शनिवार, 31 मई 2025

लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर Lokmata Devi Ahilyabai Holkar



केवल तीन मिनट में जानिये महान शासिका  लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की जीवनी। उन की ३००वीं जयन्ती मनायी जा रही है। नीचे के लिंक पर क्लिक करें और देखें.....

https://youtu.be/KaKpBnatPC8

आज का राशिफल ३१ मई २०२५ Aaj Ka Rashifal 31 May 2025

 


अपनी राशि के अनुसार जानिये आज का राशिफल। 

अपना राशिफल इस लिंक पर क्लिक करें और देखें.....


https://youtu.be/qrSPxLVaTwI

शुक्रवार, 30 मई 2025

आतंक के फन को कुचल देंगे, बिहार से मोदी की हुंकार

 


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार में ४८ हज़ार ५०० करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण के बाद जनसभा को सम्बोधित किया और पाकिस्तान को आतंकवाद से परहेज करने की नसीहत दी।

उन्होंने कहा कि भारत की बेटियों के सिन्दूर की शक्ति को आज विश्व देख रहा है। मोदी ने रोहतास जिले के सासाराम में आज आयोजित विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए 'प्राण जाय पर वचन न जाई' का जयघोष किया। पाकिस्तान को सावधान करते हुए कहा कि अगर आतंक का फन निकला तो बिल से खींचकर कुचल देंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने और क्या कहा, सुनने और देखने के लिए नीचे के लिंक पर क्लिक करें.....

https://youtu.be/_X_Sc-fmvLk?si=Imdlq6rweP69BV_2

बिहार में ४८ हज़ार ५०० करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण किये PM Narendra Modi Inaugrated Mega Projects Of More Than 48 Thousand 500 Crore



बिहार में शुक्रवार, ३० मई २०२५ को प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने४८ हजार ५०० करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं के शिलान्यास व लोकार्पण किये। 

नीचे के लिंक पर क्लिक करें और देखें कि बिहार के किन जिला को किस प्रकार की परियोजना का सीधा लाभ मिला.....

https://m.youtube.com/watch?v=23HtLyPVGOo

आज ३० मई २०२५ का राशिफल Aaj Ka Rashifal 30 May 2025

 


अपनी राशि के अनुसार जानिये आज ३० मई २०२५ (शुक्रवार) का राशिफल। आज का दिन और आज की रात कैसी गुजरेगी?

अपना राशिफल इस लिंक पर जानिये...

https://m.youtube.com/watch?v=vPl5cmIf6N0

बुधवार, 28 मई 2025

प्रख्यात शिक्षक खान सर के विवाह का सच जानिये | Know Fact Of The Marriage Of Famous Teacher Khan Sir | Faizal Khan

 


     बिहार की राजधानी पटना में प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले शिक्षक फैजल खान बिहारी हिन्दी में पढ़ाने के कारण चर्चित हैं। वह 'खान सर' के नाम से विद्यार्थियों के बीच प्रसिद्ध हैं। यूट्यूबर के रूप में भी उन की प्रसिद्धि है।

      खान सर ने अपने विद्यार्थियों के बीच अपनी शादी की बात कही है। इस के बारे में सच जानने के लिए नीचे के लिंक पर क्लिक करें और देखें.....

https://youtu.be/N9wu_ivSe6A?si=swBgtE9kAWYJUxaZ

      Know Fact Of The Marriage Of Famous Teacher Khan Sir on above link.


