पवनपुत्र भगवान हनुमान की पहचान तय हो गई है! दुनिया में उनके चाहे जितने भी मंदिर हों लेकिन उनका निवास स्थान भी तय हो गया है! ये भी तय हो चुका है कि हनुमानजी के पिता का क्या नाम है। आप सोच रहे होंगे, आखिर ये क्या बकवास है लेकिन ये हम बिना वजह नहीं कह रहे। हमारे इस बयान पर सरकारी दस्तावेज मुहर लगा रहे हैं। देश की बेहद अहम योजनाओं में शामिल आधार कार्ड को बनाने वाले सरकारी कर्मचारी किस तरह आँखें मूँदकर कार्ड छापते हैं, इसका जीता जागता सबूत राजस्थान के सीकर में मिला है। यहाँ भगवान हनुमान के नाम से आधार कार्ड भी बन गया और तस्वीर की जगह बजरंग बली की फोटो भी लगी है। दरअसल, सीकर में हनुमानजी के नाम से आधार कार्ड जारी हो चुका है। कार्ड पर बाकायदा उनकी तस्वीर छपी है और पिता के नाम पर पवनजी छपा हुआ है। कार्ड का नंबर है 209470519541 और कार्ड पर हनुमानजी का मोबाइल नम्बर भी छपा हआ है। साथ ही उनके जन्म की तारीख 1 जनवरी 1959 दी गई है। सीकर के दांतारामगढ़ में जारी कार्ड पर हनुमान जी का पता है, वार्ड नम्बर 6, दांतारामगढ़, पंचायत समिति के पास, जिला सीकर। जाहिर है इस पते पर कोई भी लिफाफा पहुँचना बेहद मुश्किल था। तीन दिनों तक डाकिया इस पते को खोजता रहा लेकिन उसे हनुमान जी का एक मंदिर तक देखने को नहीं मिला। हारकर पोस्ट ऑफिस स्टाफ ने लिफाफा खोला तो सारी बातें सामने आईं। सवाल ये है कि आखिर आधार कार्ड पर किसके फिंगर प्रिंट्स लिये गए और किसकी आँखों के रेटिना स्कैन किये गए ? तय है कि ये सरासर मजाक है और इस बेआधार मजाक के लिए आधार कार्ड बनानेवाले जिम्मेदार हैं। हनुमान जी के इस आधार कार्ड पर न सिर्फ पंजीयन क्रमांक- 1018 / 18252 / 01821 और कार्ड नंबर- 2094 7051 9541 दर्ज हैं। पवनपुत्र कहलाने वाले हनुमान जी के पिता के नाम वाले कॉलम में 'पवन जी' भी लिखा हुआ है। भगवान हनुमान के नाम पर जारी किए गए इस कार्ड को लेकर अब सबसे ज्यादा परेशानी शहर के डाकिये को हो रही है जो इस बात से परेशान है कि आखिर यह कार्ड कहाँ पहुँचाया जाए। यह कार्ड तीन दिन पहले सीकर के दातारामगढ़ कस्बे के पोस्ट ऑफिस में पहुंचा जिसमें वार्ड नंबर-6, दातारामगढ़ का पता लिखा है। जब यह पता ठीक न होने पर पोस्ट ऑफिस स्टाफ ने लिफाफे को खोला तो उसमें हनुमान जी के नाम का आधार कार्ड मिला। वे इस आधार कार्ड पर पंजीयन क्रमांक और कार्ड नंबर के साथ-साथ मोबाइल फोन नंबर भी देखकर हैरान रह गए। जब उस मोबाइल नंबर पर फोन किया गया, तो पता चला कि वह नंबर अंकित नामक एक युवक का है। अंकित के मुताबिक, दो साल पहले तक वह आधार कार्ड बनाने वाली कंपनी में ही सुपरवाइजर के पद पर तैनात था और उसी समय उसने भी आधार कार्ड के लिए अप्लाई किया था लेकिन किसी कारणवश कार्ड नहीं बन पाया।
गुरुवार, 11 सितंबर 2014
आधार कार्ड का मजाक : भगवान हनुमान का आधार कार्ड नंबर- 2094 7051 9541 / Joke of The AAdhar Card : Lord Hanuman AAdhar Card No. 2094 7051 9541
