बच्चों को भोजन खिलाते मुख्यमंत्री रघुवर दास व उनके पीछे मानव संसाधन मंत्री श्रीमती नीरा यादव |
-शीतांशु कुमार सहाय
-पाँच सालों में कुपोषणमुक्त झारखंड बनायेंगे
-झारखण्ड कुपोषित राज्य की गिनती में दूसरे स्थान पर
झारखण्ड की राजधानी राँची में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सरकार अप्रैल 2015 से 12 हजार पोषण सखियों की अनुबंध पर नियुक्ति करेगी जिससे आने वाले पाँच वर्षों में कुपोषणमुक्त झारखंड का निर्माण किया जा सके। वह शुक्रवार को राँची के धुर्वा स्थित राजकीयकृत मध्य विद्यालय जगन्नाथपुर में मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत अतिरिक्त पोषाहार योजना का शुभारंभ कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि इस दिशा में सरकार ने राज्य के विद्यालयों में अतिरिक्त पोषाहार योजना की शुरुआत की है जिससे राज्य के 40,000 विद्यालयों के 30 लाख से अधिक बच्चों को लाभ मिलेगा।
-राज्य को कुपोषणमुक्त बनाना है
उन्होंने कहा कि कुपोषणमुक्त झारखंड बनाने के लिए सरकार ने राज्य के विद्यालयों में प्रति सप्ताह तीन दिन पौष्टिक आहार योजना शुरू की है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर से ही स्वस्थ मस्तिष्क का निर्माण होता है। स्वस्थ युवाओं से स्वस्थ समाज का निर्माण और स्वस्थ समाज से ही एक सुदृढ़ राष्ट्र का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि झारखण्ड कुपोषित राज्य की गिनती में दूसरे स्थान पर है, यह चिंता का विषय है। इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए आमजनों की सहभागिता से राज्य को कुपोषणमुक्त करने के लिए हमें कार्य करना है। उन्होंने कहा कि सरकार के सीमित संसाधनों के बीच आमजन के सहयोग से ही कुपोषण जैसे कलंक से राज्य को मुक्त करना है और कुपोषणमुक्त झारखंड का निर्माण करना है।
-बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। राज्य के ड्रॉपआउट बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है। बच्चों को विद्यालय भेजने में आमजन की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने उपस्थित आमजन से अपील की कि वे अपने और आस-पास के बच्चों को विद्यालय जानेे के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि कोई भी बच्चा समाज में अशिक्षित न रहे, यह पूरे समाज का दायित्व है। उन्होंने कहा कि विद्यालीय बच्चों को ड्रेस के साथ-साथ जूता-मोजा भी उपलब्ध कराने की योजना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालय ज्ञान का मंदिर है। शिक्षक, शिक्षिकाएँ पूर्ण समर्पण के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन करें। उन्होंने राजकीय मध्य विद्यालय जगन्नाथपुर की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह विद्यालय पूरे राज्य के लिए प्रेरणास्रोत हो सकता है। इस विद्यालय को देखकर यह कहा जा सकता है कि सोच अगर बेहतर हो तो सरकारी विद्यालय भी प्राइवेट विद्यालय से किसी भी दृष्टि से पीछे नहीं रह सकता है। जगन्नाथपुर का यह विद्यालय एक उदाहरण है। इसके लिए उन्होंने विद्यालय के शिक्षक, शिक्षिकाओं एवं प्रबंधन कर्मियों को उनके कार्यों के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि हमें विद्यालय में ऐसा माहौल बनाना चाहिए कि जिससे हमारे बच्चे आगे चलकर उच्च पदों को प्राप्त करें और राज्य का नाम रौशन करें।
-भ्रष्टाचारमुक्ति का संकल्प
मुख्यमंत्री श्री दास ने राज्य की जनता को भ्रष्टाचारमुक्त पारदर्शी शासन सुलभ कराने की अपनी प्रतिबद्धता दुहराते हुए कहा कि राज्य के आमजन का यह दायित्व है कि वे शासन-प्रशासन पर पैनी नजर रखें और यदि कहीं कोई गड़बड़ी नजर आती है तो उसे बिना किसी भय के प्रकाश में लाएँ। जिस तरह मतदान आपका अधिकार है उसी प्रकार शासन, प्रशासन पर नजर रखना भी आपका अधिकार है। सरकार की योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुँचाने में सभी की सहभागिता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि दूसरों की भलाई करना मनुष्य का फर्ज है। समाज से हम सब बहुत कुछ लेते हैं, समाज को कुछ देने की भी सोच होनी चाहिए। हमें सामाजिक कार्यों में आगे आने की आवश्यकता है।
-माता समिति की बहनों का मानदेय 1500 रुपये
उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों को खाना बनाकर खिलानेवाली सरस्वती वाहिनी या माता समिति की बहनों का मानदेय 1500 रुपये प्रतिमाह करने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है। वे भोजन बनाने का एक पुनीत कार्य कर्तव्य के रूप में लें, विद्यालयों के बच्चों को अपने बच्चों जैसा प्यार दें, सेवा भावना से कार्य करें न की नौकरी की भावना से।
-बच्चों को रघुवर ने खिलाया
विद्यालय प्रांगण में पोषाहार योजना के शुभारम्भ के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री दास ने अपने हाथों से बच्चों को खाना खिलाया। इस अवसर पर मानव संसाधन मंत्री श्रीमती नीरा यादव, हटिया विधायक नवीन जयसवाल, बड़कागांव विधायक निर्मला देवी, मानव संसाधन सचिव अराधना पटनायक, राज्यकृत मध्य विद्यालय जगन्नाथपुर के स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्य सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
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