खान सर के विवाह का सच जानिये | Know Fact Of The Marriage Of Famous Teacher Khan Sir | Faizal Khan


सोमवार, 19 मई 2025

१७ नेता संसद के रत्न चयनित, २ समितियों को भी सम्मान 17 Leaders Are The Sansad Ratna, 2 Committees Also Honored

भारत का संसद भवन


शीतांशु कुमार सहाय

      भारत में १५ वर्षों से बेहतरीन सांसदों को सम्मानित-पुरस्कृत करने की परम्परा चली आ रही है। इस वर्ष भी सम्मानित होनेवाले सांसदों का चयन कर लिया गया है। संसद में उल्लेखनीय योगदान देनेवाले १७ सांसदों और दो संसदीय स्थायी समितियों को 'संसद रत्न पुरस्कार २०२५' के लिए चुना गया है। ये पुरस्कार संसद में सक्रियता, बहस में भागीदारी, प्रश्न पूछने और विधायी कामकाज में योगदान के आधार पर दिए जाते हैं। यह पुरस्कार प्राइम प्वाइंट फाउण्डेशन की तरफ से शुरू किया गया है। 

      संसद रत्न पुरस्कार की शुरुआत २०१० में हुई थी और यह पुरस्कार उन सांसदों को दिये जाते हैं जो पारदर्शिता, जवाबदेही और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती देने के लिए संसद में सक्रिय रहते हैं।

      इस वर्ष के विजेताओं का चयन जूरी कमेटी ने किया जिस की अध्यक्षता पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर (राष्ट्रीय) ने की। 

४ सांसदों को विशेष सम्मान 

      चार सांसदों को संसदीय लोकतंत्र में उत्कृष्ट और सतत योगदान के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया जायेगा। प्राइम प्वाइंट फाउंडेशन के अनुसार, ये चारों सांसद १६वीं और १७वीं लोकसभा में भी संसद में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करनेवालों में शामिल रहे हैं और अपनी मौजूदा कार्यकाल में भी लगातार सक्रिय हैं। 

      ये चारों सांसद हैं-- भर्तृहरि महताब (भाजपा), सुप्रिया सुले (एनसीपी-एसपी), एन. के. प्रेमचंद्रन (आरएसपी) और श्रीरंग अप्पा बारणे (शिवसेना)

१३ सांसदों को  विशिष्ट सम्मान 

      अन्य १३ सांसदों को उन के विशिष्ट संसदीय कार्यों के लिए चुना गया है। इन में कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हैं। इन सांसदों ने संसद में प्रश्न पूछने, चर्चा में भाग लेने और विधेयकों पर सुझाव देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी है।

      इन के नाम इस प्रकार हैं-- स्मिता वाघ (भाजपा),  अरविंद सावंत (शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट), नरेश गणपत म्हास्के (शिवसेना), वर्षा गायकवाड़ (काँग्रेस), मेधा कुलकर्णी (भाजपा), प्रवीण पटेल (भाजपा), रवि किशन (भाजपा), निशिकांत दुबे (भाजपा), बिद्युत बरन महतो (भाजपा), पी. पी. चौधरी (भाजपा), मदन राठौर (भाजपा), सी. एन. अन्नादुरै (डीएमके) और दिलीप सैकिया (भाजपा)।

दो स्थायी समितियाँ भी पुरस्कृत 

     इस वर्ष दो संसदीय स्थायी समितियों को भी संसद रत्न पुरस्कार से नवाजा जाएगा। ये हैं दोनों समितियाँ--

      वित्त पर स्थायी समिति। इस समिति के अध्यक्ष भर्तृहरि महताब (भाजपा) हैं। इस समिति ने वित्तीय नीतियों पर कई प्रभावशाली और व्यावहारिक रपटें संसद में प्रस्तुत की हैं।

      कृषि पर स्थायी समिति। इस समिति के अध्यक्ष चरणजीत सिंह चन्नी (काँग्रेस) हैं। इस समिति ने किसानों की समस्याओं और कृषि सुधारों पर ठोस सुझाव संसद में रखे हैं।

शुक्रवार, 16 मई 2025

ऑपरेशन सिन्दूर...तुर्किये और अजरबैजान का बायकाट जारी, जानिये अन्दर-बाहर की बात Operation Sindoor : Boycott Of Turkey & Azerbaijan, Know The Inside And Outside Story

