-शीतांशु कुमार सहाय
इस समय देशभर में काँग्रेस और वामपंथी दल वाले भारत माता की बेइज्जती पर उतारू हैं। वे कभी तथाकथित साम्प्रदायिकता का मुद्दा उठाते हैं तो कभी आरक्षण के बहाने समाज को जातिवाद की ज्वाला में धकेलने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे देशद्रोही नेता भारत की एकता के दुश्मन हैं मगर देशवासी इनकी मौकापरस्ती को कामयाब नहीं होने देंगे। ऐसे नेताओं के गाल पर करारा तमाचा जड़ा है ग्रेटर नोएडा के मुसलमानों ने। वहाँ के मुसलमानों ने हिन्दू-मुस्लिम एकता को नया आयाम देते हुए ब्राह्मण पुजारी से वैदिक मन्त्रोच्चार करवाते हुए उन्हीं के हाथों मस्जिद की आधारशिला रखवायी। भारत के सभी कट्टर हिन्दुओं और कट्टर मुसलमानों को यह समझना ही होगा कि उनकी समाज में फूट डालने की रणनीति कभी कामयाब नहीं होगी।
ग्रेटर नोएडा का बिसाहड़ा गाँव हिन्दू-मुस्लिम विवाद के लिए आजकल सुर्खियों में है। देश में भारत माता की जय बोलने पर फतवे आ रहे हैं। वहीं ग्रेटर नोएडा के खेरली भाव गाँव के मुसलमानों ने आपसी भाईचारे और सांप्रदायिक एकता की मिसाल पेश कर दी। गाँव में शनिवार को मस्जिद तामीर हुई। पंडित ने मंत्रोच्चारण के साथ नींव रखी। मुसलमानों ने भी कलाई पर कलावा (मौली) बँधवाये और प्रसाद बाँटा गया। खेरली गाँव में एक मस्जिद है। जनसंख्या के लिहाज से बड़ी मस्जिद की जरूरत है। गाँव के मंदिर में पंडित ने तय किया कि शनिवार 2 अप्रैल 2016 को नई मस्जिद की नींव रखी जाय, शुभ मुहूर्त है। खेरली समेत आसपास के गाँव से दोनों समुदायों के सैकड़ों लोग को बुलाया गया। पुजारी बाबा महेन्द्र गिरी ने वैदिक मंत्रोच्चारण किया। नींव खुदवाई। चावल और रोली से नाग देवता की पूजा की। हिन्दू परम्परा के मुताबिक मुसलमानों ने भी कलाई पर कलावा (मौली) बँधवाये। हाजी राज मौहम्मद, नसरू ठेकेदार, ओम प्रकाश सिंह, सतवीर सिंह, अब्दुल सलाम ने नींव में ईंटें रखीं। ग्रामीणों ने कहा गाँव में आज भी लोग भाईचारा व अमन के साथ रहते हैं। नेता अपने फायदे के लिए समाज में जहर घोल रहे हैं। करीब तीन हजार की आबादीवाले इस गाँव में हिन्दू व मुस्लिमों की संख्या लगभग बराबर है। लोग के बीच किसी तरह का मनमुटाव नहीं हुआ। कार्यक्रम में पहुँचे किसान नेता ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने ग्रामीणों को बधाई दी।
मस्जिद की नींव रखने के बाद रबूपुरा में किसान नेता धीरेन्द्र सिंह के आवास पर किसान महापंचात का आयोजन किया गया। पंचायत के माध्यम से जाति और सम्प्रदायों में नहीं बंटने की अपील की गई। धीरेन्द्र सिंह ने महापंचायत में कहा कि आज राजनैतिक लोगों ने अपने फायदे के अनुसार समाज को ऐसी स्थिति में पहुँचा दिया है कि अमन पंसद लोग को भाईचारा कायम रखने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। वह देश जहाँ अहिंसा और शान्ति का संदेश दिया जाता था, आज धार्मिक उन्माद और जातीय संघर्ष का अखाड़ा बन चुका है।
दयौरार गाँव के पूर्व प्रधान यशपाल सिंह ने कहा कि कहने को तो देश को आजाद हुए 67 वर्ष हो चुके हैं लेकिन आज भी हम नौकरशाही और सरकारों के गुलाम हैं। पंचायत में करीब 100 गाँवों के लोग ने भाग लिया। ऐसी पंचायतें पूरे क्षेत्र में होंगी। अगली पंचायत थोरा गाँव में 24 अप्रैल 2016 को बुलाई गई है। इस दौरान किशनचंद शर्मा, राजा नम्बरदार, देवेन्द्र सिंह मास्टर जी, चन्द्रपाल सिंह, धर्मवीर सिंह, किरनपाल सिंह, इन्दर प्रधान, ईश्वरचंद शर्मा, लाला बरूआ, दुष्यन्त प्रताप शर्मा मौजदू रहे।
ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने बताया कि खेरली गाँव में कई बिरादरी के लोग एक साथ रहते हैं। ग्रामीणों ने मस्जिद में नींव रखने के लिए बुलाया था। वहाँ हिन्दू पुजारी और मौलाना बैठे मिले। सबको देखकर बड़ी खुशी हुई। यह गाँववालों की ही इच्छा थी कि सारे लोग मिलकर मस्जिद की नींव रखें। मुस्लिम समाज ने बेहतरीन मिसाल पेश की है।
भारत के सभी कट्टर हिन्दुओं और कट्टर मुसलमानों को यह समझना ही होगा कि उनकी समाज में फूट डालने की रणनीति कभी कामयाब नहीं होगी।
आइये, भारत की एकता, अखण्डता और साम्प्रदायिक सौहार्द के सदियों पुराने ताने-बाने को और मजबूत बनायें।
1 टिप्पणी:
Sheetanshu kumar aapka co.no. dijiye " aum "
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