रविवार, 17 मार्च 2013

इस शिव मंदिर में होती है मिसाइलों की पूजा/WHEELER ISLAND OR PRITHVI POINT

SATELLITE PHOTOGRAPH OF WHEELER ISLAND


व्हीलर द्वीप (ओडिशा)। वह मंदिर विज्ञान एवं ईश्वरीय आस्था के संगम का प्रतीक है और यह दुनिया का एकमात्र मंदिर है जहां मिसाइलों की पूजा की जाती है। भारत की अब तक लगभग सभी मिसाइलों का प्रक्षेपण इसी व्हीलरद्वीप से किया जाता है और दिलचस्प बात यह है कि हर लान्च से पहले यहां स्थित शिव मंदिर में इन मिसाइलों की सफलता की कामना की जाती है।
मिसाइल पुरूष डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम हों या अग्नि पुत्री कहलाने वाली अग्नि परियोजना की निदेशक टेसी थामस या फिर मौजूदा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन प्रमुख वीके सारस्वत। सभी इस मंदिर में शीश नवाने आते रहे हैं।
भारतीय वैज्ञानिकों ने एक मिसाइल के परीक्षण से ही व्हीलर द्वीप खोजा था। मिसाइल दागने के बाद जब समंदर में उसकी खोज हुई तो जहाजों को वह कहीं नहीं मिली। आखिरकार यह डेढ़ वर्ग किलोमीटर का द्वीप दिखाई दिया जहां उस मिसाइल का मलबा पड़ा हुआ मिला था। जहां यह मलबा पाया गया था, उसे आज पृथ्वी प्वाइंट कहा जाता है।
इसी द्वीप पर गांव देहात के देवताओं की तरह एक छोटा सा शिव मंदिर भी पाया गया। कोई आबादी न होने के बावजूद मंदिर की मौजूदगी वाकई आश्चर्यजनक थी। बाद में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने इस मंदिर का विकास कराया और इस मंदिर में भारत की मिसाइलों की सफलता के लिए मन्नत मांगी जाने लगी। अब तो आलम यह है कि हर प्रक्षेपण से पहले इस मंदिर के पुजारी को किसी पुरोहित की तरह बुलाया जाता है। मंदिर के प्रांगण में पल्ला बिछाया जाता है। वहां ग्यारह नारियलों के साथ पूजा होती है। देश के मिसाइल वैज्ञानिक एक-एक करके नारियल फोड़कर मंदिर में नतमस्तक होते हैं। मिसाइल के मस्तक पर भी रोली से तिलक लगाया जाता है और फिर वैज्ञानिक आश्वस्त होकर अपने-अपने कंप्यूटरों की राह पकड़ लेते हैं।
कंप्यूटरों के लिए एक अंडरग्राउंड सुविधा है। मिसाइल के परीक्षण के समय द्वीप पर कोई नहीं रह सकता। मिसाइलों के रखने के लिए भी एक अंडरग्राउंड सुविधा वहां मौजूद है। मिसाइल दागे जाने के समय एक बड़े इलाके में आग लग जाती है और वहां खड़ी अग्निशमन की गाडियां सक्रिय हो जाती हैं। मिसाइल के परीक्षण के समय के फोटो लेने के लिए व्हीलर द्वीप के आसपास के कुछ द्वीपों की पर्वत चोटियों पर कैमरे लगाए गए हैं और इन्फ्रारैड लैंस से युक्त ये कैमरे दो सौ किलोमीटर तक की परिधि के सटीक चित्र ले सकते हैं।
व्हीलर द्वीप पर हेलीकाप्टर से सांझ ढले उतरते समय एक अजीबखूबसूरत दृश्य दिखाई देता है। ऊपर से देखने पर लगता है मानों समुद्र में किसी के गले में दीपकों की माला पहना दी गई हो। पूरा द्वीप प्रकाशमान होने के बावजूद बल्ब नहीं दिखाई देते। हेलीकाप्टर नीचे उतरने पर पता चलता है कि द्वीप के चारों ओर टेबल लैंप की तरह मुहं झुकाए हुए बल्बो की व्यवस्था की गई है। अनायास ही मन में एक प्रश्न आता है कि यहां धरती की ओर मुहं करके बिजली के बल्ब क्यों लगे हैं। जवाब में एक वैज्ञानिक ने बताया कि व्हीलर द्वीप के चारों ओर दुर्लभ प्रजाति के कछुओं का बसेरा है जिन्हें दुनिया ओलिव टर्टल के नाम से जानती है। ये कछुए चांद की रोशनी से बहुत प्रभावित होते हैं। उन कछुओं का ध्यान चांद की चांदनी से भंग न हो इसलिए वैज्ञानिकों ने यहां प्रकाश की व्यवस्था इस नए अंदाज में की है।



मंगलवार, 12 मार्च 2013

जानिए बजट की हितकारी बातों को 10 बिन्दुओं में/KNOW MAIN PROFITABLE TOPICS IN BUDGET 2013-14

केन्द्रीय वित्त मंत्री पी चिदम्बरम द्वारा संसद में पारित वर्ष 2013-14 का बजट 1 अप्रील 2013 से लागू होगा। ऐसे में जानिए बजट की हितकारी बातों को 10 बिन्दुओं में।
यह पृष्ठ देवघर, झारखंड से प्रकाशित अखबार Good Noon News का है जिसकी पृष्ठ-सज्जा की है राजू कुमार ने।

वैद्यनाथधाम में बाबा मंदिर पर महाशिवरात्रि को वायुयान से पुष्पवर्षा/FLOWERFALL ON BABA TEMPLE AT VAIDYANATHDHAM ON MAHASHIVRATRI

शीतांशु कुमार सहाय/SHEETANSHU KUMAR SAHAY 
इस वर्ष महाशिवरात्रि 10 मार्च 2013 को था। इस दिन विधिवत् पूजनोपरान्त दिन के 11 बजे वैद्यनाथधाम में बाबा मंदिर पर वायुयान से पुष्पों की वर्षा की गई। यह विमान जमशेदपुर से लाया गया था। भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में झारखण्ड के देवघर जिले में स्थित वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग भी शामिल है। विश्व के सभी शिव मंदिरों के शीर्ष पर त्रिशूल लगा दीखता है मगर वैद्यनाथधाम परिसर के शिव, पार्वती, लक्ष्मी-नारायण, गणेश, हनुमान, सरस्वती, भैरव व अन्य सभी मंदिरों के शीर्ष पर पंचशूल लगे हैं। 



