तीन इस्लामिक देशों की दोस्ती : भारत से दुश्मनी

शीतांशु कुमार सहाय 

      बायकाट...बायकाट...बायकाट...सभी जगह यही शब्द ट्रेण्ड कर रहा है। संसार का सर्वाधिक आबादी वाला और विश्व का सब से बड़ा उपभोक्ता देश भारत अब सामरिक दृष्टि से भी महाशक्ति के रूप में उभरा है। ऑपरेशन सिन्दूर की प्रचण्ड सफलता ने इस उभार को नया आयाम दिया है। पहली बार देश के हर नागरिक में देशभक्ति का ज्वार-भाटा प्रकट रूप से हिलोर मार रहा है। जन-जन के देशप्रेम के इसी हिलोर में तुर्किये और अजरबैजान की आर्थिक स्थिति हिचकोले खाने लगी है। इसी सन्दर्भ में विस्तार से जानिये.....

      एक अनुमान के अनुसार, भारत से जो आर्थिक लाभ तुर्किये और अजरबैजान को मिल रहा था, उस में सत्तर प्रतिशत से अधिक की कमी आ गयी है। आज दिल्ली सहित देश के सतरह राज्यों के व्यापारियों ने बैठक कर तुर्किये और अजरबैजान के सामानों को अपनी व्यापारिक गतिविधियों से निकाल-बाहर करने का निर्णय लिया है। भारत पर हमला करने के लिए पाकिस्तान की सहायता करना इन दोनों इस्लामिक देशों को महँगा पड़ रहा है। 

नरेन्द्र मोदी : नये भारत का दमदार नेतृत्वकर्ता

टेरर और ट्रेड साथ-साथ नहीं  

      भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी राष्ट्र के नाम सम्बोधन में स्पष्ट कहा कि टेरर (आतंकवाद) और ट्रेड (व्यापार) एकसाथ नहीं चल सकते। मोदी के नेतृत्व में नये भारत की विदेश नीति बड़ी धारदार है-- दोस्त हो तो दोस्ती निभाओ और दुश्मन हो तो मैदान में आ जाओ। छिपकर वार करने की फितरत भारत की नहीं है लेकिन चार दिन के संघर्ष में जिन-जिन देशों ने छिपकर, धर्म की ओट लेकर या व्यापार को आधार बनाकर भारत पर आक्रमण में पाकपरस्ती की है, उन्हें खामियाज़ा भुगतना ही पड़ेगा। 

व्यापारी और उद्योगपति नाराज

      फिलहाल दो पाकपरस्तों को आर्थिक मोर्चे पर धोबिया पछाड़ देने के लिए भारतवासियों ने कमर कस लिया है। पिछले कुछ दिनों से से चल रहे छिटपुट बायकाट ट्रेण्ड को आज देश के विभिन्न राज्यों में बैठक कर बड़े व्यापारियों और उद्योगपतियों ने औपचारिक बायकाट का रूप दे दिया। बिना सरकारी घोषणा के भारतीय व्यापारियों के बायकाट के औपचारिक निर्णय से तुर्किये और अजरबैजान के वैसे व्यापारियों और कारोबारियों के गले सूखने लगे हैं जो भारत में निर्यात कर रहे थे।

      चैम्बर ऑफ ट्रेड एण्ड इण्डस्ट्री (सीटीआई) के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने कहा कि जो देश भारत के खिलाफ दुश्मन देश का समर्थन कर रहे हैं, उन के साथ कारोबार करना उचित नहीं है। भारत के लोगों से कमाई करके उस रकम से पाकिस्तान को मदद दी जा रही है। अब तुर्किये और अजरबैजान के साथ व्यापारिक रिश्ते खत्म कर सबक सिखाने की जरूरत है।

     भारत के सभी व्यापारिक संगठनों में भारत विरोधी विदेशी शक्तियों के खिलाफ़ अपना रोष प्रकट किया है। 

