-शीतांशु कुमार सहाय
नयी दिल्ली में 27 अगस्त 2015 (वृहस्पतिवार) को केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने केन्द्र सरकार की देशभर मंे सौ स्मार्ट शहर बनाने की महत्त्वाकांक्षी योजना के तहत नामांकित 98 नगरांे की सूची जारी कर दी। इनमंे पटना, बंेगलुरु, कोलकाता, शिमला और तिरूवनन्तपुरम जैसी राजध्ाानियांे को जगह नहीं मिली है। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री एम वंेकैया नायडू ने नयी दिल्ली में नगरों की सूची जारी करते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश तथा जम्मू-कश्मीर के एक-एक शहर की घोषणा बाद मंे की जायेगी।
-मेरठ या रायबरेली
नायडू ने बताया कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने अपने नगर का नाम भेजने के लिए कुछ और समय माँगा है। इसी तरह उत्तर प्रदेश को अभी मेरठ और रायबरेली मंे से किसी एक नगर को चुनना है।
-चयनित नगरों की विशेषता
केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री ने कहा कि इन शहरांे के नामांकन मंे केन्द्र सरकार की भूमिका केवल मानक तथा दिशा निर्देश तय करने की रही है जिनके आध्ाार पर इन्हंे राज्यांे को चुनना था। नामांकित 98 शहरांे मंे 24 राज्यांे की राजध्ाानियाँ, 24 व्यावसायिक और औद्योगिक केन्द्र, 18 सांस्कृतिक तथा पर्यटन महत्त्व के, 5 बंदरगाह शहर और 3 शिक्षा तथा स्वास्थ्य देखभाल केन्द्र के रूप मंे मशहूर हैं।
-उत्तर प्रदेश के 13 व बिहार के 3 नगर
केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री नायडू ने बताया कि जनसंख्या के आध्ाार पर उत्तर प्रदेश को 13, तमिलनाडु को 12, महाराष्ट्र को 10 मध्य प्रदेश को 7, गुजरात और कर्नाटक को 6-6 तथा आंध्र प्रदेश और बिहार को 3-3 राज्यांे के नाम स्मार्ट नगर के लिए नामांकित करने को कहा गया था। अन्य राज्यांे तथा केन्द्र शासित प्रदेशांे को अपने एक-एक नगर का नाम भेजना था। यों 100 में से 98 नगर चुने गये।
-98 शहरांे में 13 करोड़ भारतीय
नायडू ने कहा कि नामांकित नगरांे मंे से 8 की जनसंख्या एक लाख या उससे कम, 35 की जनसंख्या 1 से 5 लाख के बीच, 21 की 5 से 10 लाख के बीच, 25 की 10 से 25 लाख के बीच और 5 नगरांे की 25 से 50 लाख के बीच है। चार शहरांे चेन्नई, ग्रेटर हैदराबाद, अहमदाबाद और बृहन्मुंबई की जनसंख्या 50 लाख से अध्ािक है। इन 98 शहरांे की आबादी 13 करोड़ है जो 2011 की जनगणना के अनुसार देश की 35 प्रतिशत तथा शहरी आबादी के 80 प्रतिशत के बराबर है। इन 98 नगरांे मंे से 90 सरकार की एक अन्य महत्त्वाकांक्षी योजना ‘अमृत’ मंे भी शामिल हैं।
-नगरांे के बीच होगी प्रतिस्पर्द्धा
नायडू ने बताया कि इसके साथ ही स्मार्ट शहर योजना का पहला चरण पूरा हो गया है। दूसरे चरण मंे इन नगरांे के बीच प्रतिस्पर्द्धा होगी जिनके आध्ाार पर इन्हंे रैंकिंग दी जायेगी और शीर्ष 20 शहरांे को पहले साल स्मार्ट शहर बनाने के लिए चुना जायेगा। यह काम इस वर्ष के अंत तक पूरा हो जायेगा तथा आगामी जनवरी मंे स्मार्ट शहर का काम शुरू हो जायेगा। दूसरे वर्ष अगले 40 तथा तीसरे वर्ष शेष 40 शहरांे को चुना जायेगा। उन्हांेने कहा कि स्मार्ट शहर परियोजना मंे शामिल होने के लिए इन शहरांे को 6 मानकांे पर खरा उतरना होगा, जिनके तहत इनकी योजनाओं को लागू करने, शहर के विजन और रणनीति, योजना के आर्थिक तथा पर्यावरणीय प्रभावांे, लागत, नयी तकनीक और प्रक्रियाओं के आध्ाार पर परखा जायेगा।
-96 हजार करोड़ की है परियोजना