All photographs by Jems Kumar Nawab





सोमवार, 11 मार्च 2013

दुनिया की सबसे उंची अर्द्धनारीश्वर (शिव-शक्ति) प्रतिमा का अनावरण

शनिवार (9 March 2013) को दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में भगवान शिव के अर्द्धनारीश्वर रूप की प्रतिमा का अनावरण किया गया। पहली पूजा के दौरान लोगों ने दुग्ध और जल से अभिषेक किया, हेलीकॉप्टर से फूल बरसाये गये। दुनिया की सबसे उंची अर्द्धनारीश्वर (शिव-शक्ति) प्रतिमा का दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में अनावरण किया गया। प्रतिमा की उंचाई 20 मीटर है। बेनानी के एक्टनविले में स्थित स्टील से बनी इस प्रतिमा को नौ भारतीय कलाकारों ने 10 महीनों की मेहनत से बनाया है। इस प्रतिमा के आधे भाग में भगवान शिव है और आधे हिस्से में माता शक्ति। भगवान के इस रूप को अर्द्धनारीश्वर कहा जाता है। बेनोनी तमिल स्कूल बोर्ड के अध्यक्ष कार्थी मुथसामी ने कहा- ‘‘वर्तमान परिवेश में दक्षिण अफ्रीका में महिलाओं के लिए सम्मान में कमी को देखते हुए हमारी संस्था के लिए सभी महिलाओं और सबकी माता शक्ति का सम्मान करने से उत्तम क्या हो सकता था। हमारी प्रतिमा में अर्द्ध माता, अर्द्ध पिता हैं, यह लिंग आधारित समानता को दर्शाता है।’’ कार्थी ने कहा कि तीन वर्ष पहले मॉरिशस यात्रा के दौरान जब उन्होंने अर्द्धनारीश्वर की विशाल प्रतिमा देखी तभी से उनकी इसमें दिलचस्पी थी। उन्होंने बताया कि इस प्रतिमा के निर्माण में 90 टन स्टील लगा है। तमिल फेडरेशन ऑफ गावतेंग के अध्यक्ष नदास पिल्लै का कहना है कि यह प्रतिमा लोगों को लगातार याद दिलाएगी कि उन्हें अपने अहंकार को त्याग कर स्वार्थरहित मानवता और समाजसेवा के क्षेत्र में आना है।

अर्द्धनारीश्वर
शिव शब्द कल्याण, आनन्द, मंगल और यश का द्योतक है। आस्थाओं एवं परंपराओं के अनुरूप ही शिव अनेक मुद्राओं में चित्रित-वर्णित और पूजे जाते रहे हैं। किंतु उनकी सर्वोत्कृष्ट और विलक्षण मुद्रा है अर्द्धनारीश्वर की जो प्रकृति-पुरुष के एकाकार होने का प्रतीक है। आदि परंपरा में अर्द्धनारीश्वर की परिकल्पना ऐसी है जिसमें एक ओर पार्वती का सुंदर और कमनीय शरीर है और दूसरी ओर शिव का कठोर बदन। दोनों आधा-आधा। सामान्य जन को यह एक बेमेल परिकल्पना लग सकती है लेकिन क्या सचमुच यह बेमेल है? असल में दुनिया की कोई भी शक्ति सार्वभौम (universal) को बदल नहीं सकती, हमारे मानने-न-मानने का कोई अर्थ नहीं। यह सार्वभौमिकता ही प्रकृति है, कुदरत है, ईश्वर है, शिव और शक्ति है, जिनसे ब्रह्माण्ड गतिशील है, पृथ्वी और सूर्यादि नियत हैं। भारतीय कला का यह प्रतीक स्त्री-पुरुष के अद्वैत का सूचक है। इस मूर्ति में आधा शरीर पुरुष अर्थात 'रुद्र' (शिव) का है और आधा स्त्री अर्थात 'उमा' (सती, पार्वती) का है। दोनों अर्द्ध शरीर एक ही देह में सम्मिलित हैं। उनके नाम 'गौरीशंकर', 'उमामहेश्वर' और 'पार्वती परमेश्वर' हैं। दोनों के मध्य काम संयोजक भाव है। नर (पुरुष) और नारी (प्रकृति) के बीच का संबंध अन्योन्याश्रित है। पुरुष के बिना प्रकृति अनाथ है, प्रकृति के बिना पुरुष क्रिया रहित है। सूक्ष्म दृष्टि से देखें तो स्त्री में पुरुष भाव और पुरुष में स्त्री भाव रहता है और वह आवश्यक भी है। ब्रह्मा की प्रार्थना से स्त्रीपुरुषात्मक मिथुन सृष्टि का निर्माण करने के लिए दोनों विभक्त हुए। शिव जब शक्तियुक्त होता है, तो वह समर्थ होता है। शक्ति के अभाव में शिव 'शव' के समान है। अर्द्धनारीश्वर की कल्पना भारत की अति विकसित बुद्धि का परिणाम है।

वैद्यनाथधाम में महाशिवरात्रि व पंचशूल की पूजा/MAHASHIVRATRI AT VAIDYANATHDHAM & PANCHOOL PUJA- 2013

शीतांशु कुमार सहाय/SHEETANSHU KUMAR SAHAY

Mahashivratri on 10 March 2013

भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में झारखण्ड के देवघर जिले में स्थित वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग शामिल है। विश्व के सभी शिव मंदिरों के शीर्ष पर त्रिशूल लगा दीखता है मगर वैद्यनाथधाम परिसर के शिव, पार्वती, लक्ष्मी-नारायण व अन्य सभी मंदिरों के शीर्ष पर पंचशूल लगे हैं। कहा जाता है कि रावण पंचशूल से ही अपने राज्य लंका की सुरक्षा करता था। चूंकि वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग को लंका ले जाने के लिए कैलाश से रावण ही लेकर आया था पर विणाता को कुछ और ही मंजूर था। ज्योतिर्लिंग ले जाने की शर्त्त यह थी कि बीच में इसे कहीं नहीं रखना है मगर देव योग से रावण को लघुशंका का तीव्र वेग असहनशील हो गया और वह ज्योतिर्लिंग को भगवान के बदले हुए चरवाहे के रूप को ज्योतिर्लिंग देकर लघुशंका करने लगा। वह चरवाहा ज्योतिर्लिंग को जमीन पर रख दिया। इस तरह चरवाहे के नाम वैद्यनाथ पर वैद्यनाथधाम का निर्माण हुआ।

यहाँ प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि से 2 दिनों पूर्व बाबा मंदिर, माँ पार्वती व लक्ष्मी-नारायण के मंदिरों से पंचशूल उतारे जाते हैं। इस दौरान पंचशूल को स्पर्श करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। जैसा कि नीचे के चित्रों में आपको दिखाई पड़ेगा। वैद्यनाथधाम परिसर में स्थित अन्य मंदिरों के शीर्ष पर स्थित पंचशूलों को महाशिवरात्रि के कुछ दिनों पूर्व ही उतार लिया जाता है। सभी पंचशूलों को नीचे लाकर महाशिवरात्रि से एक दिन पूर्व विशेष रूप से उनकी पूजा की जाती है और तब सभी पंचशूलों को मंदिरों पर यथा स्थान स्थापित कर दिया जाता है। इस दौरान बाबा व पार्वती मंदिरों के गठबंधन को हटा दिया जाता है। महाशिवरात्रि के दिन नया गठबंधन किया जाता है। गठबंधन के लाल पवित्र कपड़े को प्राप्त करने के लिए भी भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। महाशिवरात्रि के दौरान बहुत-से श्रद्धालु सुल्तानगंज से कांवर में गंगाजल भरकर 105 किलोमीटर पैदल चलकर और ‘बोल बम’ का जयघोष करते हुए वैद्यनाथधाम पहुंचते हैं। BY SHEETANSHU KUMAR SAHAY