      सीटीआई महासचिव गुरमीत अरोड़ा का कहना है कि केंद्र सरकार को फौरन तुर्किये और अजरबैजान के साथ-साथ चीन से आयात होने वाले सामानों पर रोक लगानी चाहिए, ताकि भारत से कमाई करके जुटाए गए फंड का इस्तेमाल पाकिस्तान की मदद करने में न किया जा सके। 

पर्यटन और व्यापार पर ख़तरा

      तुर्किये के पर्यटन और अर्थव्यवस्था में भारत का अहम रोल है। वर्ष 2024 में भारत के 2 लाख 75 हज़ार लोगों ने तुर्किये की यात्रा की है। 2024 में भारत और तुर्किये के बीच 12.5 बिलियन डॉलर का कारोबार हुआ। अब तय करना है नाटो के एकमात्र मुस्लिम सदस्य देश तुर्किये के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन को कि वह पाकिस्तान को चुने या अर्थव्यवस्था में साढ़े बारह अरब डॉलर जोड़े।

अनिर्णय की स्थिति में तुर्किये 

      दरअसल, भारत की विदेश नीति और भारतीयों के बायकाट वाले तात्कालिक निर्णय ने एर्दोआन को अनिर्णय की स्थिति में ला दिया है। अनिर्णय की स्थिति में तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी आ गये। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुप्पी से घबराकर उन्हें युद्ध विराम की श्रेय लेनेवाले वक्तव्य को बदलना पड़ा। एर्दोआन के पाकपरस्ती से दामाद की ड्रोन निर्माण करनेवाली और हवाई अड्डे पर यात्रियों को सेवा देनेवाली कम्पनी पर ख़तरे मँडराने लगे हैं। इस बारे में विस्तार से आगे बता रहा हूँ। 

धर्म के आधार पर पाकिस्तान को मदद

      बहरहाल, तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोआन मुसलमानों के खलीफा बनना चाहते हैं; क्योंकि तुर्किये खलीफा प्रथा का गढ़ था जिसे खत्म कर मुस्तफा कमाल पाशा ने तुर्की को मुस्लिमबहुल देश होने के बावजूद एक धर्मनिरपेक्ष देश के रूप में विश्व फलक पर उभारा था। पर, मुस्लिम बहुल देश धर्मनिरपेक्ष हो ही नहीं सकता, इस कथन को चरितार्थ कर तुर्की भी इस्लामिक देश बन गया और नाम भी तुर्की से तुर्किये हो गया। इसी सन्दर्भ में तुर्किये और अजरबैजान ने धर्म (इस्लाम) के आधार पर पाकिस्तान को भारत के विरुद्ध सहायता दिया और लगातार दे रहा है।

तुर्किये के ड्रोन से भारत पर हमला 

      आप को याद होगा कि सात मई के बाद पाकिस्तान ने भारत के सीमावर्ती छब्बीस जगहों पर कुछ दिनों तक करीब चार सौ एसिसगॉर्ड सोनगार ड्रोन्स से हमला किया। ये ड्रोन तुर्किये के बने हुए थे।

तुर्किये के राष्ट्रपति के दामाद की कम्पनी पर भारत की सख्ती 

      इस बीच मोदी सरकार ने फिर बड़ा फैसला लेते हुए तुर्की की ग्राउंड हैंडलिंग फर्म सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज की भारतीय हवाई अड्डों पर सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी है। इस सम्बन्ध में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दी है। तुर्की की यह कंपनी मुंबई सहित भारत के कई एयरपोर्ट पर यात्री सेवाओं, लोड नियंत्रण, उड़ान संचालन, कार्गो और डाक सेवाओं, गोदामों और पुल संचालन सहित लगभग 70 प्रतिशत ज़मीनी संचालन संभालती है। नागरिक उड्डयन और सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि पूरे भारत से भारतीय हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएँ संचालित करनेवाली तुर्की की कंपनी 'सेलेबी एनएएस एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया लिमिटेड' पर प्रतिबंध लगाने के अनुरोध प्राप्त हुए हैं।

