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''प्रत्येक मनुष्य को प्राकृतिक रूप से अचेतन की अपरिमित शक्ति मिली हुई है। योग के अलावा कोई अन्य साधन है ही नहीं जो इस अपरम्पार सामर्थ्य का प्रतिलाभ दे सके। अतः योग को दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनाएँ और आनन्द का अनुभव करें।'' -शीतांशु कुमार सहाय, (योग विशेषज्ञ) की पुस्तक से।
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