सोमवार, 18 नवंबर 2019

नींद की अधिकता और मधुमेह के बीच गहरा रिश्ता Deep Relationship Between Excess Sleeping And Diabetes

-शीतांशु कुमार सहाय
     अधिकतर रोग हमारी गलत आदत के कारण होते हैं। यदि आदतों को सुधार लिया जाय तो कई घातक व्याधियों से सुरक्षित रह सकते हैं। सामान्य व्यक्ति के लिए आठ घंटे तक की नींद पर्याप्त मानी जाती है। आठ घंटे से ज्यादा नींद लेना, भविष्य में कई स्वास्थ्य समस्याओं को भी बुलावा देती है। मधुमेह (डायबिटीज), हृदयरोग (हर्ट डिसीज), मोटापे और अल्पायु के लिए भी अधिक सोना (ओवर स्लीपिंग) जिम्मेदार हो सकती है।
   अमेरिका में हु अध्ययन में करीब नौ हज़ार लोग को शामिल किया गया। इस में कहा गया है कि सोने के समय पर कई पहलू निर्धारित होते हैं। अध्ययन के अनुसार नींद की अधिकता और डायबिटीज के बीच गहरा रिश्ता है। जो रोजाना नौ या इस से अधिक घंटे की नींद लेते हैं उन में डायबिटीज की आशंका सात घंटे नींद लेने वालों की तुलना में ५० प्रतिशत अधिक होती है। शोध में खुलासा किया गया है कि सामान्य से अधिक नींद शरीर के वजन को अनियंत्रित कर सकती है। 
     अमेरिकी शोधकर्ताओं के अनुसार जो रोजाना ९ से १० घंटे की नींद लेते हैं, उन में मोटापे की समस्या ७ से ८ घंटे की नींद लेने वालों की तुलना में २१ प्रतिशत अधिक होती है। योग-व्यायाम में लापरवाही, शारीरिक गतिशीलता की कमी और अधिक सोने के कारण पाचन की क्रिया ठीक से नहीं हो पाती है, इसलिए वजन बढ़ना स्वाभाविक है। 
     मोटापा बढ़ने के साथ ही अन्य बीमारियों के होने की आशंका बढ़ जाती है। हार्ट डिसीज, पीठ और कमर दर्द, घुटने का दर्द सहित अन्य परेशानियां हो सकती हैं। कई लोग वीकेंड या छुट्टी होने पर अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक नींद लेना पसंद करते हैं। इस कारण से भी पीड़ित को अगले दिन सिरदर्द होती है। कई बार अधिक नींद लेने की वजह से दिमाग के कुछ न्यूरोट्रांसमीटर्स और दिमाग में सक्रिय होनेवाले सेरोटॉनिन हार्मोन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।  
     दिन में अधिक नींद लेनेवालों की रात की नींद प्रभावित होती है। इस वजह से भी सुबह सिर में दर्द बना रहता है। कई लोग की शिकायत होती है कि बिस्तर पर लेटते ही पीठ में दर्द होने लगता है। यदि नियमित योग-व्यायाम के चलते पीठदर्द की शिकायत है, तो उसे तुरंत रोक दें या उस में बदलाव करें। 
     शोध के अनुसार, गहरे तनाव की स्थिति में पीड़ित को अधिक नींद आने की समस्या १५ प्रतिशत ज्यादा हो सकती है जो उस के तनाव की स्थिति को और गंभीर बना सकती है। नर्सेस हेल्थ स्टडी के मुताबिक, जो लोग रोजाना ९ से ११ घंटे की नींद लेते हैं उन में कोरोनरी हर्ट डिसीज का खतरा आठ घंटे की नींद लेनेवालों की तुलना में ३८ प्रतिशत अधिक होता है।
     नियम के अनुसार सोना और जागना हो तो ऊपर वर्णित रोगों से बचा जा सकता है। रात में नौ से दस बजे के बीच अवश्य सो जाना चाहिये।  

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