      यहाँ बता दूँ कि साल 2008 में तत्कालीन काँग्रेसी सरकार के आदेश पर सेलेबी कंपनी ने भारत के विमानन (एयरपोर्ट सर्विस) सेक्टर में काम शुरू किया था। अब रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस कंपनी में तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोआन की बेटी सुमेये एर्दोआन की हिस्सेदारी यानी शेयर है। एर्दोआन की बेटी की शादी सेलकुक बेराकटार से हुई है। ये वही शख्स है, जिस की कंपनी बेराकटार तुर्की में मिलिट्री ड्रोन बनाती है। पाकिस्तान ने इसी कंपनी के बनाए ड्रोन का इस्तेमाल सात मई के बाद भारत के खिलाफ नाकाम हमले में किया था।

अरबों रुपये का व्यापार ख़तरे में 

       अप्रैल-फरवरी 2024-25 के दौरान तुर्किये को भारत का निर्यात 5.2 बिलियन अमेरीकी डॉलर रहा, जबकि 2023-24 में यह 6.65 बिलियन अमरीकी डॉलर था। यह भारत के कुल 437 बिलियन अमरीकी डॉलर के निर्यात का सिर्फ 1.5 प्रतिशत है।

      अप्रैल-फरवरी 2024-25 के दौरान अजरबैजान को भारत का निर्यात केवल 86.07 मिलियन अमरीकी डॉलर रहा, जबकि 2023-24 में यह 89.67 मिलियन अमरीकी डॉलर था। यह भारत के कुल निर्यात का मात्र 0.02 प्रतिशत है।

      अप्रैल-फरवरी 2024-25 के दौरान तुर्किये से भारत का आयात 2.84 बिलियन अमरीकी डॉलर था, जबकि 2023-24 में यह 3.78 बिलियन अमरीकी डॉलर था। यह भारत के कुल 720 बिलियन अमरीकी डॉलर के आयात का केवल 0.5 प्रतिशत है।

      अप्रैल-फरवरी 2024-25 के दौरान अजरबैजान से आयात 1.93 मिलियन अमरीकी डॉलर था, जबकि 2023-24 में यह 0.74 मिलियन अमरीकी डॉलर था। यह भारत के कुल आवक शिपमेंट का मात्र 0.0002 प्रतिशत है।

भारत और तुर्किये के बीच आयात व निर्यात

निर्यात :- खनिज ईंधन और तेल (2023-24 में 960 मिलियन अमरीकी डॉलर), विद्युत मशीनरी और उपकरण, ऑटो और उसके पुर्जे, कार्बनिक रसायन, फार्मा उत्पाद, टैनिंग और रंगाई की वस्तुएं, प्लास्टिक, रबर, कपास, मानव निर्मित फाइबर और तंतु, लोहा और इस्पात शामिल है।

आयात :- विभिन्न प्रकार के मार्बल (ब्लॉक और स्लैब), ताजे सेब (लगभग 10 मिलियन अमरीकी डॉलर), सोना, सब्जियां, चूना और सीमेंट, खनिज तेल (2023-24 में 1.81 बिलियन अमरीकी डॉलर), रसायन, प्राकृतिक या संवर्धित मोती, लोहा और इस्पात।

भारत और अजरबैजान के बीच आयात व निर्यात

निर्यात :- तम्बाकू और उसके उत्पाद (2023-24 में 28.67 मिलियन अमरीकी डॉलर), चाय, कॉफी, अनाज, रसायन, प्लास्टिक, रबर, कागज और पेपर बोर्ड और सिरेमिक उत्पाद।

आयात :- पशु चारा, जैविक रसायन, आवश्यक तेल और इत्र और कच्ची खालें और चमड़ा। 2023 में, भारत अज़रबैजान के कच्चे तेल के लिए तीसरा सबसे बड़ा गंतव्य था।

