बुधवार, 12 फ़रवरी 2020

प्रत्येक भारतीय को याद रखना है ११२ की आपात संख्या Remember 112 for Emergency in India

-शीतांशु कुमार सहाय
         क्यों ज़रूरी है ११२ की संख्या? भारत में हर व्यक्ति को क्यों याद रखना चाहिये यह संख्या? भारत का प्रत्येक व्यक्ति ले सकता है ११२ नम्बर की सहायता। मोबाइल फोन ऐप पर भी मौज़ूद है संख्या ११२ की सेवा। ११२ देश के हर नागरिक के लिए याद रखना बेहद ज़रूरी है।

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       आखिर ११२ क्या है? यह संख्या याद रखना क्यों आवश्यक है? इस की शुरुआत कैसे और क्यों हुई? इस से आप को क्या फ़ायदा मिलेगा? इन सभी प्रश्नों के उत्तर मैं आप को बता रहा हूँ। 
         पुड्डुचेरी, दमन व दीव, अन्दमान-निकोबार, दादर नगर हवेली के बाद दिल्ली में भी इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम यानी आपात प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस) लागू कर दिया गया है। इस के अलावा देश के कई अन्य राज्यों में भी यह लागू है। ईआरएसएस लागू करनेवाला भारत का पहला राज्य हिमाचल प्रदेश है। तत्कालीन केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने २८ नवम्बर २०१८ को ही हिमाचल प्रदेश के मंडी ज़िले में पूरे हिमाचल प्रदेश के लिए आपात प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस) की शुरूआत की। इस तरह ईआरएसएस के अंतर्गत अखिल भारतीय एकल आपात संख्या ‘११२’ की शुरूआत करनेवाला हिमाचल प्रदेश पहला राज्य बना। इस एक नम्बर (११२) पर फोन कर लोग पुलिस, अग्निशमन सेवा, स्वास्थ्य और अन्य आपातकालीन सुविधा पा सकते हैं। वास्तव में ११२ एक इमरजेंसी नम्बर है, जिसे अमेरिका के ९११ के तर्ज पर शुरू किया गया है। इसे भारत में आपात प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली यानी इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम (ईआरएसएस) के तहत आरम्भ किया गया है।
         हिमाचल प्रदेश में नवंबर २०१८ में ही ११२ शुरू किया गया था। भारत सरकार के गृह मन्त्रालय के अधीन ईआरएसएस के लिए एक विशेष वेबसाइट शुरू की गयी जिस का लिंक है-- https://ners.in इस वेबसाइट से आप ११२ की सेवा का लाभ लेने के लिए अपने स्मार्ट फोन में ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। वेबसाइट में ऐप डाउनलोड करने का लिंक दिया हुआ है। आप चाहें तो गूगल प्ले स्टोर या एप्पल के स्टोर से भी संख्या ११२ वाला ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। इस ऐप का नाम है- ‘112 इण्डिया’ (112 INDIA)।
         ११२ नम्बरवाला ऐप डाउनलोड करने के बाद उस में दस परिजनों या मित्रों के फोन नम्बर जोड़े जा सकते हैं और जब कभी फोनधारक ११२ डायल करेगा तो इस से जुड़े सभी १० फोन को भी इस की सूचना मिल जायेगी। इस के बाद ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) या मोबाइल ऑपरेटर कम्पनी के टावर के माध्यम से ऐप स्वतः ११२ नम्बर डायल करनेवाले का लोकेशन पता कर लेगा। इस के बाद उस व्यक्ति तक सहायता आसानी से पहुँचायी जा सकेगी। 
         इस ऐप के जरिये आम लोग स्वयंसेवक के रूप में पंजीकृत हो सकते हैं। जब भी कोई व्यक्ति संख्या ११२ डायल करेगा तो पुलिस के साथ ही निकटस्थ स्वयंसेवक को भी एक सन्देश जायेगा। ११२ पर की गयी पूरी बात रिकॉर्ड होगी। 
         भारत में देशव्यापी आपात दूरभाष सहायता संख्या ११२ की शुरुआत मंगलवार, १९ फरवरी २०१९ को तत्कालीन केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने की और तत्काल भारत के सोलह राज्य और केंद्र शासित प्रदेश संख्या ११२ की सेवा से जुड़ गये। अब दिल्ली में भी इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम यानी आपात प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस) ११२ लागू कर दिया गया है। अन्य राज्य भी इस सेवा से जुड़ रहे हैं। वर्ष २०२० में पूरे भारत में ११२ की सेवा चालू कर दी जायेगी। ११२ को डायल करने पर परेशानी में फँसे व्यक्ति को तत्काल सहायता मिलती है और मिलेगी। 
         फ़िलहाल भारत में पुलिस के लिए १००, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए १०८, अग्निशमन सेवाओं के लिए १०१, महिला हेल्पलाइन के लिए १०९१ और १८१, चाइल्ड हेल्पलाइन के लिए १०९८ नम्बर हैं। इन सभी हेल्पलाइन को कई राज्यों में ११२ के अन्तर्गत लाया गया है। मतलब यह कि अब कई इमरजेंसी नंबर याद रखने की ज़रूरत नहीं है, याद रखिये केवल ११२ को। सिर्फ़ ११२ डायल कीजिये और किसी भी आपात सेवा का लाभ उठाइये। स्वास्थ्य हेल्पलाइन १०८ को भी जल्द ही इस के साथ समाहित किया जायेगा। इस वर्ष देशभर में हेल्पलाइन नम्बर ११२ को सक्रिय हो जाना है और मोबाइल फोन का केवल एक बटन दबाकर कोई भी ज़रूरतमन्द व्यक्ति हेल्पलाइन तक पहुँच सकता है।
         जिन १६ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह प्रणाली शुरू हो गयी है, उन में आन्ध्र प्रदेश, उत्तराखण्ड, पंजाब, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, गुजरात, पुडुचेरी, लक्षद्वीप, अन्दमान-निकोबार, दादर नगर हवेली, दमन और दीव, जम्मू-कश्मीर हैं। हिमाचल प्रदेश और नगालैंड में हेल्पलाइन-११२ की शुरूआत पहले ही हो चुकी है। दिल्ली में भी यह चालू है।
         नंबर '११२' साल २०१२ में दिल्ली में हुए निर्भया दुष्कर्म मामले से जुड़ा है। उस घटना के बाद ही आपात प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली यानी इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम (ईआरएसएस) शुरू करने का फैसला लिया गया था। ईआरएसएस दिसंबर २०१२ में हुई निर्भया की दुखद घटना के सन्दर्भ में न्यायमूर्ति वर्मा समिति की महत्त्वपूर्ण सिफ़ारिशों में से एक है। इस के तहत इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम (ईआरएसएस) की राष्ट्रीय परियोजना को मंजूरी दी गयी। .....तो याद रखिये 112 मतलब ११२ की संख्या को। 

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