यह शब्दों का अमृत है...यहाँ उपलब्ध जानकारी को सोशल मीडिया के माध्यम से अपने मित्रों और रिश्तदारों को शेयर करें। You Tube पर शीतांशु टीवी (Sheetanshu TV) ज़रूर देखें।
''योगः कर्मसु कौशलम् । प्रत्येक कार्य में कुशलता और प्रवीणता के लिए योग का अनुसरण अनिवार्य है। प्रतिदिन योग किया जाय तो शारीरिक और मानसिक व्याधियों से आसानी से मुक्ति मिलेगी और सभी तरह के कर्म करने में व्यापक सुधार आयेगा जिसे भगवान ने गीता में कर्म में कुशलता कहा है। योग को दिनचर्या का अंग बनायें तो यह जीवन का आधार बन जायेगा।''
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें