शीतांशु कुमार सहाय
भारत सभी धर्मों और विभिन्न जातियों का संगम है। संसार में सर्वाधिक सनातनर्धी (हिन्दू) इसी भूमि पर बसते हैं। ये धरती को माता मानते हैं और सर्वशक्तिमान ईश्वर की प्रतिनिधि के रूप में इसे पूजते हैं। भारत देश की भूमि को भी ‘भारत माता’ के रूप में पूजने की परम्परा है और श्रद्धास्वरूप कभी-कभी बोल उठते हैं- भारत माता की जय ! प्रत्येक देशभक्त को ‘भारत माता की जय’ का उद्घोष करना ही चाहिये।
आज मैं अपने देश के एक विशेष देशभक्त की चर्चा कर रहा हूँ। वह देशभक्त एक राजनीतिक दल का नेता है। दाढ़ी रखता है। अपनी ‘करनी’ और ‘कथनी’ से मीडिया में, चर्चा में, समाचारों में बना रहता है। संसद में जनता के प्रतिनिधि हैं। ऐसा नहीं है कि देश में जहाँ वे खड़े हो जायेंगे, वहाँ हजारों लोग उन्हें सुनने पहुँचेंगे। बात ऐसी भी बिल्कुल नहीं है कि वे परम्परागत राजनीतिज्ञ हैं। जो मन में आता है, बोलते रहते हैं। अपने देश के हैं, अल्पसंख्यक हैं, सरकार की आरक्षण नीति के लाभार्थी हैं। मुझे लगता है कि इसी आरक्षण नीति की तर्ज पर चलती हुई मीडिया भी एक नेतावाले राजनीतिक दल के इस नेता को समाचारों के बीच जगह देती है। इस बार भी मीडिया ने इस नेता को समाचार बनाया; क्योंकि इस देशभक्त ने कहा- कोई मेरे गले पर छुरी भी रख दे तो भी मैं भारत माता की जय नहीं बोलूँगा।
पर, इस सच्चे भारतीय मुसलमान की ईमान देखिये कि मातृभूमि से उनका लगाव, देश के प्रति उनकी मोहब्बत उनकी जुबां से निकल ही गयी। भरी सभा में उन्होंने कहा..... मैं ‘भारत माता की जय’ नहीं बोलूँगा। वाह कितनी हमदर्दी है भारत माता के प्रति। नहीं बोलने के बावजूद ‘भारत माता की जय’ तो बोल ही दिया। दरअसल, यह देशप्रेमी है अपना दाढ़ीवाला भाई असदुद्दीन ओवैसी जो एआईएमआईएम का अध्यक्ष है। वास्तव में यह कुछ कठमुल्लाओं के चक्कर में पड़ गया है, अतः उनकी भी बात रखनी पड़ती है। अब भरी सभा में तो कठमुल्लाओं ने ‘भारत माता की जय’ बोलने को कहा नहीं है और मन में देशभक्ति भी उफान मार रही है। ऐसे में भाई ओवैसी ने जो बीच का रास्ता अपनाया, जो काबिल-ए-तारीफ है। मतलब यह कि कठमुल्ला भी खुश और देशभक्ति भी हो गयी। उन्होंने कहा..... मैं ‘भारत माता की जय’ नहीं बोलूँगा।
भारत माता के इस बेटे के बयान पर भारत पुत्र और केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह तो गरजने लगे कि भारत पसन्द नहीं तो देश छोड़ दो। भाई गिरिराज! इतना गरम होने की जरूरत नहीं है। आपको इस देशभक्त ओवैसी की बात को रूक-रूककर पढ़ना या सुनना चाहिये था। उन्होंने अपने कथन में ‘भारत माता की जय’ तो कहा ही था और ‘भारत माता की जय’ के आगे-पीछे जो शब्द उनकी जुबान से निकले, वे कठमुल्लाओं के लिए थे- आपके लिए, हमारे लिए या खुद आवैसी के लिए भी नहीं। अब समझे इस देशभक्त की शब्दबाजी!
