मंगलवार, 22 जून 2021

कई रोगों से बचाव करती है ब्रोकली Broccoli

-शीतांशु कुमार सहाय

    ब्रोकली को ब्रोकोली भी कहा जाता है। यह गोभी परिवार की एक हरी सब्जी है। यह एक तरह की फूलगोभी है जिस का रंग हरा होता है। ब्रोकली या ब्रोकोली शब्द इतालवी के ‘ब्रोकोलो’ शब्द से बना है जिस का अर्थ है एक गोभी का फूलदार क्रेस्ट यानी फूलदार मुकुट। यह ब्रासिका ओलेरेशिया गोभी परिवार का सदस्य है। अगर आप इसे अपने आहार में शामिल करते हैं तो यह आप के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध होगा। ब्रोकली गुणों का खजाना है। आप चाहें तो ब्रोकली को महीन काटकर सलाद के रूप में, सूप के रूप में या सब्जी के रूप में खा सकते हैं। ब्रोकोली में मौजूद तत्व शरीर से विषाक्त पदार्थों को भी बाहर निकालते हैं। ब्रोकली में उपस्थित फाइटोकेमिकल और सल्‍फोराफेन शरीर को डिटॉक्सिफाइ करते हैं।

ब्रोकली का वीडियो ज़रूर देखें

    सब से पहले मैं आप को ब्रोकली के पोषण से जुड़ी जानकारी दे रहा हूँ । यदि आप १०० ग्राम ब्रोकली लेते हैं तो उस में इस प्रकार पोषक तत्त्व मिलेंगे : 

ऊर्जा = ३३ किलो कैलोरी 

कुल वसा = ०.४ ग्राम

सोडियम = ३३ मिलीग्राम

पोटैशियम = ३१६ मिलीग्राम

मैग्नीशियम = २१ मिलीग्राम 

कार्बोहाइड्रेट = ७ ग्राम

आहारीय रेशा = २.६ ग्राम

शर्करा = १.७ ग्राम

प्रोटीन = २.८ ग्राम

विटामिन ए = ६२३ आईयू जो कैरोटीनोइड के रूप में होता है 

विटामिन बी-१ की कुछ मात्रा

विटामिन बी-६ = ०.२ मिलीग्राम

विटामिन सी = ८९.२ मिलीग्राम

विटामिन ई की कुछ मात्रा 

कैल्सियम = ४७ मिलीग्राम

लौह (आयरन) = ०.७ मिलीग्राम

    सेलेनियम, अभी जिन तत्वों के बारे में मैं ने बताया,इन के अलावा ब्रोकली में आहारीय रेशा यानी न्यूट्रीशनल फाइबर, पेंटोथेनिक एसिड, मैंगनीज, फॉस्‍फोरस, कोलाइन, पोटेशियम और तांबे की भी मात्रा मिलती है। ब्रोकली में फाइटोन्‍यूट्रिएंट्स और ग्‍लूकोसिनोलेट्स भी होते हैं। इस में ग्‍लूकोसिनोलेट्स से बना आइसोथियोसाइनेट्स कैंसर को रोकने में मदद करते हैं। इस के अलावा ब्रोकली में प्रोटीन, जस्‍ता, कैल्शियम, फोलेट, नियासिन, ग्लूकोराफिन और सेलेनियम भी उपस्थित रहते हैं। इस में कई प्रकार के लवण भी होते हैं जो रक्त में शर्करा के स्तर को यानी शुगर लेवल को संतुलित बनाए रखने में मददगार हैं। फोलेट और क्रोमियम भी ब्रोकली में होते हैं।

    ब्रोकली में संतृप्त वसा, बहुअसंतृप्त वसा, मोनोअसंतृप्त वसा और कोलेस्टेरॉल नहीं पाये जाते। 

    अब हम जानते हैं ब्रोकली खाने के फायदों के बारे में :  