शनिवार, 2 मार्च 2013

खुद 5 फीट की बाल 6.7 फीट के/11 सालों से बाल नहीं काटे

उनके लंबे बालों को खरीदने वालों की भी कमी नहीं है। यहां तक कि कई लोग 2000 डॉलर तक में उनके बाल खरीदने के लिए तैयार हैं। चीन के घांसी प्रांत के गुइगेंग गांव में 44 साल की सेन यिंगुएन अपने लंबे बालों को लेकर चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं। यिंगुएन के बाल काफी घने और लंबे है। खुद यिंगुएन महज पांच फीट की है और उसके बाल 6.7 फीट है यानी यिंगुएन के बाल उसकी लंबाई से भी ज्यादा हैं। मजे की बात है कि जब यिंगुएन को कंघी करनी होती है तो उसे किसी स्टूल पर चढ़ना पड़ता है। यिंगुएन को अपने बाल इतने प्यारे हैं कि उन्होंने पिछले 11 सालों से बाल नहीं काटे हैं। यिंगुएन कहती है कि उन्हें अपने बालों से बहुत ज्यादा प्यार है और ‌वो किसी भी सूरत में उन्हें काट नहीं सकती। वो काफी जतन से अपने बालों की देखभाल करती है। वो हर चार दिन में बाल धोती है और फिर एक स्टूल पर चढ़कर बालों में कंघी करती है। कंघी करने पर जो बाल गिरते हैं, यिंगुएन उन्हें भी सहेज कर रख लेती हैं। एक साल में यिंगुएन के सिर से करीब 50 ग्राम बाल झड़ते हैं। यिंगुएन साल 2005 से अपन झड़ने वाले बालों को एकत्र कर रही है। अपने बालों को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने के लिए यिंगुएन बालों को बीयर और अच्छी किस्म के शैंपू से धोती है। यिंगुएन का मानना है कि बीयर से बालों की चमक बढ़ जाती है और स्मूदनेस कायम रहती हैं। यिंगुएन कहती हैं कि उनके लंबे बालों को खरीदने वालों की भी कमी नहीं है। यहां तक कि कई लोग 2000 डॉलर तक में उनके बाल खरीदने के लिए तैयार हैं लेकिन वो अपने बाल किसी भी कीमत पर नहीं बेचेंगी। अभी तक यिंगुएन का एक भी बाल सुनहरा नहीं हुआ है। सभी बाल काले हैं। यिंगुएन का कहना है कि जिस दिन एक भी बाल सुनहरा हुआ, वो अपने बाल डाइ करके सफेद कर लेंगी।

बुधवार, 27 फ़रवरी 2013

कार्यस्थल पर महिलाओं को प्रताड़ना से बचाने वाले विधेयक को संसद की मंजूरी

महिलाओं को कार्यस्थल पर यौन सहित विभिन्न प्रकार की प्रताड़ना से संरक्षण प्रदान करने और उन्हें तनावमुक्त माहौल प्रदान करने के प्रावधान वाले एक विधेयक को मंगलवार 26 फरवरी 2013 को संसद की मंजूरी मिल गयी। विधेयक में यह प्रावधान भी किया गया है कि शिकायतों की 90 दिनों की समयसीमा के अंदर जांच करनी होगी और प्रावधानों का उल्लंघन करने पर नियोक्तों को 50 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। दफ्तरों से लेकर मजदूरी और खेत-खलिहानों में काम करने वाली महिलाएं भी अब महफूज रह सकेंगी। विधेयक के दायरे में घरों में काम करने वाली सहायिकाओं को भी शामिल किया गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने राज्यसभा में इस विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य संगठित एवं असंगठित दोनों क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं को कार्यस्थल पर सुरक्षित माहौल प्रदान करना है। तीरथ ने कहा कि 1997 के विशाखा बनाम राजस्थान सरकार मामले में उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए यह विधेयक लाया गया है। उन्होंने कहा कि विधेयक में स्थायी समिति के सुझावों पर गौर किया गया है और राज्यों के साथ विचार-विमर्श किया गया है। उन्होंने कहा कि कृषि एवं घरेलू कार्य में लगी महिलाओं को भी इस विधेयक के दायरे में लाया गया है। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने महिलाओं को कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) विधेयक 2012 को ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।

मंगलवार, 26 फ़रवरी 2013

रेल बजट करेगा आपकी जेब खाली / RAIL BUDGET 2013



सोनिया गांधी के चुनाव क्षेत्र में एक और रेल कोच फैक्ट्री का प्रस्ताव। इस बजट में रेल मंत्री पवन बंसल ने साफ-सफाई और खान-पान पर विशेष जोर दिया है। वहीं, रेल मंत्री ने 67 नई एक्सप्रेस ट्रेनें और 27 पैसेंजर ट्रेने शुरू करने की घोषणा की है। साथ ही, 58 ट्रेनों के फेरों में भी इजाफा किया गया है। इसके अलावा आम आदमी के लिए तत्काल टिकट बुकिंग, ई-टिकट बुकिंग, रेल टिकट के लिए आधार कार्ड, एसएमएस से आरक्षण स्टेट्स सुविधा, और मुफ्त वाई-फाई सुविधा जैसी कई घोषणाएं की गई है।