दोनों देशों में भारतीय 

      वर्तमान में तुर्किये में लगभग तीन हज़ार भारतीय नागरिक हैं। इन में दो सौ छात्र शामिल हैं। इसी तरह अजरबैजान में भारतीय समुदाय के लोग की संख्या डेढ़ हज़ार से ज़्यादा है।


बुधवार, 7 मई 2025

ऑपरेशन सिन्दूर व अखण्ड भारत : ऐसे हल होगा भारत का सीमा विवाद व अखण्ड भारत की पुनर्कल्पना Operation Sindoor & Akhand Bharat : This Is How India's Border Dispute Will Be Solved & Akhand Bharat Will Be Re-imagined


      जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में धर्म पूछकर हिन्दू पर्यटकों की हत्या किये जाने का बदला लेने के लिए भारत ने सात मई २०२५ को पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला कर आतंकवादियों को मिट्टी में मिला दिया। इसी सन्दर्भ में प्रस्तुत है जाने-माने ज्योतिष अमित कुमार नयनन का आकलन। इस में भारत-पाकिस्तान के वर्तमान तनाव, सीमा विवाद, अखण्ड भारत की परिकल्पना व अन्य महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं पर ग्रह-नक्षत्रों के आधार पर तथ्य समाहित हैं, जिन से आमतौर पर लोग अनभिज्ञ हैं। 

      भारत की कुंडली वृष लग्न की है और इसकी राशि कर्क है। वृष स्थिर तो कर्क चर राशि है, अतः स्थिर व चरात्मक दोनो प्रवृत्ति का इस की प्रवृत्ति व प्रकृति में समावेश होगा। वृष व कर्क दोनो ही राशियाँ स्वभाव से मृदु हैं, अतः इस देश की प्रकृति मृदु व स्नेहशील होगी व इस में सहनशीलता व विवेकशीलता अन्य देशों की अपेक्षा अधिक रहेगी। लग्नेश शुक्र का राशीश चन्द्र के साथ तृतीय भाव में युति इस के दीर्घकालिक अवस्था को सबलता से दर्शाता है। लग्न में लग्नेश शुक्र मित्र राहु अपनी उच्च राशि में बैठा है। इस प्रकार लग्न के लिए यह एक अच्छी स्थिति है। लग्नेश का तृतीय पराक्रम स्थान में सूर्य, चन्द्र, बुध, शनि के साथ बैठना व केतु से देखा जाना इस देश के विविध लोग, सभ्यता व संस्कृति के दर्शन को सरल तरीके से इंगित करता है। तृतीय में विविध प्रकृति के पंचग्रह की युति कुछ हद तक संत या एकाकी योग को भी बताता है। इस में भी संदेह नहीं कि भारत धर्म और ध्यात्म का धनी देश है। इस प्रकार इस की विविधता में एकता का बल लक्षित होता है जो कि पूर्णतया सही है। भारत भौगोलिक रूप से तीन दिशाओं पूर्व, पश्चिम, दक्षिण दिशा की ओर जल से घिरा प्रायद्वीप है जिस के एकमात्र उत्तर में विशालकाय हिमालय व भूखंड आदि हैं।  

