गुजरात में 47 साल का एक मुस्लिम कसाई और उसका परिवार सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल देते हुए अपने घर में गणेश उत्सव मना रहा है। इस परिवार का कहना है कि गणपति ने उन्हें खुशहाली और समृद्धि दी है। गुजरात के गोधरा से करीब 60 किलोमीटर दूर पंचमहल जिले में अपने शिवराजपुर गांव में अनीश कुरैशी, उनकी पत्नी और तीन बच्चे पिछले पांच साल से गणेश उत्सव मना रहे हैं। इस बार भी उन्होंने अपने घर में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की है। खुशी और समृद्धि के देव हैं भगवान गणेश। गणेश पूजन करने वाला हर व्यक्ति ऐसा ही कहता है, अगर ये बात एक मुस्लिम परिवार कहे तो इसके मायने और भी गहरे हो जाते हैं। सांप्रदायिक सौहार्द की ऐसी ही मिसाल पेश करते हैं गुजरात के अनीश कुरैशी। 47 वर्षीय मुस्लिम कसाई अनीश कुरैशी और उनका परिवार अपनी सुख और समृद्धि को भगवान गणेश का आशीर्वाद मानता है। पंचमहल जिले के शिवराजपुर गांव में रहने वाला कुरैशी का परिवार अपने घर में हर साल गणेश चतुर्थी पर गणेश मूर्ति की स्थापना करता है। शिवराजपुर 2002 में दंगों की वजह बने गोधरा से महज 60 किमी की दूरी पर स्थित है।
पांच सालों से मूर्ति स्थापना--- अनीश का परिवार लंबे समय से भगवान गणेश में आस्था रखता है। पांच साल पहले उन्होंने गणेश चतुर्थी पर घर में गणेश स्थापना की शुरुआत की। तब से हर साल विधिवत तरीके से गणेश चतुर्थी पर मूर्ति स्थापना और चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन की परंपरा का निर्वहन करते आ रहे हैं।
मान्यताओं का पालन--- अनीश बताते हैं कि इन दस दिनों के दौरान वे खुद को मांस काटने के काम से अलग रखते हैं। दसवें दिन परिवार पूरी श्रद्धा के साथ दादर नदी में गणेश जी का विसर्जन करता है। अनीश ने सावन महीने में भी मांस बेचने का काम बंद रखा था।
भगवान ने दी समृद्धि--- अनीश की 15 वर्षीय बेटी रुखसाना कहती है कि जबसे हम गणेश पूजन कर रहे हैं परिवार में बहुत बरकत हुई है। हमने अपना घर भी खरीद लिया है। यह सब भगवान गणेश की पूजा का फल है।
सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल--- गांव के सरपंच कनुभाई सोनी कहते हैं कि इस परिवार ने बंधुत्व और सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल कायम की है। पूजा के समय ¨हदू परिवार के लोग भी उनके यहां एकत्र होते हैं। हर साल गांव के सभी लोगों के साथ ही कुरैशी परिवार भी दादर में गणेश विसर्जन में हिस्सा लेता है।
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