यात्रियों के लिए सौगात-
1. तत्काल टिकट चार्ज बढ़ाया गया।
2. हर टिकट में फ्यूल एडजस्टमेंट चार्ज होगा। इससे ईंधन के दाम बढ़ने पर किराया बढ़ाया जाएगा और जब दाम घटेगा तो किराया घटाया जाएगा। फ्यूयल एडजस्टमेंट चार्ज को साल में दो बार तय किया जाएगा।
3. 67 नई एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई जाएंगी।
4. 27 यात्री गाड़ियों का ऐलान।
5.  5 नई मेमो गाड़ियां।
6. शहरों में रेल नीर बॉटलिंग प्रोजेक्ट।
7. मालभाड़ा हुआ महंगा, महंगाई पर पड़ेगा असर।
8. 450 किलोमीटर की छोटी लाइन को बड़ी लाइन में तब्दील करने का प्रस्ताव।
9. दोहरीकरण लक्ष्य बढ़ाकर 750 किलोमीटर किया गया।
10. 160 से 200 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने वाली सेल्फ प्रोपेल्ड दुर्घटना राहत गाड़ियों का प्रस्ताव।
11. मुंबई में 72, कोलकाता में 18 नई गाड़ियां।
12. मुंबई लोकल में एसी डिब्बे लगाए जाएंगे।
13. महिलाओं की सुरक्षा पर खास जोर। आरपीएफ की 4 टुकडियां खास इसी के लिए बनाई गयीं।
14. लेडी स्पेशल गाडियों के साथ लेडी आरपीएफ को लगाने का प्रस्ताव।
15.  मुफ्त वाई-फाई सेवा का प्रस्ताव।
16. 23 घंटे होगी इंटरनेट बुकिंग
17. 12.30 से रात 11.30 बजे तक होगी बुकिंग।
18. एसएमएस अलर्ट सुविधा हर ट्रेन के लिए।
19. मोबाइल से भी होगा ई-टिकट बुक।
20. रिजर्व टिकट पर आई कार्ड जरूरी।
21. नई दिल्ली और पटना में यात्री लाउंज।
22. 400 स्टेशनों पर बुजुर्गों के लिए लिफ्ट।
23. रेलवे में मिलेंगी सवा लाख नौकरियां।
24. खाने की क्वालिटी जांचने का सिस्टम बनेगा।
25. स्वतंत्रता सेनानियों का 3 साल में होगा पास रिन्यू।
26. कई गाड़ियों में मुफ्त वाई-फाई सिस्टम।
27. मोबाइल से ई-टिकट बुक करने का प्रस्ताव।
28. अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर को रेल नेटवर्क में शामिल किया जा रहा है।
29. आजादी एक्सप्रेस के नाम से शैक्षिक-सस्ती गाड़ी चलाने का प्रस्ताव।
30. आरपीएफ के कर्मचारियों पर विशेष ध्यान। महिला आरपीएफ कर्मचारियों के लिए होस्टल की व्यवस्था।
31. राजीव गांधी खेल रत्न, ध्यानचंद पुरस्कार जीतने वालों को रेलवे फर्स्ट क्लास और सेकंड एसी का पास मिलेगा।
32. खिलाड़ियों को राजधानी में सफर करने के लिए दिए गए पास दुरंतो में भी लागू होंगे।
33. वीरता पुरस्कारों से नवाजे गए लोगों के लिए भी एसी पास की घोषणा।
34. स्वतंत्रता सेनानियों के लिए खास प्रावधान। अब उन्हें हर एक साल की जगह तीन साल में पास रिन्यू कराना होगा।
35. मनरेगा को पहली बार रेलवे से जोड़ा गया।
36.  नागपुर, ललितपुर, अहमदाबाद सहित 6 जगह रेल नीर बॉटलिंग प्लांट लगाने का प्रस्ताव।
37. कुल 31846 लेवल क्रॉसिंग हैं, जिनमें से 13530 पर कोई व्यक्ति नहीं होता है। इस संबंध में सुरक्षा के लिए 37 हजार करोड़ का प्रावधान।
38. रेल दुर्घटना रोकने के लिए ट्रेन प्रोटेक्टिंग प्रणाली को लागू करने का प्रावधान।
39. आग लगने से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विशेष प्रणाली को गाड़ी में लगाया जाएगा।
40. 10 वर्षों के लिए रेलवे सेफ्टी सिस्टम बनाया जाएगा, ताकि रेलवे सुरक्षा पर जोर दे सकें।
41. सिग्नल प्रणाली को उन्नत करने के लिए स्पेशल प्रबंध।
42. साफ-सफाई और यात्री सुविधाएं बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध।
43.. दिल्ली-एनसीआर में स्टेशनों पर खास ध्यान दिया जाएगा।
44. शताब्दी-राजधानी की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए इस तरह का 1 कोच कई बड़ी गाड़ियों में लगाने का प्रस्ताव।
45. वरिष्ठ नागरिकों के लिए 189 एक्सीलेटर और 400 लिफ्ट लगाए जाएंगे।
46. विकलांग लोगों के लिए बैट्री से चलने वाली व्हील चेयर का प्रस्ताव।
47. आधार योजना का रेलवे इस्तेमाल करेगी। टिकट बुकिंग के साथ-साथ रेल कर्मचारियों की सैलरी-पेंशन आधार स्कीम से जोड़ी जाएगी।
48. एसएमएस अलर्ट योजना के दायरे को बढ़ाया जाएगा। आरक्षण की स्थिति यात्रियों तक एसएमएस से पहुंचेगी।
49. नई टिकटिंग प्रणाली का प्रस्ताव। इससे कई गुना ज्यादा टिकट जारी कर पाएंगे।
50. नेक्स्ट जनरेशन ई-टिकट प्रणाली शुरू करेंगे। इससे धोखाधड़ी में कमी आएगी।
51. यात्रियों को यात्रा के दौरान आई-कार्ड रखना अनिवार्य होगा।
52. आजादी एक्सप्रेस के नाम से शैक्षिक-सस्ती गाड़ी चलाने का प्रस्ताव।
53. पीपीपी के जरिए 1 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य 12वीं पंचवर्षीय योजना में।
54. रेल स्टेशन विकास प्राधिकरण के लिए 1000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव।
55. 9000 करोड़ रुपये बंदरगाहों को नेटवर्क से जोड़ने के लिए प्रस्तावित।
56. राज्य सरकारों के साथ मिलकर फुटओवर ब्रिज बनाने का विचार।
57. सोनिया गांधी के चुनाव क्षेत्र में एक और रेल कोच फैक्ट्री का प्रस्ताव।
58. सोनीपत में कोच मैन्युफैक्चरिंग इकाई निर्माण का प्रस्ताव।
59. पालाकाड केरल में नई कोच फैक्ट्री लगाने का प्रस्ताव।
60. रेलवे में 1.5 लाख खाली पदों को भरने के लिए 60 शहरों में एग्जाम लिए जाएंगे।
61. रेलवे स्टाफ क्वाटर् को बनाने के लिए 300 करोड़ रुपये का आबंटन।

कितना बढ़ा ट्रेन रिजर्वेशन--
सेकंड क्लास का रिजर्वेशन चार्ज 15 रुपये : इस रेल बजट में कोई परिवर्तन नहीं।
स्लीपर क्लास का रिजर्वेशन चार्ज 20 रुपये : इस रेल बजट में कोई परिवर्तन नहीं।
एसी चेयर कार का रिजर्वेशन चार्ज 25 रुपये : इस रेल बजट में बढ़ाकर 40 रुपये किया गया।
एसी 3 इकोनॉमी का रिजर्वेशन चार्ज 25 रुपये : इस रेल बजट में बढ़ाकर 40 रुपये किया गया। एसी 3 टियर का रिजर्वेशन चार्ज 25 रुपये : इस रेल बजट में बढ़ाकर 40 रुपये किया गया।
फर्स्ट क्लास का रिजर्वेशन चार्ज 25 रुपये : इस रेल बजट में बढ़ाकर 50 रुपये किया गया।
एसी 2 टियर का रिजर्वेशन चार्ज 25 रुपये : इस रेल बजट में बढ़ाकर 50 रुपये किया गया।
एसी फर्स्ट क्लास का रिजर्वेशन चार्ज 35 रुपये : इस रेल बजट में बढ़ाकर 60 रुपये किया गया।
एक्जीक्यूटिव क्लास का रिजर्वेशन चार्ज 35 रुपये : इस रेल बजट में बढ़ाकर 60 रुपये किया गया।

कितना बढ़ा सुपरफास्ट चार्ज--
सेकंड क्लास का रिजर्वेशन चार्ज 10 रुपये : इस रेल बजट में बढ़ाकर 15 रुपये किया गया।
स्लीपर क्लास का रिजर्वेशन चार्ज 20 रुपये : इस रेल बजट में बढ़ाकर 30 रुपये किया गया।
एसी चेयर कार का रिजर्वेशन चार्ज 30 रुपये : इस रेल बजट में बढ़ाकर 35 रुपये किया गया।
एसी 3 इकॉनोमी का रिजर्वेशन चार्ज 30 रुपये : इस रेल बजट में बढ़ाकर 45 रुपये किया गया।
एसी 3 टियर का रिजर्वेशन चार्ज 30 रुपये : इस रेल बजट में बढ़ाकर 45 रुपये किया गया।
फर्स्ट क्लास का रिजर्वेशन चार्ज 30 रुपये : इस रेल बजट में बढ़ाकर 45 रुपये किया गया।
एसी 2 टियर का रिजर्वेशन चार्ज 30 रुपये : इस रेल बजट में बढ़ाकर 45 रुपये किया गया।
एसी फर्स्ट क्लास का रिजर्वेशन चार्ज 50 रुपये : इस रेल बजट में बढ़ाकर 75 रुपये किया गया।
एक्जीक्यूटिव क्लास का रिजर्वेशन चार्ज 50 रुपये : इस रेल बजट में बढ़ाकर 75 रुपये किया गया।

