चुनाव में धन के प्रभाव को नियंत्रित किए जाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए भारत की तत्कालीन राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने मंगलवार, २५ जनवरी २०११ को नई दिल्ली में कहा था कि धन बल से जनता की पसंद प्रभावित हो सकती है, इसलिए यदि आवश्यक हो तो इस बारे में ज़रूरी नियम कानून बनाया जाय। राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने मंगलवार, २५ जनवरी २०११ को नई दिल्ली में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के शुभारंभ और चुनाव आयोग की हीरक जयंती के समापन समारोह में यह बात कही।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने २५ जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने की घोषणा को बृहस्पतिवार, २१ जनवरी २०११ को मंजूरी दी।
चुनाव वोट खरीदने के लिए नहीं
श्रीमती पाटिल ने कहा कि धन के प्रभाव को नियंत्रित किये जाने की ज़रूरत है। चुनाव वोट खरीदने के लिए नहीं; बल्कि उन उम्मीदवारों का चयन करने के लिए है जो जनता की आकांक्षाओं के लिए काम करने को प्रतिबद्ध हैं और इसलिए वही जनता के प्रतिनिधि होने के योग्य हैं।
धनबल और पेड न्यूज़
श्रीमती पाटिल ने कहा था कि धन से, सामानों के मुफ्त बाँटने से या पेड न्यूज के जरिये लोग के विचार में विकृति लाकर जनता की पसंद को प्रभावित किया जा सकता है। राष्ट्रपति ने कहा था कि चुनाव लड़नेवाले उम्मीदवारों के बारे में एक बड़ी चिंता यह भी है कि ऐसा कुछ किया जाय जिस से अपराधी और इस तरह के अन्य तत्वों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लग सके।
योग्य लोग राजनीति में आएँ
उन्होंने कहा कि अच्छे चुनाव आचरण और उच्च मानदंडों से युवकों के साथ ही क्षमतावान एवं योग्य लोग भी राजनीति के प्रति आकर्षित हो सकेंगे। समारोह में तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती मीरा कुमार, तत्कालीन कानून मंत्री एम. वीरप्पा मोइली, तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी, तत्कालीन मुख्य निर्वाचन आयुक्त एस. वाई. कुरैशी, तत्कालीन निर्वाचन आयुक्त वी. एस. संपत और एच. एस. ब्रहमा ने भी हिस्सा लिया।
२५ जनवरी ही क्यों
२५ जनवरी १९५० को भारत के निर्वाचन आयोग का गठन हुआ था। इसलिए २५ जनवरी को ही 'राष्ट्रीय मतदाता दिवस' मनाने का निर्णय किया गया। देश की चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी के बारे में मतदाताओं के बीच जागरूकता फ़ैलाने के लिए वर्ष २०११ ईस्वी से हर साल २५ जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाने लगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने २५ जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने की घोषणा को बृहस्पतिवार, २१ जनवरी २०११ को मंजूरी दी थी।
विदित हो कि पाटिल ने प्रथम राष्ट्रीय मतदाता दिवस के मौके पर पाँच युवाओं को मतदाता पहचान पत्र प्रदान किया था। साथ ही चुनाव प्रबंधन के क्षेत्र में अभिनव योगदान के लिए नौ वरिष्ठ आरक्षी और प्रशासनिक अधिकारियों को पदक भी प्रदान किये।