नायडू ने कहा कि पहले वर्ष चुने गये 20 शहरांे को 200-200 करोड़ रुपये की राशि जारी की जायेगी। इसके बाद 5 वर्ष तक हर साल इन्हंे 100-100 करोड़ रुपये दिये जायंेगे। केन्द्र सरकार ने स्मार्ट शहर मिशन के लिए 48 हजार करोड़ रुपये की राशि का प्रावध्ाान किया है। केन्द्र शासित प्रदेशांे और राज्यांे को भी 48 हजार करोड़ रुपये की राशि देनी होगी। इस तरह इस परियोजना के लिए कुल 96 हजार करोड़ रुपये की राशि रखी गयी है। स्मार्ट शहर योजनाओं को लागू करने के लिए एक विशेष उपक्रम बनाया जायेगा, जिसमंे राज्य और केन्द्र की बराबर की हिस्सेदारी होगी। इसमंे निजी क्षेत्र का भी सहयोग लिया जा सकता है।
-होंगी 3 कार्यशालाएँ
केन्द्रीय मंत्री नायडू ने बताया कि इन 98 नगरांे को प्रतिस्पर्द्धा के लिए तैयार करने के उद्देश्य से शहरी विकास मंत्रालय अगले महीने तीन कार्यशालाओं का आयोजन कर रहा है। पहली कार्यशाला दिल्ली मंे 3 सितम्बर को, दूसरी हैदराबाद मंे 7 सितम्बर को तथा तीसरी 11 सितम्बर को कोलकाता मंे होगी।
कैसे चुने गए शहर
सबसे पहले राज्यों ने अपने शहर चुने। इसके लिए केंद्र की ओर से कुछ गाइडलाइंस तय की गईं थीं। राज्यों से स्मार्ट सिटी के लिए प्रप्रोजल्स के साथ कुछ सुझाव भी मांगे गए थे। सभी राज्यों से दी गई लिस्ट को एक एक्सपर्ट कमिटी के पास भेजा गया। इस कमिटि में देश और विदेश के एक्सपर्ट थे। इनके निर्णय के आधार पर शहरों के नाम फाइनल किए गए।
कैसे होगी प्रोजेक्ट फंडिंग
पहले चरण में 20 और अगले हर दो साल में 40-40 शहरों को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए सिलेक्ट किया जाएगा। हर स्मार्ट सिटी को अगले पांच साल तक केंद्र सरकार हर साल 100 करोड़ रुपए देगी।
स्मार्ट सिटीज़ बनाने पर फोकस
शहरी विकास मंत्रालय के कॉन्सेप्ट नोट के मुताबिक, देश में अभी शहरी आबादी 31 फीसदी है, लेकिन इसकी भारत के जीडीपी में हिस्सेदारी 60 फीसदी से ज्यादा है। अनुमान है कि अगले 15 साल में शहरी आबादी की जीडीपी में हिस्सेदारी 75 फीसदी होगी। इस वजह से 100 स्मार्ट सिटीज़ बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
स्मार्ट सिटी के बुनियादी सिद्धांत
सरकार ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को तीन सिद्धांताें पर तैयार किया है।
1. क्वालिटी ऑफ लाइफ
स्मार्ट सिटी में रहने वाले हर व्यक्ति को क्वालिटी लाइफ मिले। यानी किफायती घर हो, हर तरह का इन्फ्रास्ट्रक्चर हो। पानी और बिजली चौबीसों घंटे मिले। एजुकेशन के ऑप्शंस हों। सुरक्षा हो। एंटरटेनमेंट और स्पोर्ट्स के साधन हों। आसपास के इलाकों से अच्छी और तेज कनेक्टिविटी हो। अच्छे स्कूल और अस्पताल भी मौजूद हों।
2. इन्वेस्टमेंट
स्मार्ट सिटी में वहां मौजूद ह्यूमन रिसोर्स और नेचुरल रिसोर्स के मुताबिक पूरा इन्वेस्टमेंट भी आए। बड़ी कंपनियों को वहां अपनी इंडस्ट्री लगाने के लिए सुविधाएं और सहूलियत मिले। उन पर टैक्स का ज्यादा बोझ न हो।
3. रोजगार
स्मार्ट सिटी में इन्वेस्टमेंट ऐसा आए जिससे वहां या आसपास रहने वाले लोगों को रोजगार के पूरे मौके मिलें। स्मार्ट सिटी के अंदर रहने वालों को अपनी आमदनी के लिए उस इलाके से ज्यादा दूर नहीं जाना पड़े।
जो सुविधाएं आजादी के बाद से अब तक आपको नहीं मिलीं, वे स्मार्ट सिटी में दिलाने के दावे
स्मार्ट सिटी में ट्रांसपोर्ट, रेजिडेंशियल, बिजली-पानी, हेल्थ और एजुकेशन की सुविधाएं देने के लिए कुछ मानक तय किए गए हैं।
1. ट्रांसपोर्ट
- स्मार्ट सिटी के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान जाने का ट्रैवल टाइम 45 मिनट से ज्यादा न हो।