कितना बढ़ा तत्काल टिकट चार्ज--
रिजर्व सेकंड क्लास का तत्काल चार्ज 10 रुपये : इस रेल बजट में कोई परिवर्तन नहीं।
स्लीपर क्लास का तत्काल चार्ज 75 रुपये : इस रेल बजट में 90 रुपये से 175 रुपये तक।
एक्जीक्यूटिव क्लास का तत्काल चार्ज 200 रुपये : इस रेल बजट में 300 से 400 रुपये तक।
एसी चेयर कार का तत्काल चार्ज 75 रुपये : इस रेल बजट में 100 से 150 रुपये तक।
एसी 3 टियर का तत्काल चार्ज 200 रुपये : इस रेल बजट में 250 से 300 रुपये तक।
एसी 2 टियर का तत्काल चार्ज 200 रुपये : इस रेल बजट में 300 से 400 रुपये तक।

महंगा होगा टिकट रद्द करना--
वेटिंग और आरएसी टिकट कैंसिलेशन
क्लास                      पहले        अब        बढ़े
सेकेंड क्लास             10          15          05
स्लीपर                      20          30         10
सभी एसी क्लास       20          30         10


कंफर्म टिकट कैंसिलेशन--
क्लास                            पहले        अब        बढ़े
सेकेंड क्लास                   20          30          10
स्लीपर                           40          60          20
एसी चेयरकार, एसी-3    60          90          30
फर्स्ट क्लास                   60        100        40
एसी-2                           60        100        40
एसी-फर्स्ट                     70        120        50


रेल मंत्री पवन बंसल ने रेल बजट में 67 नई एक्सप्रेस गाड़ियों का तोहफा दिया--
1. अहमदाबाद-जोधपुर एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया समदड़ी, भिलड़ी
2. अजनी (नागपुर)-लोकमान्य तिलक (टी) एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया हिंगोली
3. अमृतसर-लालकुआं एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया चंडीगढ़
4. बांद्रा टर्मिनस-रामनगर एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया नागदा, मथुरा, कानपुर, लखनऊ, रामपुर
5. बांद्रा टर्मिनस-जैसलमेर एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया मारवाड़, जोधपुर
6. बांद्रा टर्मिनस-हिसार एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया अहमदाबाद, पालनपुर, मारवाड़, जोधपुर, डेगाना
7. बांद्रा टर्मिनस-हरिद्वार एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया वलसाड
8. बेंगलुरु-मंगुलुरु एक्सप्रेस (साप्ताहिक)
9. बठिंडा-जम्मू तवी एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया पिटयाला, राजपुरा
10. भुवनेश्वर-हज़रत निजामुद्दीन एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया संबलपुर
11. बीकानेर-चेन्नै एसी एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया जयपुर, सवाईमाधोपुर, नागदा, भोपाल, नागपुर
12. चंडीगढ़-अमृतसर इंटरिसटी एक्सप्रेस (दैनिक) वाया साहिबजादा अजीत सिंह नगर (मोहाली), लुधियाना
13. चेन्नै-करईकुडी एक्सप्रेस (साप्ताहिक)
14. चेन्नै-पलनी एक्सप्रेस (दैनिक) वाया जोलारपेट्टै, सेलम, करूर, नामक्कल
15. चेन्नै एग्मोर-तंजावूर एक्सप्रेस (दैनिक) वाया जिवलुपुरम, मइलादुतुरै
16. चेन्नै-नागरसोल (साई नगर शिरडी के लिए) एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया रेणिगुंटा, धोने, काचेगुडा
17. चेन्नै-वेलनकन्नी लिंक एक्सप्रेस (दैनिक) वाया विलुपुरम, मइलादुतुरै, तिरूवरूर
18. कोयंबटूर-मन्नारगुडी एक्सप्रेस (दैनिक) वाया तिरूचिरापल्ली, तंजावूर, निदामंगलम
19. कोयंबटूर-रामेश्वरम एक्सप्रेस (साप्ताहिक)
20. दिल्ली-फिरोज़पुर इंटरिसटी एक्सप्रेस (दैनिक) वाया बठिंडा
21. दिल्ली सराय रोहिल्ला-सीकर एक्सप्रेस (सप्ताह में दो दिन) आमान परिवर्तन के बाद
22. दिल्ली-होशियारपुर एक्सप्रेस (साप्ताहिक)
23. दुर्ग-जयपुर एक्सप्रेस (साप्ताहिक)
24. गांधीधाम-विशाखापटनम एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया अहमदाबाद, वर्धा, बल्लारशाह, विजयवाड़ा
25. हज़रत निजामुद्दीन-मुंबई एसी एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया भोपाल, खंडवा, भुसावल
26. हावड़ा-चेन्नै एसी एक्सप्रेस (सप्ताह में दो दिन) वाया भिक, दुव्वादा, गुडूर
27. हावड़ा-न्यू जलपाईगुडी एसी एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया मालदा टाऊन
28. हुबली-मुंबई एक्सप्रेस (साप्ताहिक)
29. इंदौर-चंडीगढ़ एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया देवास, उज्जैन, गुना, ग्वालियर, हज़रत निजामुद्दीन
30. जबलपुर-यशवंतपुर एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया नागपुर, धमार्वरम
31. जयपुर-लखनऊ एक्सप्रेस (सप्ताह में तीन दिन) वाया बांदीकुई, मथुरा, कानपुर
32. जयपुर-अलवर एक्सप्रेस (दैनिक)
33. जोधपुर-जयपुर एक्सप्रेस (दैनिक) वाया फुलेरा
34. जोधपुर-कामाख्या (गुवाहाटी) एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया डेगाना, रतनगढ़
35. काकीनाडा-मुंबई एक्सप्रेस (सप्ताह में दो दिन)
36. कालका-साई नगर शिरडी एक्सप्रेस (सप्ताह में दो दिन) वाया हज़रत निजामुद्दीन, भोपाल, इटारसी
37. कामाख्या (गुवाहाटी)-आनंद विहार एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया किटहार, बरौनी, सीतापुर कैण्ट, मुरादाबाद
38. कामाख्या (गुवाहाटी)-बेंगलूरू एसी एक्सप्रेस (साप्ताहिक)
39. कानपुर-आनंद विहार एकसप्रेस (साप्ताहिक) वाया फरूर्ख़ाबाद
40. कटिहार-हावड़ा एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया मालदा टाऊन
41. कटरा-कालका एक्सप्रेस (सप्ताह में दो दिन) वाया मोरिन्डा
42. कोलकाता-आगरा एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया अमेठी, राय-बरेली, मथुरा
43. कोलकाता-सीतामढ़ी एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया झाझा, बरौनी, दरभंगा
44. कोटा-जम्मू तवी एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया मथुरा, पलवल
45. कुनूर्ल टाऊन-सिंकदराबाद एक्सप्रेस (दैनिक)
46. लोकमान्य तिलक (टी)-कोचुवेली एक्सप्रेस (साप्ताहिक)
47. लखनऊ-वाराणसी एक्सप्रेस (सप्ताह में 6 दिन) वाया राय-बरेली
48. मडगांव-मंगलोर इंटरिसटी एक्सप्रेस (दैनिक) वाया उडुपी, करवार
49. मंगलोर-काचेगुडा एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया धोने, गूत्ती, रेणिगुंटा, कोयंबतूर
50. मऊ-आनंद विहार एक्सप्रेस (सप्ताह में 2 दिन)
51. मुंबई-सोलापूर एक्सप्रेस (सप्ताह में 6 दिन) वाया पुणे
52. नागरकोइल-बेंगलूरू एक्सप्रेस (दैनिक) वाया मदुरै, तिरूचिरापल्ली
53. नई दिल्ली-कटरा एसी एक्सप्रेस (सप्ताह में 6 दिन)
54. निजामाबाद-लोकमान्य तिलक (टी) एक्सेप्रेस (साप्ताहिक)
55. पटना-सासाराम इंटरिसटी एक्सप्रेस (दैनिक) वाया आरा
56. पाटलीपुत्र (पटना)-बेंगलुरु एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया छिवकी
57. पुडुचेरी-कन्याकुमारी एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया विल्लुपुरम, मइलादुतुरै, तिरूचिरापल्ली
58. पुरी-साई नगर शिरडी एक्सप्रेस (साप्ताहक) वाया संबलपुर, टिटलागढ़, रायपुर, नागपुर, भुसावल
59. पुरी-अजमेर एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया आबू-रोड
60. राधिकापुर-आनंद विहार लिंक एक्सप्रेस (दैनिक)
61. राजेन्निगर टर्मिनस (पटना)-न्यू तिनसुकिया एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया कटिहार, गुवाहाटी
62. तिरूपति-पुडुचेरी एक्सप्रेस (साप्ताहिक)
63. तिरूपति-भुवनेश्वर एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया विशाखापटनम
64. उना/नंगल डैम-हजूर साहेब नांदेड़ एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया आनंदपुर साहिब, मोरिंडा, चंडीगढ़, अंबाला
65. विशाखापटनम-जोधपुर एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया टिटलागढ़, रायपुर
66. विशाखापटनम-कोल्लम एक्सप्रेस (साप्ताहिक)
67. यशवंतपुर-लखनऊ एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया राय-बरेली, प्रतापगढ़