भारत की कुंडली में तृतीय पराक्रम स्थान जितना प्रबल है उतना ही चतुर्थ जनता, अचल संपति व भूमि स्थान कमजोर है। तृतीय स्थान में जो ग्रह बल, पराक्रम आदि की वृद्धि कर रहे हैं वही ग्रह जनता, अचल संपत्ति व भूमि के लिए बाधा भी दे रहे हैं क्योंकि तृतीय स्थान चतुर्थ स्थान का व्यय स्थान है। यह युति चूँकि कर्क राशि में बन रही है, अतः उतर दिशा भारत के लिए इस मामले में सदा चिंता का मसला रहेगा। तृतीय स्थान में पंचग्रह युति जहां बल व पराक्रम के लिए अच्छी है वहीं यह अचल संपति व भूखंड के लिए बिल्कुल सही नहीं है। इसी कारण तृतीयस्थ शनि महादशा में पाक व चीन युद्ध हुआ व तिब्बत एवं कैलास व मानसरोवर जैसे भूखंड इस वक्त चीन के कब्जे में हैं। अतः कुल ९ महादशा ग्रहों में इन पाँच ग्रहों की दशा में सीमा विवाद अक्सर बना रहेगा। कुल १२० साल की महादशा में सनि १९ साल, बुध १७ साल, शुक्र २० साल, सूर्य ६ साल व चन्द्र १० साल आते हैं जो कि ८२ साल अर्थात कुल दशा का दो-तिहाई से भी ज़्यादा साल आते हैं, अतः संक्षेप में भारत को अपने दशाकाल में अक्सर सीमा व भूमि विवाद बना रहेगा और इन पांच ग्रहों की दशा में यह विशेष होगा ।

भारत की आज़ादी समय ज्योतिषीयों के द्वारा आज़ादी का निर्धारित किया गया समय पूर्ण शुभ न होने के कारण आज यह स्थिति है। यही पंचग्रह यदि लग्न, दशम या एकादश में होते तो देश की स्थिति कुछ और होती। फिर भी बल व पराक्रम का स्थान मजबूत होने के कारण यह एक मजबूत देश है और रहेगा।  

चन्द्र महादशा फल

      चन्द्र महादशा २१ मई २०१५ से २१ मई २०२५ तक चल रही है। चन्द्र महादशा की दस साल की महादशा पूर्णता के पश्चात २१ मई २०२५ से सात साल की मंगल महादशा २१ मई २०३२ तक चलेगी।

   (विशेष : विविध पंचांगों की मतविभिन्नता के कारण दशा को एक या २ माह तक पहले या बाद से भी मानते हैँ; मगर किसी भी पंचांग को लिया जाए तो १ या २ माह से अधिक का अंतर नहीं होता है।)

     इस आभार पर कुछ २०२५ जुलाई से भी मंगल महादशा की शुरुआत मानते है! तथापि किसी भी पद्धति को लिया जाय तो भी दशाफल तो  वही रहेगा ही। साथ ही दशाफल में भी एक या दो माह से अधिक का अंतर नहीं आएगा। इसलिए सटीक विश्लेषण के लिए सटीक पंचांग का उपयोग करें अथवा फलादेश से घटनाक्रम को मिलाकर उपयुक्त पंचांग का स्वयं चयन कर लें।

भारत व पाकिस्तान युद्ध : ज्योतिषीय गणना से निकला सच India & Pak War : Pakistan Will Be Destroyed, Truth Revealed By Astrological Calculations

      भारत और पाकिस्तान मैं इतना विवाद क्यों है, इस का उत्तर जानना भी आवश्यक है। इस सन्दर्भ को लेकर अब कुण्डली का विश्लेषण लग्न व राशि के आधार पर करते हैं।  

विक्रमादित्य के समय का अखण्ड भारत





लग्न की दृष्टि से आकलन

      भारत का लग्न वृष और पाकिस्तान का लग्न मेष है। वृष का व्यय भाव मेष होता है तथा मेष का धन भाव वृष होता है। भारत का  लग्न वृष पाकिस्तान के लग्न मेष का धन भाव है तथा पाकिस्तान का लग्न मेष भारत के लग्न का व्यय भाव है।

राशि के अनुसार विश्लेषण 

      भारत की राशि कर्क और पाकिस्तान की राशि मिथुन है। भारत की राशि कर्क पाकिस्तान की राशि मिथुन का धन भाव तो पाकिस्तान की राशि मिथुन भारत की राशि कर्क का व्यय भाव है।

