-शीतांशु कुमार सहाय / SHEETANSHU KUMAR SAHAY
झारखण्ड के प्रमुख पर्यटक स्थलों में गिरिडीह का भी नाम आता है। जिले में कई ऐसे मनोरम स्थल हैं जहाँ झारखण्ड के अलावा बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश समेत अन्य प्रदेशों से सैलानी आते हैं। विदेश से भी पर्यटक आते हैं। गिरिडीह के पर्यटक स्थलों में प्रमुख हैं- खंडोली का मनोरम प्राकृतिक दृश्य, जल प्रपात, पारसनाथ व मधुबन।
खण्डोली
खंडोली का मनोरम दृश्य
जिला मुख्यालय से करीब 6 किलोमीटर दूर गिरिडीह-बेंगाबाद पथ पर स्थित खण्डोली डैम की छटा बरबस सैलानियों को अपनी ओर खींचती है। यहाँ हर उम्र के लोगों का खास ध्यान रखा गया है। खण्डोली में बोटिंग, ट्वॉय ट्रेन समेत अन्य कई मनोरंजन के साधन उपलब्ध हैं। इसके अलावा यहाँ बना पार्क सैलानियों का मुख्य आकर्षण का केन्द्र होता है। पार्क में रंग-बिरंगे फूल, कई तरह के पक्षी, झूले आदि लगे हैं। डैम में विचरण करते साइबेरियन पक्षी को देख सैलानी बरबस रोमांचित होते हैं। दिसम्बर-जनवरी में साइबेरियन पक्षी को देखने लोग दूर-दूर से आते हैं। ये पक्षी मीलों दूर साइबेरिया से आते हैं और जाड़े की ऋतु समाप्त होने के बाद लौट जाते हैं। भाग-दौड़ की जिन्दगी में लोग फुर्सत के पल बिताने के लिए यहाँ पहँुचते हैं। खण्डोली में पहाड़, डैम व पार्क के अनोखे संगम को देखकर पर्यटक का मन पुलकित हो उठता है। पर्यटक पहाड़ों पर चढ़ने के साथ-साथ नौका विहार का भी आनंद उठाते हैं। बाहर से आने वाले पर्यटक यहाँ पहुँचकर खण्डोली की तारीफ करते नहीं थकते। लोग यहाँ पूरे परिवार के साथ आकर पिकनिक मनाते हैं और जमकर इन वादियों का आनंद उठाते हैं।
जल प्रपात
जल प्रपात क्षेत्र में घूमते सैलानी
गिरिडीह-धनबाद मुख्य पथ पर जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर अवस्थित जल प्रपात भी पिकनिक स्पॉट के रूप में जाना जाता है। प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर जल प्रपात गिरिडीह के मुख्य पर्यटक स्थलों में से एक है। शहर से दूरी अधिक रहने के कारण अन्य दिनों में यहाँ भीड़ काफी कम रहती है पर पर्व-त्योहारों के समय यहाँ सैलानियों का ताँता लगा रहता है। जंगल के बीच प्राकृतिक झरने से गिरते हुए पानी की कलकल आवाज सहसा पर्यटकों को लुभाती है।
जैनियों का विश्व प्रसिद्ध तीर्थ पारसनाथ
जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर अवस्थित है जैनियों का विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल पारसनाथ। यहाँ सालोंभर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। पारसनाथ को प्रकृति ने इतनी खूबसूरती प्रदान की है कि मानो यहाँ स्वयं भगवान वास करते हैं। झारखण्ड का सबसे उँचा पहाड़ होने के साथ-साथ यहाँ कई मंदिर हैं। पर्यटकों के रूकने का भी यहाँ खास इंतजाम है। यहाँ कई पार्क हैं जहाँ सैलानी अपना समय बिताते हैं।
जैनियों के अलावा अन्य धर्मों के लोग भी पारसनाथ में आकर आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करते हैं।
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