सोमवार, 25 फ़रवरी 2013

आँसू जब बहने लगते हैं...

आँसू जब बहने लगते हैं तो रूकने का नाम नहीं लेते। अक्सर ऐसा ही होता है। जब कोई मनाने वाला न हो, कोई चुप कराने वाला भी न आए तो आँसू को चुपचाप पी लेने को ही विवश होना पड़ता है- कभी प्यासे की तरह तो कभी परिन्दे की तरह!

सौन्दर्य प्रकृति-प्रदत्त वस्तु है

सौन्दर्य की कोई एक परिभाषा नहीं दी जा सकती। यह तो प्रकृति-प्रदत्त वस्तु है। कोई सुन्दर चित्र बनाने वाला चित्रकार भी बनाने से पहले यह नहीं बता सकता कि बनने वाला चित्र कितना सुन्दर होगा, सुन्दर होगा भी या कुरूप हो जाएगा। अब आप ही बता सकते हैं कि यह चित्र सुन्दर है या नहीं।

रविवार, 24 फ़रवरी 2013

रामसेतु के अस्तित्व पर प्रश्न, तोडऩे पर अडिग है केंद्र सरकार/ RAMSETU

यदि कुतुबमीनार को बचाने के लिए मेट्रो रेल के मार्ग में परिवर्तन किया जा सकता है, आगरा के ताजमहल की सुन्दरता को बचाने के लिए इसके आसपास की औद्योगिक इकाइयों को बंद करवाया जा सकता है, देश के अलग-अलग म्यूजियम में रखी गई प्राचीन वस्तुओ की देख–रेख पर करोडो रूपये खर्च किये जा सकते हैं तो इस प्राचीन धरोहर जो कि करोडो लोगों की आस्था का केंद्र है को तोड़ने हेतु केंद्र सरकार करोडो रूपये क्यों खर्चा करना चाह रही है|
केंद्र सरकार ने सर्वोच्च अदालत से 22 फरवरी 2013 को कहा है कि 829 करोड़ खर्च करने के बाद इस परियोजना को बंद नहीं किया जा सकता। अपनी परियोजना को आर्थिक और पर्यावरण के लिहाज से सही ठहराते हुए केंद्र ने वैकल्पिक मार्ग के लिए गठित पर्यावरणविद् आरके पचौरी समिति की सिफारिशों को नकार दिया है। भाजपा ने सरकार के ताजा रुख की कठोर आलोचना करते हुए कहा है कि रामसेतु से कोई छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। रामसेतु एक पौराणिक सेतु है जिससे होकर राम और उनकी सेना ने रावण के राज्य पर आक्रमण करने के लिए समुद्र पार किया था। सेतुसमुद्रम परियोजना के तहत भारत और श्रीलंका के बीच से जहाजों के गुजरने के लिए रामसेतु को पार करते हुए 30 मीटर चौड़े, 12 मीटर गहरे और 167 किलोमीटर लंबे रास्ते की खुदाई करनी है। सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद 2008 में गठित की गई पचौरी कमेटी की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि सेतुसमुद्रम पोत परिवहन मार्ग बनाने की परियोजना आर्थिक एवं पर्यावरणीय दोनों ही दृष्टि से ठीक नहीं है। इसके अलावा भाजपा, अन्नाद्रमुक और हिंदू संगठनों की ओर से इस आधार पर परियोजना का विरोध किया जा रहा है कि रामसेतु भगवान राम से जुड़ा है और इस धार्मिक महत्व के कारण उसे तोड़ा नहीं जाना चाहिए।
केंद्र सरकार 30 जून, 2012 तक परियोजना पर 829 करोड़ 32 लाख रूपये खर्च कर चुकी है। इस कारण पचौरी समिति की सिफारिशों को मानने का सवाल ही नहीं उठता। केंद्र सरकार भगवान राम के बनाए सेतु को तोड़कर सेतुसमुद्रम परियोजना का निर्माण करने पर अडिग है। सरकार ने सर्वोच्च अदालत से कहा है कि 829 करोड़ खर्च करने के बाद इस परियोजना को बंद नहीं किया जा सकता। अपनी परियोजना को आर्थिक और पर्यावरण के लिहाज से सही ठहराते हुए केंद्र ने वैकल्पिक मार्ग के लिए गठित पर्यावरणविद् आरके पचौरी समिति की सिफारिशों को नकार दिया है। सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में जहाजरानी मंत्रालय ने कहा है कि भारत सरकार ने बहुत शीर्ष स्तर के शोध के आधार पर परियोजना को हरी झंडी दी है। परियोजना को पर्यावरण मंत्रालय से भी मंजूरी मिल गई है। पर्यावरण की शीर्ष संस्था नीरी ने भी परियोजना को आर्थिक तथा पारिस्थितिकी तौर पर ठीक बताया है।
हलफनामे में कहा गया है कि सेतुसमुद्रम परियोजना सहित पचौरी समिति ने अपनी रिपोर्ट में वैकल्पिक मार्ग को साफ तौर पर नकार दिया है। समिति ने कहा था कि सेतुसमुद्रम परियोजना आर्थिक एवं पर्यावरण की दृष्टि से ठीक नहीं है। मंत्रालय के उपसचिव अनंत किशोर सरन ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे यह भी कहा है कि केंद्र सरकार ने 2007 में विशिष्ठ व्यक्तियों की एक समिति का गठन किया था। उसकी ओर से इस परियोजना को मंजूरी प्रदान की गई थी। परियोजना समुद्र मार्ग निर्देशन, सुरक्षा व रणनीतिक लिहाज से और आर्थिक लाभ के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरकार 30 जून, 2012 तक परियोजना पर 829 करोड़ 32 लाख रूपये खर्च कर चुकी है। इस कारण पचौरी समिति की सिफारिशों को मानने का सवाल ही नहीं उठता। याद रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने 2087 करोड़ रूपये की परियोजना की समीक्षा करने का सरकार को आदेश दिया था। पचौरी कमेटी का गठन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से किया गया था।