    १. हृदय से जुड़ी बीमारियों से बचाव 

    ब्रोकली में सल्‍फोराफेन नामक एंटी-इंफ्लामैट्री होता है जो रक्‍तशर्करा की समस्‍याओं के कारण रक्‍त वाहिकाओं (नस) की सतह पर होने वाले नुकसान को रोकता है। ब्रोकोली में कैरेटेनॉयड्स ल्यूटिन पाया जाता है। यह ह्रदय की धमनियों को स्वस्थ बनाये रखता है। इस के सेवन से हृदयाघात पड़ने और अन्य बीमारियों के होने की आशंका घटती है। इस में मौजूद पोटैशि‍यम हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ने नहीं देता है। घुलनशील फाइबर की अच्छी मात्रा ब्रोकली में उपस्थित होती है जो आप के शरीर से हानिकारक कोलेस्‍ट्रॉल को खत्‍म करने में मदद करता है। ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि फाइबर पाचन तंत्र में पित्‍त एसिड (bile acids) के साथ कोलेस्‍ट्रॉल के संयोजन में मदद करता है और इस से कोलेस्‍ट्रॉल को अलग करना आसान हो जाता है। ब्रोकली रक्‍त एलडीएल-कोलेस्‍ट्रोल (blood LDL-cholesterol) के स्‍तर को ६ प्रतिशत तक कम कर सकती है। ब्रोकली का नियमित सेवन करने से उच्‍च रक्‍तचाप को कम किया जा सकता है। 

    २. कैंसर से बचाव

    ब्रोकोली के सेवन से कैंसर होने की आशंका भी कम हो जाती है। ब्रोकली में फिटाकेमिकल अधिक मात्रा में पाया जाता है। इस में उपस्थित सेलेनियम कैंसर को रोकने में कारगर  है। इस में एक सल्‍फरयुक्‍त यौगिक होता है जिसे सल्‍फोराफेन कहा जाता है, जिस में कैंसर से लड़ने की क्षमता होती है। इस में उपस्थित सल्‍फोराफेन एंजाइम हिस्‍टोन डेसिटाइलेज को रोक सकता है जो कैंसर की कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देता है। फोलेट और विटामिन महिलाओं में स्‍तन कैंसर के खतरे को कम करने के लिए जाना जाता है। इन के अलावा अन्‍य एंटी-कैंसरजन्‍य यौगिक जैसे कि गलूकोराफिनिन, डायंडोलाइमेथेन, बीटा-कैरोटीन आदि ब्रोकली में होते हैं जो कैंसर के विरूद्ध हमारी मदद करते हैं। ब्रोकली मूत्राशय के कैंसर (bladder cancer) को रोकने में सहायक है जो महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में तीन गुना अधिक होता है।

    ३.अवसाद के खतरे से बचाव 

    फोलेट की कम मात्रा लेने से डिप्रेशन यानी अवसाद का खतरा बढ़ जाता है। ब्रोकोली में फोलेट की भरपूर मात्रा पायी जाती है। ये मानसिक अवस्था को बेहतर बनाये रखने के लिए बहुत आवश्यक होता है। ब्रोकोली खानेवाले मानसिक रूप से स्वस्थ होते हैं।

    ४. रोग प्रतिरोधी 

    ब्रोकोली इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मददगार है। इस में विटामिन-सी की पर्याप्त मात्रा पायी जाती है। इसलिए ब्रोकली शरीर में इम्यून सिस्टम को बूस्ट करती है यानी रोगप्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाती है। ब्रोकली संक्रमण से बचाव में मदद करती है।

    ५. गर्भावस्था में फायदेमंद 

    गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से ब्रोकली का सेवन करना चाहिए। इस में मौजूद तत्त्व न केवल बच्चे के स्वास्थ्य और विकास के लिए फायदेमंद होते हैं बल्क‍ि माँमां को भी कई प्रकार के संक्रमण से दूर रखते हैं। ब्रोकली में उपस्थित कैल्शियम गर्भवती महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में सक्षम है। इस में उपस्थित फोलेट स्वस्थ गर्भावस्‍था सुनिश्चित करता है और यह बच्‍चे में न्‍यूरोलॉजिकल यानी मस्तिष्क के दोष को समाप्‍त करता है। इस में उपस्थित फाइबर गर्भावस्‍था के मधुमेह को रोकने में मदद करता है जो गर्भवती महिलाओं को अक्‍सर होती है। ब्रोकली का सेवन करने से नवजात शिशु में मस्तिष्‍क की चोट को रोका जा सकता है।