- कम से कम 2 मीटर चौड़े फुटपाथ हों।
- रिहाइशी इलाकों से 800 मीटर की दूरी या 10 मिनट वॉक पर बस या मेट्रो की सुविधा हो।
2. रिहाइश
- 95 फीसदी रिहाइशी इलाके ऐसे हों जहां 400 मीटर से भी कम दूरी पर स्कूल, पार्क और रीक्रिएशन पार्क मौजूद हों।
- 20 फीसदी मकान आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए हों।
- कम से कम 30 फीसदी रिहाइशी और कमर्शियल इलाके बस या मेट्रो स्टेशन से 800 मीटर की दूरी के दायरे में ही हों।
3. बिजली और पानी
- स्मार्ट सिटी में 24*7 पानी और बिजली सप्लाई हो।
- 100 फीसदी घरों में बिजली कनेक्शन हों। सारे कनेक्शनों में मीटर लगा हो।
- लागत में नुकसान न हो। यानी कोई बिजली-पानी चोरी न कर पाए।
- प्रति व्यक्ति कम से कम 135 लीटर पानी दिया जाए।
4. वाईफाई कनेक्टिविटी
- 100 फीसदी घरों तक वाईफाई कनेक्टिविटी हो।
- 100 एमबीपीसी की स्पीड पर वाईफाई पर मिले।
5. हेल्थ
- स्मार्ट सिटी में इमरजेंसी रिस्पॉन्स टाइम 30 मिनट से ज्यादा न हो।
- हर 15 हजार लोगों पर एक डिस्पेंसरी हो।
- एक लाख की आबादी पर 30 बिस्तरों वाला छोटा अस्पताल, 80 बिस्तरों वाला मीडियम अस्पताल और 200 बिस्तरों वाला बड़ा अस्पताल हो।
- हर 50 हजार लोगों पर एक डायग्नोस्टिक सेंटर हो।
5. एजुकेशन
- 15 फीसदी इलाका एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स के लिए हो।
- हर 2500 लाेगों पर एक प्री-प्राइमरी, हर 5000 लोगों पर एक प्राइमरी, हर 7500 लोगों पर एक सीनियर सेकंडरी और हर एक लाख की आबादी पर पहली से 12वीं क्लास तक का एक इंटिग्रेटेड स्कूल हो।
- सवा लाख की आबादी पर एक कॉलेज हो।
- 10 लाख की आबादी पर एक यूनिवर्सिटी, एक इंजीनियरिंग कॉलेज, एक मेडिकल कॉलेज, एक प्रोफेशनल कॉलेज और एक पैरामेडिकल कॉलेज हो।
-ये हैं 98 नामांकित नगरांे की सूची
अंडमान निकोबार द्वीप समूह- पोर्ट ब्लेयर।
आंध्र प्रदेश- विशाखापट्टनम , तिरूपति और काकीनाड़ा।
अरूणाचल प्रदेश- पासीघाट।
असम- गुवाहाटी।
बिहार- मुजफ्फरपुर, भागलपुर और बिहारशरीफ।
चंडीगढ़।
छत्तीसगढ़- रायपुर और विलासपुर।
दमन व दीव- दीव।
दादर नगर हवेली- सिलवासा।
दिल्ली- नयी दिल्ली नगर पालिका परिषद क्षेत्र।
गोवा- पणजी।
गुजरात- गाँध्ाीनगर, अहमदाबाद, सूरत, वड़ोदरा, राजकोट और दहोद।
हरियाणा- करनाल और फरीदाबाद।
हिमाचल प्रदेश- ध्ार्मशाला।
झारखंड- राँची।
कर्नाटक- मंेगलुरु, बेलगाम, शिवमोगा, हुबली, ध्ाारवाड़, तुमकुर और दंेवाणगेरे।
केरल- कोच्चि।
लक्षद्वीप- कवराती।
मध्य प्रदेश- भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, सतना और उज्जैन।
महाराष्ट्र- नवी मुंबई, नासिक, ठाणे, बृहन्मुम्बई, अमरावती, सोलापुर, नागपुर, कल्याण, दांेबावली, औरंगाबाद और पुणे।
मणिपुर- इम्फाल।
मेघालय- शिलांग।
मिजोरम- एंजल।
नागालैंड- कोहिमा।
ओडिशा- भुवनेश्वर और राउरकेला।
पुड्डुचेरी- ओलग्रेट।
पंजाब- लुध्ाियाना, जालन्धर और अमृतसर।
राजस्थान- जयपुर, उदयपुर, कोटा और अजमेर।
सिक्किम- नामची।
तमिलनाडु- तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, डिंडीगुल, तंजावुर, तिरूपुर, सेलम, वेल्लुर, कोयंबटूर, मदुरै, इरोड़, तूतुकुड़ी और चेन्नई।
तेलंगाना -ग्रेटर हैदराबाद और ग्रेटर वारांगल।
त्रिपुरा- अगरतला।
उत्तर प्रदेश- मुरादाबाद, अलीगढ, सहारनपुर, बरेली, झाँसी, कानपुर, इलाहाबाद, लखनऊ, वाराणसी, गाजियाबाद, आगरा और रामपुर।
उत्तराखंड- देहरादून।
पश्चिम बंगाल- न्यू टाउन कोलकाता, विध्ााननगर, दुर्गापुर और हल्दिया।