रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने ओडिशा के पुरी तट पर मूर्तियों को गढ़ा
बेरहमपुर विश्वविद्यालय 2 मई को अपने वार्षिक दीक्षांत समारोह पर प्रसिद्ध रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक को डाक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान करेगा। प्रतिभा के मामले में वह किसी से कम नहीं हैं। एक के बाद एक कई विश्व खिताब अपने नाम करने वाले विश्व प्रसिद्ध रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक का कहना है कि उनके लिए सबसे बड़ा पुरस्कार देश में रेत पर कलाकारी की बढ़ती लोकप्रियता है। यह पूछे जाने पर कि इस बेजोड़ रचनात्मकता के लिए उन्हें कहां से प्रेरणा मिलती है, उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति विराट है, उन्हें इसी से प्रेरणा मिलती है। कलाकार को निरंतर कल्पनाशील, मौलिक बने रहना चाहिए, रचनात्मकता फिर खुद ही दिखेगी। उल्लेखनीय कार्यों के लिए पटनायक का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के 2006, 2007, 2008 और 2009 के संस्करणों में दर्ज हो चुका है।
बेरहमपुर विश्वविद्यालय 2 मई को अपने वार्षिक दीक्षांत समारोह पर प्रसिद्ध रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक को डाक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान करेगा। प्रतिभा के मामले में वह किसी से कम नहीं हैं। एक के बाद एक कई विश्व खिताब अपने नाम करने वाले विश्व प्रसिद्ध रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक का कहना है कि उनके लिए सबसे बड़ा पुरस्कार देश में रेत पर कलाकारी की बढ़ती लोकप्रियता है। यह पूछे जाने पर कि इस बेजोड़ रचनात्मकता के लिए उन्हें कहां से प्रेरणा मिलती है, उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति विराट है, उन्हें इसी से प्रेरणा मिलती है। कलाकार को निरंतर कल्पनाशील, मौलिक बने रहना चाहिए, रचनात्मकता फिर खुद ही दिखेगी। उल्लेखनीय कार्यों के लिए पटनायक का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के 2006, 2007, 2008 और 2009 के संस्करणों में दर्ज हो चुका है।
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