अंक ज्योतिषीय विश्लेषण

      पाकिस्तान का पहले नाम 'पाकस्तान' था। इस को बाद में 'पाकिस्तान' कर दिया गया। पाकिस्तान का जन्म भारत की भाँति ठीक अर्द्ध-रात्रि को नहीं हुआ था; बल्कि ११:३० बजे रात को ही उस के पेपर वर्क हो गये थे। इस प्रकार पाकिस्तान का जन्म विशुद्ध रूप से १४ का न होकर १३ का है। इसलिए इसपर मूलांक ४ का पूर्ण प्रभाव है। मूलांक १ और मूलांक ४ अंक विज्ञान में समान माने जाते हैँ। पाकिस्तान का मूलांक ४ तथा चीन का १ है। इसलिए समानवर्ती ग्रहीय गुण के कारण इन दोनो की आपस में सहमति और सहभागिता बहुत बार नज़र आई है।

      अंक विज्ञान के अनुसार पाकस्तान से पाकिस्तान नाम करने से पाक का सन्युक्तांक ५ से ६ हो गया जो भारत का मूलांक है। इस तरह भारत इसपर हावी रहेगा या होगा। ऐसी ही स्थिति भारत और चीन के बीच भी है, भारत का मूलांक ६ है तथा चीन का 'चाइना' शब्द के आधार पर ६ सन्युतांक है। इस तरह भारत के लिए यह अनुकूल ग्रह स्थिति है; इस ग्रहीय स्थिति के कारण भारत चीन पर हावी रहेगा अथवा चीन भारत का समर्थन करेगा। अगर चीन समर्थन नहीं भी करता है फिर भी भारत हावी रहेगा।

स्वर अंक आधारित विश्लेषण 

      एक और रोमांचक तथ्य स्वर अंक के आधार पर गणना और विश्लेषण करने पर पता चलता है। स्वर अंक से भारत और पाकिस्तान समान हैँ मगर चीन बलवान है। इसलिए भारत जबतक भारत के नाम से पुकारा जाता रहा, चीन का दबदबा अचानक बढ़ा और उस ने भारत का तिब्बत हड़प लिया। स्वर विज्ञान से तिब्बत भी चीन से स्वरांक में ऋणी है इसलिए वह उस का गुलाम बन गया।

      स्वरांक का पुकारू नाम पर अधिक प्रभावी होता है। मसलन किसी का सर्टिफिकेट नाम कुछ भी हो मगर जिस नाम से सम्बोधित करते उस की तंद्रा उसे सब से पहले सचेत करे अथवा जिस नाम से अधिक स्वयं में सक्रिय हो, उस नाम का प्रथम अक्षर ही स्वरांक प्रधान होता है।

      भारत कालांतर में इंडिया के नाम से प्रचलित व सम्बोधित हुआ और हो रहा है। इस नाम के अनुसार चीन और पाकिस्तान दोनो ही भारत के ऋणी हैँ। स्वरांक विधि अनुसार दोनो अधिकतम पॉइंट के साथ ऋणी हैँ। इसलिए समय के अनुसार भारत बनाम इंडिया ने तिब्बत घटना के बाद भी चीन के मुक़ाबले आनुपातिक रूप से अतिशय वृद्धि कर ली है तथा पहले के मुक़ाबले कमजोर स्थिति से सबलता से हो खड़ा हो गया है।

      स्वरांक विधि वस्तुतः उच्चारण आधारित पद्धति है। अतः किसी के वर्णमाला के प्रथम अक्षर की जगह उस के उच्चारण में आ रहे अक्षर को प्रधानता दी जाती है। मसलन, स्कूल को सकूल पढ़ते हैँ मगर इस्कूल बोलते हैँ। उच्चारण चूँकि इस्कूल है, अतः स्वर विज्ञान में इस्कूल अनुसार ही गणना होगी। स्कूल के 'स्' की जगह इस्कूल के 'इ' को प्रथम अक्षर के रूप में लेकर गणना की जाएगी।

      लग्न, राशि, अंक, स्वर आधारित अध्य्ययन, गणना, तुलनात्मक आकलन आदि से विश्लेषण करने पर पता चलता है कि इन में आखिर इतना परस्पर विवाद क्यों होता है।