    ६. त्वचा के लिए फायदे 

    ब्रोकली में पाए जाने वाले कई तरह के विटामिन,ब्रोकली में ग्लूकोराफिन होता है जो सल्‍फोराफेन में परिवर्तित हो जाता है और यह त्‍वचा की समस्‍याओं को दूर कर सकता है। आहार फाइबर और अन्य तत्त्व त्वचा के रोग से बचाव करता है।

    ७. बालों के लिए लाभ

    ब्रोकली में विटामिन-सी अच्छी मात्रा में उपलब्‍ध है जो बालों के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण होता है। इस में कैल्शियम व विटामिन-ए भी होते हैं जो बालों के विकास में सहायक हैं। ब्रोकली को भोजन में शामिल करने से सिर में नये बाल उगने लगते हैं। ब्रोकली बालों के झड़ने की समस्‍या को भी कम करते हैं।

    ८. पाचन में सहायक 

    औषधीय गुणों से भरपूर ब्रोकली बड़ी आँत (कोलन) में सूजन को कम कर देता है और कोलन कैंसर को रोकने में मदद करता है। इस सब्‍जी के कुछ यौगिक पेट में टूट जाते हैं, उन में से एक इंडोलोकारबाज़ोल (indolocarbazole) होता है। यह आईसीजेड एरियल हाइड्रोकार्बन रिसेप्‍टर नामक एक और यौगिक को सक्रिय करता है, जो आँत को स्‍वस्थ रखता है। यह आंतों में संक्रमण को ठीक करता है।

    ९. आँखों की क्षमता बढ़ाने के लिए 

    यदि आप किसी भी तरह की आँख की समस्‍या से परेशान हैं तो ब्रोकली इस समस्या को दूर करने में आप की मदद कर सकती है। ब्रोकली आँख के अन्धेपन को रोक सकती है। इस में सल्‍फोराफेन (sulforaphane) एंटीऑक्‍सीडेंट होता है जो नेत्रों को पराबैंगनी विकिरणों से बचाता है। 

    १०. मोटापा घटाने में 

    ब्रोकली में फाइटोकेमिकल्‍स भी होते हैं जो वजन कम करने में सहायता करते हैं। अगर आप अपने भोजन में ब्रोकली को शामिल करते हैं तो यह शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम करती है। ब्रोकली में कैलोरी कम मात्रा में जबकि अन्‍य पोषक तत्त्व अधिक मात्रा में होते हैं जो वजन को कम करने करते हैं। 

    ११. पुरुषों के यौन स्‍वास्‍थ्‍य के लिए 

    पुरुषों के यौन स्‍वास्‍थ्‍य के लिए ब्रोकली बहुत ही फायदेमंद होता है;ब्रोकली में फोलेट बहुत अच्‍छी मात्रा में होता है। फोलेट का सेवन करने से वीर्य उत्‍पादन में वृद्धि होती है जिस से मजबूत संभोग सुख और प्रजनन क्षमता बढ़ जाती है। इस में उपस्थित विटामिन-ए शुक्राणुओं की संख्‍या में वृद्धि करता है।

    १२. अस्थियों को मजबूत करती है 

    विटामिन और कैल्शियम की अच्छी मात्रा ब्रोकली में होती है। ये दोनों अस्थि यानी हड्डी के स्‍वास्‍थ्‍य और ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। कैल्शियम के साथ-साथ ब्रोकली में मैग्‍नीशियम, जिंक और फॉस्‍फोरस अच्‍छी मात्रा में होते हैं। इसलिए ब्रोकली बच्‍चों, बुजुर्गों और स्‍तनपान कराने वाली माताओं के लिए लाभकारी है।