अब देखिये कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में इनके खिलाफ मंगलवार 15 मार्च 2016 को जनहित याचिका दाखिल कर दिया गया। ऐसे में फिर उनकी देशभक्ति उजागर हुई और उन्होंने मंगलवार 15 मार्च 2016 को ही पत्रकारों के बीच कहा- जय हिन्द! अब भी कोई शक! ......शक थोड़ा-सा होगा, यह मैं मान रहा हूँ पर इस बात का सुकून तो अवश्य है कि अब ओवैसी भाई में कठमुल्लाओं से लोहा लेने की हिम्मत बढ़ी है। वे सबके सामने ‘जय हिन्द’ तो बोले........अब वे सब भी बोलेंगे जो उनका देशभक्त दिल कहता है, बार-बार कहता है और उनका दिल भी वही कहता है जो आम भारतीय का दिल कहता है।
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी के भारत माता की जय को लेकर दिए गए बयान के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई है। ओवैसी के खिलाफ मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में देशद्रोह के आरोप में पीआईएल दाखिल की गई। उनके खिलाफ लखनऊ के सीजेएम कोर्ट में भी देशद्रोह की शिकायत की गई है। पीआईएल के सवाल पर ओवैसी ने कहा, 'मुझे कोर्ट में पूरा भरोसा है। कोई केस नहीं है। जय हिंद।'
इलाहाबाद हाईकोर्ट में हैदराबाद से सांसद ओवैसी के खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए के तहत पीआईएल दाखिल की गई है। बता दें कि ओवैसी ने महाराष्ट्र के लातूर जिले में सभा में कहा था कि वह भारत माता की जय नहीं बोलेंगे। ओवैसी ने कहा,'चाहे मेरे गले पर चाकू लगा दो पर मैं भारत माता की जय नहीं बोलूंगा।' उन्होंने कहा कि संघ नेताओं के कहने पर वो भारत माता की जय के नारे नहीं लगाएंगे। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान के विरोध में ओवैसी ने यह बात कही। भागवत ने पिछले दिनों कहा था कि नई पीढ़ी को भारत माता की जय बोलना भी सीखाना पड़ता है।
......तो मेरे मित्रों सोच को सदैव सकारात्मक रखें....शत्रु भी प्यार करने लगेंगे।
भारत सभी धर्मों और विभिन्न जातियों का संगम है। संसार में सर्वाधिक सनातनर्धी (हिन्दू) इसी भूमि पर बसते हैं। ये धरती को माता मानते हैं और सर्वशक्तिमान ईश्वर की प्रतिनिधि के रूप में इसे पूजते हैं। भारत देश की भूमि को भी ‘भारत माता’ के रूप में पूजने की परम्परा है और श्रद्धास्वरूप कभी-कभी बोल उठते हैं- भारत माता की जय ! प्रत्येक देशभक्त को ‘भारत माता की जय’ का उद्घोष करना ही चाहिये।
आज मैं अपने देश के एक विशेष देशभक्त की चर्चा कर रहा हूँ। वह देशभक्त एक राजनीतिक दल का नेता है। दाढ़ी रखता है। अपनी ‘करनी’ और ‘कथनी’ से मीडिया में, चर्चा में, समाचारों में बना रहता है। संसद में जनता के प्रतिनिधि हैं। ऐसा नहीं है कि देश में जहाँ वे खड़े हो जायेंगे, वहाँ हजारों लोग उन्हें सुनने पहुँचेंगे। बात ऐसी भी बिल्कुल नहीं है कि वे परम्परागत राजनीतिज्ञ हैं। जो मन में आता है, बोलते रहते हैं। अपने देश के हैं, अल्पसंख्यक हैं, सरकार की आरक्षण नीति के लाभार्थी हैं। मुझे लगता है कि इसी आरक्षण नीति की तर्ज पर चलती हुई मीडिया भी एक नेतावाले राजनीतिक दल के इस नेता को समाचारों के बीच जगह देती है। इस बार भी मीडिया ने इस नेता को समाचार बनाया; क्योंकि इस देशभक्त ने कहा- कोई मेरे गले पर छुरी भी रख दे तो भी मैं भारत माता की जय नहीं बोलूँगा।