रामसेतु मामला--
देश के दक्षिणपूर्व तट पर रामेश्वरम और पडोसी देश श्रीलंका के पूर्वोत्तर में स्थित मन्नार द्वीप के बीच चूने की उथली चट्टानों की लम्बी श्रंखला है, इसे हिन्दू समुदाय भगवान् राम से जोड़कर देखता है| मान्यता है कि जब असुर सम्राट रावण माता सीता का हरण कर उन्हें लंका ले गया था तब भगवान् श्रीराम ने वानरों की सहायता से इस सेतु का निर्माण किया था| इसी सेतु को कालांतर में देशवासी 'रामसेतु' और विश्व में 'एडम्स ब्रिज' कहा जाता है| रामसेतु की लंबाई तक़रीबन 48 किलोमीटर है और ये मन्नार की खाड़ी और पॉक स्ट्रेट को एक-दूसरे से जोड़ता है| इस इलाके में समंदर काफी उथला है इसी वजह से यहाँ जल यातायात प्रभावित होता है| इस इलाके में रहने वाले निवासी कहते हैं कि 15 शताब्दी तक रामसेतु पर चलकर रामेश्वरम से मन्नार द्वीप तक जाया जा सकता था| बाद के वर्षों में समुद्री-तूफानों ने इसे काफी नुकसान पहुँचाया|पूर्वी एशिया से देश में आने वाले पानी के जहाजों के लिए वैकल्पिक रास्ता बनाने के लिए सेतुसमुद्रम परियोजना का ढांचा तैयार किया गया| इस योजना के तहत 30 मीटर चौड़े, 12 मीटर गहरे और 167 मीटर लंबे समुद्री चैनल के निर्माण का प्रस्ताव है, जिसका मुख्य उद्देश्य हिंद महासागर में पाक जलडमरूमध्‍य के मध्य एक रास्ता निर्मित करना है|
विवाद--
मन्नार की खाड़ी जैविक रूप से देश में बाकि तटों की अपेक्षा कहीं अधिक धनाड्य है| यहाँ पौधों और समुद्री जीवों की 3,600 से भी अधिक प्रजातियाँ निवास करती हैं| पर्यावरण जानकारों के मुताबिक, इस मार्ग के निर्माण से इन प्रजातियाँ के जीवन पर खतरा मंडराने लगेगा| विज्ञानियों के मुताबिक, रामसेतु के विद्द्वंस से समय-समय पर सुनामी केरल की तबाही की नयी इबारत लिखने लगेगी| वो हजारों मछुआरे जिनके घर इसी से चल रहे हैं, जिनके बच्चे इसी से कमाई गयी रकम से पढते हैं वो बेरोजगार हो जाएँगे| इसके साथ ही दुर्लभ शंख-सीप से होने वाली करोडो रुपए की वार्षिक आय बंद हो जाएगी| यही नहीं यूरेनियम के विकल्प थोरियम का विश्व में सबसे बड़ा भंडार यहीं है जो रामसेतु को तोड़ देने के बाद देश के हाथ से निकल जायेगा| यही नहीं सेतुसमुद्रम परियोजना को लेकर कोस्ट गार्ड संगठन ने भी आपत्ति जताई थी कि इस परियोजना से देश की सुरक्षा को खतरा पैदा हो जायेगा| ये भी कहा गया कि संभव है कि इस चैनल का प्रयोग आतंकवादी करें| इसके साथ ही हिन्दुओं के सबसे बड़े धार्मिक संगठन विश्व हिंदू परिषद सहित कई और हिंदूवादी संगठन आस्था के कारण इस योजना के मुखर का विरोध कर रहे हैं|
वीएचपी के अशोक सिंघल ने पचौरी समिति की इस रिपोर्ट पर उंगली उठाते हुए कहा भी है कि यह पूर्वाग्रह से ग्रसित है| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कहना है कि विकास के नाम पर जहाजरानी को विकसित करने के लिए इस अत्यंत प्राचीन धरोहर को नष्ट कर देना कितना उचित है? यदि कुतुबमीनार को बचाने के लिए मेट्रो रेल के मार्ग में परिवर्तन किया जा सकता है, आगरा के ताजमहल की सुन्दरता को बचाने के लिए इसके आसपास की औद्योगिक इकाइयों को बंद करवाया जा सकता है, देश के अलग-अलग म्यूजियम में रखी गई प्राचीन वस्तुओ की देख–रेख पर करोडो रूपये खर्च किये जा सकते हैं तो इस प्राचीन धरोहर जो कि करोडो लोगों की आस्था का केंद्र है को तोड़ने हेतु सरकार करोडो रूपये क्यों खर्चा करना चाह रही है|गौरतलब है कि 19 अप्रैल में सप्रंग सरकार ने रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने पर कोई कदम उठाने से मना कर दिया था| साथ ही उच्चतम न्यायलय से इस पर निर्णय देने को कहा था| सरकार ने कोर्ट में कहा था कि वह वर्ष 2008 वाले पहले हलफनामे पर कायम रहेगी जिसे राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने मंजूरी दी थी और इसमें कहा गया था कि सरकार सभी धर्मों का सम्मान करती है| सप्रंग सरकार द्वारा पहले दो हलफनामे वापस लिए जाने के बाद संशोधित हलफनामा दायर किया गया, जिसमें भगवान श्रीराम और रामसेतु के अस्तित्व पर प्रश्न उठाए गए थे| हिन्दुओं के परम पूज्य भगवान राम और रामसेतु के अस्तित्व पर प्रश्न उठाए जाने पर देश में धार्मिक भावनाएं भड़क गयी थी| इसके बाद कोर्ट ने 14 सितंबर 2007 को केंद्र को 2,087 करोड़ रुपये की इस महत्वकांक्षी परियोजना पर नए सिरे से समीक्षा करने के लिए समूची सामग्री के फिर से निरीक्षण की अनुमति दे दी थी|(Source)

