बुधवार, 6 फ़रवरी 2013

अरविंद केजरीवाल/ARVIND KEJRIWAL

अरविंद केजरीवाल/ARVIND KEJRIWAL
भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता हैं अरविंद केजरीवाल। सरकार में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए संघर्षरत हैं। उन्हें 2006 में उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए रमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होंने भारत के सूचना अधिकार अर्थात सूचना कानून (सूका) के आन्दोलन को जमीनी स्तर पर सक्रिय बनाया और नागरिकों को भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए सशक्त बनाने हेतु सामाजिक आन्दोलन किया। अरविंद केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त 1968 में हरियाणा के हिसार शहर में हुआ। उन्होंने 1989 में आईआईटी खड़गपुर से यांत्रिक अभियांत्रिकी में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वे 1992 में भारतीय नागरिक सेवा (आईसीएस) के एक भाग, भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) में आ गए। उन्हें दिल्ली में आयकर आयुक्त कार्यालय में नियुक्त किया गया। शीघ्र ही उन्होंने महसूस किया कि सरकार में बहुप्रचलित भ्रष्टाचार के कारण प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है। अपनी आधिकारिक स्थिति पर रहते हुए ही उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग शुरू कर दी। प्रारंभ में, अरविंद ने आयकर कार्यालय में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कई परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जनवरी 2000 में उन्होंने काम से विश्राम ले लिया और दिल्ली आधारित एक नागरिक आन्दोलन 'परिवर्तन' की स्थापना की, जो एक पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन को सुनिश्चित करने के लिए काम करता है। फरवरी 2006 में उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया और पूरे समय के लिए सिर्फ 'परिवर्तन' में ही काम करने लगे। अरुणा रॉय और कई अन्य लोगों के साथ मिलकर उन्होंने सूचना अधिकार अधिनियम के लिए अभियान शुरू किया, जो जल्दी ही एक मूक सामाजिक आन्दोलन बन गया। दिल्ली में सूचना अधिकार अधिनियम को 2001 में पारित किया गया और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संसद ने 2005 में सूचना अधिकार अधिनियम (आरटीआई) को पारित कर दिया।
जुलाई 2006 में उन्होंने पूरे भारत में आरटीआई के बारे में जागरूकता फ़ैलाने के लिए एक अभियान शुरू किया। दूसरों को प्रेरित करने के लिए अरविन्द ने अब अपने संस्थान के माध्यम से एक आरटीआई पुरस्कार की शुरुआत की है। सूचना का अधिकार गरीब लोगों के लिए तो महत्वपूर्ण है ही, आम जनता और पेशेवर लोगों के लिए भी यह उतना ही महत्वपूर्ण है। अरविंद सूचना के अधिकार के माध्यम से प्रत्येक नागरिक को अपनी सरकार से प्रश्न पूछने की शक्ति देते हैं। अपने संगठन 'परिवर्तन' के माध्यम से वे लोगों को प्रशासन में सक्रिय हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करते हैं। हालांकि आरटीआई को आम नागरिक के लिए शक्तिशाली उपकरण बनने में समय लगेगा, अरविन्द ने दिखा दिया है कि वास्तव में इसके लिए एक सम्भव रास्ता है।
6 फरवरी 2007 को अरविन्द को वर्ष 2006 के लिए लोक सेवा में सीएनएन आईबीएन 'इन्डियन ऑफ़ द इयर' के लिए नामित किया गया। अरविंद ने सूचना अधिकार अधिनियम को स्पष्ट करते हुए गूगल पर भाषण दिया।
2 अक्टूबर 2012 को गांधीजी और शास्त्रीजी के चित्रों से सजी पृष्ठभूमि वाले मंच से अरविंद केजरीवाल ने अपने राजनीतिक सफर की औपचारिक शुरुआत कर दी। उन्होंने बाकायदा गांधी टोपी, जो अब 'अण्णा टोपी' भी कहलाने लगी है, पहनी थी। टोपियों पर उन्होंने लिखवाया, 'मैं आम आदमी हूं'। उन्होंने 2 अक्टूबर 2012 को ही अपने भावी राजनीतिक दल का दृष्टिकोण पत्र भी जारी किया।
राजनीतिक दल बनाने की विधिवत घोषणा के साथ उन्होंने कांग्रेस नेता सोनिया गाँधी जो नेहरू परिवार की उत्तराधिकारी और संप्रग की मुखिया हैं, के दामाद रॉबर्ट वढेरा और भूमि-भवन विकासकर्ता कम्पनी डीएलएफ के बीच हुए भ्रष्टाचार का खुलासा किया है। बाद में केन्द्रीय विधि मंत्री सलमान खुर्शीद और उनकी पत्नी लुई खुर्शीद के ट्रस्ट में हो रही धांधलियों का खुलासा किया।
पुरस्कार..
2004 में अशोक फैलो, सिविक अंगेजमेंट के लिए।
2005 में 'सत्येन्द्र दुबे मेमोरियल अवार्ड', आईआईटी कानपुर, सरकार में पारदर्शिता लाने के लिए उनके अभियान हेतु।
2006 में उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए रमन मेगसेसे अवार्ड।
2006 में लोक सेवा में सीएनएन आईबीएन, 'इन्डियन ऑफ़ द इयर'।
2009 में विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार, उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए आईआईटी खड़गपुर।

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