 7 अगस्त 2024 का पोस्ट इस लिंक पर क्लिक करके पढ़ें.....
बुधवार, 7 अगस्त 2024
योग दिवस : विश्वगुरु का आधुनिक अभियान 2015 से आरम्भ
विश्व ने रविवार 21 जून 2015 को प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया। पूरे विश्व के लोग इस दिन भारतीय योगियों के आदेश पर झुकते रहे, उठक-बैठक करते रहे, हाथ-पैर मोड़ते रहे और अपूर्व शान्ति के लिए सृष्टि के प्रथम अक्षर ‘ऊँ’ का पवित्र उच्चारण कर धरती से अन्तरिक्षपर्यन्त पावनता का वातावरण कायम करते रहे। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, जब विश्वविरादरी एक साथ एक ही कार्य किया हो। इस विश्व कीर्तिमान से हम भले ही प्रसन्न हो जायें और प्रसन्न होने का विषय भी है, पर हमसे अधिक प्रसन्नता उसे है जिसने हमें धरती पर भेजा। जगद्नियन्ता भगवान मनुष्य के इस सामूहिक प्रयास से निश्चित ही बेहद प्रसन्न हैं; क्योंकि ऐसी सकारात्मक सामूहिकता विश्वविरादरी ने इससे पूर्व कभी नहीं दिखायी। विश्व को ज्ञान का प्रथम प्रकाश देनेवाला भारत ‘विश्वगुरु’ के रूप में जाना जाता रहा है। अपने उसी रूप को पुनः भारत ने प्रदर्शित किया है, बिना किसी आर्थिक लाभ लिये ही विश्व को योग का अमूल्य उपहार प्रदान किया है। विश्वव्यापी अशान्ति के बीच अमोघ शान्ति का मूलमन्त्र दिया है। शस्त्रास्त्रों की होड़ को समाप्त करने का सूत्र दिया है। पतित होकर गर्त्त में गिर रहे मनुष्य को पावनता के शिखर पर पहुँचने का सोपान उपलब्ध कराया है। रिश्ते-नातों को भूलकर हर किसी से काम-पिपासा को तृप्त करनेवालों को तृप्ति का नया साधन सुलभ कराया है, जहाँ की नैतिकता कभी अनैतिकता का अवलम्बन प्राप्त नहीं करती।
मनुष्य को भगवान बनानेवाले योग के विश्व दिवस के आगाज का समय बड़ा ही पावन है। अभी विश्व में प्रचलित सबसे प्राचीन वैज्ञानिक दिनपत्री (कैलेण्डर) विक्रम सम्वत् के अनुसार 21 जून 2015 को आषाढ़ अधिमास की पंचमी तिथि है। अधिमास को मलमास या पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं जिस दौरान देवाराधना का विशेष महत्त्व होता है। यों हिजरी सम्वत् 1436 का सबसे पवित्र महीना रमजान चल रहा है और प्रत्येक मुसलमान इस पूरे महीने में (योग के नियमानुसार ही) संयमित-संस्कारित जीवन व्यतीत करते हैं, अल्लाह की उपासना में समय बिताते हैं। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि योग दिवस मनाने पर जब संयुक्त राष्ट्रसंघ में मतदान हुआ तो विश्व के 177 देशों ने भारत के इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया था जिनमें 47 इस्लामी देश हैं। वैसे भी सनातनी (हिन्दू) से अधिक योग मुसलमान करते हैं जो प्रतिदिन 5 बार वज्रासन में बैठकर अल्लाह की खिदमत करते हैं, नमाज पढ़ते हैं और चरण स्पर्श की मुद्रा में सिर भी झुकाते हैं। इसी तरह भारतीय निर्देशन में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर विश्व ने असीम शान्ति के लिए परवरदीगार के सामने सिर झुकाया।
भारतीय मनीषियों द्वारा प्रदत्त अमूल्य सांस्कृतिक उपहार योग को आत्मसात् कर विश्व के सभी देश धन्य हो गये! धन्य हैं भारत के वे सभी योगी भी जिन्होंने सभी देशों में जाकर 21 जून 2015 को उन देशों के निवासियों को योग करवाया और इसके मर्म को समझाया। हालाँकि अँग्रजों ने लगभग 200 वर्षों तक भारत को न केवल लूटा; बल्कि इसके तमाम तकनीकों, उत्पादन इकाइयों, राष्ट्रीय व धार्मिक एकता को तहस-नहस किया। यों निर्यातक देश भारत आयातक बन गया। विश्वगुरु भारत दीन-हीन दीखने लगा। पर, अब स्थितियाँ बदल रही हैं, इसमें प्रत्येक भारतीय अपना सहयोग दे तो फिर से भारत विश्वगुरु बन सकता है। वैसे 21 जून 2015 को विश्वविरादरी को योग के भारतीय वरदान से अभिसिक्त कर हमने विश्वगुरु बनने की राह पर एक आधुनिक कदम आगे बढ़ा दिया है। शीघ्र ही हम आयुर्वेद के प्रति भी ऐसा ही करनेवाले हैं और उसके बाद कई और कदम बढ़ाये जायेंगे, बस सरकार के सही कदम का साथ देते जाइये। कई ऐसी बातें हैं जिन्हें बोलकर या लिखकर बताना उचित नहीं, सही समय पर सही व्यावहारिक कदम ही उठाये जायेंगे और यही उचित भी है। मैं 1991 से लगातार योग कर रहा हूँ और औषधिविहीन जीवन जी रहा हूँ। बहुत आवश्यक होने पर ही औषधि का सेवन करता हूँ। ....तो मानिये मेरी सलाह और प्रतिदिन योग करें और योग के पश्चात् श्रीमद्भगवद्गीता के कुछ श्लोक अर्थ सहित अवश्य पढ़ें, शेष कार्य भगवान करते जायेंगे। इति शुभम्!