गुरुवार, 21 फ़रवरी 2013

प्रेस की आजादी पर समूचे भारत में बढ़ा अंकुश

दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों में शुमार भारत में पिछले कुछ साल के दौरान प्रेस की आजादी पर अंकुश बढ़ा है। हाल ही में जारी ‘व‌र्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स’ में भारत नौ पायदान खिसककर 140वें स्थान पर पहुंच गया है। इंडेक्स तैयार करने में अहम भूमिका निभाने वाले एक व्यक्ति के मुताबिक वर्ष 2002 से भारत में प्रेस पर लगाम कसने की कवायद बढ़ी है। वर्ष 2013 के लिए जारी सूची में पत्रकारों को आजादी के मामले में यूरोपीय देश फिनलैंड, नीदरलैंड्स और नॉर्वे सबसे ऊपर हैं। वहीं, तुर्कमेनिस्तान, उत्तरी कोरिया और इरीट्रिया लगातार तीसरे साल भी सूची में सबसे नीचे हैं। सूची में 140वें स्थान पर लुढ़कने वाला भारत एशिया में सबसे नीचे पहुंच गया है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2002 के बाद पत्रकारों पर गंभीर हमले और इंटरनेट सेंसरशिप में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वहीं, पत्रकारों पर हमला करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं करने के मामले भी सामने आए हैं। चीन एक स्थान उछलकर 173वें स्थान पर पहुंच गया है। चीन में कई पत्रकार और नेटीजन जेल में हैं। गैरसरकारी संगठन ‘रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स’ द्वारा जारी प्रेस आजादी सूचकांक में राष्ट्रों की राजनीतिक प्रणाली पर प्रत्यक्ष टिप्पणी नहीं की गई है, लेकिन स्पष्ट किया गया है कि जिन देशों में सही व वास्तविक सूचनाएं उपलब्ध कराने वालों को बेहतर सुरक्षा दी जाती है, उन देशों में मानवाधिकार पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं। एनजीओ के महासचिव क्रिस्टोफर डेलियर के मुताबिक, तानाशाहों वाले देशों में बिना लागलपेट के खबर मुहैया कराने वालों और उनके परिजनों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है, जबकि लोकतांत्रिक देशों में मीडिया को आर्थिक समस्याओं के कारण समझौता करना पड़ता है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत सहित वे तमाम देश सूची में नीचे खिसके हैं, जहां क्षेत्रीय मॉडल को तरजीह दी जाती है। दक्षिण एशिया में वर्ष 2012 के दौरान खबर व सूचनाओं से जुड़े लोगों के लिए माहौल तेजी से खराब हुआ है। मालदीव सूची में 30 स्थान लुढ़ककर 103वें स्थान पर पहुंच गया है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के इस्तीफे के बाद मीडियाकर्मियों को धमकी के साथ ही हिंसा का शिकार भी बनाया गया। पाकिस्तान , बांग्लादेश और नेपाल में भी पत्रकारों की स्थिति बिगड़ती जा रही है। (raznama.com)

मंगलवार, 19 फ़रवरी 2013

भगवान वैद्यनाथ का तिलकोत्सव

भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में झारखण्ड के देवघर जिले में स्थित वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग शामिल है। यहाँ प्रतिवर्ष वसंत पंचती यानी माघ शुक्ल पक्ष पंचमी को मिथिलांचलवासियों द्वारा भगवान वैद्यनाथ को तिलक चढाने की रस्म निभाई जाती है और बारात लेकर आने का निमंत्रण दिया जाता है। इस बार 15 फरवरी 2013 को वसंत पंचमी पर भी ऐसा ही हुआ। तिलकोत्सव के बाद ज्योतिर्लिंग पर रंग-अबीर अर्पित किया जाता है। इसी दौरान मिथिलांचलवासी सुल्तानगंज से कांवर में गंगाजल भरकर 105 किलोमीटर पैदल चलकर और ‘बोल बम’ का जयघोष करते हुए वैद्यनाथधाम पहुंचते हैं। इन्हें ‘तिलकहरूआ’ कहा जाता है। इस बार 80 हजार तिलकहरूए पहुँचे थे।

शनिवार, 16 फ़रवरी 2013

MAHATMA GANDHI'S HIGHEST STATUE IN THE WORLD AT PATNA./ दुनिया में महात्मा गांधी की सबसे ऊंची प्रतिमा पटना में दुनिया में महात्मा गांधी की सबसे ऊंची प्रतिमा पटना में MAHATMA GANDHI'S HIGHEST STATUE IN THE WORLD AT PATNA. महात्मा गांधी की दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा 15 फरवरी 2013 को लगी है, पटना के गांधी मैदान में। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी ने यहां लोगों को संबोधित किया था। गांधी मैदान में उनकी सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रतिमा का अनावरण करते हुए कहा, इससे लोगों को प्रेरणा मिलेगी। दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा यह होगी। संसद परिसर में लगी महात्मा की योग मुद्रा वाली प्रतिमा अब तक सबसे ऊंची थी। उसकी ऊंचाई 16 फीट है जबकि गांधी मैदान में लगी प्रतिमा की ऊंचाई 40 फीट है और उसका प्लेटफार्म 32 फीट है। नीतीश कुमार ने कहा कि गांधी के विचारों को दुनिया स्वीकार कर रही है। उनकी प्रतिमा लगने से बिहार का भी मान बढ़ेगा। सभी जगहों के लोगों को यह प्रतिमा आकर्षित करेगी। महात्मा गांधी की प्रतिमा आमतौर लाठी ठेकते हुए देखने को मिलती है। पर इस प्रतिमा में एक बच्ची और एक बच्चे को गांधी के साथ दिखाया गया है। प्रतिमा के चारों कोने पर गांधी से जुड़े संदेश अंकित हैं। एक कोने पर चंपारण आंदोलन से जुड़ा संदेश है, दूसरे कोने पर दांडी से जुडा संदेश, तीसरे कोने पर चरखा आंदोलन से जुड़ा उनका संदेश है तो चौथे कोने पर अगस्त क्रांति का संदेश है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिमा के कॉन्सेप्ट पर काफी दिनों से विमर्श चल रहा था। प्रसिद्ध गांधीवादी और प्रतिमा बनाने वाले रामजी सुतार, उनके पुत्र अनिल वी सुतार, गांधी संग्रहालय के प्रमुख रजी अहमद और सर्वोदय आंदोलन के प्रमुख हस्ताक्षर त्रिपुरारी शरण को नीतीश कुमार ने सम्मानित भी किया।


दुनिया में महात्मा गांधी की सबसे ऊंची प्रतिमा पटना में
MAHATMA GANDHI'S HIGHEST STATUE IN THE WORLD AT PATNA.



महात्मा गांधी की दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा 15 फरवरी 2013 को लगी है, पटना के गांधी मैदान में। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी ने यहां लोगों को संबोधित किया था। गांधी मैदान में उनकी सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रतिमा का अनावरण करते हुए कहा, इससे लोगों को प्रेरणा मिलेगी। दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा यह होगी। संसद परिसर में लगी महात्मा की योग मुद्रा वाली प्रतिमा अब तक सबसे ऊंची थी। उसकी ऊंचाई 16 फीट है जबकि गांधी मैदान में लगी प्रतिमा की ऊंचाई 40 फीट है और उसका प्लेटफार्म 32 फीट है। नीतीश कुमार ने कहा कि गांधी के विचारों को दुनिया स्वीकार कर रही है। उनकी प्रतिमा लगने से बिहार का भी मान बढ़ेगा। सभी जगहों के लोगों को यह प्रतिमा आकर्षित करेगी। महात्मा गांधी की प्रतिमा आमतौर लाठी ठेकते हुए देखने को मिलती है। पर इस प्रतिमा में एक बच्ची और एक बच्चे को गांधी के साथ दिखाया गया है। प्रतिमा के चारों कोने पर गांधी से जुड़े संदेश अंकित हैं। एक कोने पर चंपारण आंदोलन से जुड़ा संदेश है, दूसरे कोने पर दांडी से जुडा संदेश, तीसरे कोने पर चरखा आंदोलन से जुड़ा उनका संदेश है तो चौथे कोने पर अगस्त क्रांति का संदेश है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिमा के कॉन्सेप्ट पर काफी दिनों से विमर्श चल रहा था। प्रसिद्ध गांधीवादी और प्रतिमा बनाने वाले रामजी सुतार, उनके पुत्र अनिल वी सुतार, गांधी संग्रहालय के प्रमुख रजी अहमद और सर्वोदय आंदोलन के प्रमुख हस्ताक्षर त्रिपुरारी शरण को नीतीश कुमार ने सम्मानित भी किया।