    १३. जवान बने रहने के लिए 

    विटामिन-सी एक अच्‍छा एंटीआक्‍सीडेंट होता है, जो त्‍वचा को सूर्य की गर्मी और प्रदूषण से होने वाले नुकसान को कम करने में मदद करता है। यह त्‍वचा की झुर्रियों को कम करता है। विटामिन-सी कोलेजन के गठन में मदद करता है जो कि त्‍वचा की मुख्‍य सुरक्षा प्रणाली है। ब्रोकली में विटामिन-ए और विटामिन-ई भी होते हैं जो त्‍वचा के लिए अच्‍छे होते हैं।

    १४. यकृत के लिए लाभप्रद 

    यकृत कैंसर के उपचार में ब्रोकली सहायक है। ब्रोकली का पर्याप्त सेवन करने से डिटॉक्सिफिकेशन एंजाइम का स्‍तर शरीर में बढ़ाता है जो यकृत को नुकसान से बचाता है। ब्रोकली फैटी लीवर (बढ़ा हुआ यकृत) रोग को रोकने में भी मदद करती है।


रविवार, 20 जून 2021

भारत में 'फादर्स डे' मनाने की आवश्यकता नहीं There Is No Need To Celebrate Father's Day In India

 

-शीतांशु कुमार सहाय

    आज 'फादर्स डे' के अवसर पर आज मेरे पुत्र अभ्युदय ने फाइल-फोल्डर, कलम और सेलो टेप का अमूल्य उपहार दिया तो मुझे कुछ लिखने को विवश होना पड़ा।

भारत में पश्चिमी सभ्यता से प्रेरित ‘फादर्स डे’ नहीं मनाया जाता। इस का प्रधान कारण यह है कि भारत में समाज और परिवार की संकल्पना में पिता का महत्त्वपूर्ण स्थान है। माँ और पिता के अभाव में परिवार की संकल्पना भारत में नहीं हो सकती। जिस बच्चे की माँ और पिता दोनों नहीं होते, उसे भी परिवार में कोई बड़े-बुजुर्ग लोग ही पालते हैं और माँ-पिता की तरह प्यार देने की कोशिश करते हैं; ताकि उस बच्चे को माँ-बाप का अभाव न महसूस हो।

    भारत की संस्कृति ही ऐसी है कि यहाँ प्रातः उठते ही माँ और पिता सहित घर के सभी बड़े लोग को चरण स्पर्श कर प्रणाम करने की परम्परा है। यहाँ माँ या पिता के लिए कोई एक दिन निर्धारित नहीं कियसा गया है। प्रतिदिन उन के अभिवादन करने का विधान है। यही कारण है कि भारत में ‘फादर्स डे’नहीं मनाया जाता।  

    पश्चिमी सभ्यता में माँ और पिता के साथ बच्चे रहेंगे ही यह अनिवार्य नहीं। प्रायः माँ अलग, पिता अलग और बच्चे किसी छात्रावास में! कई जगह माँ और बाप दोनों नौकरी-पेशा वाले होने की वजह से एक घर में रहने के बाद भी माँ, पिता और बच्चे एक साथ खुशहाल समय नहीं व्यतीत कर पाते। ऐसे में उन्होंने ‘फादर्स डे’यानी पितृ दिवस की संकल्पना बनायी। पर, भारत में इस संकल्पना की कोई आवश्यकता ही नहीं है। भारत में कोई एक दिन पिता को सम्मान देने का नियम नहीं है; बल्कि प्रतिदिन उन्हें अभिवादन का नियम है।

    वैसे भारत के युवाओं को भारत की सरकार ने पाठ्यक्रमों के माध्यम से देश की समृद्ध पुरानी परम्परा के बारे में पढ़ाया ही नहीं। वैसे भारत में जून के तीसरे रविवार को 'फादर्स डे' बनाया जाता है। कई देशों में अलग-अलग तिथियों पर 'फादर्स डे' मनाया जाता है।