पर, इस सच्चे भारतीय मुसलमान की ईमान देखिये कि मातृभूमि से उनका लगाव, देश के प्रति उनकी मोहब्बत उनकी जुबां से निकल ही गयी। भरी सभा में उन्होंने कहा..... मैं ‘भारत माता की जय’ नहीं बोलूँगा। वाह कितनी हमदर्दी है भारत माता के प्रति। नहीं बोलने के बावजूद ‘भारत माता की जय’ तो बोल ही दिया। दरअसल, यह देशप्रेमी है अपना दाढ़ीवाला भाई असदुद्दीन ओवैसी जो एआईएमआईएम का अध्यक्ष है। वास्तव में यह कुछ कठमुल्लाओं के चक्कर में पड़ गया है, अतः उनकी भी बात रखनी पड़ती है। अब भरी सभा में तो कठमुल्लाओं ने ‘भारत माता की जय’ बोलने को कहा नहीं है और मन में देशभक्ति भी उफान मार रही है। ऐसे में भाई ओवैसी ने जो बीच का रास्ता अपनाया, जो काबिल-ए-तारीफ है। मतलब यह कि कठमुल्ला भी खुश और देशभक्ति भी हो गयी। उन्होंने कहा..... मैं ‘भारत माता की जय’ नहीं बोलूँगा।
भारत माता के इस बेटे के बयान पर भारत पुत्र और केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह तो गरजने लगे कि भारत पसन्द नहीं तो देश छोड़ दो। भाई गिरिराज! इतना गरम होने की जरूरत नहीं है। आपको इस देशभक्त ओवैसी की बात को रूक-रूककर पढ़ना या सुनना चाहिये था। उन्होंने अपने कथन में ‘भारत माता की जय’ तो कहा ही था और ‘भारत माता की जय’ के आगे-पीछे जो शब्द उनकी जुबान से निकले, वे कठमुल्लाओं के लिए थे- आपके लिए, हमारे लिए या खुद आवैसी के लिए भी नहीं। अब समझे इस देशभक्त की शब्दबाजी!
अब देखिये कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में इनके खिलाफ मंगलवार 15 मार्च 2016 को जनहित याचिका दाखिल कर दिया गया। ऐसे में फिर उनकी देशभक्ति उजागर हुई और उन्होंने मंगलवार 15 मार्च 2016 को ही पत्रकारों के बीच कहा- जय हिन्द! अब भी कोई शक! ......शक थोड़ा-सा होगा, यह मैं मान रहा हूँ पर इस बात का सुकून तो अवश्य है कि अब ओवैसी भाई में कठमुल्लाओं से लोहा लेने की हिम्मत बढ़ी है। वे सबके सामने ‘जय हिन्द’ तो बोले........अब वे सब भी बोलेंगे जो उनका देशभक्त दिल कहता है, बार-बार कहता है और उनका दिल भी वही कहता है जो आम भारतीय का दिल कहता है।
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी के भारत माता की जय को लेकर दिए गए बयान के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई है। ओवैसी के खिलाफ मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में देशद्रोह के आरोप में पीआईएल दाखिल की गई। उनके खिलाफ लखनऊ के सीजेएम कोर्ट में भी देशद्रोह की शिकायत की गई है। पीआईएल के सवाल पर ओवैसी ने कहा, 'मुझे कोर्ट में पूरा भरोसा है। कोई केस नहीं है। जय हिंद।'
इलाहाबाद हाईकोर्ट में हैदराबाद से सांसद ओवैसी के खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए के तहत पीआईएल दाखिल की गई है। बता दें कि ओवैसी ने महाराष्ट्र के लातूर जिले में सभा में कहा था कि वह भारत माता की जय नहीं बोलेंगे। ओवैसी ने कहा,'चाहे मेरे गले पर चाकू लगा दो पर मैं भारत माता की जय नहीं बोलूंगा।' उन्होंने कहा कि संघ नेताओं के कहने पर वो भारत माता की जय के नारे नहीं लगाएंगे। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान के विरोध में ओवैसी ने यह बात कही। भागवत ने पिछले दिनों कहा था कि नई पीढ़ी को भारत माता की जय बोलना भी सीखाना पड़ता है।
......तो मेरे मित्रों सोच को सदैव सकारात्मक रखें....शत्रु भी प्यार करने लगेंगे।
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