पवनपुत्र भगवान हनुमान की पहचान तय हो गई है! दुनिया में उनके चाहे जितने भी मंदिर हों लेकिन उनका निवास स्थान भी तय हो गया है! ये भी तय हो चुका है कि हनुमानजी के पिता का क्या नाम है। आप सोच रहे होंगे, आखिर ये क्या बकवास है लेकिन ये हम बिना वजह नहीं कह रहे। हमारे इस बयान पर सरकारी दस्तावेज मुहर लगा रहे हैं। देश की बेहद अहम योजनाओं में शामिल आधार कार्ड को बनाने वाले सरकारी कर्मचारी किस तरह आँखें मूँदकर कार्ड छापते हैं, इसका जीता जागता सबूत राजस्थान के सीकर में मिला है। यहाँ भगवान हनुमान के नाम से आधार कार्ड भी बन गया और तस्वीर की जगह बजरंग बली की फोटो भी लगी है। दरअसल, सीकर में हनुमानजी के नाम से आधार कार्ड जारी हो चुका है। कार्ड पर बाकायदा उनकी तस्वीर छपी है और पिता के नाम पर पवनजी छपा हुआ है। कार्ड का नंबर है 209470519541 और कार्ड पर हनुमानजी का मोबाइल नम्बर भी छपा हआ है। साथ ही उनके जन्म की तारीख 1 जनवरी 1959 दी गई है। सीकर के दांतारामगढ़ में जारी कार्ड पर हनुमान जी का पता है, वार्ड नम्बर 6, दांतारामगढ़, पंचायत समिति के पास, जिला सीकर। जाहिर है इस पते पर कोई भी लिफाफा पहुँचना बेहद मुश्किल था। तीन दिनों तक डाकिया इस पते को खोजता रहा लेकिन उसे हनुमान जी का एक मंदिर तक देखने को नहीं मिला। हारकर पोस्ट ऑफिस स्टाफ ने लिफाफा खोला तो सारी बातें सामने आईं। सवाल ये है कि आखिर आधार कार्ड पर किसके फिंगर प्रिंट्स लिये गए और किसकी आँखों के रेटिना स्कैन किये गए ? तय है कि ये सरासर मजाक है और इस बेआधार मजाक के लिए आधार कार्ड बनानेवाले जिम्मेदार हैं। हनुमान जी के इस आधार कार्ड पर न सिर्फ पंजीयन क्रमांक- 1018 / 18252 / 01821 और कार्ड नंबर- 2094 7051 9541 दर्ज हैं। पवनपुत्र कहलाने वाले हनुमान जी के पिता के नाम वाले कॉलम में 'पवन जी' भी लिखा हुआ है। भगवान हनुमान के नाम पर जारी किए गए इस कार्ड को लेकर अब सबसे ज्यादा परेशानी शहर के डाकिये को हो रही है जो इस बात से परेशान है कि आखिर यह कार्ड कहाँ पहुँचाया जाए। यह कार्ड तीन दिन पहले सीकर के दातारामगढ़ कस्बे के पोस्ट ऑफिस में पहुंचा जिसमें वार्ड नंबर-6, दातारामगढ़ का पता लिखा है। जब यह पता ठीक न होने पर पोस्ट ऑफिस स्टाफ ने लिफाफे को खोला तो उसमें हनुमान जी के नाम का आधार कार्ड मिला। वे इस आधार कार्ड पर पंजीयन क्रमांक और कार्ड नंबर के साथ-साथ मोबाइल फोन नंबर भी देखकर हैरान रह गए। जब उस मोबाइल नंबर पर फोन किया गया, तो पता चला कि वह नंबर अंकित नामक एक युवक का है। अंकित के मुताबिक, दो साल पहले तक वह आधार कार्ड बनाने वाली कंपनी में ही सुपरवाइजर के पद पर तैनात था और उसी समय उसने भी आधार कार्ड के लिए अप्लाई किया था लेकिन किसी कारणवश कार्ड नहीं बन पाया।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
1 टिप्पणी:
atul kumar
एक टिप्पणी भेजें